InterviewSolution
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Namak kanoon ki vyakhya kijiye |
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Answer» Bye behen Ok bye bhaiya kl Milte hai Ohh okay ☺ MP Delhi u? Aarushi aap kaha se ho Hmm Okay bye see you tomorrow ? Hmm shi kha?inna bada kon likheg Ha behen . likhega kaun Bhai* Bhi paste kiya hai kya? भारत में नमक पर कर आरंभिक काल से ही लगाया जाता रहा है। परंतु मुगल सम्राटों की अपेक्षा इस्ट इंडिया कंपनी के शासन काल में इसमें अत्यधिक वृद्धि कर दी गई। 1835 में इस पर ब्रटिस नमक व्यापारियों के हितों के लिए कर लगा दिया गया। जिससे भारत में नमक का आयात होने लगा और इस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारियों को बहुत फायदा हुआ। 1858 के सत्ता परिवर्तन के बाद भी कर पलगा रहा। भारतीयों द्वारा इसकी आरंभ से ही निंदा की गई। 1885 के कांग्रेस के पहले सम्मेलन में एस ए स्वामीनाथन अय्यर ने यह मुद्दा उठाया। बाद में गांधीजी ने 1930 में इसे व्यापक मुद्दा बना दिया। दांडी मार्च के बाद गांधी की गिरफ्तारी के पश्चात सरोजनी के नेतृत्व में धरसाना में नमक सत्याग्रह हुआ। राजगोपालाचारी ने मद्रास के वेदमरण्यम में उसी वर्ष नमक कानून तोड़ा। दांडी मार्च को अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियाँ मिली। मगर नमक कानून 1946 तक चलता रहा जबतक कि जवाहरलाल नेहरु अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री बनकर इसे निरस्त नहीं किया।नमक का कराधान- जर्मन विद्वान एम जे स्लेडन ने अपनी पुस्तक साल्ज में लिखा कि नमक कर और तानासाही में सीधा संबंध है। इसका प्रमाण इतिहास देता है कि सर्वाधिक निरंकुश सभ्यताएं वे हैं जिन्होंने कि नमक और उसके व्यापार पर कर लगाया है। नमक कर सबसे पहले चीन में लगाया गया। 300 इ. पु. में लिखी गई पुस्तक ग्वांजी में नमक कर लगाने की अनुशंशा की गई है जो आगे चीन की सरकारी और इसके लिए विभिन्न तरिकों का प्रयोग किया गया। यह प्रसिद्ध है कि ग्वांजी की अनुसंशाएं जल्दी ही चीनी सरकारों की नमक नीति बन गई। एक समय नमक कर चीन की राजस्व का आधा था और उसने चीन की दीवार के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। चंद्रगुप्त में नमक का चौथाइ हिस्सा कर के रूप में लिय To long? |
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