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Gapiya ave udav ke prsepr vartalap ko spast kigiye

Answer» गोपियां उधव के साथ वार्तालाप करते हुए कहती हैं कि यह दो तुम तो बड़े भाग्यशाली हो तुम प्रीति नदी अर्थात श्री कृष्ण के पास रहते हुए भी उनके प्रेम से प्रभावित नहीं हो हम तो भोले भाले गोपीका ए हैं हम तो उनकी प्रीति नदी में डूबे हुए हैं हमें योग संदेश कड़वी ककड़ी के समान प्रतीत होता है हमने तो श्रीकृष्ण को हार की लकड़ी की तरह जकड़े रखा है हम उन्हें किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ सकती


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