1.

‘गौरा हमसे मानवीय स्नेह के समान ही निकटता चाहती थी।’ इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

Answer»

महादेवी जब गौरा के निकट पहुँचतीं तो वह सहलाने के लिए गर्दन आगे बढ़ा देती, हाथ फेरने पर अपना मुख आश्वस्त भाव से कन्धे पर रखकर आँखें बन्द कर लेती। वह स्नेह की अपेक्षा करती थी। दूर जाने पर घूम-घूमकर देखती।



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