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राज्य सरकार के अंदाजपत्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।

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केन्द्र सरकार के खर्च का वर्गीकरण आयोजित और बिनआयोजित खर्च के रूप में होता है । जबकि राज्य सरकार के खर्च का वर्गीकरण विकासलक्षी और बिनविकासलक्षी खर्च के रूप में होता है ।

विकासलक्षी खर्च अर्थात् ऐसा खर्च जिसके द्वारा आर्थिक विकास को प्रत्यक्ष और सीधा वेग मिलता है । जैसे सिंचाई की सुविधाएँ बिनविकासलक्षी खर्च का सीधे विकासलक्षी खर्च के पीछे नहीं होता । परंतु परोक्ष रूप से दीर्घकालीन विकास को प्रभावित करता है । जैसे : कर्मचारी वेतन का खर्च ।

भारत में राज्य सरकार के पास केन्द्र सरकार की अपेक्षा उत्पादक कर कम होते हैं और जवाबदारी अधिक होती है ।

उस संदर्भ में राज्य सरकार का बजट निम्नानुसार है :

राज्य सरकार का महसूली विभाग

आय (जमा)खर्च (उधार)
केन्द्रीय करों में से प्राप्त हिस्सा (मुद्रा आयोग की सिफारिश के अनुसार)सामाजिक सेवाएँ जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, माहिती-प्रसारण, पिछड़े वर्गों का कल्याण आदि के पीछे होनेवाला खर्च ।
राज्य सरकार की कर द्वारा आय
1. खर्च कर
2. जमीन महसूल
3. स्टेम्प ड्युटी
4. राज्य की आयकर जकात (चुंगी)
5. विक्रय कर / मूल्यवर्धित कर
6. वाहन कर
7. बिजली कर
8. मनोरंजन कर
9. अन्य कर अन्य
आर्थिक सेवाएँ जैसे कि कृषि, ग्राम विकास, सिंचाई. उद्योग, परिवहन, संचार, विज्ञान, टेक्नोलॉजी आदि के पीछे किया गया खर्च ।
अन्य आय : अनुदान, दान, भेट-सौगातसामान्य सेवाएँ जैसे कि प्रशासनिक सेवा, पेन्शन और निवृत्ति का लाभ, मुद्राकीय सेवाएँ आदि के पीछे होनेवाला खर्च
अन्य खर्च : स्थानिक स्वराज्य की संस्थाओं को दिया जानेवाला अनुदान

राज्य सरकार का पूँजी विभाग

आय (जमा)खर्च (उधार)
सार्वजनिक ऋण (कर्ज)

(1) राज्य सरकार का आंतरिक खर्च

(2) केन्द्र की ओर से मिलनेवाली लोन और पेशगी (भुगतान)
(3) साधनों की अग्रम भुगतान

सामाजिक सेवाओं के पीछे होनेवाला खर्च
अन्य सरकारों ने दी गई लोन और अग्रम भुगतान की वसूलीआर्थिक सेवाओं के पीछे होनेवाला पूँजी खर्च
अन्य पूँजी आय
जैसे : पूँजी विनिवेश में से प्राप्त होनेवाली आय
सामान्य सेवाओं के पीछे होनेवाला पूँजी खर्च
सार्वजनिक कर्ज का भुगतान
अन्य खर्च :
राज्य द्वारा स्थानीय स्वराज्य की संस्थाओं को सरकार द्वारा दी जानेवाली लोन एवं अग्रम भुगतान ।



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