1.

राजनीतिक दलों को ‘लोकतन्त्र का प्राण’ तथा ‘शासन का चतुर्थ अंग’ क्यों कहा गया है?

Answer»

लोकतन्त्र, चाहे उसका स्वरूप कोई भी क्यों न हो, राजनीतिक दलों की अनुपस्थिति में अकल्पनीय है। इसलिए उसे लोकतन्त्र का प्राण तथा शासन का चतुर्थ अंग कहा गया है।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions