1.

Karun ras ka aek oudhaharan

Answer» अपनी तुलसी भाषा में वो सिसक - सिसक कर बोली, अंतर में बुख तृषा की अंतर में होली।
3. करुण रस -- जब भी किसी साहित्यिक काव्य ,गद्य आदि को पढ़ने के बाद मन में करुणा,दया का भाव उत्पन्न हो तो करुण रस होता है।उदाहरण---दुःख ही जीवन की कथा रहीक्या कहूँ आज जो नही कही। Thank you??


Discussion

No Comment Found