ममता इस कहानी का प्रधान पात्र तथा नायिका है। इस कहानी का घटनाक्रम उसी के आस-पास घूमता है।
वह मंत्री चूड़ामणि की विधवा युवती पुत्री है। वैधव्य की पीड़ा उसको सता रही है। वह त्यागी और संतोषी है। उसको भावी आवश्यकता के लिए संग्रह करने में विश्वास नहीं है।