InterviewSolution
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धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर-लहरिया किस तरह चमत्कृत कर देती थीं ? इस माहौल का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए। |
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Answer» बालगोबिन भगत के संगीत में जादु था । इसे आषाढ़ में जब धान की रोपाई होती थी तब उनके संगीत से पूरा माहौल चमत्कृत हो उठता था। आषाढ़ की रिमझिम बारीस में पूरा गाँव खेतों में होता था। आसमान बादलों से घिरा, घूम का कोई नामोनिशान न रहता था। ठंडी हवा चलने लगती थी। उस समय अपने खेतों में धान की रोपाई करते बालगोबिन कीचड़ से सने होते। जब वे गीत गाने लगते तो लगता उनके कंठ से निकला एक स्वर स्वर्ग की ओर जा रहा है और दूसरा पृथ्वी की मिट्टी पर खड़े लोगों के कानों की ओर । बच्चे खेलते हुए झूम उठते । मेड़ पर खड़ी औरतों के ओठ कांप उठते थे, वे भी गुनगुनाने लगती थीं। हलवाहों के पैर संगीत की ताल पर उठने लगते, रोपाई करनेवालों की अंगुलियां एक अजीब क्रम में चलने लगती थौं । चारों तरफ का वातावरण अद्भुत हो जाता था। |
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