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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1801.

Which states receive rainfall from the winds blowing from Bay of Bengal?

Answer»

Assam, Meghalaya, West Bengal, etc.

1802.

Which states receive rainfall from the retreating winds?

Answer»

Punjab, Himachal Pradesh and Uttarakhand

1803.

The winds blowing from ………….. bring rainfall to East India.(A) Arabian Sea(B) Bay of Bengal(C) Indian Ocean(D) All of these

Answer»

(B) Bay of Bengal

1804.

Which one of the following glands is often referred in relation with AIDS ? (a) Thymus (b) Adrenal (c) Thyroid (d) Pancreas

Answer»

Correct answer is (a) Thymus

1805.

Rose is a flower pollinated by insect while in paddy pollination is by wind. Give any three adaptations existing in these plants to facilitate their respective mode of pollination.

Answer»

Pollination in Rose

1. Flowers are large and colourful

2. They are fragrant and rich in nectar

3. Pollen grain are sticky

Pollination in Paddv

1. Pollen grains are light weight and nonsticky.

2. They possess well-exposed stamens

3. They possess feathery stigma.

1806.

What type of clothes do people of desert region wear? Why?

Answer»

Loose clothes; in order to protect themselves from heat and blow off the dust. Also, they wear a turban to protect their head and hair from dust.

1807.

Which of these states experiences heavy rainfall?(A) Rajasthan(B) Gujarat(C) Madhya Pradesh(D) Meghalaya

Answer»

(D) Meghalaya

1808.

Night-blooming flowers are while and having intense fragrance why?

Answer»

The smell and color of flowers is to attract insects.

1809.

The region of ……… India is peninsula.(A) East(B) West(C) North(D) South

Answer»

Correct option is (D) South

1810.

Major part of …….. is a desert.(A) Gujarat(B) Maharashtra(C) Punjab(D) Rajasthan

Answer»

(D) Rajasthan

1811.

It rains heavily / scarcely in Meghalaya.

Answer»

The correct answer is heavy. Throughout India, Meghalaya is the state that has maximum rainfall in the year. Earlier, Cherapunjee in Meghalayaused to get maximum rainfall in the country and now it is Mawsynram in the same state. The place is one of the wettest places in the world and receives an annual average rainfall of 11,000 mm.

1812.

Gold mines are found in Karnataka Gujarat state.

Answer»

Gold mines are found in Karnataka state.

Explanation:

  • Gold mines are not found in Gujarat however they are found in Karnataka. Kolar Gold mines in Karnataka is popular for gold recuperation.
  • It has numerous different mines as well. Hutti is somewhere else.
  • It is in Raichur’s locale.
  • Aside from Karnataka gold is likewise found in Andhra Pradesh and Jharkhand and exceptionally little amounts are found in Chhattisgarh, Himachal Pradesh, and Madhya Pradesh.
1813.

WhIch part of India is near the Equator?(A) Eastern(B) Western(C) Northern(D) Southern

Answer»

Correct option is (D) Southern

1814.

The Narmada Project /the Nagarjuna Project is on River Krishna.

Answer»

The Nagarjunasagar project and not the Narmada project is in the Krishna river. With the Srisailam project receiving good inflows from upstream leading to sufficient water reserves, the Krishna River Management Board (KRMB)has ordered release of 52 tmcft of water to Nagarjuna Sagar project from Srisailam to meet the water requirements of both Telangana and Andhra Pradesh.

1815.

How is the climate of sea-shores in India?

Answer»

Moderate – neither too hot nor too cold.

1816.

Which of these is a salt water lake?(A) Dal(B) Sambhar(C) Wular(D) Kolleru

Answer»

Correct option is (B) Sambhar

1817.

Which of these river meets the Arabian Sea?(A) Tapi(B) Godavari(C) Kaveri(D) All of these

Answer»

Correct option is (A) Tapi

1818.

River Kosi flows through ……… .(A) Kashmir(B) Haryana(C) Andhra Pradesh(D) Bihar

Answer»

Correct option is (D) Bihar

1819.

River …….. has made a triangular fertile plain near her mouth(A) Sindhu(B) Ganga(C) Yamuna(D) Bharamaputra

Answer»

Correct option is (B) Ganga

1820.

The Nizam Sagar Lake has been formed over river …….. .(A) Padma(B) Chambal(C) Manjra(D) Kosi

Answer»

Correct option is (C) Manjra

1821.

Define: Forest.

Answer»

A large area covered chiefly with many trees and undergrowth is known as forest.

1822.

Which trees grow in the Sundarban?

Answer»

Mangroves, palm, kewra, sundari, cher, etc.

1823.

Which is the world’s biggest bird sanctuary?

Answer»

Keoladev National Bird Sanctuary in Rajasthan.

1824.

Sundarban is the most famous forest in the delta of ……… .(A) Ganga(B) Brahmaputra(C) Sindhu(D) Satluj

Answer»

Correct option is (A) Ganga

1825.

…….. is the world’s biggest bird sanctuary.(A) Keoladev(B) Nal Sarovar(C) Velavadar(D) Gir

Answer»

(A) Keoladev

1826.

The Dachigam Sanctuary Is famous for ……….. .(A) Blackbuck(B) Stag(C) Blue bull(D) Musk deer

Answer»

(D) Musk deer

1827.

In a dihybrid cross carried out by T H. Morgan tn Drosophila the F2 ratio deviated from that of Mendel's dihybrid F2 ratio. Give a reason.

Answer»

Genes were linked / genes on the same chromosome and closely associated.

Detailed Answer : 

The F2 ratio deviated from that of Mendel's dihybrid F2 ratio (9 : 3 : 3 : 1) in an experiment performed by Morgan on Drosophila because of Linkage. The genes were linked if they were located on the same chromosome and closely associated, therefore, they failed to segregate at the time of gamete formation resulting in greater number of parental combinations and lesser number of new recombinations in F2 generation thereby deviating from the normal dihybrid Mendelian ratio.

1828.

जलयोजन प्रक्रिया निम्नलिखित पदार्थों में से किसे प्रभावित करती है?(क) ग्रेनाइट(ख) क्वार्ट्ज(ग) चीका (क्ले) मिट्टी(घ) लवण

Answer»

सही विकल्प है  (घ) लवण

1829.

मलवा अवधाव को किस श्रेणी में सम्मिलित किया जा सकता है?(क) भू-स्ख लन(ख) तीव्र प्रवाही बृहत् संचालन(ग) मन्द प्रवाही बृहत् संचलन(घ) अवतल/धसकन

Answer»

सही विकल्प है  (क) भू-स्खलन

1830.

क्या भौतिक एवं रासायनिक अपक्षय प्रक्रियाएँ एक-दूसरे से स्वतन्त्र हैं? यदि नहीं तो क्यों? सोदाहरण व्याख्या कीजिए।

Answer»

भौतिक एवं रासायनिक अपक्षय प्रक्रियाएँ एक-दूसरे से स्वतन्त्र नहीं हैं। अपक्षय के अन्तर्गत वायुमण्डलीय तत्त्वों के प्रति धरातल के पदार्थों की प्रतिक्रिया सम्मिलित होती है। वास्तव में अपक्षय के अन्दर अनेक प्रक्रियाएँ हैं जो पृथक् या सामूहिक रूप से धरातल के पदार्थों को विखण्डित करने के लिए प्रयत्नशील रहती हैं।

अपक्षय प्रक्रिया का एक वर्ग रासायनिक क्रियाओं; जैसे-जलयोजन, ऑक्सीकरण, कार्बोनेट विलयन, मृदा जल और अन्य अम्ल द्वारा विघटन के लिए कार्यरत रहता है। इसमें ऊष्मा के साथ जल और वायु की विद्यमानता सभी रासायनिक प्रक्रियाओं को तीव्र गति देने के लिए आवश्यक है।

अपक्षय प्रक्रिया का दूसरा वर्ग जिसे भौतिक अपक्षय कहा जाता है. अनुप्रयुक्त बलों पर आश्रित होता है जिसमें तापक्रम, दबाव आदि से चट्टानों में संकुचन एवं विस्तारण के कारण चट्टानों की सन्धियाँ कमजोर होकर विदीर्ण होने लगती हैं।

वास्तव में, भौतिक और रासायनिक अपक्षय प्रक्रियाएँ दोनों भिन्न-भिन्न हैं, फिर भी ये दोनों प्रक्रियाएँ एक-दूसरे से प्रभावित होने के कारण स्वतन्त्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, तापमान जिसे भौतिक अपक्षय का महत्त्वपूर्ण कारक कहा जाता है जब तक सक्रिय नहीं होता तब तक वह चट्टानों की रासायनिक संरचना के साथ अभिक्रिया नहीं करेगा। इसी प्रकार जल किसी चट्टान से तब तक कोई अभिक्रिया नहीं करेगा जब तक उसे ताप या दाब के कारण ऊष्मा प्राप्त नहीं होगी। अत: भौतिक एवं रासायनिक अपक्षय एक-दूसरे से अलग-अलग होते हुए भी स्वतन्त्र नहीं हैं बल्कि वायुमण्डलीय ऊष्मा के कारण नियन्त्रित हैं।

1831.

क्या मृदा-निर्माण में अपक्षय एक आवश्यक अनिवार्यता है?

Answer»

मृदा-निर्माण में अपक्षय एक आवश्यक अनिवार्यता है। अपक्षय जलवायु, चट्टान की संरचना तथा जैविक तत्त्वों पर निर्भर होता है। कालान्तर में ये सभी कारक मिलकर अपक्षयी प्रावार की मूल विशेषताओं को उत्पन्न करते हैं और मृदा-निर्माण के मूल आधार बनते हैं। इसलिए अपक्षय मृदा-निर्माण में आवश्यक अनिवार्यता है।

1832.

आप किस प्रकार मृदा-निर्माण प्रक्रियाओं तथा मृदा कारकों के बीच अन्तर ज्ञात करते हैं? जलवायु एवं जैविक क्रियाओं की मृदा-निर्माण में दो महत्त्वपूर्ण कारकों के रूप में क्या भूमिका है?

Answer»

किसी प्रदेश में मिट्टियों का निर्माण मृदा-निर्माण कारकों और मृदा-निर्माण प्रक्रिया का परिणाम होता है। मृदा-निर्माण कारकों के अन्तर्गत जलवायु, स्थलाकृति, उच्चावच (मूल पदार्थ) जैविक प्रक्रियाओं और काल अवधि को सम्मिलित किया जाता है, जबकि मृदा-निर्माण प्रक्रिया में मृदा-संवृद्धि, मृदा क्षति, पदार्थों का विस्थापन एवं पदार्थों का रूपान्तरण सम्मिलित है।

अत: मृदाजनित कारक जब निश्चित अवधि तक मृदा संवृद्धि मृदा क्षति तथा पदार्थों के विस्थापन और रूपान्तरण की प्रक्रियाओं में क्रियाशील होते हैं तभी मृदा का निर्माण होता है। अतः मृदा कारक एवं प्रक्रिया दोनों ही मृदा के निर्माण के अलग-अलग पक्ष होते हुए भी समन्वित रूप से कार्य करते हैं तभी किसी प्रदेश की मृदा का निर्माण कार्य सम्पन्न होता है।

जलवायु एवं जैविक कारकों की बूंदा-निर्माण में भूमिका

जलवायु मृदा-निर्माण का सक्रिय कारक है। इसके अन्तर्गत वर्षण, वाष्पीकरण, आर्द्रता और तापक्रम तथा मौसम की दैनिक भिन्नता की प्रमुख भूमिका होती है। वर्षा से मृदा को आर्द्रता मिलती है जिससे रासायनिक और जैविक क्रिया होती है। इन क्रियाओं को तापक्रम के माध्यम से गति प्राप्त होती है। वर्षा के कारण मृदा में अपक्षालन (Leaching) तथा केशिका क्रिया (Capillary Action) होती है जो तापमान की दरों से प्रभावित होती है। अतः जलवायु मृदा-निर्माण का सक्रिय कारक है तथा मृदा प्रक्रिया को संचालित करने में विशेष योगदान देती है।

जैविक प्रक्रियाएँ या कारक मृदा में नमी धारण करने की क्षमता तथा नाइट्रोजन उत्पत्ति में सहायक होती हैं। मृत पौधे या जैविक अवशेषों से मृदा को ह्युमस प्राप्त होता है। मृदा में ह्यूमस की उपलब्धता एवं अल्पता भी तापमान द्वारा नियन्त्रित होती है। इसी कारण उष्ण प्रदेशों में ह्यूमस की उपलब्धता शीत प्रदेशों की अपेक्षा कम होती है।

अतएव मृदा-निर्माण में जलवायु एवं जैविक प्रक्रिया दो महत्त्वपूर्ण कारक हैं। इन दोनों कारकों के अभाव में अन्य मृदाजनित कारक निष्क्रिय ही रहते हैं। वास्तव में यही वे कारक हैं जो मृदा-निर्माण प्रक्रिया को संचालित करते हैं। इसलिए किसी प्रदेश में मृदा-निर्माण जलवायु और जैविक क्रियाओं पर निर्भर होता हैं।

1833.

अपरदन में कौन-कौन-सी क्रियाएँ सम्मिलित हैं?

Answer»

अपरदन में चट्टानों का अपघर्षण, सन्निघर्षण जलगति क्रिया, घोलीकरण, अपवहन तथा परिवहन आदि क्रियाएँ सम्मिलित हैं।

1834.

अपक्षय का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।

Answer»

अपक्षय का महत्त्व निम्नलिखित है

⦁    अपक्षय की क्रिया द्वारा उपजाऊ मिट्टी का निर्माण होता है। विखण्डित एवं अपरदित शैलों के कण एकत्रित होकर उपजाऊ भूमि में बदल जाते हैं जो कृषि के लिए उपयुक्त है।
⦁    अपक्षय की क्रिया से गन्धक, चूना, जिप्सम आदि उपयोगी खनिज पदार्थ सुगमता से प्राप्त हो जाते
⦁    अपक्षय की क्रिया शैलों को चट्टानी चूर्ण में बदल देती है। इस बारीक शैल-चूर्ण को नदियाँ, हिमनद तथा पवन बहाकर एवं उड़ाकर अन्यत्र ले जाती हैं तथा उन्हें दूसरे स्थान पर जमा कर समतल मैदानों का निर्माण करती हैं जो कृषि-कार्य के लिए उपयोगी होते हैं।
⦁    पर्वतीय क्षेत्रों में ऋतु-अपक्षय के कारण विशाल शिलाखण्ड टूटते-फूटते रहते हैं, जिनसे नदियों की घाटियाँ अवरुद्ध हो जाती हैं और झीले बन जाती हैं।
⦁    अपक्षय की क्रिया द्वारा भूमि का अपक्षरण सरल हो जाता है।
⦁    शैलों को अपक्षय एवं निक्षेपण राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए अति महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि मूल्यवान खनिजों; जैसे-लोहा, मैंगनीज, ऐलुमिनियम, ताँबा के अयस्कों के समृद्धीकरण एवं सकेन्द्रण में यह सहायक होता है।

1835.

मृदा-निर्माण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के नाम लिखिए।

Answer»

मृदा-निर्माण प्रक्रिया अग्रलिखित चरणों में सम्पन्न होती है

⦁    पदार्थों का स्थानान्तरण,
⦁    लवणीकरण,
⦁    पदार्थों का कार्बनिक परिवर्तन,
⦁    पोडजोलाइजेशन,
⦁    लैटेराइजेशन।

1836.

अपक्षालन क्या है?

Answer»

मृदा परिच्छेदिका में ऊपरी सतह से पदार्थों का नीचे की सतह की ओर परिगमन अपक्षालन कहलाता है।

1837.

पृथ्वी के अन्तर्जात या आन्तरिक बल किस प्रकार स्थलरूपों के विकास में सहायक हैं। वर्णन कीजिए।

Answer»

अन्तर्जात बल पृथ्वी के अन्तरतम में दो प्रकार की गतियों को जन्म देते हैं-(1) क्षैतिज गति एवं (2) लम्बवत् या ऊध्र्वाधर गति। इन दोनों गतियों के परणिामस्वरूप आन्तरिक भागों में उत्पंन्न होने वाले परिवर्तनों की प्रतिक्रिया धरातल के बाह्य भाग पर भी होती है। धरातल के बाह्य भागों में पर्वत, पठार, मैदान तथा भ्रंशन आदि स्थलाकृतियाँ बनती व बिगड़ती रहती हैं। पृथ्वी के आन्तरिक भागों में मुख्यतः आकस्मिक गतियाँ और पटल विरूपणी प्रक्रिया स्थलरूपों के विकास में सहायक हैं।

 इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है

1. आकस्मिक गतियाँ-इस गति के परिणामस्वरूप पृथ्वी के आन्तरिक भागों में अचानक हलचल प्रारम्भ हो जाती है। ये गतियाँ मानव के लिए अत्यन्त विनाशकारी होती हैं क्योंकि इनसे ज्वालामुखी उद्गार और भूकम्प की उत्पत्ति होती है। ज्वालामुखी द्वारा आन्तरिक भाग में बैथोलिथ, फैकोलिथ, लैपोलिथ, डाइक आदि तथा बाह्य भाग में विभिन्न प्रकार के ज्वालामुखी शंकु और लावा पठारों को निर्माण होता है। भूकम्प द्वारा विभिन्न प्रकार की दरार और भ्रंशों का विकास होता है।

2. पटल विरूपण गतियाँ-पृथ्वी के आन्तरिक भाग में लम्बवत् या क्षैतिज दोनों प्रकार की गतियाँ सक्रिय रहती हैं। ये गतियाँ मंद गति से अपना कार्य सम्पन्न करती हैं। इनके द्वारा महाद्वीप एवं पर्वतों का निर्माण विभिन्न प्रकार की भूसंचलन प्रक्रियाएँ सम्पन्न होती हैं।

1838.

क्या शैलों के अपक्षय के बिना पर्याप्त अपरदन सम्भव हो सकता है?

Answer»

अपरदन द्वारा उच्चावचे का निम्नीकरण होता है, अर्थात् भूदृश्य विघर्षित होता है। इसका तात्पर्य यह है कि अपक्षय अपरदन में सहायक होता है, लेकिन अपक्षय अपरदन के लिए अनिवार्य दशा नहीं है।

1839.

मृदा परिच्छेदिका (Profile) का अर्थ बताइए तथा मृदा परिच्छेदिका परतों को स्पष्ट कीजिए।

Answer»

प्रत्येक प्रकार की मिट्टी में विकसित संस्तर उसकी परिच्छेदिका कहलाता है। मृदा परिच्छेदिका में निम्नलिखित चार परतें स्पष्ट रूप से प्रकट होती हैं|

⦁    ऊपरी मृदा या A संस्तर-यह मृदा की सबसे ऊपरी परत होती है जिसमें महीन कण, रासायनिक और जैविक पदार्थ, ह्यूमस आदि पाए जाते हैं।
⦁    उपमृदा या B संस्तर-यह मृदा परिच्छेदिका की दूसरी परत है, इसमें अपक्षयित पदार्थ बालू, गाद तथा चिकनी मिट्टी आदि के पदार्थ होते हैं। यहाँ जल रिसाव के कारण आर्द्रता बनी रहती है।
⦁    अपक्षयित चट्टान या c संस्तर-मृदा परिच्छेदिका के इस भाग में चट्टान के अपक्षयित पदार्थ पाए जाते हैं, जिनका अपक्षरण पूरी तरह से नहीं होता है।
⦁    आधारी चट्टान या D संस्तर-यह परिच्छेदिका का आधार होता है जिसमें मूल चट्टानी पदार्थ अपक्षयित नहीं होता है।

1840.

क्या मृदा-निर्माण कारक संयुक्त रूप से कार्यरत रहते हैं? विवेचना कीजिए।या मृदा-निर्माण के कारक बताइए तथा इनके संयुक्त प्रभाव का वर्णन कीजिए।

Answer»

मृदा-निर्माण के कारक
मृदा धरातल पर प्राकृतिक तत्त्वों का समुच्चय है जिसमें जीवित पदार्थ तथा पौधों का पोषित करने की क्षमता होती है। इसके निर्माण में निम्नलिखित पाँच मूल कारकों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है(1) जलवायु, (2) मूल पदार्थ (शैल/चट्टान), (3) स्थलाकृति, (4) जैविक क्रियाएँ एवं (5) कालावधि।

वास्तव में मृदा-निर्माण में प्रयुक्त कारक एकाकी रूप से सक्रिय नहीं होते हैं, बल्कि ये कारक संयुक्त रूप से कार्यरत रहते हैं एवं एक-दूसरे के कार्य को प्रभावित करते हैं। इनका संक्षिप्त विवरण अधोलिखित है

1. जलवायु-मृदा-निर्माण में जलवायु सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण सक्रिय कारक हैं। मृदा के निर्माण एवं विकास में जलवायु के निम्नलिखित कारक प्रमुख रूप से योगदान देते हैं-
⦁    प्रवणता, वर्षा एवं वाष्पीकरण की बारम्बारता,
⦁    आर्द्रता अवधि,
⦁    तापक्रम में मौसमी एवं दैनिक भिन्नता।
2. मूल पदार्थ अथवा चट्टान-मृदा-निर्माण में चट्टान अथवा मूल पदार्थ निष्क्रिय किन्तु महत्त्वपूर्ण नियन्त्रक कारक है। मृदा-निर्माण गठन, संरचना शैल निक्षेप के खनिज एवं रासायनिक संयोजन पर निर्भर होते हैं।
3. स्थलाकृति या उच्चावच-स्थलाकृति या उच्चावच भी मृदा-निर्माण का निष्क्रिय कारक है। इस कारक में मृदा-निर्माण और विकास पर ढाल का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। तीव्र ढालों पर मृदा | छिछली तथा सपाट, उच्च क्षेत्रों में गहरी या मोटी होती है। निम्न ढालों पर जहाँ अपरदन मन्द तथा जल का परिश्रवण अच्छा रहता है, वहाँ मृदा-निर्माण बहुत अनुकूल होता है।
4. जैविक क्रियाएँ-जैविक क्रियाएँ मृदा के विकास में महत्त्वपूर्ण होती हैं। वनस्पति आवरण एवं जीव के मूल पदार्थों में विद्यमान रहने पर ही मिट्टी में नमी धारण क्षमता तथा नाइट्रोजन एवं जैविक अम्ल मृदा को उर्वरकता प्रदान करते हैं। जलवायु इन सभी तत्त्वों को नियन्त्रित करती है। इसी से जैविक तत्त्व सक्रिय होकर मूल पदार्थों में विनियोजित होते हैं।
5. कालावधि-मृदा-निर्माण प्रक्रिया उपर्युक्त कारकों के संयोग से लम्बी अवधि में सम्पन्न होती है। कालावधि जितनी लम्बी होती है मृदा उतनी ही परिपक्वता ग्रहण करती है और मृदा की पाश्विका (Profile) का विकास होता है। कम समय में निक्षेपित मूल पदार्थ में मृदा-निर्माण में कार्यरत कारक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते: अत: मृदा तरुण या युवा होती है। इसमें संस्तर का अभाव होता है। अत: मृदा-निर्माण एवं विकास हेतु पर्याप्त कालावधि एवं अनिवार्य व आवश्यक कारक है।

1841.

अपरदन या कटाव से आप क्या समझते हैं? अपरदन की क्रियाएँ एवं उनके रूपों का वर्णन कीजिए।

Answer»

अपरदन अपक्षय के विभिन्न कारकों द्वारा पृथ्वीतल की बहुत-सी अवसाद टूट-फूटकर एकत्रित हो जाती है तो यही मलबा या अवसाद जल, हिमानी, वायु आदि द्वारा अपरदित होकर एक स्थान से दूसरे स्थान को ले जाया जाता है। इस मलबे के स्थानान्तरण से अपरदन में और भी वृद्धि होती है; जैसे–नदियाँ अथवा हिमानियाँ अपने साथ लाये हुए बड़े-बड़े शिलाखण्डों के मार्ग में धरातल से रगड़ खाकर चलती हैं। जिससे धरातल तथा शिलाखण्डों का चूर्ण होता रहता है। इस प्रकार भौतिक कारकों के द्वारा भूतल की चट्टानों का विखण्डन होता है। इस विखण्डित पदार्थ को कुछ सीमा तक इन कारकों द्वारा अन्यत्र ले जाया जाता है और उसे किसी स्थान पर जमा कर दिया जाता है।

अपरदन की क्रियाएँ
अपरदन को प्रतिक्रियाओं के आधार पर निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित किया गया है

⦁    अपक्षय द्वारा एकत्रित मलबे को गतिशील शक्तियों द्वारा नियन्त्रित करना।
⦁    गतिशील शक्तियों का एकत्रित मलबे को बहाकर अथवा उड़ाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना।
⦁    इस असंगठित एकत्रित मलबे का गतिशील शक्तियाँ कुछ दूरी तक परिवहन करती हैं तो अपघर्षण द्वारा और भी अधिक अपरदन होता है।

पुरिवहन की क्रिया निम्नलिखित तीन क्रमों में सम्पन्न होती है
⦁    घोलकर-धरातल पर एकत्रित चट्टानों की अवसाद को अपरदन के साधन, जैसे जल अपने में घोलकर परिवहन करता है।
⦁    तैराकर-बाढ़ का जल अथवा नदियाँ धरातल के बारीक कणों को तैराते हुए ले जाती हैं जो परिवहन में सम्मिलित हैं।
⦁    उड़ाकर-वायु अपने तीव्र वेग के साथ धूल-कणों को मार्ग में धरातल पर घसीटते हुए उड़ा ले जाती है। इससे अपरदन तथा परिवहन दोनों ही स्वतन्त्र रूप में अपनी क्रिया करते हैं।

अपरदन के प्रकार
अपरदन के विभिन्न रूप अपरदन की भिन्न-भिन्न क्रियाओं में सम्पन्न होते हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है

1. अपघर्षण (Abrasion or Corrasion)-अपरदन क्रिया में अपघर्षण महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। धरातल पर एकत्रित अवसाद को जब अपरदन के कारक-वायु, नदियाँ, हिमानी, समुद्री लहरें आदि-उड़ाकर या बहाकर ले जाते हैं तो मार्ग में बड़े-बड़े शिलाखण्ड धरातल को स्वयं खुरचते चलते हैं। इस प्रकार ये कंकड़-पत्थर धरातल पर अपरदन के यन्त्रों का कार्य करते हैं। इससे अपरदन क्रिया को बल मिलता है।
2. सन्निघर्षण (Attrition)-सन्निघर्षण की क्रिया प्रमुख रूप से नदी, हिमानी, वायु तथा समुद्री लहरों द्वारा होती है। इस क्रिया में धरातल के असंगठित पदार्थ जो अपरदन के कारकों द्वारा बहाकर या उड़ाकर ले जाए जाते हैं, वे आपस में भी टकराकर चलते हैं जिससे उनका आकार और भी छोटा होता जाता है। बाद में ये चूर्ण अर्थात् रेत में परिणत होकर मिट्टी में मिल जाते हैं।
3. घोलीकरण (Solution)-यह जल द्वारा की जाने वाली रासायनिक क्रिया है। वर्षा के जल में कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस मिली होने के कारण जल घोलन के रूप में कार्य करता है। यह जल चट्टानों में मिले हुए खनिज पदार्थों को घोलकर अपने साथ मिला लेता है तथा अन्यत्र बहा ले जाता
4. जलगति क्रिया (Hydraulic Action)-यह एक यान्त्रिक क्रिया है। इसमें बहता हुआ जल अपने वेग तथा दबाव के कारण मार्ग में स्थित चट्टानी-कणों को अपने साथ बहाकर ले जाता है।
5. अपवाहन (Deflation)-अपवाहन में वायु मुख्य कारक होती है जो भौतिक अपक्षय से विखण्डित पदार्थों को उड़ाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है। यह क्रिया शुष्क मरुस्थलीय भागों में अधिक होती है।
6. निक्षेपण (Deposition)-अपरदन के विभिन्न कारक परिवहन कार्य करने के बाद अपने साथ लाये गये मलबे को अपनी वाहन शक्ति के अनुसार जगह-जगह छोड़ते जाते हैं, जिसे निक्षेपण कहते हैं। निक्षेपण क्रिया से धरातल ऊँचा-नीचा हो जाता है। इस कार्य को बहता हुआ जल (नदी), भूमिगत जल, हिमानी, वायु तथा सागरीय लहरें सम्पन्न करती हैं। निक्षेपण की इस अवस्था में धरातल पर विभिन्न भू-आकृतियों का जन्म एवं विकास होता है।

1842.

पेड़-पौधों के सड़े-गले पदार्थ तथा जीवाणुओं के अवशेष क्या कहलाते हैं?(क) मृदा(ख) ह्यूमस(ग) अपरदन(घ) सन्निघर्षण

Answer»

सही विकल्प है  (ख) ह्यूमस

1843.

अपना भोजन स्वयं न बनाने वाले जीव क्या कहलाते हैं ?

Answer»

अपना भोजन स्वयं न बनानेवाले जीव परपोषी कहलाते हैं।

1844.

In what way have the floods affected the villages, agricultural fields and trees?

Answer»

Floods have become a major problem in our country in recent years. Some part of the country or the other is flooded every year during the rainy season.

1. This causes severe damage to people, crops and livestock. 

2. Floods affect the poorest most. It is therefore the responsibility of the government to build safe housing for all people. 

3. Usually immediately after the floodwaters recede, all sources of water are polluted and become unsafe for drinking. But people especially the poor are forced to use the polluted water and face the risk of several diseases like cholera, dysentery, jaundice, etc. 

4. Only those with resources are able to arrange for safe bottled water to drink. Since roads are damaged and it rains heavily, bringing in relief to the worst affected areas is not easy. Here people are forced to rely on their own resources to save themselves. 

5. While the immediate damage of the floods is also heavy – like loss of lives, Crops, houses, etc. But more importantly, they also cause long term damages. 

6. For example, the life savings of most of the poor stored in the houses in the form of food, tools, cattle, small shops, vehicles, boats, nets, etc., are destroyed. 

7. To go back to their work they need to buy all these again. Many families also lose their working members. 

8. Daily wage workers face loss*of work for several weeks till normally returns and therefore loss of livelihood. Farmers too not only face loss of crops but also permanent damage to their lands.

1845.

How are floods beneficial to agricultural fields?

Answer»

Flood water carries nutrients and sediments, which are deposited on flood plains, enriching the soil. Rice, paddies are flooded deliberately to take advantage of this natural fertilization process. Floods recharge water sources also.

Question :-

how are floods beneficial to Agricultural fields?

Solution :-


Whenever a river overflows its banks, it dumps sand, silt and debris that it has carried downstream onto the surrounding land. Aer the flood waters move away, the soil is more fertile, because of the organic matter and minerals in this material.
1846.

If the surface of the land is covered with vegetation, A) then soil erosion is greatly reduced. B) soil erosion cannot be reduced. C) may cause harm to the environment. D) all the above

Answer»

(A) then soil erosion is greatly reduced.

1847.

The reason behind the floods A) a sudden inflow of water into the river B) a slow inflow of water into the river C) a late & slow inflow of water into the river D) all the above

Answer»

(A) a sudden inflow of water into the river

1848.

The slowing down river water helps the rainwater A) to change the route to agricultural fields. B) to percolate into the soil. C) to control floods. D) all the above

Answer»

(B) to percolate into the soil.

1849.

Read the following map and answer.1. Which river flows through Andhra Pradesh? A) Cauvery B) MahanadiC) Narmada D) Krishna2. In which state does the Mahanadi river flow? A) Kerala B) Tamilnadu C) Karnataka D) Odisa

Answer»

1. B) Mahanadi

2. D) Odisa

1850.

Read the table and answer the following questions.Sl. No.Name of the RiverOriginName of Tributary1GodavariNashikManjeera2KrishnaMahabaleswarTungabadra3KaveriBrahmagiriHemavathi4PennaNandi DurgaPapagni5GangesGangothriYamunaa) The Tungabadra river is a tributary of which river system?b) Among the above river systems, which one belongs to North India?c) Which river originates from the Himalayas?d) Which river is called the Southern Ganga?

Answer»

a) Krishna River system.

b) The Ganges.

c) The Ganges.

d) The Godavari river is called as Southern Ganga.