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| 1. | ‘सूत-पुत्र के आधार पर श्रीकृष्ण के चरित्र पर प्रकाश डालिए। या‘सूत-पुत्र’ नाटक के आधार पर श्रीकृष्ण की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।या‘सूत-पुत्र’ नाटक के किसी एक पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए। | 
| Answer» श्रीकृष्ण का चरित्र-चित्रण डॉ० गंगासहाय प्रेमी कृत सूत-पुत्र’ नाटक का कथानक संस्कृत के महाकाव्य ‘महाभारत’ पर आधारित है। यद्यपि इस नाटक का कथानके पूर्ण रूप से कर्ण को केन्द्रबिन्दु मानकर ही अग्रसर होता है, परन्तु श्रीकृष्ण भी एक प्रभावशाली पात्र के रूप में उपस्थित हुए हैं। प्रस्तुत नाटक में श्रीकृष्ण की चारित्रिक विशेषताओं को निम्नवत् प्रस्तुत किया गया है- (1) वीरता के प्रशंसक-यद्यपि श्रीकृष्ण अर्जुन के मित्र हैं और उसके सारथी भी, परन्तु वे कर्ण की वीरता एवं शक्ति के प्रशंसक हैं। उन्हें इस बात पर प्रसन्नता होती है कि कर्ण सभी प्रकार से सुरक्षित अर्जुन के रथ को पीछे हटा देता है। वे कहते हैं—“धन्य हो कर्ण ! तुम्हारे समान धनुर्धर सम्भवतः पृथ्वी पर दूसरा नहीं है।” अस्तु; श्रीकृष्ण रंगमंच पर यद्यपि कुछ देर के लिए नाटक के अन्त में ही आते हैं, तथापि इतने से ही उनके व्यक्तित्व की झलक स्पष्ट रूप से मिल जाती है। | |