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Nawab sahab ka kaisa bhav parivartan

Answer» लेखक जब सेंकड क्लास के डिब्बे में चढ़े, तो उन्होंने एक बर्थ पर नवाबी अंदाज़ में एक सफेदपोश सज्जन को पालथी मारे बैठे देखा। उनके आगे दो चिकने खीरे रखे हुए थे। लेखक का सहसा डिब्बे में प्रवेश कर जाना नवाब साहब को अच्छा नहीं लगी। उन्होंने लेखक के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई। लेखक ने भी उनका परिचय प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया। क्योंकि उन्हें यह लगा कि नवाब साहब शायद अकेले ही सफर करना चाहते थे और न ही यह चाहते थे कि कोई उन्हें सेंकड क्लास में सफर करते देखे। ऐसी स्थिति में उन्हें खीरा खाने में भी संकोच का अनुभव हो रहा होगा। अचानक नवाब साहब ने लेखक को खीरे का शौक फरमाने को कहा। लेखक को नवाब साहब का यह सहसा भाव परिवर्तन अच्छा नहीं लगा क्योंकि वे शायद अपना नवाबी सभ्य व्यवहार दर्शाना चाहते थे। जबकि वास्तविकता में उनका यह व्यवहार नवाबी संस्कृति का दिखावटीपन ओढ़े हुए था।


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