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51.

एक अर्द्धचालक को दाता अशुद्धि से मादित करने पर -A. कोटर-सांद्रता बढ़ जाती हैB. कोटर-सांद्रता घट जाती हैC. इलेक्ट्रॉन -सांद्रता बढ़ जाती हैD. इलेक्ट्रॉन-सांद्रता घट जाती है

Answer» Correct Answer - B::C
52.

300 K ताप पर शुद्ध सिलिकन में इलेक्ट्रॉनों तथा होलों की समान सान्द्रता `1.5xx10^(16) "प्रति मीटर"^(3 )` है। इसे इंडियन से मादित करने पर होल सान्द्रता बढ़कर `4.5xx10^(22) " प्रति मीटर"^(3 )` हो जाती है। मादित सिलिकन में इलेक्ट्रॉनों की नयी सान्द्रता ज्ञात कीजिये।

Answer» `n_(e)n_(h)=n_(i)^(2)`
`5xx10^(9) " प्रति मीटर"^(3)`
53.

500K पर शुद्ध Si में इलेक्ट्रॉन `(n_e)` तथा होल `(n_h)` की समान संख्या की सान्द्रता `1.5 xx 10^16 "मीटर"^(-3)` है। इण्डियम मिश्रित करने से`n_h` में `4.5xx 10.22 "मीटर"^(-3)` तक वृद्धि होती है। इस प्रकार अपमिश्रित अर्द्धचालक का प्रकार तथा सान्द्रता है-A. n-प्रकार, इलेक्ट्रॉन सान्द्रता `n_e = 5 xx 10^22 "मीटर"^(-3)`B. p-प्रकार, इलेक्ट्रॉन सान्द्रता `n_e = 2.5 xx 10^10 "मीटर"^(-3)`C. n-प्रकार, इलेक्ट्रॉन सान्द्रता `n_e = 2.5 xx 10^23 "मीटर"^(-3)`D. p-प्रकार, इलेक्ट्रॉन सान्द्रता `n_e = 5 xx 10^9 "मीटर"^(-3)`

Answer» Correct Answer - D
`n_e.n_h=n_i^2rArr n_e=n_i^2/n_h=((1.5xx10^16)^2)/(4.5xx10^22)`
54.

p - n संधि डायोड क्या होता है ? इसमें अवश्य परत तथा विभव प्राचीर कैसे बनते है ? संधि को अग्र अभिनत करने पर इन पर क्या प्रभाव होता है ?

Answer» संधि को अग्र अभिनत करने पर अवक्षय परत की चौड़ाई घट जाती है, विभव प्राचीर निरस्त हो जाता है।
55.

नीचे दर्शाये गये लॉजिक परिपथ के निवेश तरंग रूप A और B निम्न हैं। सही निर्गम का चयन कीजिए- A. B. C. D.

Answer» Correct Answer - D
`Y=bar(barA+barB)=barbarA.barbarB` (डी - मार्गन प्रमेय )
=AB(AND गेट)
56.

चित्र (a ) में डायोड `D _(1 )` व `D _(2 )` सिलिकन के हैं जिनका विभव प्राचीर 0.7 वोल्ट तथा अग्र प्रतिरोध शून्य है। परिपथ में प्रवाहित धारा का मान ज्ञात कीजिये ।

Answer» चित्र में `D _(1 )` अग्र दिशिक बायस में तथा `D _(2 )` पश्च दिशिक बायस में है। चूँकि डायोड अग्र दिशिक बायस में 0.7 वोल्ट पर चलित होता है अतः डायोड `D _(1 )` को बंद स्विच के श्रेणीक्रम में 0.7 V बैटरी तथा डायोड `D _(2 )` को खुले स्विच से प्रतिस्थापित कर तुल्य परिपथ चित्र (b ) में प्रदर्शित है। इस परिपथ में किरचॉफ के नियम से
`10-0.7-IR-5=0`
`I=(10-5-0.7)/(R)=(4.3)/(1000)`
`=4.3xx10^(-3)A` अथवा 4.3 mA
57.

अर्द्धचालक में वैधुत चालान होता है -A. कोटरों सेB. इलेक्ट्रॉनों सेC. कोटरों तथा इलेक्ट्रॉनों सेD. न कोटरों से न इलेक्ट्रॉनों से

Answer» Correct Answer - C
58.

सिलिकॉन डायोड में `100 ^(@ )C ` ताप पर रोधिका विभव का मान क्या होगा ? `25 ^(@ )` ताप पर इसका मान 0.7 वोल्ट है।

Answer» `1^(@ )C ` ताप बढ़ने पर रोधिका विभव 2mV कम हो जाता है। अतः प्रश्नानुसार रोधिका विभव में कमी
`=(100-25)2=150mV=0.150V`
अतः `100 ^(@ )C ` ताप पर रोधिका विभव `=0.7-0.150=0.55V`
59.

शुद्ध जर्मेनियम में पाँच-संयोजी अपद्रव्य मिलाने पर चालान मुख्यतः होता है -A. इलेक्ट्रॉनों द्वाराB. कोटरों द्वाराC. प्रोटॉनों द्वाराD. पॉजिट्रॉनों द्वारा

Answer» Correct Answer - A
60.

एक अर्द्धचालक में इलेक्ट्रॉन के सांद्रता `6xx10^(18)" प्रति मीटर"^(3)` तथा होल सान्द्रता `9xx10^(19)" प्रति मीटर"^(3)` है। (i ) यह अर्द्धचालक n - प्रकार का है अथवा p - प्रकार का ? (ii ) अर्द्धचालक कि प्रतिरोधकता ज्ञात कीजिये । दिया है -`mu_(e)=2.6 " मीटर"^(2)` / वोल्ट-सेकण्ड तथा `mu_(h)=0.02" मीटर"^(2)` /वोल्ट-सेकेण्ड, `e= 1.6xx10^(-19)` कुलाम ।

Answer» (i) प्रश्नानुसार, `n_(e)=6xx10^(18)" प्रति मीटर"^(3),n_(h)=9xx10^(-19)" प्रति मीटर"^(3)`
`n_(h) gt n_(e)`
अतः यह p -प्रकार का अर्द्धचालक है।
(ii) अर्द्धचालक कि चालकता
`sigma =e[n_(e) mu_(e)+n_(h)mu_(h)]`
`=(1.6xx10^(-19))[(6xx10^(19))xx0.02]`
`=1.6xx10^(-19)xx10^(18) [15.6+1.8]`
`~~ 2.784" ओम"^(-1) "मीटर"^(-1)`
अतः प्रतिरोधकता `e=(1)/(sigma)=(1)/(2.784)~~0.35` ओम-मीटर
61.

300K ताप पर शुद्ध Si में इलेक्ट्रॉन और होल सांद्रता एकसमान `1.5xx10^16 "प्रति मी"^3` है। इंडियम के अपमिश्रण से होल की सान्द्रता बढ़कर `4.5xx10^22` प्रति `मी^3` हो जाती है। अपमिश्रित Si में इलेक्ट्रॉन सान्द्रता की गणना कीजिए।

Answer» दिया है कि- `n_i=1.5xx10^16` प्रति `"मी"^3`
अपमिश्रित Si के लिए , `n_h=4.5xx10^22` प्रति `"मी"^3`
`therefore` सूत्र `n_e n_h=n_i^2` से, `n_e=n_i^2/n_h=((1.5xx10^16)^2)/(4.5xx10^22)`
`n_e=0.5xx10^10 =5.0 xx 10^9` प्रति `"मी"^3`
62.

एक p - n सन्धि डायोड का अग्र अभिनति में प्रतिरोध 20 ओम है। यदि अग्र वोल्टेज में 0.025 वोल्ट का परिवर्तन हो तो डायोड धारा में कितना परिवर्तन होगा ?

Answer» यदि सन्धि पर अग्र अभिनत वोल्टेज में परिवर्तन `Delta V ` तथा डायोड धारा में परिवर्तन `Delta I ` हो तो सन्धि डायोड का अग्र प्रतिरोध
`r=(Delta V)/(Delta I)`
`therefore Delta I = (Delta V)/(r)=(0.025" वोल्ट")/(20" ओम") `
`=1.25 xx10^(-3)A` अथवा 1.25 mA
63.

सिलिकन के शुद्ध क्रिस्टल में `5 xx 10 ^(-28 ) " परमाणु प्रति मीटर"^(3 )` है। इसे त्रिसंयोजी Al से 1 ppm सान्द्रता पर अपमिश्रित किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉन तथा होलों की सांद्रता ज्ञात कीजिये । `n _(i ) = 1.5 xx 10 ^(16 )" मीटर"^(-3 )`।

Answer» 1 ppm सान्द्रता पर Al तथा Si के परमाणुओं का अनुपात `1 : 10 ^(6 )` होगा । अतः क्रिस्टल में Al परमाणुओं की सान्द्रता
`N_(A)=(5xx10^(28))/(10^(6))=5xx10^(22)" प्रति मीटर"^(3)`
`therefore` होलों की सान्द्रता `n_(h)~~N_(A)~~5xx10^(22)" मीटर"^(-3)`
चूँकि `n_(e)n_(h)=n_(i)^(2),` अतः
इलेक्ट्रॉनों की सान्द्रता `n_(e)=(n_(i)^(2))/(n_(h))`
`=((1.5xx10^(16))^(2))/(5xx10^(22))~~4.5xx10^(9)"मीटर"^(-3)`
64.

मान लीजिए किसी शुद्ध Si क्रिस्टल में `5xx10^28` परमाणु `"मीटर"^(-3)` है। इसे पंच-संयोजी As, 1 ppm सान्द्रता पर अपमिश्रित किया जाता है। इलेक्ट्रॉनों तथा होलों की संख्या परिकलित कीजिए। दिया है कि- `n_1=1xx5xx10^16 m^(-3)`

Answer» दिया है कि- `n_1=1xx5xx10^16 m^(-3)`
पंच-संयोजी As परमाणुओं की अपमिश्रण सान्द्रता =1 ppm = 1 (part per million)
`because` As परमाणुओं का घनत्व `N_D=(5xx10^28)/10^6=5xx10^22`
ऊष्मीय उत्तेजना से उत्पन्न इलेक्ट्रॉनों की संख्या `n_1 ~ 10^(16) m^(-3)` का मान अपमिश्रण से उत्पन्न इलेक्ट्रॉन घनत्व की तुलना में नगण्य है।
अतः `n_e approx N_D=5xx10^22 m^(-3)`.
`because n_e n_h=n_i^2`
या `n_h=n_i^2/n_e=((1.5xx10^16)^2)/(5xx10^22)`
=`4.5xx10^9 m^(-3)`
65.

यदि शुद्ध अर्धचालक में त्रिसंयोजी अशुद्धि मिलायी जाये तो किस प्रकार का अर्धचालक बनेगा ?

Answer» Correct Answer - p-प्रकार का
66.

उत्क्रम अभिनति में अवक्षय परत की मोटाई बढ़ती है या घटती है?

Answer» Correct Answer - बढ़ती है
67.

जर्मेनियम क्रिस्टल में संयोजकता बन्ध किस प्रकार का होता है ?

Answer» Correct Answer - सहसंयोजक बंध
68.

प्रवर्धक के रूप में उपयोग के लिए आप n-p-n एवं p-n-p ट्रांजिस्टर में से किसे पसंद करेंगे?

Answer» n-p-n ट्रांजिस्टर को।
69.

p-n डायोड का कार्य करता है?

Answer» जब अग्र अभिनत होता है
70.

ट्रांजिस्टर को प्रवर्धक की भाँति प्रयुक्त करते समय आधार उत्सर्जक सन्धि अग्र अभिनत होता है या उत्क्रम अभिनत और आधार-संग्राहक संधि?

Answer» सन्धि को पार करने वाले अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक वाहनों की संख्या समान है।
71.

चित्र में कौन-सा डायोड अग्र अभिनत है तथा कौन-सा उत्क्रम अभिनत ?

Answer» अग्र अभिनत डायोड में n - सिरे की अपेक्षा p - सिरा उच्च विभव पर तथा उत्क्रम अभिनत डायोड में n - सिरे की अपेक्षा p - सिरा निम्न विभव पर होता है। भूसंपर्कित ( grounded ) बिन्दु का विभव शून्य होता है, अतः (A ) उत्क्रम अभिनत (B ) उत्क्रम अभिनत (C ) अग्र अभिनत (D ) अग्र अभिनत तथा (E ) अग्र अभिनत है।
72.

निम्नलिखित चित्रों में कौन-से डायोड अग्र अभिनत और कौन से डायोड उत्क्रम अभिनत हैं

Answer» (a) उत्क्रम-अभिनत, (b) और (c) अग्र अभिनत
73.

तीन पदार्थों के ऊर्जा बैंड चित्रों में दिए गए हैं, जहाँ V संयोजी बैंड तथा C चालान बैण्ड हैं। ये पदार्थ क्रमशः हैं -A. चालाक, अर्द्धचालक, अचालकB. अर्द्धचालक, अचालक, चालकC. अचालक, चालक, अर्द्धचालकD. अर्द्धचालक, चालक, अचालक

Answer» Correct Answer - D
74.

शुद्ध जर्मेनियम की चालकता बढ़ायी जा सकती है -A. ताप बढ़ाकरB. इसमें पंचसंयोजी अशुद्धि मिलाकरC. इसमें त्रिसंयोजी अशुद्धि मिलाकरD. इस पर पराबैगनी प्रकाश आपतित करके

Answer» Correct Answer - A::B::C::D
75.

शुद्ध जर्मेनियम में तीन-संयोजी अपद्रव्य मिलाने पर चालान मुख्यतः होता है -A. इलेक्ट्रॉनों द्वाराB. कोटरों द्वाराC. प्रोटॉनों द्वाराD. पॉजिट्रॉनों द्वारा

Answer» Correct Answer - B
76.

सिलिकन एक अर्द्धचालक है। इसमें थोड़ा-सा आर्सेनिक मिलाने पर इसकी चालकता -A. बढ़ जाती हैB. घट जाती हैC. उतनी ही रहती हैD. शून्य हो जाती है

Answer» Correct Answer - A
77.

सौर सेल किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ?

Answer» फोटोवोल्टीय प्रभाव पर ।
78.

पूर्ण - तरंग दिष्टकारी में निवेशी सिगनल की आवृत्ति 50 हर्ट्ज है। निर्गत सिगनल की आवृत्ति क्या है ?

Answer» Correct Answer - 100 हर्ट्ज ।
79.

p - प्रकार का अर्द्धचालक होता है -A. धनावेशितB. ऋणावेशितC. उदासीनD. 0 K ताप पर उदासीन तथा उच्च ताप पर आवेशित

Answer» Correct Answer - C
80.

p - n संधि डायोड में विसर्जन धारा, अनुगमन धारा से अधिक होती है यदि संधि डायोड -A. अग्र अभिनत होB. उत्क्रम अभिनत होC. अन-अभिनत ( unbiased ) होD. इनमें से कोई नहीं

Answer» Correct Answer - A
81.

p - n संधि डायोड में उत्क्रम संतृप्ति धारा का कारण है केवल -A. अल्पसंख्यक वाहकB. बहुसंख्यक वाहकC. ग्राही आयनD. दाता आयन

Answer» Correct Answer - A
82.

p - n संधि में अवश्य परत ( Depletion layer ) की चौड़ाई `10 ^(-6 )` m है। इसके आर-पार विभवांतर 0.1 V है। इसमें वैधुत क्षेत्र है -A. `10 ^(7 )V //m `B. `10 ^(-6 )V //m `C. `10 ^(5 )V //m `D. `10 ^(-5 )V //m `

Answer» Correct Answer - C
83.

ट्रांजिस्टर के निर्माण में अर्धचालक का ही उपयोग क्यों किया जाता है ?

Answer» n-प्रकार और p-प्रकार के अर्धचालक को मिलाकर ट्रांजिस्टर बनाया जाता है। n-प्रकार के अर्धचालक में इलेक्ट्रॉन विद्युत वाहक का कार्य करते हैं, जबकि p-प्रकार के अर्द्धचालकों में होल विद्युत् वाहक का कार्य करते हैं । इस प्रकार ट्रांजिस्टर की क्रिया इलेक्ट्रॉनों की गति और होलों की गति को नियन्त्रित करने पर आधारित है। नियन्त्रण की यह क्रिया चालकों और विद्युतरोधी में सम्भव नहीं है। अत: ट्रांजिस्टर के निर्माण में अर्धचालक का उपयोग किया जाता है।
84.

निम्न डायोड में कौन-सा उत्क्रम-अभिनत ( reverse - biased ) है ?A. B. C. D.

Answer» Correct Answer - C
85.

यदि `I _(E ), I _(B )` तथा `I _(C )` ट्रांजिस्टर परिपथ में क्रमशः उत्सर्जक धार, आधार धारा तथा संग्राहक धारा हो, तब -A. `I _(C )` का मान `I _(E )` से कुछ कम होता हैB. `I _(C )` का मान `I _(E )` से कुछ अधिक होता हैC. `I _(B ) ` का मान `I _(E )` से बहुत कम होता हैD. `I _(B )` का मान `I _(E )` से बहुत अधिक होता है

Answer» Correct Answer - A::C
86.

सलंग्न चित्र में कौन-सा डायोड उत्क्रम-अभिनत (reverse biased ) है ?A. B. C. D.

Answer» Correct Answer - C
87.

किसी जंक्शन डायोड के उत्क्रम-अभिनत होने पर -A. विभव प्राचीर ऊँचा हो जाता हैB. वहुसंख्यक वाहक धारा बढ़ जाती हैC. अल्पसंख्यक वाहक धारा बढ़ जाती हैD. विभव प्राचीर कम हो जाता है

Answer» Correct Answer - A
88.

किसी n-प्रकार के सिलिकॉन में निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सत्य है ?A. इलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।B. इलेक्ट्रॉन अल्पसंख्यक वाहक है और पंच संयोजी परमाणु अपमिश्रक है।C. होल (विवर) अल्पसंख्यक वाहक हैं और पंच संयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।D. होल (विवर) बहुसंख्यक वाहक हैं और पंच संयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।

Answer» Correct Answer - c
89.

निम्न परिपथ किस गेट की भाँति कार्य करेगा?

Answer» `Y_1=barA`
तथा `Y_2=barB`
अब `Y=bar(Y_1+Y_2)=bar(Y_1).bar(Y_2)=barbarA. barbarB=A.B`
अत: दिया गया परिपथ AND गेट की तरह कार्य करेगा।
90.

NOT गेट में निर्गत सिग्नल 1 है। निवेशी सिग्नल होगा -A. 1B. 0C. 0 अथवा 1D. अनिश्चित

Answer» Correct Answer - B
91.

AND गेट में उच्च (1 ) निर्गत Y प्राप्त करने के लिये निवेशी A व B होने चाहियें -A. A = 0 B = 0B. A = 0 , B = 1C. A = 1 , B = 0D. A = 1 , B = 1

Answer» Correct Answer - D
92.

किसी p-n संधि डायोड में धारा को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है- `I=I_0[exp((eV)/(k_BT))-1]` जहाँ `I_0` को उत्क्रमित संतृप्त धारा कहते हैं, V डायोड के सिरों पर वोल्टता है तथा यह अग्रदिशिक बायस के लिए धनात्मक तथा पश्चदिशिक बायस के लिए ऋणात्मक है। I डायोड से प्रवाहित धारा `k_B` है बोल्ट्जमैन नियतांक `(8.6xx10^(-5)eV//K)` है तथा T परम ताप है। यदि किसी दिए गए डायोड के लिए `I_0=5xx10^(-12)` A तथा T = 300K है, तब यदि डायोड के सिरों पर वोल्टता को बढ़ाकर 0.7V कर दें तो धारा में कितनी वृद्धि हो जाएगी ?

Answer» V=0.7 V
`therefore "eV"/(k_BT)=(1.6xx10^(-19)xx0.7)/(8.6xx10^(-5)xx1.6xx10^(-19)xx300)`=27.13
समी (1) में मान रखने पर, `I=5xx10^(-12) (e^(27.13)-1)` माना `x=e^27.13 rArr log_ex`=27.13
`rArr 2.3026 log_10 x=27.13`
`therefore log_10=27.13/2.3026 `=11.7823
x=Antilog11.7823=`6057xx10^11`
समी (2) में मान रखने पर,
`I=5xx10^(-12)(6.057xx10^11-1)`
`=5xx10^(-12)xx6.057xx10^11`
`=30.287xx10^(-1)`=3.0287 A
`therefore` धारा में वृध्दि `DeltaI`=3.0287-0.0632=2.965=2.96 A
93.

NOT गेट में कितने विदेशी होते हैं ?

Answer» Correct Answer - 1
94.

p-n संधि डायोड का कार्य करता है?

Answer» जब अग्र अभिनति में होता है।
95.

ट्रांजिस्टर में संग्राहक को किसी विद्युत परिपथ में किस अभिनत में जोड़ते हैं?

Answer» उत्क्रम (पश्च) अभिनति में।
96.

अर्द्धचालक में -A. 0 K ताप पर कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होताB. किसी भी ताप पर कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन इलेक्टोन नहीं होताC. ताप बढ़ने पर मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ती हैD. चालक से कम मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं

Answer» Correct Answer - A::C::D
97.

अर्द्धचालकों की चालकता -A. ताप पर निर्भर नहीं करतीB. ताप बढ़ने से घटती हैC. ताप बढ़ने से बढ़ती हैD. ताप बढ़ने से पहले बढ़ती है फिर घटने लगती है

Answer» Correct Answer - C
98.

बिना बायस p - n सन्धि से, होल p - क्षेत्र की और विसरित होते है, क्योंकि -A. n - क्षेत्र में मुक्त इलेक्ट्रॉन उन्हें आकर्षित करते हैं।B. ये विभान्तर के कारण सन्धि के पार गति करते हैं।C. p - क्षेत्र में होल-सांद्रता, n - क्षेत्र में इनकी सांद्रता से अधिक है।D. उपरोक्त सभी ।

Answer» Correct Answer - C
एक अनबॉयस्ड p - n सन्धि में, आवेश वाहकों का विसर्जन उच्चतम सान्द्रता से निम्नतम सान्द्रता की और होता है। अतः p क्षेत्र में कोटर की सांद्रता n क्षेत्र की अपेक्षा अधिक है।
99.

जब P-N संधि पर अग्र अभिनत बायस अनुप्रयुक्त किया जाता है, तब वह-A. विभव रोधक बढ़ाता है।B. बहुसंख्यक वाहक धारा को शून्य कर देता है।C. विभव रोधक को कम कर देता है।D. उपरोक्त में से कोई नहीं।

Answer» Correct Answer - c
100.

दिए गए कथनों में से कौन-सा p -टाइप के अर्द्धचालकों के लिए सत्य है ?A. इलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रिक हैं ।B. इलेक्ट्रॉन अल्पसंख्यक वाहक है और पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक है।C. विवर (होल) अल्पसंख्यक वाहक है और पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रिक है।D. विवर ( होल ) बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रिक है।

Answer» p - टाइप अर्द्धचालक में Ge या Si में त्रिसंयोजी अशुद्धि से युक्त परमाणु मिलाया जाता है। p - टाइप अर्द्धचालक में इलेक्ट्रॉन अल्पसंख्यक तथा विवर बहुसंख्यक होते हैं।