InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 101. |
AND गेट में एक निवेशी 0 तथा दुसरा 1 है । निर्गत होगा - |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 102. |
दी गई सत्यता-सारणी जिस गेट की है, उसका नाम है - A. NANDB. ANDC. ORD. NOT |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 103. |
उभयनिष्ठ-उत्सर्जक व्यवस्था में क्या होता है ? |
| Answer» दोनों विपरीत कलाओं में होते है। | |
| 104. |
दोलित्र में कौन-सा पुनर्भरण प्रयुक्त होता है ? |
| Answer» Correct Answer - धनात्मक पुनर्भरण । | |
| 105. |
किसी ट्रांजिस्टर का उभयनिष्ठ -आधार विन्यास में धारा-लाभ 0.98 है। उत्सर्जक-धारा में 10 mA का परिवर्तन करने पर संग्राहक-धारा में क्या परिवर्तन होगा ? आधार-धारा में कितना ? |
| Answer» Correct Answer - `9.8 mA, 0.2 mA` | |
| 106. |
ट्रांजिस्टर परिपथ में उत्सर्जक धारा में 1.8 mA परिवर्तन करने पर संग्राहक धारा में 1.6 mA का परिवर्तन हो जाता है। आधार धारा में परिवर्तन कितना होगा ? |
| Answer» `Delta I_(B)=Delta I_(E)-Delta I_(C)=1.8-1.6=0.2mA`. | |
| 107. |
p-प्रकार के अर्धचालक और n-प्रकार के अर्धचालक में विद्युत् वाहक क्या है? |
| Answer» Correct Answer - होल, इलेक्ट्रॉन | |
| 108. |
एक उभयनिष्ठ उत्सर्जक प्रवर्धक में लोड प्रतिरोध `2 k Omega ` तथा धारा लाभ `beta = 100 ` है। निवेश परिपथ का कुल प्रतिरोध `0.50 k Omega ` है। यदि निवेश धारा में `50 mu A ` का परिवर्तन हो तो ज्ञात कीजिए - (i ) निवेश वोल्टता में परिवर्तन (ii ) निर्गत वोल्टता में परिवर्तन (iii ) वोल्टता लाभ (iv ) शक्ति लाभ |
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Answer» प्रश्नानुसार, लोड प्रतिरोध `R_(C)=2k Omega` कुल निवेश प्रतिरोध `R_("in")=0.50k Omega` धारा लाभ `beta =100` निवेश धारा में परिवर्तन `Delta I_(B)=50mu A` (i) निवेश वोल्टता में परिवर्तन `Delta V_("in")=Delta I_(B)R_("in")` `=(50xx10^(-6))xx(0.50xx10^(3))` `=25mV` (ii) निर्गत वोल्टता में परिवर्तन `Delta V_("out")=Delta I_(C)*R_(C)=beta Delta I_(B)R_(C)` `=100xx(50xx10^(-6))xx(2xx10^(3))=10` वोल्ट (iii) वोल्टता लाभ `A_(V)=(Delta V_("out"))/(Delta V_("in"))` `=(10)/(25xx10^(-3))=400` वैकल्पिक -`A_(V)=beta (R_(C))/(R_("in"))=100xx(2k Omega)/(0.50 k Omega)=400` (iv) शक्ति लाभ `A _(P ) = ` धारा लाभ `xx ` वोल्टता लाभ `=100xx400=40000` |
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| 109. |
किसी उभयनिष्ठ उत्सर्जक ट्रांजिस्टर प्रवर्धक में संग्राहक के सिरों के बीच श्रव्य संकेत वोल्टता 3 वोल्ट है। संग्राहक का प्रतिरोध 3 किलो ओम है। यदि धारा लाभ 100 तथा आधार प्रतिरोध 2 किलो ओम हो तो ज्ञात कीजिये - (i ) वोल्टता लाभ तथा शक्ति लाभ (ii ) प्रवर्धक में निवेश वोल्टता ज्ञात कीजिये। |
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Answer» (i) वोल्टता लाभ `A_(V)=beta(R_(C))/(R_("in"))` दिया है : `beta=100, R_(C)=3` किलो ओम `R_(B)=R_("in")=2` किलो ओम ` therefore A_(V)=100xx(3)/(5)=150` शक्ति लाभ `A_(P)=beta^(2)(R_(C))/(R_("in"))=(100)^(2)xx(3)/(2)=15000` (ii) `A_(V)=(V_(0))/(V_("in"))` `therefore V_("in")=(V_(0))/(A_(V))=(3)/(150)=2xx10^(-2)` वोल्ट `=20` मिली वोल्ट |
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| 110. |
दो निवेशी टर्मिनलों वाले OR गेट का निर्गत केवल तब 0 होता है, जब -A. इसके दोनों निवेशी 0 होंB. कोई एक निवेशी 1 होC. दोनों निवेशी 1 होंD. कोई एक निवेशी 0 हो |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 111. |
उभयनिष्ठ आधार परिपथ में धारा प्रवर्धन 0.95 है। यदि उत्सर्जक धारा का मान 0.9 मिली ऐम्पियर (mA) हो, तो आधार धारा का मान ज्ञात कीजिए। |
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Answer» दिया है `I_E`=0.9 मिली ऐम्पियर , `alpha` =0.95 सूत्र धारा प्रवर्धन `alpha=I_C/I_E` उपर्युक्त सूत्र में मान रखने पर , 0.95 =`I_C/0.9` या `I_C`=0.95 x 0.9 =0.855 मिली ऐम्पियर परन्तु `I_E=I_B+I_C` `I_B=I_E-I_C`=0.9-0.855 =0.045 मिली ऐम्पियर |
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| 112. |
एक p-n-p ट्रांजिस्टर उभयनिष्ठ आधार परिपथ के रूप में `V_"CD"` = 2 वोल्ट पर जोड़ा जाता है। उत्सर्जक धारा को 9.1 मिली एम्पियर से 16.7 मिली एम्पियर कर देने पर संग्राहक धारा 9 मिली एम्पियर से 16.5 मिली एम्पियर हो जाती है। `alpha` का मान ज्ञात कीजिए। |
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Answer» दिया है `DeltaI_E`=16.7-9.1=7.6 मिली ऐम्पियर , `DeltaI_C`=16.5-9=7.5 मिली ऐम्पियर सूत्र `alpha =(DeltaI_C)/(DeltaI_E)` उपर्युक्त सूत्र में मान रखने पर , `alpha =7.5/76=0.987` |
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| 113. |
सोलर सेल के लिए Si तथा GaAs को मुख्यतः प्रयुक्त करने का क्या कारण है? |
| Answer» सोलर स्पेक्ट्रम (वर्णक्रम) को निम्न चित्र में प्रदर्शित किया गया है। इसका मान 1.5eV पर अधिकतम है। h`upsilon` gt `E_g` अर्थात् वह अर्धचालक पदार्थ जिसका ऊर्जा अंतराल 1.5eV या उससे कम है तो उसकी अच्छी सौर रूपांतरण दक्षता होगी। Si का ऊर्जा अंतर `E_g` = 1.1eV तथा GaAs के लिए `E_g` ~ 1.53eV होता है। चूँकि GaAs का अवशोषण गुणांक अधिक है अत: उच्च ऊर्जा अंतर होकर भी ये Si से ज्यादा अच्छा है। यदि हम Cds या CdSe (`E_g` ~ 2.4) जैसे पदार्थों को चुने तो प्रकाश रूपांतरण के लिए हम सौर ऊर्जा के केवल उच्च ऊर्जा पदों का ही उपयोग करते हैं। जिससे ऊर्जा का एक सार्थक भाग अनुपयोगी रह जायेगा। अब PbS (`E_g` ~ 0.4) की उपयोगिता पर विचार करते हैं। यह h`upsilon` gt `E_g` के प्रतिबंध को संतुष्ट करता है। लेकिन n, gtgt n इसके कारण सौर विकिरण का अधिकांश भाग इससे बने सौर सेल की ऊपरी पर्त पर ही अवशोषित हो जायेगा और बाहरी क्षेत्र में या उसके पास नहीं पहुँच पायेगा। संधि क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉन होल के प्रभावी पृथक्कन के लिए प्रकाश जनन केवल संधि क्षेत्र में ही होना चाहिए। | |
| 114. |
किसी ट्रांजिस्टर के नियतांक `alpha ` व `beta ` के लिए -A. `alpha beta = 1 `B. `beta gt 1 , alpha lt 1 `C. `alpha = beta `D. `beta lt 1 , alpha gt 1 ` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 115. |
एक ट्रांजिस्टर की उत्सर्जक-धारा में `4.00` mA की वृद्धि करने पर, संग्राहक-धारा में `3.84` mA की वृद्धि हो जाती है। ट्रांजिस्टर के नियतांक `alpha ` व `beta ` ज्ञात कीजिये। |
| Answer» Correct Answer - `0.96, 24` | |
| 116. |
चाँदी, गन्धक, सिलिकन तथा जर्मेनियम में कौन-सा / कौन-से अर्द्धचालक है ? |
| Answer» सिलिकन व जर्मेनियम । | |
| 117. |
एक के पश्चात् एक श्रेणीक्रम सोपानित (Cascaded) में दो प्रवर्धक संयोजित किए गए हैं। प्रथम प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि 10 और द्वितीय की वोल्टता लब्धि 20 है। यदि निवेश संकेत 0.01 वोल्ट है तो निर्गत प्रत्यावर्ती संकेत का परिकलन कीजिए। |
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Answer» दिया है - `A_(v_1)=10 , A_(v_2)=20, V_i=0.01` कुल वोल्टता लब्धि `A_v`=10 x 20 = 200 वोल्टता लब्धि `A_v=V_0/V_i` `V_0=A_v xx V_i = 200 xx 0.01` =2V |
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| 118. |
एक उभयनिष्ठ-उत्सर्जक विन्यास में 5 किलो ओम लोड प्रतिरोध के सिरों के बीच विभव-पतन 5 वोल्ट है। यदि ट्रांजिस्टर का धारा-लाभ `alpha = 0.98 ` हो, तो आधार-धारा का मान ज्ञात कीजिये। |
| Answer» 20.4 माइक्रोएम्पियर `(mu A)` | |
| 119. |
सिलिकन में वर्जित बैण्ड की ऊर्जा कितनी होती है ? जर्मेनियम में कितनी होती है ? |
| Answer» सिलिकन में 1.1 eV तथा जर्मेनियम में 0.7 eV होती है । | |
| 120. |
CE ट्रांजिस्टर प्रवर्धक हेतु 2k`Omega` के संग्राहक प्रतिरोध के सिरों पर ध्वनि वोल्टता 2V है। मान लीजिए कि ट्रांजिस्टर का धारा प्रवर्धन गुणांक 100 है। यदि आधार प्रतिरोध 1k`Omega` है त निवेश संकेत (Signal) वोल्टता और आधार धारा परिकलित कीजिए। |
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Answer» दिया है - संग्राहक प्रतिरोध `(R_"out")=2kOmega=2000Omega` धारा प्रवर्धन गुणांक `(beta)`=100 निर्गत वोल्टता `(V_"out")`=2V आधार प्रतिरोध `(R_"in")=1kOmega=1000 Omega` `therefore` वोल्टता लाभ `(A_v)=V_"out"/V_"in"=beta R_"out"/R_"in"` `therefore ` निवेशी सिंगल वोल्टेज `(V_"in")=V_"out"/(beta(R_"out"//R"in"))` `=2/(100(2000//1000))`=0.01 V आधार धारा `(I_B)=V_"in"/R_"in"` `=0.01/1000` `=10xx10^(-6)A =10mu` |
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| 121. |
दिया गया लॉजिक गेट निरूपित करता है - A. AND गेटB. OR गेटC. NOT गेटD. NAND गेट |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 122. |
C, Si तथा Ge की एक समान संरचना है। लेकिन C एक कुचालक है तथा S एवं Ge आंतर अर्धचालक हैं, क्यों? |
| Answer» C, Si तथा Ge के चार बद्ध इलेक्ट्रॉन क्रमश: इनकी दूसरी, तीसरी एवं चौथी कक्षा में होते हैं। अत: इनकी बाह्य कक्षा से इलेक्ट्रॉन निकालने के लिए अर्थात् इनकी आयनीकरण ऊर्जा सबसे कम Ge की तथा Si की ओर सबसे अधिक C की होगी। अत: विद्युत चालन के लिए Si तथा Ge से मुक्त इलेक्ट्रॉन C की अपेक्षा अधिक आसानी से प्राप्त हो जाते हैं। | |
| 123. |
दी गई सत्यता-सारणी जिस गेट की है उसका नाम है - A. ORB. ANDC. NOTD. NOR |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 124. |
दी गई सत्यता-सरणी जिस गेट की है, उसका नाम है - A. ORB. ANDC. NOTD. NOR |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 125. |
NAND गेट की सत्यता-सारणी है -A. B. C. D. |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 126. |
ट्रान्सफॉर्मर तथा प्रवर्धक में क्या अन्तर है ? |
| Answer» ट्रान्सफॉर्मर प्रत्यावर्ती वोल्टेज को परिवर्तित कर देता है, किन्तु शक्ति में कोई परिवर्तन नहीं करता। प्रवर्धक प्रत्यावर्ती वोल्टेज की शक्ति को बढ़ा देता है। | |
| 127. |
एक उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक का धारा-लाभ 50 है। यदि आधार-धारा `250 mu A ` हो तो उत्सर्जक-धारा का मान ज्ञात कीजिये। अब इसे उभयनिष्ठ-आधार प्रवर्धक के रूप में प्रयुक्त करने पर उत्सर्जक-धारा में 3 mA परिवर्तन करने पर संग्राहक-धारा में कितना परिवर्तन होगा ? |
| Answer» Correct Answer - `12.5 mA, 2.94 mA` | |
| 128. |
संलग्न सत्यता सारणी एक 2 - निवेशी लॉजिक गेट के निर्गत को दिखाती है। प्रयुक्त लॉजिक गेट को पहचानिये तथा इसका लॉजिक प्रतीक बनाइये। |
| Answer» Correct Answer - AND गेट | |
| 129. |
ऐसे दो पदार्थों के नाम बताइये जिनकी प्रतिरोधकता ताप बढ़ने पर घटती है। |
| Answer» Correct Answer - सिलिकन, जर्मेनियम | |
| 130. |
एक के पश्चात एक श्रेणीक्रम में दो प्रवर्धक संयोजित किये गए है। प्रथम प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि 10 तथा द्वितीय की वोल्टता लब्धि 20 है। यदि निवेश वोल्टता `0.01` वोल्ट हो तो निर्गत वोल्टता ज्ञात कीजिये। |
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Answer» 2 वोल्ट `V_(o)= AV_(i)=A_(1)A_(2)V_(i)` |
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| 131. |
अर्द्धचालक क्या होता है ? अर्द्धचालक के दो उदाहरण दीजिये। |
| Answer» उदाहरण - सिलिकन, जर्मेनियम | |
| 132. |
एक उभयनिष्ठ आधार प्रवर्धक में निर्गत परिपथ का लोड प्रतिरोध `600 k Omega ` तथा निवेशी परिपथ का प्रतिरोध `150 k Omega ` है। यदि धारा प्रवर्धन `0.90` हो, तो वोल्टता प्रवर्धन की गणना कीजिये। |
| Answer» Correct Answer - 3.6 | |
| 133. |
(i ) उभयनिष्ठ आधार (ii ) उभयनिष्ठ उत्सर्जक प्रवर्धकों के धारा लाभों के लिये व्यंजक लिखिये। |
| Answer» `(i) alpha=(Delta I_(C))/(Delta I_(E)) (ii) beta = (Delta I_(C))/(Delta I_(B))`. | |
| 134. |
ट्रांजिस्टर की क्रिया हेतु निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही हैंA. आधार, उत्सर्जक और संग्राहक क्षेत्रों की आमाप और अपमिश्रण सांद्रता समान होनी चाहिए।B. आधार क्षेत्र बहुत बारीक और कम अपमिश्रित होने चाहिए।C. उत्सर्जक संधि अग्रदिशिक बायस है और संग्राहक संधि पश्चदिशिक बायस है।D. उत्सर्जक संधि और संग्राहक संधि दोनों ही अग्रदिशिक बायस है। |
| Answer» Correct Answer - b , c | |
| 135. |
p-n-p ट्रांजिस्टर की अपेक्षा n-p-n ट्रांजिस्टर अधिक श्रेष्ठ होता है, क्यों? |
| Answer» क्योंकि p-n-p ट्रांजिस्टर की अपेक्षा n-p-n ट्रांजिस्टर में इलेक्ट्रॉन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। | |
| 136. |
ट्रांजिस्टर के धारा लाभ क्या अर्थ है ? उभयनिष्ठ-आधार प्रवर्धक के लिये इसका मान लगभग क्या होता है ? |
| Answer» धारा लाभ ` ( alpha )` का मान 1 से तनिक कम होता है । | |
| 137. |
होल पर आवेश तुल्य होता हैA. न्यूट्रॉन केB. प्रोटॉन केC. इलेक्ट्रॉन केD. `alpha`-कण के |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 138. |
जब p-n सन्धि बनायी जाती है, तो सभी इलेक्ट्रॉन N-क्षेत्र से p-क्षेत्र में क्यों नहीं जा पाते? |
| Answer» प्राचीर विभव के कारण। | |
| 139. |
LED का पूरा नाम लिखिये। |
| Answer» Light Emitting Diode | |
| 140. |
चित्र में दर्शाये गये परिपथ में एक 2 वोल्ट की बैटरी टर्मिनल A व B के बीच जोड़ी जा सकती है। मान लीजिये प्रत्येक डायोड आदर्श डायोड है। बैटरी से निर्गत धारा का मान ज्ञात कीजिये यदि बैटरी का धन सिरा (i) A टर्मिनल से (ii) B टर्मिनल से जुड़ा है। |
|
Answer» (i) जब बैटरी का धन सिरा टर्मिनल A से जुड़ेगा तो डायोड `D _(1 )` अग्र दिशिक बायसित तथा `D _(2 )` पश्च दिशिक बायसित होगा । अतः डायोड `D _(1 )` को बंद स्विच तथा `D _(2 )` को खुले स्विच द्वारा प्रतिस्थापित करने पर तुल्य परिपथ चित्र (b ) के भाँति होगा। इस स्थिति में बैटरी से निर्गत धारा `I=(2" वोल्ट")/(10" ओम")=0.2` ऐम्पियर (ii) जब बैटरी का धन सिरा टर्मिनल B से जुड़ेगा तो डायोड `D _(1 )` पश्च दिशिक बायसित तथा `D _(2 )` अग्र दिशिक बायसित होगा । अतः डायोड `D _(1 )` को खुले स्विच तथा `D _(2 )` को बंद स्विच द्वारा प्रतिस्थापित करने पर तुल्य परिपथ चित्र (c ) की भाँति होगा। इस स्थिति में बैटरी से निर्गत धारा `I=(2" वोल्ट")/(20" ओम")=0.1` ऐम्पियर |
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| 141. |
किस प्रकार की अभिनति में अर्धचालक डायोड का प्रतिरोध बहुत अधिक होता है? |
| Answer» Correct Answer - उत्क्रम अभिनति में। | |
| 142. |
निम्न में कौन-सा बूलीयन पद दिये गये परिपथ के लिये सही है - A. A+`barA`=1B. A+1=1C. A+A=AD. A+0=A |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 143. |
p-n संधि डायोड का उपयोग है -A. प्रवर्धक की भाँतिB. दोलित्र की भाँतिC. दिष्टकारी की भाँतिD. माडुलेटर की भांति |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 144. |
p-n संधि डायोड अग्र अभिनत में कही जाती है, जब-A. बैटरी का धन ध्रुव p-अर्द्धचालक से व ऋण ध्रुव n-अर्धचालक से जोड़ा जाता हैB. बैटरी का धन ध्रुव n-अर्द्धचालक से तथा ऋण ध्रुव p-अर्धचालक के जाड़ा जाता हैC. बैटरी का धन ध्रुव चाहे p-अर्धचालक से या चाहे n- अर्धचालक से जोड़ा जाता हैD. आगे की दिशा में एक यांत्रिक बल लगाया जाता है। |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 145. |
जब p - n सन्धि पर अग्रदिशिक बायस अनुप्रयुक्त किया जाता है, तब यह -A. विभव रोधक बढ़ाता है।B. बहुसंख्यक वाहक धारा को शून्य कर देता है।C. विभव रोधक को कम कर देता है।D. उपरोक्त में से कोई नहीं। |
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Answer» Correct Answer - C जब p - n सन्धि में अग्र अभिनत सन्धि राखी जाती है, आरोपित विभवांतर सन्धि में विभव प्राचीर के विपरीत होता है, अतः विभव प्राचीर ( सन्धि में ) क्षीण हो जाता है। |
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| 146. |
ट्रांजिस्टर की क्रिया हेतु निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही है ?A. आधार, उत्सर्जक और संग्राहक क्षेत्रों की आमाप और अपमिश्रण सांद्रता समान होनी चाहिए।B. आधार क्षेत्र बहुत बारीक और कम अपमिश्रित होना चाहिए।C. उत्सर्जक सन्धि अग्र दिशिक बायस है और संग्राहक सन्धि पश्चदिशिक बायस है।D. उत्सर्जक सन्धि और संग्राहक सन्धि दोनों हे अग्र दिशिक बायस हैं। |
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Answer» Correct Answer - B::C ट्राँजिस्टर हेतु `(beta)=(I_(C))/(I_(B))` अथवा `I_(B)=(I_(C))/(beta)` `R_("input")=(V_("input"))/(V_(B))` `R_("input")=(V_("input"))/(I_(B))*beta` अर्थात `R_("input")prop (1)/(I_(C))` अतः `R_("input")` धारा के व्युत्क्रमानुपाती होता है। उच्च संग्राहक धारा हेतु `R _("input ")` अल्प होना चाहिए तथा आधार क्षेत्र बहुत क्षीण होता है। उत्सर्जन सन्धि अग्र दिशिक बायस तथा संग्राहक सन्धि पश्चदिशिक बायस होती है। |
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| 147. |
p-n संधि डायोड का उपयोग होता है-A. प्रवर्धक की भाँतिB. दोलित्र की भांतिC. दिष्टकारी की भाँतिD. मॉडुलेटर की भांति । |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 148. |
संलग्न चित्र में प्रदर्शित परिपथ को पूर्ण-तरंग दिष्टकारी के रूप में प्रयोग करने हेतु (i ) निवेश ( input ) ac को किन दो बिन्दुओं के बीच जोड़ना चाहिये ? (ii ) निर्गत ( output ) dc किन दो बिन्दुओं के बीच उत्पन्न होगा ? |
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Answer» (i ) A व C के बीच, (ii ) B व D के बीच अथवा (i ) B व D के बीच, (ii ) A व C के बीच । |
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| 149. |
p - n सन्धि के अग्र अभिनति तथा पश्च अभिनति के बीच अंतर बताइये। अग्र-धारा तथा पश्च-धारा की उत्पत्ति समझाइये। |
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Answer» अग्र-अभिनति की स्थिति में सन्धि का p - सिरा बैटरी के धन सिरे से तथा n -सिरे बैटरी के ऋण सिरे से जुड़ा होता है। पश्च-अभिनति में इसका उल्टा होता है। अग्र अभिनत सन्धि पर विभव प्राचीर घट जाता है अतः नेट धारा मुख्यतः बहुसंख्यक आवेश वाहकों के विसरण से उत्पन्न होती है। उत्क्रम अभिनत सन्धि पर विभव प्राचीर बढ़ जाता है अतः सन्धि पर धारा अल्पसंख्यक आवेश वाहकों के अपवाह से उत्पन्न होती है। इस धारा का मान अति अल्प होता है। |
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| 150. |
संलग्न चित्र में डायोड व संधारित्र C के साथ 200V वर्ग माध्य मूल्य का ज्यावक्रीय सिग्नल आरोपित किया जाता है। अर्ध दिष्टीकरण के उपरान्त संधारित्र C के सिरों पर विभवान्तर होगा - A. 500 वोल्टB. 200 वोल्टC. 283 वोल्टD. 141 वोल्ट |
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Answer» Correct Answer - C `E_"rms"=200V rArr E_0 = sqrt2 E_"rms"` . `=sqrt2xx200=283` वोल्ट, संधारित्र के सिरों पर पहले अर्द्धचालक में विभवान्तर 283V तथा अगले अर्द्ध चक्र में शून्य होगा। अत: एक पूर्ण चक्र में विभवान्तर `=(0+283)/2`=141.5 वोल्ट। अत: संधारित्र C के सिरों पर विभवांतर =283 वोल्ट। |
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