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| 1. | रैदास व मीरा की भक्ति भावना में क्या अंतर है? स्पष्ट कीजिए। | 
| Answer» रैदास मीराबाई का गुरु हैं। दोनों भक्ति काल के कवि और कवइत्री हैं। रैदास की भक्ति भावना सख्य तथा दास्य भक्ति का सम्मिलित रूप है। रैदास के अंग – अंग में भक्ति भावना ओत प्रोत है। रैदास भगवान को चंदन, घन – बन, मोती और स्वामी के रूप में मानते हैं। __उसी प्रकार कवइत्री मीरा की भक्ति में माधुर्य भाव अधिक है। श्रीकृष्ण के प्रति मीरा की भक्ति माधुर्य की है। वह माधुर्य भाव से अपने प्रभु गिरिधर नागर श्रीकृष्ण का यश गान आनंद के साथ गाती है। कवइत्री मीराबाई भगवान के नाम रूपी नाव से ही संसार रूपी सागर से तर सकने का मार्ग सोचती है। सही मार्ग दर्शन करने वाला गुरु ही समझती है। दोनों के भक्ति पद रागात्मक शैली में गाये जाते हैं। मीराबाई की भक्ति भावना में माधुर्य है। | |