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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

वस्त्रों की सुरक्षा एवं उचित रख-रखाव के लिए आप क्या-क्या करेंगे?

Answer»

वस्त्र हमारे रक्षक होते हैं। ये सर्दी, गर्मी एवं बरसात से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। अतः उनकी सुरक्षा करना हमारे लिए अति आवश्यक है। इसके लिए निम्नलिखित उपायों पर ध्यान देना आवश्यक है।

  1.  वस्त्र रखने की अलमारी/बक्से को साफ व सीलनमुक्त होना चाहिए। वस्त्र रखने के पूर्व इस पर अखबार बिछा देना चाहिए।
  2. सर्दियाँ समाप्त होने पर ऊनी वस्त्रों को धोकर, सुखाकर अखबार में लपेटकर रखना चाहिए।
  3.  जरी/गोटे से बने वस्त्रों को प्लास्टिक की थैली में बंद कर रखना चाहिए।
  4. समय-समय पर वस्त्रों को नमीमुक्त करने के लिए धूप दिखाना आवश्यक है।
2.

वस्त्रों में इस्त्री करने से क्या लाभ है?

Answer»

इस्त्री करने से लाभ-

  1. वस्त्रों की सिलवटें दूर होती हैं।
  2. वस्त्र आकर्षक और सुंदर लगते हैं।
  3.  वस्त्रों में चमक आ जाती हैं।
  4.  कपड़ों में क्रीज बनी रहती है।
3.

रेशमी वस्त्रों में चमक लाने के लिए क्या करना चाहिए?

Answer»

रेशमी वस्त्रों में चमक लाने के लिए अंदाज से पानी लेकर थोड़ा-सा सिरका डालकर वस्त्र को डुबोकर तुरंत निकाल लें।

4.

ऊनी वस्त्र धोते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?

Answer»

ऊनी वस्त्रों की धुलाई- मशीन से बने ऊनी वस्त्रों की ड्राइक्लीनिंग करानी चाहिए। हाथ से बुने ऊनी वस्त्रों की धुलाई में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. ब्रुश से झाड़कर धूल साफ करें।
  2.  गुनगुने पानी में रीठे का सत या ऊनी वस्त्रों के लिए बनी धुलाई सामग्री में डालकर 5 मिनट तक भीगने के बाद हलके हाथ से मलें।
  3. यदि कोई स्थान ज्यादा गन्दा है तो साबुन के गाढ़े घोल से साफ करें।
  4. साफ पानी में साबुन निकलने तक डालें।
  5. धुले वस्त्र को तौलिए में लपेटें और छायादार स्थान में चौकी या तख्त पर फैलाएँ।
5.

वस्त्रों की धुलाई क्यों आवश्यक है?

Answer»

सभी प्रकार के वस्त्र-सूती, ऊन, रेशमी व अन्य, पहनने पर गन्दे हो जाते हैं और उन पर धूल, पसीना या धब्बे पड़ जाते हैं। इस कारण उनकी धुलाई आवश्यक होती है।

6.

मृदु एवं कठोर जल में क्या अंतर है? कठोर जल को मृदु कैसे बनाया जा सकता है?

Answer»

मृदु एवं कठोर जल में निम्न अन्तर है-

मृदु जलकठोर जल
(i) पीने में स्वाद रहित होता है।(i) पीने में नमकीन, खारा होता है।
(ii) वश्त्रों में साबुन लगाने पर झाग निकलता है(ii) झाग नहीं निकल
(iii) वस्त्र साफ धुलते हैं।(iii) वस्त्रों में हलका पीलापन आ जाता है।

कठोर जन्न की कटोरता को दूर कर उसे मृदु बनाया जा सकता है। कठोरता दूर करने के लिए वस्त्र धोने के पानी में सोडे का घोल मिलाना चाहिए।

7.

पान के धब्बे किससे छुड़ाए जा सकते हैं?

Answer»

पान के धब्बे छुड़ाने के लिए हरी मिर्च, कच्चा आलू, या दही रगड़ना चाहिए।

8.

स्याही तथा रक्त के धब्बे छुड़ाने की विधि लिखिए।

Answer»

स्याही के धब्बे छुड़ाने की विधि- स्याही का दाग, तुरन्त साबुन लगाकर पानी से धो कर, छुड़ाया जा सकता है। स्याही के धब्बे पर नमक, नीबू का रस, खट्टा दही लगा देना चाहिए। इसके बाद साबुन से धुलाई करें।

रक्त के धब्बे छुड़ाने की विधि : रक्त का ताजा धब्बा नमक लगाकर ठण्डे पानी में धोने से छूट जाता है। सूती या लिनन के वस्त्रों को पानी में भिगोकर अमोनिया या हाइड्रोजन पेरोक्साइड लगाना चाहिए। फिर वस्त्र पर दो-तीन बार साबुन लगाकर धोने से रक्त का धब्बा छूट जाता है।

9.

ऊनी वस्त्र कितने प्रकार के होते हैं?

Answer»

ऊनी वस्त्र दो प्रकार के होते हैं
(1) हाथ से बुने ऊनी वस्त्र
(2) मशीन से बुने हुए ऊनी वस्त्र

10.

जल कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए।

Answer»

1. मृदुजल
2. कठोर जल