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ममता की झोपड़ी के स्थान पर बने अष्टकोण मन्दिर पर क्या शिलालेख लगाया? इसमें ममता का नाम क्यों नहीं था?

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ममता की झोपड़ी के स्थान पर अष्टकोण गगनचुम्बी मंदिर बनाया गया। उस पर लगे शिलालेख में लिखा था-शहंशाह हुमायूँ ने एक रात इसी स्थान पर विश्राम किया था। उनके पुत्र सम्राट अकबर ने उनकी स्मृति में इस भव्य गगनचुम्बी मंदिर का निर्माण कराया है। उस लेख में ममता का नाम कहीं नहीं था। मंदिर बनवाने वाले का उद्देश्य अपने पिता के साथ घटी घटना की याद को सुरक्षित रखना था। ममता के लिए उसमें कोई स्थान नहीं हो सकता था।



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