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इन पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-पंक बना हरिचन्दनहल का है अभिनन्दन

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कवि कहता है बादल के बरसने से जो कीचड़ बन रहा है, वह भी हरिचंदन के समान है। क्योंकि इसी कीचड़ में किसान फसल बोने की तैयारी कर रहे हैं। हल का अभिनंदन हो रहा है, किसान, उसे काँधे पर लिए खेतों की ओर निकल पड़े हैं।



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