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| 1. | निम्नलिखित अवतरणों के आधार पर उनके साथ दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए-यंह कोई बात नहीं कि एक ही स्वभाव और रुचि के लोगों में ही मित्रता हो सकती है। समाज में विभिन्नता देखकर लोग एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं। जो गुण हममें नहीं हैं, हम चाहते हैं कि कोई ऐसा मित्र मिले, जिसमें वे गुण हों। चिन्ताशील मनुष्य प्रफुल्लित चित्त का साथ हूँढ़ता है, निर्बल बली को, धीर उत्साही का। उच्च आकांक्षा वाला चन्द्रगुप्त युक्ति और उपाय के लिए चाणक्य का मुँह ताकता था। नीति-विशारद अकबर मन बहलाने के लिए बीरबल की ओर देखता था।(अ) प्रस्तुत अवतरण के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।(स) 1. क्या देखकर व्यक्ति एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं ? सोदाहरण समझाइए।2. समाज में विभिन्नता देखकर लोग एक-दूसरे की ओर क्यों आकर्षित होते हैं ?[ प्रफुल्लित चित्त = प्रसन्नचित्त हृदय। निर्बल = कमजोर। बली = ताकतवर। चन्द्रगुप्त = प्राचीन काल में मगध देश का शासक। चाणक्य = चन्द्रगुप्त का विद्वान मन्त्री तथा अर्थशास्त्र’ नामक पुस्तक का लेखक।] | 
| Answer» (अ) प्रस्तुत गद्यावतरण’ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा लिखित एवं हमारी पाठ्यपुस्तक ‘हिन्दी’ के गद्य-खण्ड में संकलित ‘मित्रता’ नामक निबन्ध से अवतरित है। (ब) रेखांकित अंश की व्याख्या – शुक्ल जी कहते हैं कि दो व्यक्तियों में मित्रता होने के । लिए यह आवश्यक नहीं है कि उनके स्वभाव एक जैसे हों और उनकी रुचियाँ समान हों। वरन् भिन्न स्वभाव के लोगों में भी मित्रता हो सकती है। समाज में व्याप्त विभिन्नता को देखकर निर्धन, धनी की ओर; निर्बल, शक्तिशाली की ओर तथा विनीत, नम्र व गम्भीर व्यक्ति उत्साही व्यक्ति की ओर आकर्षित होते हैं जिससे कि उन्हें विपरीत समय में उचित प्रेरणा मिल सके। इसका मूल कारण यही है कि व्यक्ति चाहता है कि जो गुण उसमें नहीं हैं उसे मित्र रूप में ऐसा व्यक्ति मिलना चाहिए जिसमें वे गुण हों। चिन्ताग्रस्त व्यक्ति प्रफुल्लित चित्त वाले व्यक्ति की तलाश में रहता है, जिससे कि वह भी कुछ समय के लिए तो चिन्तामुक्त हो जाए। (स) 1. विभिन्नता को देखकर व्यक्ति एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं। आशय यह है कि व्यक्ति में जो गुण नहीं होते हैं, उन्हें जब वह दूसरे व्यक्ति में देखता है तो उसकी ओर आकर्षित होता है; जैसे – चन्द्रगुप्त अपने विद्वान मन्त्री चाणक्य की ओर तथा अकबर मनोरंजन के लिए बीरबल की ओर। 2. समाज में विभिन्नता देखकर ही व्यक्ति एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं क्योंकि व्यक्ति में होने वाले कतिपय गुणों का अभाव उसे उस गुण से युक्त व्यक्ति की ओर आकर्षित करता है। | |