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Example of all types of ras

Answer» संयोग श्रृंगारजहां नायक-नायिका के मिलन का वर्णन होता है वहां सहयोग श्रंगार होता है |जैसे बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय | कहां करें, भौंहनी हंसे, दैन कहै, नटि जाय |वियोग श्रृंगार जहां नायक-नायिका की वियोगावस्था (विरह) का वर्णन होता है वहां वियोग श्रृंगार होता है |जैसे निस दिन बरसत नैन हमारे | सदा रहत पावस ऋतु हम पे जबते स्याम सिधारे |
रस के भेदरसों की संख्या 9 मानी जाती हैश्रृंगार रस – इसका स्थाई भाव रति हैनायक नायिका के सौंदर्य तथा प्रेम संबंधी वर्णन को श्रंगार रस कहते हैं श्रंगार के दो भेद होते हैं


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