InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
एक वाद्य यंत्र कि स्वभाविक आवृत्ति 256 हर्ट्ज है । कम्पित अवस्था में इस पर 300 हर्ट्ज आवृत्ति का आवर्ती बल लगाया जाता है । कम्पनों के आयाम पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? |
| Answer» Correct Answer - कम हो जायेगा | |
| 2. |
किसी सरल आवर्त गति का आयाम a तथा T आवर्तकाल है । अधिकतम वेग होगा -A. `(4a)/T`B. `(2a)/T`C. `(2pia)/T`D. ` 2 pi sqrt(a/T)` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 3. |
सरल आवर्त गति करते हुए कण का आयाम दोगुना कर देने पर निम्न भौतिक राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? ltbvrgt (i) आवर्तकाल (ii ) अधिकतम वेग (iii ) अधिकतम त्वरण (iv ) कुल ऊर्जा । |
| Answer» (i) अपरिवर्तित रहेगा (ii) दोगुना हो जायेगा (`upsilon_(max)=Aomega)` (iii) दोगुना हो जायेगा (`a _(max)= omega^(2) A`) (iv) चार गुनी हो जायेगी `(E prop A^(2))`| | |
| 4. |
सरल आवर्त गति करते हुए कण का आवर्तकाल होता है -A. `T = 2pi sqrt(("विस्थापन")/(" त्वरण"))`B. `T = 2pi sqrt(("g")/("विस्थापन "))`C. ` T = 2pi sqrt((" वेग ")/("विस्थापन "))`D. `T = 4pi sqrt( g "विस्थापन" )`| |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 5. |
400 ग्राम द्रव्यमान का एक पिण्ड , एक हलकी स्प्रिंग से लटका है । 100 ग्राम द्रव्यमान का दूसरा पिण्ड इसमें रखने पर स्प्रिंग 5 सेमी और अधिक खिंच जाती है । स्प्रिंग से लटके संयुक्त द्रव्यमानो का आवर्तकालो ज्ञात कीजिये । |
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Answer» स्प्रिंग का बल नियतांक `k = (m_(2)g)/y` ` = ((0.100)xx98)/(5xx10^(-2))=19.6 ` न्यूटन/मीटर संयुक्त द्रव्यमान का आवर्तकाल ` T = 2pi sqrt(M/k)` `= 2pi sqrt(((400+100)xx10^(-3))/19.6)` ` = 2 xx 3.14 sqrt(5/196)` = 1.07 सेकण्ड |
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| 6. |
कोई वास्तु 5 cm के आयाम तथा 0.2 सेकंड की आवृति से सरल आवृति गति करती है | वस्तु का त्वरण तथा वेग ज्ञात कीजिए जब वस्तु का विस्थापन (a) 5 cm (b) 3 cm (c) 0 cm हो | |
| Answer» Correct Answer - (a) `-5pi^(2)ms^(-2)`;0; (b) `-3pi^(2)ms^(-12)`; ( c) 0; 0.5 `pims^(-1)` | |
| 7. |
एक क्षैतिज स्प्रिंग से बँधा 100 ग्राम का पिण्ड 5 सेमी के आयाम से सरल गति कर रहा है । जब पिण्ड अपनी मध्य स्थिति से गुजरता है , तब उसके ऊपर एक छोटा पिण्ड रख दिया जाता है अब दोनों पिण्ड 4 सेमी आयाम से गति करते है । छोटे पिण्ड का द्रव्यमान ज्ञात कीजिये । |
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Answer» साम्य स्थिति में पिंड पर कोई बल नहीं लगता । अतः संवेग संरक्षण के नियम से - ` m_(1)upsilon_(1)+m_(2).0=(m_(1)+m_(2))upsilon_(2)` ` (m_(1)+m_(2))/(m_(1))=(upsilon_(1))/(upsilon_(2))= (A_(1)omega_(1))/(A_(2)omega_(2))` ` (m_(1)+m_(2))/(m_(1))=A_(1)/(A_(2))sqrt((m_(1)+m_(2))/(m_(1)))` ` :. (A_(1))/(A_(2)) = sqrt((m_(1)+m_(2))/(m_(1)))` मान रखने पर `5/4 = sqrt((100+m_(2))/100)` ` 25/16 = (100+m_(2))/100 = 1 + (m_(2))/100` ` 9/16 = (m_(2))/100` ` m_(2) = 900/16 = 56.25` ग्राम |
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| 8. |
y अक्ष के अनुदिश सरल आवर्त गति करते हुए कण की विस्थापन समीकरण ` y = A sin (omegat + phi )`है । यदि t-0 पर कण की स्थिति `y = A/2` पर हो तो कण की प्राम्भिक कला `phi` का मान ज्ञात कीजिये यदि कण उस क्षण - ( ii )ऋणात्मक दिशा में गतिमान है । |
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Answer» कण की समय - विस्थापन समीकरण ` y = A sin (omegat+phi) ` प्रश्नानुसार , t=0 पर , `y = A/2` अतः ` A/2 = A sin (0+ phi)= A sin phi` ` :. 1/2 sin phi ` अतः ` phi = pi/6 " " (5pi)/6 " अथवा "` …(2) कण का वेग ` upsilon = (dy)/(dt) = A omega cos (omegat+phi)" "` ...(3) t = 0 पर , `upsilon = A omega vos (0+phi ) = A omega cos phi " "` ...(4) (ii) यदि कण ऋणात्मक y दिशा में गतिमान है - ` upsilon = A omega cos phi = -ve` ` cos phi = - ve` ` phi ` अधिककोण होगा अर्थात ` phi gt pi/2` अतः समीकरण (2 ) से, ` phi = (5pi)/6` |
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| 9. |
y अक्ष के अनुदिश सरल आवर्त गति करते हुए कण की विस्थापन समीकरण ` y = A sin (omegat + phi )`है । यदि t-0 पर कण की स्थिति `y = A/2` पर हो तो कण की प्राम्भिक कला `phi` का मान ज्ञात कीजिये यदि कण उस क्षण - (i) धनात्मक y दिशा में गतिमान है |
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Answer» कण की समय - विस्थापन समीकरण ` y = A sin (omegat+phi) ` प्रश्नानुसार , t=0 पर , `y = A/2` अतः ` A/2 = A sin (0+ phi)= A sin phi` ` :. 1/2 sin phi ` अतः ` phi = pi/6 " " (5pi)/6 " अथवा "` …(2) कण का वेग ` upsilon = (dy)/(dt) = A omega cos (omegat+phi)" "` ...(3) t = 0 पर , `upsilon = A omega vos (0+phi ) = A omega cos phi " "` ...(4) (i) यदि कण धनात्मक y दिशा में गतिमान है - ` upsilon = A omega cos phi = + ve` ` cos phi = +ve` ` phi` न्यूनकोण होगा अर्थात ` phi lt pi/2 ` अतः समीकरण (2) से, ` phi =pi/6` |
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| 10. |
सरल आवर्त गति करते किसी कण कि गति का वर्णन नीचे दिए गये विस्थापन फलन किया जाता है - , `x(t) = A cos (omegat+phi)` यदि कण कि आरंभिक (t=0 ) स्थिति सेमी तथा उसका आरम्भिवेग सेमी /सेकंड है , तो कण का आयाम तथा आरम्भिक कला कौन क्या है ? कण कि कोणीय आवृत्ति सेकंड है । यदि सरल आवर्त गति का वर्णन करने के लिए कोज्या ( cos) फलन के स्थान पर हम ज्या ( sin) फलन चुनेः `x=B sin(omegat+alpha)` तो उपरोक्त आरंभिक प्रतिबंधों में कण का आयाम तथा आरंभिक कला कौन क्या होगा ? |
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Answer» दिया है - ` x (t) = A cos (omega t+phi)` t = 0 पर विस्थापन x(t)=1 सेमी तथा वेग `upsilon = omega` सेमी / सेकण्ड कोणीय आवृत्ति ` omega = pi "सेकण्ड"^(-1)` या ` 1 = A cos ( omega t + phi)` t = 0 पर , ` 1 = A cos phi` अब ,` upsilon (t) = (dx)/(dt )(t)= d/(dt) A cos (omegat = phi)` ` = -A omega sin (omega t + phi )` पुनःt = 0 पर , ` v = omega ` सेमी/सेकण्ड या ` omega = 0 A omega sin phi ` या ` -1 = A sin phi " " ` ...(ii) समीकरण (i ) तथा समीकरण (ii ) का वर्ग करके जोड़ने पर , ` A^(2) cos^(2) phi +A^(2) sin^(2) phi = (1)^(2) + (-1)^(2)` ` A^(2) = 2` या ` A = pm sqrt(2)` अतः आयाम`=sqrt(2)` सेमी समीकरण (ii ) को समीकरण (i ) से विभाजित करने पर , ` (A sin phi )/(A cos phi ) = (-1)/1` या ` tan phi = -1` या `phi = -pi/4 ` या `(7pi)/4` cos फलन के स्थान पर sin फलन प्रयुक्त करने पर ` x (t) = B sin (omega t +alpha)` ` B sin alpha =1 " "` ...(iii) वेग ` upsilon (t) = (dx(t))/dt = d/(dt) [ B sin (omega t +alpha)]` ` = + B omega cos ( omega t+alpha)` पुनः t=0, ` upsilon (t) = omega ` सेमी/सेकण्ड `omega = + B omega (0+alpha)` ` B cos alpha = +1 " " ` ...(iv) समीकरण (iii ) तथा समीकरण (iv ) का वर्ग करके जोड़ने पर , ` B ^(2) sin^(2) alpha + B^(2) cos^(2) alpha = (1)^(2) + (+1)^(2)` या ` B^(2) sin^(2) alpha + B^(2) cos^(2) alpha = 2` `B^(2) (sin^(2) alpha + cos6(2) alpha)=2` ` B^(2)*1=2` या ` B = pm sqrt(2)` सेमी अतः गति का आयाम` = sqrt(2)` सेमी समीकरण (iii ) को समीकरण (iv ) से भाग देने पर , ` (B sin alpha)/(B cos alpha) = 1/1 " या " tan alpha = 1 ` ` :. alpha = pi/4` |
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| 11. |
संलग्न चित्र 24.12 (a ) तथा (b ) में अलग- अलग कणो की सरल आवर्त गतियों से संबंधत वक्र दिए गए है । प्रत्येक स्थिति में कण की कोणोय आवृति तथा गति का आयाम ज्ञात कीजिये । |
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Answer» चित्र 24.12 (a ) में , आवर्तकाल T=2 सेकण्ड वेग का अधिकतम मान `upsilon_("max") =Aomega =31.4` सेमी /सेकण्ड अतः कोणीय आवृति `omega = (2pi)/T = (2pi)/2 = pi = 3.14` रेडियन/ सेकण्ड आयाम ` A = (upsilon_("max"))/omega = (31.4)/(3.14) = 10 ` सेमी चित्र 24.12 (b ) में , आवर्तकाल T=4 सेकण्ड अधिकतम त्वरण `a_("max") = omega^(2)A = 20 " सेमी/ सेकण्ड"^(2)` अतः कोणीय आवृति ` omega = (2pi)/T = (2pi)/4 = pi/2 = 1.57` रेडियन/सेकण्ड आयाम `A = (a_("max"))/(omega^(2)) = 20/((1.57)^(2))=8.1` सेमी |
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| 12. |
दो सरल आवर्त गतियों के समीकरण निम्न है - ` y_(1) = 10 sin ( 100 pit +pi/3)` तथा ` y _(2) = 10 (sin 100 pit +sqrt(3) cos 100 pi t)` (ii) इनके आवर्तकालो का अनुपात ज्ञात कीजिये । |
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Answer» यहाँ `omega_(1) = omega_(2) = 100pi` ` :. T_(1) = T_(2)` तब `(T_(1))/(T_(2))=1/1` |
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| 13. |
सरल आवर्त गति में - (i) किस विस्थापन पर गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा समान होंगी ? |
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Answer» सरल आवर्त गति में , गतिज ऊर्जा `K = 1/2 momega^(2) (A^(2)-y^(2))` स्थितिज ऊर्जा `U = 1/2 momega^(2) y^(2)` कुल ऊर्जा ` E = 1/2 momega^(2) A^(2)` (i) K = U , अतः `1/2 momega^(2) (A^(2)-y^(2)) = 1/2 momega^(2)y^(2)` ` a^(2) -y^(2) = y^(2) " अथवा " y = A/(sqrt(2))` |
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| 14. |
नीचे दिए गये किसी कण के त्वरण तथा विस्थापन के बीच सम्बन्धो में से किससे सरल आवर्त गति संबद्ध है - (d) `a=100x^(3)` |
| Answer» (d) दायी ओर कोई ऋणात्मक चिन्ह नहीं है तथा विस्थापन का दिया गया है , अतः SHM नहीं है । | |
| 15. |
कोई कण एक दूसरे से 10 cm दुरी पर स्थित दो बिंदुओं A तथा B के साथ रैखिक सरल आवर्त गति कर रहा हैं | A से B की ओर की दिशा को धनात्मक दिशा मानकर वेग, त्वरण तथा कण पर लगे बल के चिह्न ज्ञात कीजिए जबकि यह कण (a) A सिरे पर हैं, (b) B सिरे पर हैं, (c) A की ओर जाते हुए AB के मध्य बिंदु पर हैं, (d) A की ओर जाते हुए, B से 2 cm दूर हैं, (e) B की ओर जाते हुए A से 3 cm दूर हैं, (f) तथा A की ओर जाते हुए B से 4 cm दूर हैं | |
| Answer» Correct Answer - `(a)0,+,+;(b)0,-,-;(c)-,0,0;(d)-,-,-;(e)+,+,+;(f),-,-,-` | |
| 16. |
सरल आवर्त गति करते किसी कण की गति का वर्णन निचे दिए गए विस्थापन फलन द्वारा किया जाता हैं, `x(t)=A cos(omegat+phi)` यदि कण की आरंभिक(t = 0) स्थिति 1 cm तथा उसकी आरंभिक वेग `pi cm" "s^(-1)` हैं, तो कोण का आयाम तथा आरंभिक कला कोण क्या हैं ? कण की कोणीय आवृति `pi" "s^(-1)` हैं | यदि सरल आवर्त गति का वर्णन करने के लिए कोज्या (cos) फलन के स्थान पर हम ज्या फलन चुनें `x =B sin(omegat+alpha)` तो उपरोक्त आरंभिक प्रतिबंधों में कोण का आयाम तथा आरंभिक कला कोण क्या होगा ? |
| Answer» Correct Answer - `A = sqrt2 cm, phi=7pi//4; B =sqrt2 cm, alpha = pi//4` | |
| 17. |
दो कण एक ही सरल रेखा पर समान आयाम तथा आवृति की सरल आवर्त गति करते है । दोनों कण एक - दूसरे को विपरीत दिशा में जाते हुए उस समय पार करते है , जब उनका विस्थापन आयाम का आधा है । उनमे कलांतर क्या है ? |
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Answer» माना दोनों कणो की सरल आवर्त गति का आयाम A तथा कोणीय आवृति `omega` है | अतः इनका विस्थापन समीकरण ` y = A sin (omega t +phi)" "` …(1) जहाँ`phi` का मान दोनों कानो के लिए अलग अलग है । ` y =- A/2` पर , `A/2 = A sin (omegat+phi)` ` 1/2 = sin (omega t +phi)` ` (omega t+phi) = sin^(-1) (1/2) = pi/6 " अथवा " (5pi)/6` अतः `y = A/2 ` पर , प्रथम कण की कला `= pi/6` दूसरे कण की कला `= (5pi)/6` , कलांतर `= (5pi)/6 - pi/6 = (2pi)/3 " अथवा " 120^(@)` |
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| 18. |
दो सरल आवर्त गतियों के समीकरण निम्न है - ` y_(1) = 10 sin ( 100 pit +pi/3)` तथा ` y _(2) = 10 (sin 100 pit +sqrt(3) cos 100 pi t)` (i) इनके आयामों का अनुपात ज्ञात कीजिये । |
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Answer» प्रश्नानुसार , ` y_(1) = 10 sin (100 pi t + pi//3)" "` …(1) ` y_(2) = 10 sin (sin 100 pit +sqrt(3) cos 100 pit) ` ` = 20 (1/2 sin 100 pit + (sqrt(3))/2 cos 100 pi t)` ` =20(cos. pi/3sin 100 pi t + sin pi/3 cos 100 pi t)` अथवा `y_(2) = 20 sin (100pi t+pi//3)" "` ...(2) समीकरण (1 ) व (2) की तुलना करने पर `(A_(1))/(A_(2)) = 10/20 =1/2` , |
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| 19. |
एक कण सरल आवर्त गति कर रहा है । गति का आयाम A है । किसी क्षण , जब कण का विस्थापन ` y = A//2` है , कण की कला ज्ञात कीजिये यदि - (ii) कण अधिकतम विस्थापन की धनात्मक स्थिति से गति प्रारम्भ करता है । |
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Answer» t=0 पर `y = + A `, अतः समीकरण (1 ) से ` A = A sin (0+phi)` ` :. Sin phi =1 " अथवा " phi = pi//2` अतः कण की विस्थापन समीकरण ` y = A sin (omega t +pi//2)=A cos omegat" "` …(3) क्षण t पर कण की कला `phi =omegat` माना क्षण t पर `y = +A//2 ` है । अतः समीकरण (3) से ` A//2 = A cos omegat " "` ...(3) , ` :. cos omega t = 1//2 = cos pi//3 " अथवा " omegat = pi//3` अतः कण की कला ` phi = omega t = pi//3` |
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| 20. |
1 किग्रा द्रव्यमान का एक पिण्ड साम्य स्थीति से सरल आवर्त गति प्रारम्भ करता है । पिण्ड का आवर्तकाल 6 सेकण्ड है । गत्यारम्भ के सेकण्ड 1 बाद पिण्ड का वेग 6 मीटर/ सेकण्ड हो , तो ज्ञात कीजिए - |
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Answer» Correct Answer - (1) `36/pi` मीटर (ii) 72 जूल (iii) 18 जूल , 54 जूल `y= A sin omega t` से , ` upsilon = A omega cos omega t , E = 1/2 m omega ^(2) A^(2) , K = 1/2 mu upsilon ^(2) . U = E - K ` |
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| 21. |
निचे दिए गए उदाहरणों में कौन आवर्ती गति को निरूपित करता है ?A. किसी तैराक द्वारा नदी के एक तट से दूसरे तट तक जाना ओर अपनी एक वापसी यात्रा पूरी करनाB. किसी स्वतंत्रतापूर्वक लटकाए गए दंड चुंबक को उसकी N-S दिशा से विस्थापित कर छोड़ देना |C. अपने द्रव्यमान केंद्र के परित: घूर्णी गति करता कोई हाइड्रोजन अणु |D. किसी कमान से छोड़ा गया तीर | |
| Answer» Correct Answer - (b),( c) | |
| 22. |
नीचे दिए गए उदाहरणों में कौन आवर्ती गति को निरूपित करता है ? (i ) किसी तैराक द्वारा नदी के तट से दूसरे तट तक जाना अपनी एक वापसी यात्रा पूरी करना । (ii ) किसी स्वतंत्रतापूर्वक लटकाये गए दण्ड चुम्बक को उसकी N-S दिशा से विस्थापित कर छोड़ देना । (iii ) अपने द्रव्यमान केन्द्र के परितः घूर्णी गति करता कोई हाइड्रोजन अणु । ( iv ) किसी कमान से छोड़ा गया तीर । |
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Answer» (i) जैसे ही तैराक चक्र पूर्ण करता है , तब गति में कोई पुनरावृत्ति नहीं होती है । (ii) गति एक नियत अन्तराल के बाद पुनरावृत्ति करती है । अतः यह आवर्ती गति है । दंड चुम्बक अपनी स्थिति के सापेक्ष एक नियत अन्तराल पर दोलन करती है । (iii) घूर्णन गति , आवृत्ति गति है तथा यह एक नियत अन्तराल पर पुनरावृत्ति करती है| (iv) यहाँ कोई पुनरावृत्ति नहीं है । अतः आवृति गति नहीं है । |
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| 23. |
संलग्न चित्र 24.50 में निकाय के दोलन का आवर्तकाल क्या है ? ( k= 8 न्यूटन/मीटर) |
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Answer» प्रभावी द्रव्यमान ` m = (m_(1)m_(2))/(m_(1)+m_(2))= (6xx3)/(6+3)=2` किग्रा ` T = 2pi sqrt(m/k)= 2pi sqrt(2/8)= pi = 3.14` सेकण्ड |
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| 24. |
एक कण जिस पर X- अक्ष के अनुदिश बल `F = F_(0) cos omegat` कार्यरत है , के वेग का आयाम ` v_(0) = 1/([aomega^(2) = b omega + c]^(1//2))` है , जहाँ a,b,c नियतांक है । ज्ञात कीजिये कि `omega` के किस मान पर अनुनाद होगा ? |
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Answer» कण प्रणोदित कम्पन कर रहा है जिसके वेग का आयाम `omega` के साथ बदल रहा है । अनुनाद कि स्थिति में - ` upsilon_(0) to "Max"` ` :. (aomega^(2) - bomega + c) to "Min"` ` :. d/(domega ) (aomega^(2) - bomega + c)=0` ` 2 a omega - b = 0 ` ` omega = b/(2a)` |
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| 25. |
1 किग्रा द्रव्यमान का एक कण बाह्य बल F = 12.5 cos 10t के अंतर्गत प्रणोदित कम्पन कर रहा है । कण के कम्पन कि स्वाभाविक कोणीय आवृत्ति 15 रेडियन/ सेकण्ड है । अवमन्दन नगण्य मानकर कण के कम्पनों का आयाम तथा कोणीय आवृत्ति ज्ञात कीजिए । |
| Answer» [ 10 सेमी, 10 रेडियन/सेकण्ड ] | |
| 26. |
अवमंदित कम्पन को प्रणोदित कम्पन में बदलने के लिए क्या करना पड़ता है ? |
| Answer» बाह्य अनावर्ती स्रोत्र से ऊर्जा देनी पड़ती है । | |
| 27. |
अवमंदित कम्पन में आयाम समय के साथ किस प्रकार बदलता है ? |
| Answer» [चरघातांकी ( exponentially )रूप में घटता है ] | |
| 28. |
एक अवमंदित ढोलक का आयाम 2 मिनट म आधा रह जाता है । कम्पन प्रारम्भ होने के 8 बाद आयाम कितना रह जायेगा ? |
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Answer» अवमंदित ढोलक का आयाम ( `A_(D)`) समय के साथ निम्न समीकरण के अनुसार घटता है - `A_(D) = A _(0) e^(-alphat)" "` …(1) t = 2 मिनट पर `A_(D) = (A_(0))/2 = A_(0)e^(-2alpha)` अथवा `1/2 = e^(-2alpha) " "` …(2) यदि t=8 मिनट पर ढोलक का आयाम A हो तो समी (1) से ` A = A_(0) e^(-8alpha)` ` = A_(0) [ e^(-2alpha)] ^(4)` ` = A_(0) [ 1/2]^(4)` [ समी (2 ) से ] ` = (A_(0))/16` |
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| 29. |
एक अवमंदित ढोलक का आयाम 2 मिनट में `1/3` भाग रह जाता है । कम्पन प्रारम्भ होने के 6 मिनट बाद आयाम कितना रह जायेगा ? |
| Answer» Correct Answer - [ `1/27 ` भाग ] | |
| 30. |
सरल आवर्त गति में - (ii) कुल ऊर्जा का कितना भाग गतिज तथा कितना भाग स्थितिज छपोगा, जब विस्थापन अयं का आधा है ? |
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Answer» सरल आवर्त गति में , गतिज ऊर्जा `K = 1/2 momega^(2) (A^(2)-y^(2))` स्थितिज ऊर्जा `U = 1/2 momega^(2) y^(2)` कुल ऊर्जा ` E = 1/2 momega^(2) A^(2)` जब ` y = A/2 ,K = 1/2 momega^(2) [ A^(2)=(A/2)^(2)]` ` =1/2 momega^(2) A^(2).3/4 = (3E)/4` ( 75 प्रतिशत) तथा ` U = 1/2 m omega^(2) (A/2)^(2)` ` = 1/2 momega^(2) A^(2).1/4=e/4` (25 प्रतिशत ) |
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| 31. |
`(9.8)/(pi^(2))` मीटर लम्बाई के सरल लोलक का आवर्तकाल ज्ञात कीजिये । |
| Answer» Correct Answer - [ 2 सेकण्ड ] | |
| 32. |
सेकण्ड लोलक से आप क्या समझते है ? |
| Answer» [ वह लोलक जिसका आवर्तकाल 2 सेकण्ड हो । ] | |
| 33. |
किसी रेलगाड़ी के इंजन के सिलिंडर हैंड में पिस्टन का स्ट्रोक ( आयाम का दो गुना ) 1.0 m का है | यदि पिस्टन `200 rad//min` की कोणीय आवर्ति से सरल आवर्त गति करता है, तो उसकी अधिकतम चाल कितनी है ? |
| Answer» Correct Answer - 100 मीटर/मीटर | |
| 34. |
किसी कमानीदार तुला का पैमाना 0 से 50 kg तक अंकित हैं और पैमाने की लंबाई 20 cm है | इस तुला से लटकाया गया कोई पिण्ड, जब विस्थापित करके मुक्त किया जाता है, 0.6 s के आवर्तकाल से दोलन करता है | पिंड का भार कितना है ? |
| Answer» Correct Answer - 219 N | |
| 35. |
चित्र 14.26 में दिए दो आरेख दो वर्तुल गतियों के तदनुरूपी है | प्रत्येक आरेख पर वृत्त की त्रिज्या, परिकर्मण-काल, आरंभिक स्थिति ओर परिक्रमण की दिशा दर्शायी गई है | प्रत्येक परिक्रमण करते कण के त्रिज्य-सदिश के x-अक्ष पर प्रक्षेप की तदनुरूपी सरल आवर्त गति ज्ञात कीजिए | |
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Answer» Correct Answer - (a) `x = -3 sin pit`, यहाँ x को cm में मापा गया है | (b) `x = -2 cos pi//2 t`, यहाँ x को cm में मापा गया है | |
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| 36. |
1200 N `m^(-1)` कमानी -स्थिरांक की कोई कमानी चित्र 14.25 में दर्शाए अनुसार किसी क्षैतिज मेज से जड़ी है | कमानी के मुक्त सिरे से 3 kg द्रव्यमान की कोई पिण्ड जुड़ा है | इस पिण्ड को एक ओर 2.0 cm दुरी तक खींच कर मुक्त किया जाता है, (i) पिण्ड के दोलन की आवृति, (ii) पिण्ड का अधिकतम त्वरण, तथा (iii) पिण्ड की अधिकतम चाल ज्ञात कीजिए | |
| Answer» Correct Answer - आवृत्ति `= 3.2s^(-1)` द्रव्यमान का अधिकतम त्वरण `=8.0ms^(-2)` द्रव्यमान की अधिकतम चाल `=0.4 ms^(-1)` | |
| 37. |
चित्र 14.27 (a) में K बल-स्थिरांक की किसी कमानी के एक सिरे को किसी दृढ़ आधार से जकड़ा तथा दूसरे मुक्त, सिरे से एक द्रव्यमान m जुड़ा दर्शाया गया है | कमानी के मुक्त सिरे पर बल F आरोपित करने से कमानी तन जाती है | चित्र 14.30(b) में उसी कमानी के दोनों मुक्त सिरों से द्रव्यमान m जुड़ा दर्शाया गया है | कमानी के दोनों सिरों को चित्र 14. 30 में समान बल F द्वारा तानित किया गया है | (a) दोनों प्रकरणों में कमानी का अधिकतम विस्तार क्या है ? (b) यदि (a) का द्रव्यमान तथा (b) के दोनों द्रव्यमान को मुक्त छोड़ दिया जाए, तो प्रत्येक प्रकरण में दोलन का आवर्तकाल ज्ञात कीजिए | |
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Answer» Correct Answer - (a) (a) तथा (b) दोनों के लिए `F//k` (b) (a) के लिए `T = 2pisqrt((m/(k))` तथा (b) के लिए `T = 2pisqrt((m)/(k))` |
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| 38. |
चंद्रमा के पृष्ठ पर गुरुत्वीय त्वरण `1.7 ms^(-2)` है | यदि किसी सरल लोलक का पृथ्वी के पृष्ठ पर आवर्तकाल 3.5 s है, तो उसका चंद्रमा के पृष्ठ पर आवर्तकाल कितना होगा ? (पृथ्वी के पृष्ठ पर `g = 9.8m s^(-2)` ) |
| Answer» Correct Answer - 8.4 s | |
| 39. |
स्प्रिंग के बल नियतांक का अर्थ समझाइये । |
| Answer» [ स्प्रिंग की लम्बाई में एकांक वृद्धि होने पर इसमें उत्पन्न प्रत्यानयन बल का परिमाण स्प्रिंग का बल नियतांक कहलाता है । ] | |
| 40. |
चित्र 14.28 में दर्शाए अनुसार V आयतन के किसी वायु कक्ष की ग्रीवा (गर्दन ) की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल a है इस ग्रीवा में m द्रव्यमान की कोई गोली बिना किसी घर्षण के ऊपर-नीचे गति कर सकती है | यह दर्शाइए कि जब गोली को थोड़ा नीचे दबाकर मुक्त छोड़ देते है, तो वह सरल आवर्त गति करती है दाब-आयतन विचरण को समतापी मानकर दोलनों के आवर्तकाल का व्यंजक ज्ञात कीजिए [चित्र 14.28 देखिए ] | |
| Answer» Correct Answer - `T = 2pisqrt(Vm//Ba^(2))` यहाँ बी वायु का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक है | समतापी परिवर्तन के लिए `B = P` | | |
| 41. |
आप किसी 3000 kg द्रव्यमान के स्वचालित वाहन पर सवार है | यह मानिए कि आप इस वाहन की निलंबन प्रणाली के दोलनी अभिलक्षणों का परीक्षण कर रहे है | जब समस्त वाहन इस पर रखा जाता है, तब निलंबन 15 cm आनमित होता है | साथ ही, एक पूर्ण दोलन की अवधि में दोलन के आयाम में 50% घटोतरी हो जाती है | निम्नलिखित के मानों का आकलन कीजिए : (a) कमानी स्थिरांक, तथा (b) कमानी तथा एक पहिए के प्रघात अवशोषक तंत्र, के लिए अवमंदन स्थिरांक b यह मानिए कि प्रत्येक पहिया 750 kg द्रव्यमान वाहन करता है | |
| Answer» Correct Answer - (a) `5xx10^(4)Nm^(-1)`;(b) 1344.6 kg `s^(-1)` | |
| 42. |
0.1 किग्रा द्रव्यमान का एक कण 0.1 मीटर आयाम गति कर रहा है । जब कण साम्य स्थिति से गुजरता है , इसकी गतिज ऊर्जा ` 8 xx 10^(-3)` जल है । यदि दोलन की प्राम्भिक कला `pi/4` हो , तो कण की गति समीकरण प्राप्त कीजिये । |
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Answer» माना कण की सरल आवर्त गति की समीकरण ` y = A sin (omegat +phi)" "` …(1) प्रश्नानुसार, A= 0.1 मीटर ` phi = pi/4` अतः समीकरण ( 1) से , `y = 0.1 sin (omega t+ pi/4)" "` …(2) सरल आवर्त गति में कण की गतिज ऊर्जा `K = 1/2 m omega^(2) (A^(2) - y^(2))` साम्य स्थिति में , y = 0 ` :. K = 1/2 m omega^(2)A^(2)` मान रखने पर , ` 8 xx 10^(-3) =1/2 xx 0.1 xx omega^(2) xx (0.1)^(2)` , ` omega^(2) = 16 " अथवा " omega =4` रेडियन / सेकण्ड ` omega ` का मान समीकरण ( 2 ) में रखने पर , कण की गति का समीकरण ` y = 0.1 sin (4t+pi/4)` |
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| 43. |
बल नियतांक का मात्रक तथा विमीय सूत्र लिखिये । |
| Answer» [न्यूटन/मीटर , `[MT^(-2)]` | |
| 44. |
10 किग्रा द्रव्यमान की कोई वृत्तीय चक्रिका अपने केंद्र से जुड़े किसी तार से लटकी है । चक्रिका को घूर्णन देकर तार में ऐंठन उत्पन्न करके मुक्त कर दिया जाता है । मरोड़ी दोलन का आवर्तकाल 1.5 सेकंड है । चक्रिका की त्रिज्या 15 सेमी है । तार का मरोड़ी कमानी नियतांक ज्ञात कीजिये । ( मरोड़ी कमानी `alpha`नियतांक सम्बद्ध `J= -alpha theta` द्वारा परिभाषित किया जाता है , यहाँ J प्र्त्यानयन बल युग्म है तथा `theta`ऐंठन कोण है ) |
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Answer» डिस्क का द्रव्यमान (m) = 10 किग्रा डिस्क की त्रिज्या(r ) = 15 सेमी = 0.15 मीटर तथा आवर्तकाल(T) = 1.5 सेकण्ड l घूर्णन अक्ष के सापेक्ष डिस्क का जड़त्व आघूर्ण है , जो डिस्क के समतल के लंबवत है तथा द्रव्यमान केंद्र से होकर जाती है । ` :. l = 1/2 mr^(2) = 1/2 xx (10)xx(0.15)^(2)` ` 0.1125 "किग्रा- मीटर"^(2)` आवर्तकाल `(T) = 2pi sqrt(l/alpha)` ` alpha = (4pi^(2)l)/(T^(2))` ` = (4 xx (3.14)^(2) xx 0.1125)/((1.5)^(2))` = 1.972 न्यूटन- मीटर /रेडियन |
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| 45. |
आप किसी 3000 किग्रा द्रव्यमान के स्वचलित वहां पर सवार है । यह मानिए कि आप इस वहां कि निलंबन प्रणाली के ङोलनी अभिलक्षणो कर रहे है । जब समस्त निकाय इस पर रखा जाता है , तब निलंबन 15 सेमी आनमित होता हिअ । साथ ही , एक पूर्ण दोलन कि अवधि में दोलन के आयाम में `50%` घटोत्तरी हो जाती है । निम्नलिखित के मनो का आंकलन कीजिए - (a) कमानी स्थिरांक तथा (b) कमानी तथा एक पहिये के परघाट अवशोषण तंत्र के लिए अवमन्दन स्थिरांक है । यह मानिए कि प्रत्येक पहिया किग्रा द्रव्यमान वहां करताहै । |
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Answer» आटोमोबाइल का द्रव्यमान ( m ) = 3000 किग्रा निकाय का विस्थापन (x ) = सेमी = 0.15 मीटर आटोमोबाइल के द्रव्यमान के सहवर्ती 4 स्प्रिंग समान्तर क्रम में है । निकाय की प्रत्यापन बल हेतु समीकरण , ` F = -4 kx = mg` जहाँ , k स्प्रिंग नियतांक ` :. k = (mg)/(4x)= (3000xx 9.8)/(4 xx 0.15)` (ऋणात्मक चिन्ह छोड़ने पर क्योकि यह केवल दिशा प्रकट करता है ।) ` = (3000xx9.8)/0.60=(3000 xx 9.8)/(6.0 xx10^(-1))` ` = 500 xx 9.8 xx10` ` = 500 xx 98 = 4.9 xx 10^(4)` न्यूटन/ मीटर ` ~= 500 xx 10^(4)` न्यूटन/मीटर (b) प्रत्येक पहिये का सहवर्ती द्रव्यमान = 750 किग्रा अवमंदन स्थिरांक हेतु विस्थापन समीकरण , ` x = x_(0)e^(-bt//2m)` चूँकि , ` x= x_(0)//2` ` x_(0)/2= x_(0)^(-bt//2m)` ` rArr log_(e)2 = (bt)/(2m)` या ` b = (2mlog_(e)2)/t" "` ...(i) 50% अवमन्दन में लिया गया समय = एक आवर्तकाल = T ` T = 2pi sqrt(m/(4k))` ` = 2pi sqrt(3000/(4xx5 xx10^(4)))` = 0.769 सेकण्ड ` :. ` समीकरण ( i) में मान रखने पर , ` b = ( 2xx 750 xx 0.693)/(0.7691)` ` = 1351.58 ` किग्रा / सेकण्ड |
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| 46. |
अवमन्दन नियतांक b का विमीय सूत्र तथा मात्रक क्या होगा ? |
| Answer» [ विमीय सूत्र [b ] = ` (["बल"])/(["वेग"])= ([MLT^(-2)])/([LT^(-1)])=[MT^(-1)],` ] | |
| 47. |
नीचे दिए गये प्रश्नो के उत्तर दीजिये - (iii ) कोई व्यक्ति कलाई घड़ी बढे किसी मीनार कि छोटी से गिरताहै । क्या रूप से गिरते उसकी घड़ी यथार्थ समय बताती है ? |
| Answer» (iii) हाँ , विरामघड़ी की सुई की गति यह प्रदर्शित करती है , की समय स्प्रिंग की क्रिया पर निर्भर करता है , गुरुत्व त्वरण पर निर्भर नहीं । | |
| 48. |
कम अवमंदन के अनुनाद में - (i ) बाह्य आवर्ती बल तथा वस्तु के विस्थापन, (ii ) बाह्य आवर्ती बल तथा वस्तु के वेग के बीचकितना कलान्तर होता है ? |
| Answer» (i) ` pi//2,` (ii) शून्य | ] | |
| 49. |
नीचे दिए गये प्रश्नो के उत्तर दीजिये - (1) गुरुत्व बल के अंतर्गत मुक्त रूप से गिरते किसी केबिन में लगे सरल लोलक के दोलन कि आवृत्ति क्या होती है ? |
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Answer» (iv) स्वतंत्र रूप से गिरने पर प्रभावी g=0 अर्थात गुरुत्व शून्य है ( भारहीनता )। ` :. ` आवर्तकाल , `T = 2pi sqrt(l/g)= 2pi sqrt(l/0)= oo` ` :. ` आवृत्ति ,` v = 1/T = 0 ` अतः दोलनों की आवृत्ति शून्य है । |
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| 50. |
नीचे दिए गये प्रश्नो के उत्तर दीजिये - (i ) किसी कण कि सरल आवर्त गति के आवर्तकाल का मान उस कण के द्रव्यमान तथा बल - स्टोइरांक पर निर्भर करता है ` T=2 pi sqrt (m/k)` कोई सरल लोलक सन्निकट सरल आवर्त गति करता है , तब फिर किसी लोलक का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर क्यों नहीं करता ? |
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Answer» (i) सरल लोलक में k , द्रव्यमान m के अनुक्रमनुपाती होता है । अतः `m/k` नियतांक है तथा यह नियतांक आवर्तकाल को प्रभावित नहीं करता है । |
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