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Sanyog shringar ras ka udharan kya h???

Answer» बसो मेरे नैनन में नंदलाल, मोर मुकुट मकराकृत कुंडल, अरुण तिलक दिए भाल।
राम को रूप निहारती जानकी, कंगन के नग की परछाईं।
•थके नयन रघुपति छवि दे\u200cखे। पलकन्हि हू परिहरि निमेखे।।अधिक स्नेह देह मइ मोरी। सरद ससिहि जनु चितव चकोरी।।


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