InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
एक सीढ़ी की लंबाई 10,0 m तथा द्रव्यमान 16.0 kg है। यह एक ऊर्ध्वाधर दीवार के सहारे `37^@` का कोण बनाते हुए रखी हुई है। ऊर्ध्वाधर दीवारघर्षणरहित है, कितु जमीन में घर्षण है। एक 60.0kg भार वाला विद्युतकर्मी सीढ़ी पर निचले सिरे से 8.00 m दूरी पर खड़ा है। जमीन के द्वारा सीढ़ी पर कितना अभिलंब बल तथा कितना घर्षण बल लगाया जा रह्म है? विद्युतकर्मी सुरक्षित रहे इसके लिए जमीन तथा सीढ़ी के बीच घर्षण गुणाक का न्यूनतम मान कितना होना चाहिए |
| Answer» Correct Answer - 745 N, 412 N, 0.553 | |
| 2. |
एक एकसमान मीटर स्केल का द्रव्यमान 200 g है। समान लबाई को ऊर्ध्वाधर डोरियों की सहमयता से इस स्केल को किनारों पर बाँधकर छत से लटकाया गया है। स्केल के बाएँ सिरे से 70 cm दूर एक 20 g की वस्तु स्केल पर रखी हुई है। दोनों डोरियों में तनाव ज्ञात करें |
| Answer» बाये वाली डोरी में 1.06 N और दाये वाली डोरी में 1.14N | |
| 3. |
लम्बाई तथा m द्रव्यमान की एक एकसमान छड़ अपने ऊपरी सिरे O पर हिंज की गई है। यह ऊध्ध्वाधर से `theta` कोण बनाते हुए एकसमान कोणीय वेग `omega` से एक शंकु की तरह घूम रही है। हिंज द्वारा इसपर कोई बल-आघूर्ण नहीं लगाया जा रहा है। (a) छड़ के भार का O बिंदु के प्रति बल-आघूर्ण निकाले। क्या O बिंदु के प्रत छड़ का कोणीय संवेग समय के साथ बदल रहा है? (b) अब उस फ्रेम का विचार करें जिसका :-अकष ऊर्ध्वाधर है, पर xy-अक्ष `omega` वेग से अक्ष के परितः घूम रहे है। इस फ्रेम में छड़ स्थिर है। इस फ्रेम में छड़ पर लिए जानेवाले कुल बाह्य बल का मान बताएँ। (c) इसी फ्रेम से छड़ पर लगनेवाले छद्य बलों क O के प्रति बल-आघूर्ण निकालें। (d) छड़ के कोणीय वेग n तथा ऊरध्वाधर से इसके कोण `theta` के बीच संबंध प्राप्त करें |
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Answer» (a) `(mgLsintheta)/2" "(b) "(momega^2Lsintheta)/2` `(c) (m^2omega^2L^2sinthetacostheta)/3` (d) `omega^2=(3g)/(2Lcostheta)` |
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| 4. |
एक छड़ के एक सिरे से दूसरे सिरे की और जाने पर छड़ का घनत्व कम होता जाता है। यह एक सिरे पर इस प्रकार हिज की गई है कि यह ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः गति कर सकती है। छड़ के मुक्त सिरे पर, छड़ के लंबवत एक क्षैतिज बल लगाया जाता है। वह राशि जो इसपर निर्भर नहीं करती है कि छड़ का कौन-सा सिरा हिज किया गया है, होगीA. कोणीय त्वरणB. एक घूर्णन पूर्ण कर लेने पर छड़ ब कौणीय वेगC. एक घूर्णन पूर्ण कर लेने पर छड़ का कोणीय संवेगD. लगाए गए बल के आघूर्ण का परिमाण में |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 5. |
xy-तल लगते एक बल F का बल-आघूर्ण z-अक्ष के प्रति शून्य है। F की क्रियारेखा का समीकरण हो सकता हैA. x=2yB. y=2xC. y=4x+3D. x=4y+3 |
| Answer» Correct Answer - a,b | |
| 6. |
L लबाई की एक एकसमान छड़ के दानों किनारों पर 1 द्रव्यमान की गेंद लगी है। यह छड़ अपने मध्यबिंदु से जाते लंबवत अक्ष के परित स्वतंत्र रूप से घूम सकती है। यह अक्ष क्षैतिज अवरथा में रहता है। प्रारंभ में निकाय को क्षैतिज अवस्था में रखा गया है। गैंद B पर h ऊँचाई से समान द्रव्यमान n का एक कण P गिराया जाता है। कण गेंद B से टकराकर चिपक जाता है (a) टक्कर के तुरंत बाद निकाय का कोणीय संवेग तथा कोणीय चाल ज्ञात करें। (b) h का न्यूनतम मान कितना होना चाहिए ताकि टक्कर के बाद निकाय एक पूरा चक्कर लगा पाए |
| Answer» (a) `(mLsqrt(gh))/sqrt2,sqrt(8gh)/(3L)" (b) "3/2L` | |
| 7. |
किसी वस्तु पर कोई बाह्य बल कार्यरत नहीं है। वस्तु के विभिन्न हिस्सों के बीच की दूरियाँ बदल सकती हैं। निम्नांकित में कौन-सी राशियाँ नियत रहेंगीA. कोणीय संवेगB. रेखीय संवेगC. गतिज ऊर्जाD. जड़त्व आघूर्ण |
| Answer» Correct Answer - a,b | |
| 8. |
किसी धातु से दो चकतियों A तथा B बनाई जाती हैं। A की त्रिज्या r तथा मोटाई t है जबकि B की त्रिज्या 4r तथा मोटाई 1/4 है। इन चकतियों पर समान बल-आघूर्ण लगते हैं प्रारंभ में दोनों स्थिर अवस्था में है। कुछ समय पश्चात A तथा B की परिधियों पर स्थित बिंदुओं की रेखीय चाले क्रमशः `v_A` तथा `v_B` हो जाती हैं। इनमें संबंध हैA. `v_Agtv_B`B. `v_A=v_B`C. `v_Altv_B`D. यह संबंध बल-आघूर्ण के वास्तविक मान पर निर्भर करेगा |
| Answer» Correct Answer - a | |
| 9. |
एक वस्तु के एक कण पर लगते बल का मूलबिंदु के प्रति बल-आघूर्ण `20sqrt3` N cm है कण बिंदु (20cm, 20cm, 20cm) पर स्थित है इस बल का परिणामA. अवश्य ही 1 N रहेगाB. 1 न्यूटन या उससे अधिक होगाC. 1 न्यूटन या उससे कम होगाD. 1 न्यूटन नहीं हो सकता |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 10. |
द्रव्यमान M वाली एक घिरनी को मध्य में क्लैप करके रखा गया है जो अपने अक्ष के प्रति (जो क्षैतिज दिशा में स्थिर है) स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकती है (चित्र 18.6) । एक नगण्य भार वाली रस्सी को इस घिरनी पर कई लपेटन देकर लटकाया गया है और इसके लटकते सिरे से एक ब्लॉक लटकाया गया है। रस्सी में तनाव T है। (a) घिरनी पर लगते बलों को लिखें तथा इनके बीच संबंध बताएँ। (b) घूर्णन अक्ष के प्रति प्रत्येक बल का बल-आघूर्ण लिखें। |
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Answer» (a) घिरनी पर लगते बल हैं, (i) इसका भार Mg, नीचे की ओर, (ii) रस्सी द्वारा T, रस्सी के अनुदिश तथा (ii) क्लैंप द्वारा =N चूँकि घिरनी के द्रव्यमान केंद्र में कोई त्वरण नहीं है, इन सबक्र परिणामी शून्य होगा। अतः, `vecN+vec(Mg)+vecT=0` या `N=Mg+T` यह बल ऊपर की ओर होगा। (b) घिरनी का घूर्णन अक्ष इसके केंद्र से होकर जा रहा है। तथा Mg भी इस केंद्र से होकर जा रहे हैं। चूकि ये बल अक्ष को काट रहे हैं, अतः अक्ष के प्रति इनका बल-आघूर्ण शून्य होगा। रस्सी द्वारा लगाया गया बल घिरनी पर स्पर्शरखा की और नीचे की दिशा में है। यह अक्ष (जो कि क्षैतिज दिशा में है) पर लंब तो है, परंतु उसे काटता नहीं है। अतः स्थिति है। जिस बिंदु पर रस्सी घिरनी को छोड़ती है, वहाँ से घिरनी के केंद्र को मिलाएँ। यह त्रिज्या बल T तथा अक्ष, दोनों पर लंब है। अतः, T का अक्ष के प्रति बल-आघूर्ण `T*r` होगा। |
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| 11. |
एक वस्तु निश्चित अक्ष के पारित घूम सकती है इस अक्ष के प्रति इस वस्तु पर `tau` परिणाम का बल-आघूर्ण लग रहा है किसी क्षण पर बस्तु का कोणीय संवेग L कोणीय वेग `omega`तथा कोणीय त्वरण `alpha` है सही विकल्प चुनेA. `Ltau=taualpha`B. `Lalpha=omegatau`C. `Lomega=taualpha`D. इसमें कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 12. |
एक वस्तु पर लगता बल सदा एक निश्चित बिंदु O की और लगता है। गति के दौरान O के प्रति इस वस्तु काA. बल-आघूर्ण शून्य होगाB. कोणीय संबेग शून्य ही होगाC. बल-आघूर्ण शून्य नहीं होगा, पर स्थिर रहेगाD. कोणीय संवेग नहीं बदल सकता |
| Answer» Correct Answer - a,d | |
| 13. |
एक कण का स्थिति वेक्टर `vecr` है और उसपर एक बल `vecF` लग रहा है। मूलबिंदु के परितः इस बल का आघूर्ण `vectau` है, तबA. `vecr*vectau=0" तथा "vecF*vectau=0`B. `vecr*vectau=0" तथा "vecF*vectau ne 0`C. `vecr*vectau ne 0" तथा "vecF*vectau=0`D. `vecr*vectau" तथा "vecF*vectau ne 0` |
| Answer» Correct Answer - a | |
| 14. |
चित्र 18.W3 में दिखाई गई घिरनी की त्रिज्या R तथा अपने अक्ष के प्रति जड़त्व आघूर्ण। है। रस्सी नगण्य भार बाली है और घिरनी पर नहीं फिसलती है दोनों गुटको के त्वरण का परिमाण निकालें |
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Answer» मान लें कि घिरनी की बायीं ओर वाली रस्सी के हिस्से में तनाव `T_1` तथा दाहिनी ओर वाली रस्सी के हिस्से में तनाव `T_2` है। यह भी मान लें कि M द्रव्यमान का त्वरण नीचे की ओर a है तथा दूसरा द्रव्यमान m, इतने ही त्वरण से उपर जा रहा है। चूकि घिरनी पर रस्सी नहीं फिसल रही है, घिरनी वामावती दिशा में `alpha=a//R` कोणीय त्वरण से घूमेगी M,m तथा घिरनी के लिए समीकरण लिखने पर `Mg-T_1=Ma" "...(i)` `T_2-mg=ma" "...(ii)` `(T_1-T_2)R=Ialpha=(Ialpha)/R" "...(iii)` समीकरण (iii) में समीकरण (i) तथा (ii) से `T_1` तथा `T_2` के व्यंजक रखने पर `[M(g-a)-m(g+a)]R=Ia/R` या ` a=((M-m)gR^2)/(I+(M+m)R^2)` |
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| 15. |
एक अक्ष के परितः एक वस्तु घूम सकती है। इस वस्तु के किसी बिंदु पर एक बल F लग रहा है जिसकी दिशा अक्ष के लंबवत है। अक्ष से कण की दूरी । है। अक्ष के प्रति बल का बल-आघूर्णA. Fr हो सकता हैB. Fr से कम हो सकता हैC. Fr से अधिक हो सकता हैD. Fr से अधिक नहीं हो सकता |
| Answer» Correct Answer - a,b,d | |
| 16. |
अपने अक्ष के प्रति `0.2kg*m^2` जड़त्व आघूर्ण वाला एक पहिया किसी समय 20 rad/s के कोणीय वेग से इस अक्ष के प्रति घूम रहा है। एक नियत बल-आधूर्ण लगाकर इसे 4.0 s में विरामावस्था में लाया जाता है। पहले 2 s में बल-आपूर्ण द्वारा किया गया कार्य निकालें |
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Answer» यदि पहिये का त्वरण `alpha` हो तो `0=(20rad//s)+alpha(4.0s)` या `alpha=-5.0rad//s^2` t=2.0 s पर पहिये का कोणीय वेग `omega=(20rad//s)+(-5.0rad//s)(2.0s)=10rad//s` गतिज ऊर्जा में कमी `DeltaK=1/2(0.2kgm^2)(20rad//s)^2-1/2(0.2kgm^2)(10rad//s^2)` 30J अतः बल-आघूर्ण द्वारा किया गया कार्य = -30J |
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| 17. |
अपने अक्ष के प्रति `5.0 kg*m^2` जड़त्व आघूर्ण वाला एक चक्का 60 rad/s की चाल से अपने अक्ष के प्रति घूर्णन कर रहा है। अपनी धुरी पर घर्षण के कारण गह 5.0 मिनट में विरामावस्था में आ जाता है। ज्ञात करें, (a) घर्षण का औसत बल-आघूर्ण, (b) ঘर्षण किया गया कुल वजर्य तथा (c) घूर्णन रुकने से 1 मिनट पहले चक्के का कणीय संवेग |
| Answer» `(a) 1.0Nm" (b) "9.0kJ" (c) "60kgm^2//s` | |
| 18. |
M द्रव्यमान तथा त्रिज्या वाला एक पतला बृत्ताकार वलय अपने अक्ष के परितः `omega` कणीय चाल से घूम रहा है। अव द्रव्यमान के दो कण इसके एक व्यास के विपरीत किनारों पर जुड़ जाते हैं। वलय की कोणीय चाल हो जाएगीA. `(omegaM)/(M+m)`B. `(omegaM)/(M+2m)`C. `(omega(M-2m))/(M+2m)`D. `(omega(M+2m))/M` |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 19. |
एक चक्का एक स्थिर क्षैतिज अक्ष के परितः पूम सकता है। इसपर एक रस्सी लपेटकर रस्सी को F बल से नीचे की और खीचा जाता है। चक्के का द्रव्यमान = 2 kg, त्रिज्या = 20 cm तथा F=10 N मानें। चक्के को एकसमान चकती के रूप में माने। 10 s तक खीचने पर चक्के का कोणीय वेग कितना हो जाएगा |
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Answer» चित्र को देखें। चक्के पर बल F बिंदु A पर लग रहा है, जहाँ रस् चक्के को छेड़ रही है। A से घूर्णन अक्ष पर डाला गया लंब बिदु O पर मिलता है ऊर्ध्वाधर बल F का अक्ष के प्रति बल-आघूर्ण `tau_z=RF=(0.20m)(10N)=2Nm` चक्के का जड़त्व आघूर्ण `I=1/2MR^2=1/2(2kg)(0.20m)^2=0.04kg*m^2` अतः कोणीय त्वरण `alpha=tau_z/I=((2Nm))/((0.04Kg.m^2))=50rad//s^2` आरंभिक कोणीय वेग = 0 अतः 10 s बाद कोणीय वेग `omega=omega_0+alphat=(50rad//s^2)xx(10s)=500rad//s.` |
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| 20. |
m द्रव्यमान का एक कण `mu` चाल से क्षैतिज से `theta` कोण पर प्रक्षेपित किया गया है। जब कण उच्चतम बिंदु पर है, उस समय प्रक्षेपण-बिंदु के परितः इसके भार का बल-आघूर्ण ज्ञात कीजिए |
| Answer» `m""u^2sinthetacostheta` गति के तल के लंबवत | |