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पद परिचय कया होता हैं?

Answer» जब शब्द वाक्य में प्रयोग होता है तो उसे पद कहते हैं। पद का व्याकरण की दृष्टि से परिचय देने को पद परिचय कहते हैं
Kisi bhi pad ka vyakranik prichya pad prichya kehlata h.
वाक्य में प्रयोग हुआ कोई पद व्याकरण की दृष्टि से विकारी है या अविकारी, यदि बिकारी है तो उसका भेद, उपभेद, लिंग, वचन पुरुष, कारक, काल अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध और अविकारी है तो किस तरह का अव्यय है तथा उसका अन्य शब्दों से क या संबंध है आदि बताना व्याकरणिक परिचय कहलाता है।पदों का परिचय देते समय निम्नलिखित बातें बताना आवश्यक होता है –\tसंज्ञा–तीनों भेद, लिंग, वचन, कारक क्रिया के साथ संबंध।\tसर्वनाम-सर्वनाम के भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया से संबंध।\tविशेषण-विशेषण के भेद, लिंग, वचन और उसका विशेष्य।\tक्रिया-क्रिया के भेद, लिंग, वचन, पुरुष, काल, वाच्य,धातु कर्म और कर्ता का उल्लेख।\tक्रियाविशेषण-क्रियाविशेषण का भेद तथा जिसकी विशेषता बताई जा रही है, का उल्लेख।\tसमुच्चयबोधक-भेद, जिन शब्दों या पदों को मिला रहा है, का उल्लेख।\tसंबंधबोधक-भेद, जिसके साथ संबंध बताया जा रहा है, का उल्लेख।\tविस्मयादिबोधक-हर्ष, भाव, शोक, घृणा, विस्मय आदि किसी एक भाव का निर्देश।


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