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उन्नीसवीं सदी के दौरान भारत से गए अनुबंधित प्रवासी श्रमिकों की स्थिति का वर्णन कीजिए

Answer» उन्नीसवीं सदी की इस अनुबंध व्यवस्था को बहुत सारे लोगों ने \'नयी दास प्रथा\' का भी नाम दिया है। बागानों में या कार्यस्थल पर पहुँचने के बाद मजदूरों को पता चलता था कि वे जैसी उम्मीद कर रहे थे यहाँ वैसे हालात नहीं है। नयी जगह की जीवन एवं कार्य स्थितियाँ कठोर थीं और मजदूरों के पास कानूनी अधिकार कहने भर को भी नहीं थे।


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