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‘जहाँ भी बची है, वह जीती रहे.’ से क्या तात्पर्य है?

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‘जहाँ भी बची है, वह जीती रहे’ कविता की कड़ी कवयित्री ने अग्नि को लक्ष्य करके कहा है। आग ऊर्जा का प्रतीक है। गरीब, लाचार मजदूर आशावादी होते हैं। उन्हें ‘राई’ में ‘पर्वत’ के दर्शन होते हैं। इसलिए वे बुझती हुई आग के जीवित रहने, बची रहने की कामना करते हैं। मजदूरों का जीवन ही ‘ऊर्जा’ का पर्याय है।



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