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Short note on Tripushkar vadya

Answer» त्रिपुष्कर वाद्ययंत्र, जिसे पंडित शारंग देव ने अव्यवहारिक बताते हुए अपने शास्त्र संगीत रत्नाकर में उसका वर्णन करने से मना कर दिया था, तबला कलाकार व भातखंडे के शिक्षक सारंग पांडेय ने न सिर्फ उसका पुनर्निर्माण किया, बल्कि केंद्र सरकार से मान्यता भी दिला दी। भरत मुनि के नाट्य शास्त्र में वर्णित अनवद्ध वाद्य ‘त्रिपुष्कर’ को भारत सरकार ने सबसे पुराने वाद्य यंत्र के रूप में दर्ज किया है। श्री पांडेय ने बताया कि 28 मार्च को आवेदन किया था। शोध कराने के बाद केंद्र सरकार ने उसे सबसे प्राचीन वाद्ययंत्र की मान्यता दी।
ठठठ


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