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1.

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए −पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी

Answer»

इन पंक्तियों में व्यक्ति-व्यक्ति की रूचि और कार्यों में अंतर पर व्यंग्य किया गया है। कोई व्यक्ति मस्जिद में जाकर नमाज अदा करता है तो कोई वहीं पर जूतियाँ चुराता है। कुछ लोग बुराई पर नज़र रखने वाले भी होते हैं। इन सभी कामों को करने वाले आदमी ही करते हैं। मनुष्य के स्वभाव में अच्छाई बुराई दोनों होते हैं परन्तु वह किधर चले यह उस पर ही निर्भर करता है।

2.

इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

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कविता का यह भाग बहुत अच्छा है − 

दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी  

और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी 

ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी  

निअमत जो खा रहा है वो भी आदमी 

टुकड़े चबा रहा है सो है वो भी आदमी

इस भाग में कवि ने मनुष्य के विभिन्न रूपों की व्याख्या की है। उन्होंने यह बतलाया है की धनवान और निर्धन दोनों आदमी ही हैं फिर भी उन दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। इसी प्रकार पहलवान और कमजोर व्यक्ति भी आदमी ही हैं। सब आदमी होने के वाबजूद कोई रोज़ खाता है तो किसी को भूखा रहना पड़ता है।

3.

पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बख़ान करती है? क्रम से लिखिए।

Answer»

पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी में निम्नलिखित रूपों का बखान करती है− 

1. आदमी का बादशाही रूप 

2. आदमी का मालदारी रूप 

3. आदमी का कमजोरी वाला रूप 

4. आदमी का स्वादिष्ट भोजन करने वाला रूप 

5. आदमी का सूखी रोटियाँ चबाने वाला रूप

4.

निम्नलिखित अंशों को व्याख्या कीजिए −  दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी

Answer»

यही दुनिया कई तरह के लोगों से भड़ी पड़ी है। यहाँ कोई ठाठ -बाट से जी रहा है तो किसी के पास कुछ भी नही है। दोनों की स्थितियों में बहुत बड़ा अंतर है।

5.

'आदमी नामा' शीर्षक कविता के इन अंशो को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?

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'आदमी नामा' शीर्षक कविता के अंशों को पढ़कर हमारे मन में यह धारणा बनती है कि मुनष्य की अनेक प्रवृतियां है। कोई व्यक्ति धनवान है तो किसी के पास खाने को कुछ नहीं है। कुछ लोग  दूसरों की मदद करके खुश होते हैं तो कुछ दूसरों को अपमानित करके। कोई व्यक्ति शरीफ है तो कोई दुष्ट। अतः मनुष्य भाग्य और परिस्थतियों का दास होता है।

6.

निम्नलिखित अंशों को व्याख्या कीजिए −अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीरये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

Answer»

इस दुनिया में कुछ लोग बहुत ही शरीफ़ होते हैं तो कुछ लोग दुष्ट स्वभाव के। कुछ वजीर, कुछ बादशाह होते हैं। कुछ स्वामी तो कुछ सेवक होते हैं, कुछ लोगों के दिल के बहुत छोटे होते हैं।

7.

नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है। राज़ (रहस्य)          फ़न (कौशल) राज (शासन)           फन (साँप का मुहँ) ज़रा (थोड़ा)               फ़लक (आकाश) जरा (बुढ़ापा)            फलक (लकड़ी का तख्ता)  ज़ फ़ से युक्त दो-दो शब्दों को और लिखिए।

Answer»

बाज़   बाज 

नाज़   नाज 

कफ़   कफ 

फ़क्र   फक्र

8.

आदमी नामा कविता कि व्याख्या करे |

Answer»

आदमी नामा' कविता में मानव के विविध रूपों पर प्रकाश डाला गया है। कवि के अनुसार मानव में अनेक संभावनाएँ छिपी हुई हैं। उसकी परिस्थियाँ और भाग्य भी भिन्न हैं जिसके कारण उसे भिन्न-भिन्न रूपों में जीवन जीना पड़ता है। 

(1)

इन पंक्तियों में में नजीर ने कहा है कि इस दुनिया में सभी आदमी हैं। बादशाह भी आदमी है तथा गरीब भी आदमी ही है। मालदार भी आदमी ही है और कमजोर भी आदमी है। जिसे खाने की कमी नही है वो भी आदमी है और जिसे मुश्किल से रोटी मिलती है वो भी आदमी ही है। 

(2)

इस भाग में नजीर ने आदमी के विभिन्न कामों के बारे में बतलाया है। मस्जिद का भी निर्माण आदमी ने किया है और उसके अंदर उपदेश देने का काम भी आदमी ही करते हैं साथ ही वहां जाकर कुरान-नमाज़ भी आदमी ही अदा करते हैं। मस्जिद के बाहर जूतियाँ चुराने का काम आदमी ही करता है तथा उनको भगाने के लिए भी आदमी ही रहता है।

(3)

इस भाग में नजीर ने बताया है की एक आदमी दूसरे की जान लेने में लगा रहता है तो दूसरा आदमी किसी की जान बचाने में लगा रहता है। कोई आदमी किसी की इज्जत उतारता है तो मदद की पुकार सुनकर भी उसे बचाने कोई आदमी ही आता है।

(4)

इन पंक्तियों द्वारा  स्पष्ट किया है की इस दुनिया सब कुछ आदमी ही करते हैं। आदमी ही आदमी का मुरीद है तथा आदमी ही आदमी का दुश्मन। बुरे और अच्छे दोनों आदमी ही कहलाते हैं।

9.

चारों छंदों में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

Answer»

चारों छंदो में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों का तुलनात्मक रूप प्रस्तुत किया है −

1. एक आदमी शाही किस्म के ठाट-बाट भोगता है।1. दूसरे आदमी को गरीबी में दिन बिताने पड़ते हैं।
2. एक आदमी मालामाल होता है2. दूसरा आदमी कमज़ोर होता जाता है।
3. एक स्वादिष्ट भोजन खाता है।3. दूसरा सूखी रोटियाँ चबाता है।
4. एक धर्मस्थलों में धार्मिक पुस्तकें पढ़ता है4. दूसरा धर्मस्थलों पर जूतियाँ चुराता है।
5. एक आदमी जानन्योछावर करता है5. दूसरा जान से मार डालता है।
6. एक शरीफ सम्मानित है6. दूसरा दुराचारी दुरव्यवहार करने वाला

10.

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए −पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी  चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी और सुन के दौड़ता है सो है वो भी आदमी

Answer»

इन पंक्तियों में मनुष्यों के भिन्न रूपों पर व्यंग्य किया गया है। कोई आदमी दूसरों का अपमानित कर खुशी महसूस करता है तो मदद को पुकारने वाला भी आदमी ही  होता है। उसकी पुकार को सुनकर मदद करने वाला भी आदमी होता है। यानी परिस्थति बदलने पर आदमी का स्वरुप भी बदल जाता है।

11.

निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए − (क) टुकड़े चबाना (ख) पगड़ी उतारना (ग) मुरीद होना (घ) जान वारना (ङ) तेग मारना

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(क) टुकड़े चबाना − कुछ व्यक्ति मेहनत करके भी सूखे टूकड़े चबाता है। 

(ख) पगड़ी उतारना − मोहन श्याम की भरी सभा में पगड़ी उतारी। 

(ग) मुरीद होना − उसकी बातें सुनकर मैं तो उसका मुरीद बन गया। 

(घ) जान वारना − गणेश अपने भाई पर जान वारता है। 

(ङ) तेग मारना − दुष्ट स्वभाव के लोग ही दूसरों को तेग मारते हैं।

12.

कठिन शब्दों के अर्थ

Answer»

• बादशाह - राजा 

• मुफ़लिस - गरीब 

• गदा - भिखारी 

• जरदार - मालदार 

• बेनवा - कमजोर 

• निअमत - स्वादिष्ट भोजन 

• इममम - नमाज पढ़नेवाले 

• ताड़ता - भांप लेना 

• खुतबाख्वां - कुरान शरीफ का अर्थ बतानेवाला 

• अशराफ़ - शरीफ 

• दिल-पजीर - दिल पसंद