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गौरा को मृत्यु से बचाने के लिए लेखिका ने क्या-क्या प्रयत्न किये? संक्षेप में लिखिए।

Answer»

जब गौरा ने दोना-चारा खाना बन्द कर दिया तो वह दुर्बल और शिथिल होने लगी। महादेवी को इसकी चिन्ता हुई। उन्होंने पशु-चिकित्सकों को बुलाकर दिखाया। डाक्टरों ने निरीक्षण और एक्सरे से रोग का निदान खोजा और इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि गौरा को गुड़ में सुई खिलाई गई है। उसे सेब का रस पिलाया गया, इंजेक्शन लगवाए गये दवा पिलाई। इस प्रकार गौरा को मृत्यु के मुख में से निकालने के बहुत प्रयत्न किये गए। पर वह बच न सकी।



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