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“ऊपर की तस्वीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।” क्या साधु की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन आधारों पर यह सुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ति साधु’ है?

Answer»

नहीं, साधु की पहचान पहनावे के आधार पर कदाप नहीं होनी चाहिए। व्यक्ति अपने कर्म व स्वभाव के आधार पर जाना जाता है। पहनावे से साधु हो और मन में छल-कपट और हीन कृत्य करें तो उसे साधु नहीं कहा जा सकता। हमारे अनुसार व्यक्ति बिना साधु की वेशभूषा धारण किए केवल अपने आचरण में शुद्धता लाए, नि:स्वार्थ भावना से समाज सेवा करे, किसी को अपनी वाणी द्वारा आहत न करे व अपने कर्म करके जीवन-यापन करे वही व्यक्ति साधु कहलाएगा। अतः सांसारिक जीवन जीते हुए व्यक्ति अपने आचरण व कर्म से साधु हो सकता है। साधु होने के लिए किसी निश्चित वेशभूषा की जरूरत नहीं।



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