1.

‘ममता’ कहानी के अंतिम वाक्य को हटाकर कहानी का अंत अपने अनुसार कीजिए।

Answer»

वहाँ एक अष्टकोण मंदिर बना और उस पर शिलालेख लगाया गया –
“यह वह स्थान है, जहाँ किसी समय ‘ममता’ नामक एक दयालु स्त्री की झोंपड़ी थी। विपत्ति के समय उस महिला ने शहंशाह हुमायूँ को एक रात उस झोंपड़ी में आश्रय दिया था। हुमायूँ के पुत्र अकबर ने अपने पिता को आश्रय देनेवाली दया की उस देवी ममता की स्मृति में यह मंदिर बनवाया।”



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