1.

जगदीशबाबू के चेहरे पर पुती एकाकीपन की स्याही कैसे दूर हो गई?

Answer»

जगदीशबाबू कैफे में आने से पहले बहुत एकाकीपन महसूस कर रहे थे। परंतु मदन से बातचीत होने पर उन्हें मालूम हुआ कि वह उनके गांव के पड़ोसी गाँव का लड़का है। इस प्रकार मदन के प्रति अपनेपन का भाव आने पर जगदीशबाबू के चेहरे पर पुती एकाकीपन की स्याही दूर हो गई।



Discussion

No Comment Found