InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
ठोसों में उपस्थित ऊर्जा बैण्डों के नाम लिखिए। |
| Answer» Correct Answer - चालन बैण्ड, संयोजी बैण्ड । | |
| 2. |
जर्मेनियम किस प्रकार p -प्रकार का अर्द्धचालक बनाया जाता है? |
| Answer» Correct Answer - जर्मेनियम में 3 संयोजकता के परमाणु वाला अपद्रव्य, जैसे बोरॉन, मिश्रित करके। | |
| 3. |
बताइए की किसी p - टाइप जर्मेनियम अर्द्धचालक के लिये तीन संयोजकता वाला अपद्रव्य क्यों मिलाया जाता है। |
| Answer» Correct Answer - जर्मेनियम परमाणु की संयोजकता 4 है। इसमें संयोजकता 3 वाला अपद्रव्य परमाणु मिश्रित होने पर कोटर उत्पन्न हो जाता है। | |
| 4. |
किसी अर्द्धचालक का ताप बढ़ाने से उसकी वैधुत चालकता क्यों बढ़ती है ? |
| Answer» Correct Answer - ताप बढ़ाने पर अर्द्धचालक में कुछ और सह-संयोजक बन्ध टूट जाते हैं जिससे कुछ और संयोजक इलेक्ट्रॉन आवेश ले जाने के लिए मुक्त हो जाते है। | |
| 5. |
दो ऐसे अपद्रव्यों के नाम बताइए जो सिलिकॉन को p -प्रकार का अर्द्धचालक बना देंगे । |
| Answer» Correct Answer - बोरॉन, एलुमीनियम। | |
| 6. |
दाता अपद्रव्यों से क्या तात्पर्य है? किन्ही दो दाता अपद्रव्यों के नाम लिखिए। |
| Answer» Correct Answer - जो अर्द्धचालक को चालाक-इलेक्ट्रॉन प्रदान करें। आर्सेनिक , ऐंटिमनी । | |
| 7. |
n - टाइप सिलिकॉन अर्द्धचालक बनाने के लिये शुद्ध सिलिकॉन में कौन-सा अपद्रव्य मिलाना चाहिए ? इस अपद्रव्य तत्व की संयोजकता क्या होगी ? |
| Answer» Correct Answer - एण्टीमनी अथवा फॉस्फोरस, संयोजकता 5 । | |
| 8. |
शुद्ध सिलिकॉन को n - प्रकार तथा p - प्रकार के अर्द्धचालक बनाने के लिये इसमें कैसे अपद्रव्य मिलाए जाएँगे? |
| Answer» Correct Answer - आर्सेनिक, गैलियम । | |
| 9. |
कोटर ( छिद्र ) अधिसंख्य आवेश वाहक होते है :A. निज अर्द्धचालकों मेंB. n - प्रकार के अर्द्धचालकों मेंC. p - प्रकार के अर्द्धचालकों मेंD. धातुओं में । |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 10. |
शुद्ध जर्मेनियम में तीन-संयोजी अपद्रव्य मिलाने पर चालन होता है :A. इलेक्ट्रॉन द्वाराB. कोटरों द्वाराC. प्रोटॉनों द्वाराD. पॉजिट्रॉनों द्वारा। |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 11. |
परम शून्य ताप पर शुद्ध जर्मेनियम का क्रिस्टल व्यवहार करता है :A. पूर्ण चालक की भाँतिB. पूर्ण अचालक की भाँतिC. अर्द्धचालक की भाँतिD. इनमें किसी भी भाँति नहीं। |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 12. |
p - n सन्धि डायोड में उत्क्रम संतृप्ति धारा का कारण है केवल :A. अल्पसंख्यक वाहकB. बहुसंख्यक वाहकC. ग्राही आयनD. दाता आयन । |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 13. |
p - n संधि डायोड में अवक्षय परत का अर्थ समझाइए ? |
| Answer» Correct Answer - संधि के दोनों ओर के वह परत जो चलनशील आवेश-वाहकों से मुक्त होती है, अवक्षय परत कहलाती है। | |
| 14. |
p - n सन्धि डायोड क्या होता है ? इसमें अवक्षय परत तथा विभव-प्राचीर कैसे बनते हैं? सन्धि को अग्र दिशिक करने पर इन पर क्या प्रभाव होता है? |
| Answer» सन्धि को अग्र दिशिक करने पर अवक्षय परत की चौड़ाई घट जाती है, विभव-प्राचीर निरस्त हो जाता है। | |
| 15. |
n - टाइप के अर्द्धचालक में आवेश-वाहक होते हैं :A. केवल इलेक्ट्रॉनB. इलेक्ट्रॉन तथा कोटरों की समान संख्याC. इलेक्ट्रॉनों की अधिक संख्या तथा कोटरों की कम संख्या।D. कोटरों की अधिक संख्या तथा इलेक्ट्रॉनों की कम संख्या। |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 16. |
अवक्षय परत की चौड़ाई पर क्या प्रभाव पड़ेगा यदि अग्र दिशिक विभव बढ़ा दी जाये ? |
| Answer» Correct Answer - चौड़ाई घट जायेगी । | |
| 17. |
निम्नांकित आरेखों में से किसमें डायोड अग्र दिशिक बायस में है ?A. B. C. D. |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 18. |
n - टाइप के अर्द्धचालक में अल्पसंख्यक आवेश-वाहक होते है :A. इलेक्ट्रॉनB. होलC. इलेक्ट्रॉन तथा होलD. इनमें से कोई नहीं। |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 19. |
एक p - n सन्धि डायोड का अग्र दिशिक में प्रतिरोध 20 ओम है। यदि अग्र वोल्टेज में 0.025 वोल्ट का परिवर्तन करें तो डायोड धारा में कितना परिवर्तन होगा ? |
| Answer» Correct Answer - 1.25 mA. | |
| 20. |
ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक अग्र दिशिक तथा संग्राहक पश्च दिशिक रखा जाता है। क्या इनमें से किसी को परिवर्तित किया जा सकता है ? |
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Answer» नहीं, इन्हें परिवर्तित नहीं किया जा सकता । यदि उत्सर्जक को पश्च दिशिक रखे तो इससे कोई भी आवेश-वाहक आधार तक नहीं पहुंचेगा। इस प्रकार, यदि किसी ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक तथा संग्राहक दोने पश्च दिशिक रखे जाये तो धारा कभी नहीं बहेगी । यदि उत्सर्जक तथा संग्राहक दोनों को अग्र दिशिक कर दें तो उत्सर्जक के आवेश -वाहक उत्सर्जक-आधार परिपथ में प्रवाहित होंगे तथा संग्राहक के आवेश-वाहक संग्राहक-आधार परिपथ में प्रवाहित होंगे। तब ट्रांजिस्टर दो p - n सन्धि - डायोडों के तुल्य होगा जिनमें आधार उभयनिष्ठ होगा। यह ट्रांजिस्टर की भाँति कार्य नहीं करेगा। यदि उत्सर्जक को पश्च दिशिक तथा संग्राहक को उग्र दिशिक रखें तो उत्सर्जक-संग्राहक बन जायेगा तथा संग्राहक-उत्सर्जक बन जायेगा। अब यह पुनः ट्रांजिस्टर की भाँति कार्य करने लगेगा। |
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| 21. |
निम्न में अग्र दिशिक ( forward biased ) डायोड संयोजन हैA. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - C अग्र दिशिक ( forward biased ) के लिए, p - सिरा n - सिरे की तुलना में उच्च विभव पर होगा। |
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| 22. |
दिये गये p - n सन्धि डायोड से प्रवाहित धारा की गणना कीजिए: |
| Answer» Correct Answer - `i=(DeltaV)/(R)=(5-(-1))/(300Omega)=0.02A.` | |
| 23. |
संधि डायोड में विभव -प्राचीर से क्या तात्पर्य है ? |
| Answer» Correct Answer - p - n संधि के दोनों ओर बनी अवक्षय परत के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर को विभव-प्राचीर कहते है। | |
| 24. |
एक अर्द्धचालक डायोड में विभव-प्राचीर विरोध करता है, मात्र :A. n - क्षेत्र में बहुसंख्यक वाहकों काB. p - क्षेत्र में बहुसंख्यक वाहकों काC. दोनों क्षेत्रों में बहुसंख्यक वाहकों काD. दोनों क्षेत्रों में अल्पसंख्यक वाहकों का । |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 25. |
सिलिकॉन में गैलियम मिलाने पर किस प्रकार का अर्द्धचालक बनेगा ? |
| Answer» Correct Answer - p - प्रकार का। | |
| 26. |
p - n - p ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक और संग्राहक दोनों p - प्रकार के होते हुए भी भी वे कैसे समान नहीं हैं ? |
| Answer» Correct Answer - उत्सर्जक अधिक अपमिश्रित तथा संग्राहक अपेक्षाकृत कम अपमिश्रित होता है। | |
| 27. |
सिलिकॉन में वर्जित बैण्ड की ऊर्जा कितनी होती है ? |
| Answer» Correct Answer - अर्द्धचालक में संयोजक बैण्ड व चालक बैण्ड के बीच ऊर्जा-गैप बहुत कम ( इलेक्ट्रॉन -वोल्ट की कोटि का ) होता है। सिलिकॉन तथा जर्मेनियम में ये क्रमशः 1.1eV तथा 0.7eV हैं। | |
| 28. |
किसी p - n सन्धि डायोड में गर्म होने पर ताप में परिवर्तन :A. केवल व्युत्क्रम ( रिवर्स ) प्रतिरोध को प्रभावित करता है।B. p - n सन्धि के समग्र V-I अभिलक्षण को प्रभावित करता है।C. p - n सन्धि के प्रतिरोध को प्रभावित करता है।D. केवल अग्र प्रतिरोध को प्रभावित करता है। |
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Answer» Correct Answer - B गर्म होने पर electron - holes pairs बढ़ते हैं। अतः डायोड का overall प्रतिरोध बदलता है। इस कारण Forward biasing and reverse biasing दोनों बदलते हैं। |
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| 29. |
n - p - n ट्रांजिस्टर में वैधुत चालन की क्रिया को समझाइए। इसमें आधार पतला क्यों होता है ? p - n - p ट्रांजिस्टर की तुलना में यह अधिक उपयोगी क्यों है ? |
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Answer» आधार पतला होने के कोटर-इलेक्ट्रॉन संयोग कम होगा और अधिक-से-अधिक इलेक्ट्रॉन आधार पार करके संग्राहक में पहुँच जाते हैं। अधिक उपयोगी इस कारण है क्योंकि इसमें मुख्य आवेश वाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं जिनकी गतिशीलता कोटरों से अधिक होती है। |
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| 30. |
ताँबा तथा अमादित ( undoped ) सिलिकॉन के प्रतिरोधों की उनके तापमान पर निर्भरता, `300 - 400 ` K तापमान अंतराल में, के लिये सही कथन है :A. ताँबे के लिये रेखीये बढ़ाव तथा सिलिकॉन के लिये चरघातांकी बढ़ावB. ताँबे के लिये रेखीय बढ़ाव तथा सिलिकॉन के लिये चरघातांकी घटावC. ताँबे के लिये रेखीय घटाव तथा सिलिकॉन के लिये रेखीये घटावD. ताँबे के लिये रेखीय बढ़ाव तथा सिलिकॉन के लिये रेखीय बढ़ाव |
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Answer» Correct Answer - B धातुओं के लिए प्रतिरोध ताप में वृद्धि पर बढ़ता है। अमादित Si के लिए, प्रतिरोध ताप में कमी पर घटता है। |
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| 31. |
ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक व संग्राहक की तुलना में आधार को बहुत पतला क्यों बनाया जाता है? |
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Answer» ट्रांजिस्टर में कोटरों तथा इलेक्ट्रॉनों के संयोग को कम करने के लिए आधार को अत्यधिक पतला बनाया जाता है। इस स्थिति में उत्सर्जक से आने वाले अधिकांश कोटर (अथवा इलेक्ट्रॉन ) आधार के आर-पार विसरित होकर संग्राहक पर पहुँच जाते हैं। अतः संग्राहक-धारा उत्सर्जक -धारा के लगभग बराबर होती है, आधार-धारा अपेक्षाकृत बहुत क्षीण होती है। ट्रांजिस्टर द्वारा शक्ति -प्रवर्धन तथा वोल्टा-प्रवर्धन का यही मुख्य कारण है। यदि आधार क्षेत्र को पर्याप्त मोटा बनाया जाता तो उत्सर्जक से आने वाले आवेश-वाहक अधिकतर आधार में ही उदासीन हो जाते तथा संग्राहक-धारा बहुत क्षीण होती तथा ट्रांजिस्टर का कोई उपयोग नहीं हो पाता। |
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| 32. |
पश्चदिशिक बायसित सन्धि डायोड में धारा कम क्यों बहती है ? प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित करने हेतु आवश्यक परिपथ का नामांकित आरेख बनाइए। निर्गत धारा का चित्रांकन भी कीजिए। |
| Answer» अवक्षय क्षेत्र की चौड़ाई बढ़ने के कारण प्रतिरोध बढ़ जाता है जिस कारण धारा कम बहती है। | |
| 33. |
ट्रांजिस्टर की संग्राहक-धारा, आधार-धारा एवं उत्सर्जक-धारा में क्या सम्बन्ध होता है ? |
| Answer» Correct Answer - `i_(E)=i_(B)+i_(C)`. | |
| 34. |
p - n - p तथा n - p - n ट्रांजिस्टरों में कौन-सा अधिक उपयोगी है और क्यों ? |
| Answer» Correct Answer - n - p - n अधिक उपयोगी है क्योंकि n - p - n ट्रांजिस्टर में धारा-वाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं जबकि p - n - p में धारा वाहक कोटर होते है। इलेक्ट्रॉन, कोटर की अपेक्षा अधिक गतिशील होते हैं। | |
| 35. |
निम्न में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?A. अर्द्धचालक का प्रतिरोध तापमान बढ़ाने पर कम हो जाता हैB. वैधुत क्षेत्र में कोटर ( होल ) इलेक्ट्रॉन की गति के विपरीत दिशा में गति करता हैC. धातु का प्रतिरोध तापमान बढ़ाने पर कम हो जाता हैD. n - टाइप के अर्द्धचालक उदासीन होते हैं। |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 36. |
कोटर किसे कहते है ? यह किस प्रकार व्यवहार करता है? |
| Answer» Correct Answer - p - टाइप अर्द्धचालक में अपद्रव्य परमाणु के एक ओर रिक्त स्थान होता है जिसे कोटर कहते है। यह धनावेशित कण के समान व्यवहार करता है। | |
| 37. |
किसी ट्रांजिस्टर का निवेशी प्रतिरोध निम्न तथा निर्गत प्रतिरोध उच्च क्यों होता है, व्याख्या कीजिए। |
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Answer» किसी ट्रांजिस्टर का उत्सर्जक सदैव अग्र दिशिक तथा संग्राहक सदैव पश्च दिशिक रखा जाता है। अतः अल्प उत्सर्जक -वोल्टता से ही पर्याप्त उत्सर्जक-धारा उत्पन्न हो जाती है। इसका अर्थ यह भी है की ट्रांजिस्टर के निवेशी सिरों पर सिग्नल-वोल्टता में अल्प-परिवर्तन उत्सर्जक-धारा में काफी बड़ा परिवर्तन उत्पन्न कर देता है। दूसरे शब्दों में, उत्सर्जक पर लगाये गये सिग्नल-वोल्टता के लिए निवेशी प्रतिरोध का मान बहुत कम होता है। पश्च दिशिक संग्राहक-आधार से विसरित होने वाले सभी आवेश-वाहकों को एकत्रित कर लेता है। अतः संग्राहक-वोल्टता में वृहत परिवर्तन संग्राहक-धारा में केवल अल्प परिवर्तन कर पाता है। अतः ट्रांजिस्टर का निर्गत प्रतिरोध बहुत उच्च होता है। |
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| 38. |
एक अर्द्धचालक डायोड के p - सिरे को भू-सम्पर्कित किया गया है तथा n - सिरे पर -2 वोल्ट का विभव लगाया गया है। डायोड में :A. चालन होगाB. चालन नहीं होगाC. आंशिक चालन होगाD. भंजन हो जायेगा। |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 39. |
जर्मेनियम डायोड का विभव-प्राचीर लगभग है :A. 0.1 वोल्टB. 0.3 वोल्टC. 0.5 वोल्टD. 0.7 वोल्ट। |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 40. |
एक उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक का धारा-लाभ 50 है। यदि आधार-धारा 250 `mu A ` हो, तो उत्सर्जक-धारा का मान ज्ञात कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - 12.75 mA | |
| 41. |
LED का i - V अभिलाक्षणिक वक्र है :A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - D वैधुत धारा के समान मान के लिये उच्च आवृति के लिये उच्च वोल्टेज चाहिए । अतः विकल्प (d ) सही है। |
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| 42. |
चित्र (i ), (ii ), (iii ), (iv ) देखकर निर्धारित करें के ये चित्र क्रमशः किन सेमीकंडक्टर डिवाईस के अभिलाक्षणिक ग्राफ हैं ? A. जेनर डायोड, साधारण डायोड, LDR (लाइट डिपेन्डेन्ट रेजिस्टेन्स), सोलर सेलB. सोलर सेल, LDR (लाइट डिपेन्डेन्ट रेजिस्टेन्स ), जेनर डायोड, साधारण डायोडC. जेनर डायोड, सोलर सेल, साधारण डायोड, LDR ( लाइट डिपेन्डेन्ट रेजिस्टेन्स )D. साधारण डायोड, जेनर डायोड, सोलर सेल, LDR ( लाईट डिपेन्डेन्ट रेजिस्टेन्स )। |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 43. |
एक ट्रांजिस्टर प्रवर्धक के लिए `beta = 30 `, लोड प्रतिरोध `R _(L ) =4 k Omega ` तथा निवेशी प्रतिरोध `R _("in")=400 Omega ` है। इसका वोल्टेज -प्रवर्धन ज्ञात कीजिए। |
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Answer» उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक में, वोल्टेज-प्रवर्धन `A_(v)=beta((R_(L))/(R_("in")))` जहाँ `R _(L ) ` निर्गत ( लोड ) प्रतिरोध है तथा `R _("in") ` निवेशी प्रतिरोध है। दिए गए मान रखने पर `A_(v)=30xx(4000Omega)/(400Omega)=300.` |
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| 44. |
ट्रांजिस्टर-प्रवर्धक के उभयनिष्ठ-उत्सर्जक व्यवस्था में निर्गत व निवेशी वोल्टेज में कला - सम्बन्ध क्या होता है? |
| Answer» Correct Answer - वे विपरीत कलाओं में होते है। | |
| 45. |
किसी दिए गये प्रवर्धक में कोई n - p - n ट्रांजिस्टर उभयनिष्ठ-उत्सर्जक विन्यास में संयोजित है। `800 Omega ` का लोड प्रतिरोध संग्राहक परिपथ में संयोजित है। इसके सिरे पर 0.8 V विभवपात है। यदि धारा प्रवर्धक गुणांक 0.96 है तथा परिपथ का निवेशी प्रतिरोध `192 Omega ` है, तो इस प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि तथा शक्ति लब्धि क्रमशः होंगे :A. `4,3.84`B. `3.69,3.84`C. `4,4`D. `4,3.69.` |
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Answer» Correct Answer - A `R_(L)=800Omega, V_(L)=0.8 V` `therefore i_(C)=(V_(L))/(R_(L))=(0.8)/(800)=10^(-3)A.` धारा प्रवर्धन `= ("निर्गत धारा")/("निवेशी धारा")=(i_(C))/(i_(B))=0.96` `therefore i_(B)=(i_(C))/(0.96)=(10^(-3))/(0.96)` `A_(V)=(V_(L))/(V_("in"))=(V_(L))/(i_(B)R_(i))=(0.8xx0.96)/(10^(-3)xx192)=4.` `A_(P)=(i_(C)""^(2)R_(L))/(i_(B)""^(2)R_(i))=((10^(-3))^(2)xx800xx(0.96)^(2))/((10^(-3))^(2)xx192)=3.84.` |
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| 46. |
एक ट्रांजिस्टर प्रवर्धक के लिये `beta =62 ,` लोड प्रतिरोध `R _(L ) =5000 Omega ` तथा निवेशी प्रतिरोध `R _(i )=500 Omega ` है। इसका वोल्टेज-प्रवर्धन ज्ञात कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - 620 | |
| 47. |
एक ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक प्रवर्धक के लिए शक्ति प्रवर्धन `A _(p )` तथा वोल्टेज प्रवर्धन `A _(V )` हो, तब धारा प्रवर्धन होगा :A. `A_(p)xxA_(v)`B. `A_(p)//A_(V)`C. `A_(V)//A_(p)`D. `sqrt(A_(p)xxA_(V)).` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 48. |
चित्र में प्रदर्शित अमीटर `A _(1 )` तथा `A _(2 ) ` से मापी गई वैधुत धाराएँ क्या हैं, यदि उनके प्रतिरोध नगण्य तथा p - n सन्धि डायोड आदर्श हों ? |
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Answer» p - n सन्धि डायोड पश्च दिशिक हैं, अतः `A _(1 ) ` का पाठ्यांक शून्य होगा। `A_(2)` से मापी गई धारा `i_(2)=("2 वोल्ट")/("5 ओम")=0.4` ऐम्पियर । |
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| 49. |
p - क्रिस्टल तथा n - क्रिस्टल में बहुसंख्यक आवेश-वाहकों के नाम बताइए। |
| Answer» Correct Answer - p - क्रिस्टल में होल ( कोटर ) तथा n - क्रिस्टल में इलेक्ट्रॉन। | |
| 50. |
एक डायोड की धारा-वोल्टता सम्बन्ध `i = (e ^(1000V //T )-1 )` मिलीऐम्पियर से दी जाती है। जहाँ V लगाई गई वोल्टता वोल्ट में है और ताप T डिग्री केल्विन में है। यदि एक विद्यार्थी 300 K पर मिलीऐम्पियर धारा नापते हुये मापन में `pm 0.01 ` वोल्ट की त्रुटि करता है, तब धारा के मान में त्रुटि होगी :A. 0.2 mAB. 0.02 mAC. 0.5 mAD. 0.05 mA. |
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Answer» Correct Answer - A दी गयी धारा-वोल्टता समीकरण `i=e^(1000V//T)-1 ...(i)` प्रश्नानुसार,`e^(1000V//T)=i+1=5+1=6mA " "[because i=5mA]` समीo (i ) को अवकलित करने पर, `di=(e^(1000V//T))xx(1000)/(T)*dV` `=(6mA)xx(1000)/(300)xx(0.01)=0.2mA.` |
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