InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
किसी कैसेग्रेन दूरबीन में चित्र में दर्शाया अनुसार दो दर्पणों का प्रयोग गया है इस दूरबीन में दोनों दर्पण एक - दूसरे से 20 मिमी हो तथा छोटे दर्पण की वक्रता - त्रिज्या 220 मिमी हो तथा दर्पण की वक्रता - त्रिज्या 140 मिमी हो तो अनंत पर रखे किसी बिम्ब का अंतिम प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा ? |
|
Answer» दिया है : `R_(1)=220` मिमी, `f_(1)=(R_(1))/(2)=110` मिमी =11 सेमी । `R_(2)=140` मिमी, `f_(2)=(R_(2))/(2)=70` मिमी =7.0 सेमी । दोनों दर्पणों के बीच दूरी =20 मिमी =2.0 सेमी । अनंत पर रखी वस्तु से आने वाली समांतर किरणे दर्पण पर गिरने के पश्चात इसके मुख्य फोकस पर केंद्रित होती है अर्थात `v_(1)=-f_(1)=-11` सेमी । परन्तु अवतल दर्पण से परावर्तित किरणों के मार्ग में एक उत्तल दर्पण रखा गया है । अतः अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब उत्तल दर्पण के लिये आभासी वस्तु का कार्य करता है । उत्तल दर्पण के लिये, `f_(2)=-7.0` सेमी, `u_(2)=-(11-2)=-9` सेमी `(1)/(f_(2))=(1)/(v_(2))+(1)/(u_(2))` अथवा `(1)/(v_(2))=(1)/(f_(2))-(1)/(u_(2))=-(1)/(7)-(1)/(-9)` `=-(1)/(7)+(1)/(9)=(-9+7)/(63)` `v_(2)=-(63)/(2)` सेमी =-31.5 सेमी । अतः अंतिम प्रतिबिम्ब छोटे (उत्तल) दर्पण से 31.5 सेमी की दूरी पर बड़े दर्पण के पीछे बनता है । |
|