InterviewSolution
Saved Bookmarks
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 51. |
किसी भारी दरवाजे को खोलने के लिये बल दरबाजे के लम्बवत् क्यों लगाते हैं? |
|
Answer» इस स्थिति में बल के कारण अधिकतम बल आघूर्ण उत्पन्न होगा `(tau=rFsin90^(@)=rF=tau_(max))` |
|
| 52. |
M द्रव्यमान तथा L लम्बाई की पतली की अपनी लम्बाई के लम्बवत् इसके- द्रव्यमान केन्द्र, |
|
Answer» छड़ की लम्बाई के लम्बवत् द्रव्यमान केन्द्र से गुजरने वाली अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण I = `(ML^(2))/12=Mk^(2)` अत: घूर्णन त्रिज्या k = `sqrt((L^(2))/12)=L/(2sqrt3)` |
|
| 53. |
एक छड़ का आधा भाग लकड़ी तथा आधा भाग स्टील का है। छड़ के स्टील वाले सिरे पर कील लगाकर लकड़ी वाले सिरे पर लम्बाई के लम्बवत् F बल लगाया है ।क्या दोनों स्थितियों में कोणीय त्वरण समान होंगे? |
| Answer» दोनों स्थितियों में `tau= Fxx` छड़ की लम्बाई, अर्थात् समान है। स्टील वाले भाग का द्रव्यमान लकड़ी वाले भाग से अधिक है अत: स्थिति (A) में जड़त्व आघूर्ण अधिक है, अर्थात् `I_(A)gtI_(B) tau= Ialpha` से `alpha = tau/I` अत: स्थिति (A) में कोणीय त्वरण कम है। | |
| 54. |
HCI अणु में दो परमाणुओं के नाभिकों के बीच पृथकन लगभग `1.27A (1A =10"m) है। इस अणु के द्रव्यमान केन्द्र की लगभग अवस्थिति ज्ञात कीजिए। यह ज्ञात है कि क्लोरीन का परमाणु हाइड्रोजन के परमाणु की तुलना में 35.5 गुना भारी होता है तथा किसी परमाणु का समस्त द्रव्यमान उसके नाभिक पर केन्द्रित होता है। |
|
Answer» दिया है ततः के नाभिक के बिच की दुरी `=1.27Å=1.27xx10^(-10)m` हाइड्रोजन के अनु का द्रव्यमान =m क्लोरीन के अणु का द्रव्यमान =35.5m माना हाइड्रोजन अणु का मूल बिंदु पर स्थित है अर्थार्त इसका स्थिति सदिश `r_(1)=0` द्रव्यमान केंद्र का स्थिति सदिश `r_(CM)=(m_1r_1+m_2r_2)/(m_1+m_2)` `=(mxx 0+35.5mxx1.27xx10^(-10))/(m+35.5m)` `=(35.5xx1.27xx10^(-10))/(36.5)` `=1.235xx10^(-10)m=1.24Å` |
|
| 55. |
एक पिण्ड, जो विरामावस्था में है, का जड़त्व आघूर्ण 3 किग्रा-`"मीटर"^(2)` है। इसे 6 न्यूटन-मीटर बल आघूर्ण घुमाया जाता है। ज्ञात कीजिये- बल आघूर्ण द्वारा कृत कार्य। |
|
Answer» बल आघूर्ण द्वारा कृत कार्य `W=tautheta=6xx400=2400` जूल वैकल्पिक : कार्य ऊर्जा प्रमेय से, `W=DeltaK=1/2Iomega^(2)-0=2400` जूल |
|
| 56. |
एक पिण्ड, जो विरामावस्था में है, का जड़त्व आघूर्ण 3 किग्रा-`"मीटर"^(2)` है। इसे 6 न्यूटन-मीटर बल आघूर्ण घुमाया जाता है। ज्ञात कीजिये- 20 सेकण्ड बाद पिण्ड का कोणीय वेग कोणीय संवेग तथा घूर्णन गतिज ऊर्जा, |
|
Answer» पिण्ड का कोणीय वेग `omega=omega_(0)+alphat=0+(2)(20)=40` रेडियन/सेकण्ड कोणीय संवेग` L = Iomega =1/2(3)(40)= 120` किग्रा-`("मीटर")^(2)`/सेकण्ड घूर्णन गतिज ऊर्जा `K_(rot)=1/2Iomega=1/2(3)(40)^(2)=2400` जूल |
|
| 57. |
एक पिण्ड, जो विरामावस्था में है, का जड़त्व आघूर्ण 3 किग्रा-`"मीटर"^(2)` है। इसे 6 न्यूटन-मीटर बल आघूर्ण घुमाया जाता है। ज्ञात कीजिये- पिण्ड का कोणीय विस्थापन,20 सेकण्ड बाद |
|
Answer» पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण I=3 किग्रा-`"मीटर"^(2)` कार्यरत बल आघूर्ण `tau`= 6 न्यूटन-मीटर यदि पिण्ड का कोणीय त्वरण `alpha` हो तो `tau = Ialpha` `thereforealpha=tau/I=6/3=2` रेडियन/`("सेकण्ड")^(2)` 20 सेकण्ड बाद पिण्ड का कोणीय विस्थापन `theta=omega_(0)t+1/2alphat^(2)` `=(0)(20)+1/2(2)(20)^(2)=400` रेडियन |
|
| 58. |
रिंग का त्वरण। (C) |
|
Answer» त्वरण `a = (gsintheta)/(1+I/(MR^(2)))=(gsin30^(@))/(1+1)=(gdot1/2)/2` `=g/4=10/4=2.5` मीटर/`("सेकण्ड")^(2)` |
|
| 59. |
नीचे पहुँचने पर रिंग का वेग तथा गतिज ऊर्जा। |
|
Answer» नीचे पहुँचने पर वेग `v=sqrt(((2gh)/(1+I/(MR^(2)))))` `=sqrt(((2xx10xx2.5)/(1+1)))=5` मीटर/सेकण्ड गतिज ऊर्जा K =`1/2Mv^(2)+1/2Iomega^(2)` `=1/2Mv^(2)+1/2MR^(2)omega^(2)=Mv^(2)` `=1dot(5)^(2)`=25 जूल |
|
| 60. |
क्षैतिज से `30^(@)` कोण पर झुके नत समतल की लम्बाई 20 मी है। तल की चोटी से 5 किग्रा द्रव्यमान का एक गोला विरामावस्था से लुढ़कना प्रारम्भ करता है। यदि घर्षण आदि के कारण गोले की गतिज ऊर्जा का 20 प्रतिशत भाग क्षय हो जाये तो तल के निम्नतम बिन्दु पर गोले के वेग की गणना कीजिये। |
|
Answer» यदि नत समतल की लम्बाई L, ऊँचाई तथा आनंत कोण `theta` हो, तो `h/L=sintheta` प्रश्नानुसार, L = 20 मीटर, `theta` =30° `thereforeh=20sin30^(2)=20xx1/2=10` मीटर नत समतल की चोटी से तली तक पहुँचने पर गोले की स्थितिज ऊर्जा में कमी = Mgh इस ऊर्जा का 20 प्रतिशत भाग क्षय हो जाता है। अत: शेष 80 प्रतिश्त भाग गोले की गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाता है। अंत: नत समतल की तली पर गोले की स्थितिज ऊर्जा `K=1/2Iomega^(2)+1/2Mv^(2)` `=1/2(2/5MR^(2))omega^(2)+1/2Mv^(2)` `=1/5Mv^(2)+1/2Mv^(2) (becausev=Romega)` अथवा `K=7/10Mv^(2)` ...(2) समीकरण (1) व (2) से `7/10Mv^(2)=(4Mgh)/5` `v^(2)=(4gh)/5xx10/7=(8gh)/7=(8xx9.8xx10)/7=112` v= 10.6 मीटर/सेकण्ड |
|
| 61. |
किसी घूर्णक (Rotator) की 200 rad/s की एकसमान कोणीय चाल बनाए रखने के लिए एक इंजन द्वारा 180 N- m का बल आघूर्ण प्रेक्षित करना आवश्यक होता है। इंजन के लिए आवश्यक शक्ति ज्ञात कीजिए। |
|
Answer» दिया है `omega=200rad//s` `tau=180N-m` इंजन के लिए आवश्यक शक्ति `(P)=tauomega` `=180xx200=36000W` =36kW |
|
| 62. |
एक वृत्ताकार छल्ला क्षैतिज से `30^@` झुके हुए तल पर चोटी से बिना खिसके लुढ़कता है, तल की ऊंचाई 2.5 मीटर है | नीचे पहुँचने में लगा समय (g = 10 मीटर/`("सेकण्ड")^(2)`)| |
|
Answer» माना नीचे पहुँचने में लगा समय t है। यदि तल की लम्बाई s हो तो (चित्र 11.66 की भाँति) `h/s=sintheta`, `s=h/(sintheta)=h/(sin30^(@))=2.5/(1/2)=5` मीटर `s=ut+1/2at^(2)=0+1/2at^(2)` `thereforet=sqrt((2s)/a)=sqrt((2xx5)/(2.5))=sqrt4=2` सेकेंड |
|
| 63. |
पेंचकस का हत्था चौड़ा क्यों बनाया जाता है? |
| Answer» पेंचकस को घुमाने के लिये बल आघूर्ण = F `xx` r जहाँ F बल तथा r हत्थे की त्रिज्या है। निश्चित बल आघूर्ण उत्पन्न करने के लिए हत्थे की त्रिज्या जितनी अधिक होगी इसे घुमाने में उतना ही कम बल लगाना पड़ेगा। | |
| 64. |
बड़ी डोरी की अपेक्षा छोटी डोरी के सिरे से पत्थर बांधकर घुमाना आसान होता है। क्यो? |
| Answer» `tau=Ialpha = ml^(2)alpha`, अत: डोरो को लम्बाई (l) अधिक होने पर अधिक बल आघूर्ण लगाना होगा। | |
| 65. |
क्या उसको एक तल पर लुढ़कने में दूसरे से अधिक समय लगेगा? |
| Answer» हां, कम आनत कोण वाले तल पर लुड़कने में अधिक समय होगा गया। | |
| 66. |
निम्न में किस स्थिति में छड़ को घुमाना कठिन है और क्यों? (छड़ की त्रिज्या नगण्य है) |
| Answer» स्थिति (a) I = 0, (b) `I=(ML^(2))/12`, (c ) `I=(ML^(2))/3` ,स्थिति (c ) मे छड़ को घुमाना सबसे कठिन है क्योंकि इसमें जड़त्व आघूर्ण सबसे अधिक है। | |
| 67. |
समान द्रव्यमान (M) व त्रिज्या (R) के लिये, ज्यामितीय अक्ष के परितः वलय का जड़त्व आघूर्ण चकती से अधिक होता है। क्यों ? |
| Answer» वलय का सम्पूर्ण द्रव्यमान अक्ष से R दूरो पर होता है जबकि चकती में यह द्रव्यमान O से R दूरी तक एकसमान रूप से वितरित् होता है। | |
| 68. |
दो गोले, जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान 1 किग्रा है, 2 मीटर लम्बी छड़ के दोनों सिरों से जुड़े हैं। छड़ का द्रव्यमान तथा गोलों का आकार नगण्य है। निकाय का छड़ की लम्बाई के लम्बवत्- द्रव्यमान केन्द्र |
|
Answer» जब छड़े का द्रव्यमान नगण्य है- `I_(C)=m(L/2)^(2)+m(L/2)^(2)` `=1(2/2)^(2)+1(2/2)^(2)` =1+1=2 किग्रा-`("मीटर")^(2)` |
|
| 69. |
वापस तली तक लौट आने में इसे कितना समय लगेगा? |
|
Answer» अवमादित त्वरण `a=(g sin theta)/((1+(K^(2))/(R^(2))))` `=(9.8)/(3)` मीटर/सेकण्ड`""^(2)` प्रारंभिक वेग (u)=0 गति की समीकरण से, `s=ut +1/2 at^(2)` `s=0, t+1/2at^(2)` समय `t=sqrt((2s)/(a))=sqrt((2xx((25xx3)/(2xx9.8)))/((9.8xx9.8)))` `=sqrt((25xx3xx3)/(9.8xx9.8))` `=(5xx3)/(9.8)=1.53` सेकण्ड ऊपर चढ़ने में लगा समय=निचे आने लगा समय `therefore` निचे आगे में लगा समय `T=2t=2xx1.53` =3.06 सेकण्ड |
|
| 70. |
M द्रव्यमान तथा R त्रिज्या के ठोस गोले का स्पर्श रेखा के परित: जड़त्व आघूर्ण है-A. `2/5MR^(2)`B. `7/5MR^(2)`C. `2/3MR^(2)`D. `5/3MR^(2)` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 71. |
एक पिण्ड पर 40 न्यूटन-मीटर का बल आघूर्ण आरोपित करने पर इसमें 10 रेडियन/`("सेकण्ड")^(2)` का कोणीय त्वरण उत्पन्न होता है। ज्ञात कीजिये- पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण, |
|
Answer» `tau=40` न्यूटन-मीटर, `alpha`= 10 रेडियन/`"सेकण्ड"^(2)` (A) `tau=Ialpha` से, `I=tau/alpha=40/10=4` किग्रा-`"मीटर"^(2)` (B) दो चक्कर घुमाने में, `theta=2xx2pi = 4pi` रेडियन `W =tautheta = 40 xx 4pi = 160pi` जूल (C ) t =3 सेकण्ड पर, पिण्ड का कोणीय वेग `omega=omega_(0)+alphat` `=0+10xx3=30` रेडियन/सेकण्ड `K_(R)=1/2Iomega^(2)=1/2(4)(30)^(2)=1800` जूल `P=tau.omega=40xx30=1200` वाट |
|
| 72. |
L लम्बाई की पतली छड़ की लम्बाई के लम्बवत् द्रव्यमान केन्द्र से गुजरने वाली अक्ष के परितः घूर्णन त्रिज्या है-A. `L/(sqrt2)`B. `L/(sqrt3)`C. `L/(sqrt(12))`D. `(L^(2))/(sqrt(12))` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 73. |
आपको एक कच्चा अण्डा (raw egg) तथा एक ठोस उबला अण्डा (hard boil egg) दिया जाता है। किसी मेज पर घुमाकर इन्हें कैसे पहचानेंगे? |
| Answer» कच्चे अण्डे में अन्दर तरल पदार्थ होता है। किसी मेज पर घुमाने पर कच्चा अण्डा तरल पदार्थ की श्यानता के कारण तुरन्त रुक जाता है। उबला अण्डा ठोस दृढ़ पिण्ड की भाँति होता है। अत: मेज पर घुमाने पर काफी समय बाद रुकता है। | |
| 74. |
विरामावस्था से प्रारंभ होकर एकसमान कोणीय वेग से घूमता हुआ एक पहिया अपने अक्ष के प्रति पहले सेकंड में 2.5 रेडियन घूम जाता है | अगले 1 s में वह कितना कोण घूमेगा ? |
|
Answer» `theta=omega_(0)t+(1)/(2) alpha t^(2)` से, `2.5" rad "=0+(1)/(2) alpha (1 s^(2))` या `" "alpha = 5" rad/s"^(2)`. पहले 2 s में पहिये द्वारा घुमा कोण `theta_(1)=omega_(0)t+(1)/(2)alpha t^(2)=0+(1)/(2)(5" rad/s"^(2))(4s^(2))=10` rad. अतः, दूसरे 1s में पहिये द्वारा घुमा कोण `=10" rad "-2.5" rad "=7.5" rad."` |
|
| 75. |
समान ऊँचाई के दो आनत तल क्षैतिज से `30^(@)" व "45^(@)` के कोण पर बने हैं। एक गोला यदि इनकी चोटी से बिना फिसले लुढ़के तो (i) नीचे पहुँचने पर किस स्थिति में वेग अधिक होगा? |
| Answer» v का मान h पर निर्भर है, `theta` पर नहीं, अत: वेग समान होगा | |
| 76. |
दो ठोस गोले, जिनमें एक लोहे का तथा दूसरा एलुमीनियम का है, एक साथ किसी आनत तल की चोटी से (बिना फिसले) लुढ़कना प्रारम्भ करते हैं। कौन-सा गोला नीचे पहले पहुँचेगा? |
| Answer» दोनों साथ-साथ पहुँचेंगे, `a =5/7 g sin theta` (दोनों के लिये)। | |
| 77. |
एक ठोस गोला किसी तल पर v वेग से बिना लुढ़के फिसल रहा है,जब गोला बिना लुढ़के फिसल रहा है। दोनों स्थितियों में गोले की कुल गतिज ऊर्जाओं का अनुपात क्या है? |
|
Answer» जब गोला बिना लुढ़के फिसल रहा है, इसकी कुल गतिज ऊर्जा- `K_(2)=1/2Mv^(2)` `therefore(K_(1))/(K_(2))=(7/10Mv^(2))/(1/2Mv^(2))=7/5` `K_(1) : K_(2)`= 7 : 5 |
|
| 78. |
एक इंजन की मोटर अपने अक्ष पर 100 चक्कर/मिनट के कोणीय वेग से घूम रही है | जब मोटर स्विच ऑफ कर दिया जाता है तब वह 15 सेकंड में पूरी तरह रुक जाती है | मोटर का कोणीय त्वरण एकसमान मानते हुए इस 15 सेकंड में इसके द्वारा घुमा हुआ कोण ज्ञात करें | |
|
Answer» प्रारंभिक कोणीय वेग `omega_(0)=100` चक्कर/मिनट `=(100xx2pi)/(60)" rad "//s=(10 pi )/(3)" rad"//s.` अंतिम कोणीय वेग `omega=0,` समय t=15 s. अब `omega=omega_(0)+at` से, `0=(10 pi)/(3)" rad "//s+alpha (15 s)` या `" "alpha=-(10 pi)/(3xx15)" rad"//s^(2)=-(2pi)/(9)" rad"//s^(2)`. पुनः, `omega^(2)=omega_(0)^(2)+2 alpha theta` से, `0=[(10pi)/(3)"rad/s"]^(2)+2[-(2pi)/(9)"rad/s"^(2)]theta` या `" "theta=(100 pi^(2)xx9)/(9xx4pi)" rad "=25 pi" rad "=12.5` चक्कर | अर्थात, मोटर रुकने के पहले 12.5 चक्कर घूम चुकी होगी | |
|
| 79. |
1 किग्रा का एक पिण्ड 1 मीटर लम्बी डोरी के एक सिरे से बाँधकर क्षैतिज वृत्त में घुमाया जाता है। यदि घूर्णन आवृत्ति 20 चक्कर/सेकण्ड हो तो ज्ञात कीजिये : घूर्णन अक्ष के परितः पिण्ड का- कोणीय संवेग, |
|
Answer» प्रश्नानुसार, पिण्ड का द्रव्यमान m = 1 किग्रा वृत्त की त्रिज्या = डोरी की लम्बाई = 1 मीटर अत: पिण्ड का कोणीय वेग `omega=2pif=2pi(20)=40pi` रेडियन/सेकण्ड पिण्ड का कोणीय संवेग L = `Iomega =1xx40pi` `=40pi` किग्रा-`("मीटर")^(2)`/सेकण्ड |
|
| 80. |
एक वलय (द्रव्यमान 0.3 किग्रा, त्रिज्या 0.1 मीटर ) तथा एक ठोस बेलन (द्रव्यमान 0.4 किग्रा, त्रिज्या 0.1 मीटर) समान गतिज ऊर्जा से एक क्षैतिज तल पर एक साथ छोड़े जाते हैं। दोनों पिण्ड बिना फिसले लुढ़कते हुए एक दीवार की ओर जा रहे हैं जिसकी दूरी दोनों से समान है। कौन-सा पिण्ड दीवार तक पहले पहुँचेगा? |
|
Answer» क्षैतिज तल पर बिना फिसले लुढ़कते हुए- वलय की कुल ऊर्जा का सूत्र `K=1/2Mv^(2)+1/2Iomega^(2)` `=1/2Mv^(2)+1/2(MR^(2))omega^(2)` `=1/2Mv^(2)+1/2Mv^(2)=Mv^(2)` ठोस बेलन की कुल ऊर्जा का सूत्र `K=1/2Mv^(2)+1/2Iomega^(2)` `=1/2Mv^(2)+1/2(1/2MR^(2))omega^(2)` `=1/2Mv^(2)+1/4Mv^(2)` `=3/4Mv^(2)` प्रश्नानुसार, दोनों को कुल ऊर्जा समान है। यदि वलय का द्रव्यमान `M_(1)`, वेग `v_(1)`, तथा बेलन का द्रव्यमान `M_(2)`, वेग `v_(2)` हो तो- `K=M_(1)v_(1)^(2)=3/4M_(2)v_(2)^(2)` `0.3v_(1)^(2)=3/4(0.4)v_(2)^(2)` `v_(1)=v_(2)` दोनों के वेग समान हैं अत: दोनों दीवार तक साथ-साथ पहुँचेगे। |
|
| 81. |
10 किग्रा द्रव्यमान एवं 0.4 मीटर व्यास की एक रिंग अपनी ज्यामितीय अक्ष के परित: 2100 चक्कर/मिनट की दर से घूम रही है। इसे 2.0 सेकण्ड में रोकने के लिये कितने बल आघूर्ण की आवश्यकता होगी? |
|
Answer» रिंग को 2.0 सेकण्ड में रोकने के लिये कोणीय त्वरण `alpha` हो तो `omega=omega_(0)+alphat` `0=220+alphadot2` `thereforealpha=-110` रेडियन/`("सेकण्ड")^(2)` अत, आवश्यक बल आघूर्ण का मान `tau=Ialpha=0.4(-110)=44` न्यूटन-मीटर |
|
| 82. |
एक कुएँ से पानी निकालने के लिए 10 cm त्रिज्या की एक घिरनी लगी है | घिरनी पर से होकर एक रस्सी जाती है जिसके एक किनारे पर डोल (bucket) बँधा है और दूसरी ओर से मनुष्य रस्सी को खींचकर डोल को ऊपर या निचे करता है | डोल कुएँ में निचे की ओर जा रहा है और किसी क्षण उसकी चाल 20 cm/s है तथा त्वरण `4.0 m//s^(2)` है | यह मानते हुए कि रस्सी घिरनी पर फिसलती नहीं है, इस क्षण घिरनी का कोणीय वेग तथा कोणीय त्वरण निकालें | |
|
Answer» चूँकि रस्सी घिरनी पर फिसलती नहीं है, स्पर्शबिंदुओ पर रस्सी तथा घिरनी के वेग आपस में बराबर होंगे | साथ ही, उनके त्वरण भी आपस में बराबर होंगे | अतः, घिरनी कि परिधि के बिंदुओं के लिए, दिए गए क्षण पर, `v=20 cm//s`. घिरनी का कोणीय वेग, `omega=(v)/(R)=(20 cm//s)/(10 cm)=2" rad/s"`. घिरनी का कोणीय त्वरण, `alpha=(a_(t))/(R)=(4.0m//s^(2))/(10 cm)` `=(4.0 m//s^(2))/(0.1 m)=40" rad/s"^(2)`. |
|
| 83. |
एक कण जिसका द्रव्यमान 20 g है बिंदु (2 m, 8 m) से, विरामावस्था से गिराया जाता है | यहाँ y-अक्ष ऊपर कि ओर ऊर्ध्वाधर दिशा में लिया गया है (चित्र 16.8) | एक सेकंड बाद मूलबिंदु के प्रति कण का कोणीय संवेग निकालें `g=10 m//s^(2)` लें | |
|
Answer» कण द्वारा 1 s में चली दुरी, `h=(1)/(2)gt^(2)=5 m.` अतः, इस समय उसका स्थान (2 m, 3 m) पर होगा | मूलबिंदु से उसका स्थान वेक्टर, `vecr=(2m)hati+(3m)hatj.` इस समय कण का वेग, `vecv=gt(-hatj)=(-10 m//s)hatj.` अतः, कण का कोणीय संवेग, `vecl=vecrxxvecp` `=(2m hat i+3 m hat j)xx(20g)(-10 m//s) hat j` `=(2m)xx(20xx10^(-3) kg)(-10 m//s)hat k` `=-(0.4 kg cdot m//s) hat k.` |
|
| 84. |
चित्र 16.13 में समान द्रव्यमान m के तीन कण, L भुजा वाले समबाहु त्रिभुज ABC के शीर्षों पर रखे हुए दिखाए गए है | इसी तल में AB पर लंब रेखा AX के प्रति इन कणो के समूह का जड़त्व आघूर्ण निकालें | |
|
Answer» AX से A की लंबवत दुरी =0. AX से B की लंबवत दुरी =L. AX से C की लंबवत दुरी `=(L)/(2).` अतः, AX के प्रति समूह का जड़त्व आघूर्ण, `I=underset(i)(Sigma) m_(i)r_(i)^(2)=mxx0+mxxL^(2)+m xx ((L)/(2))^(2)` `=(5mL^(2))/(4).` |
|
| 85. |
एक नगण्य भार वाली छड़ के दोनों किनारों पर भारी परन्तु छोटी वस्तुएँ जुडी है | चित्र 16.12 में दिखाए अनुसार एक रेखा AB ले जो छड़ के लंबवत है | वस्तुओ के द्रव्यमान तथा AB से इनकी दूरियाँ चित्र में दिखाई गई है | इस निकाय का AB के प्रति जड़त्व आघूर्ण निकालें | |
|
Answer» बायीं ओर के कण का AB के प्रति जड़त्व आघूर्ण `=m_(1)r_(1)^(2)`. दायी ओर के कण का AB के प्रति जड़त्व आघूर्ण `=m_(2)r_(2)^(2)`. चूँकि छड़ नगण्य भार वाली है, इसका जड़त्व आघूर्ण नगण्य माने | अतः, पुरे निकाय का AB के प्रति जड़त्व आघूर्ण `=m_(1)r_(1)^(2)+m_(2)r_(2)^(2).` |
|
| 86. |
एक प्रयोगशाला में d लंबाई की एक नगण्य भार वाली छड़ अपने एक किनारे O के प्रति एक तल में कोणीय वेग `omega` से घूम रही है (चित्र 16.W2) | छड़ के केंद्र A पर तथा दूसरे सिरे B पर, m द्रव्यमान के दो कण जुड़े है | A को मूलबिंदु मानकर उस फ्रेम S की कल्पना करें जिसके अक्ष प्रयोगशाला के फ्रेम के अक्षों के समानांतर हो | इस फ्रेम में B पर के कण का A पर के कण के सापेक्ष संवेग कोणीय निकालें | |
|
Answer» प्रयोगशाला के फ्रेम के कण A का वेग `=omega((d)/(2))` तथा कण B का वेग `=omega d.` ये दोनों एक ही दिशा में है (छड़ के लंबवत) | चूँकि फ्रेम S प्रयोगशाला के फ्रेम के सापेक्ष स्थानांतरीय गति कर रहा है, B तथा A के सापेक्ष वेग `=omega d -(omega d)/(2)=(omega d)/(2)` अतः, B का A के सापेक्ष कोणीय संवेग, `m upsilon r=m cdot (omega d)/(2) cdot (d)/(2) = (1)/(4) m omega d^(2).` |
|
| 87. |
M द्रव्यमान तथा L लम्बाई की दो पतली छड़ 1 व 2 संलग्न चित्र के अनुसार जुड़ी हैं। निकाय का- (i) X- अक्ष, (ii) Y-अक्ष, (ii) Z-अक्ष, (iv) AB तथा CD रेखा, के परितः जड़त्व आघूर्ण ज्ञात कीजिये। |
|
Answer» यदि किसी दी गयी अक्ष के परित: छड़ 1 व 2 के जड़त्व आघूर्ण क्रमशः `I_(1)` व `I_(2)` हों तो इस अक्ष के परित: निकाय का जड़त्व आघूर्ण `I=I_(1)+I_(2)` होगा | (i) X-अक्ष के परितः- `I_(1)=0,I_(2)=(ML^(2))/12` `I_(x)=0+(ML^(2))/12=(ML^(2))/12` (ii) Y-अक्ष के परितः- `I_(1)=(ML^(2))/12,I_(2)=0` `I_(Y)=(ML^(2))/12+0=(ML^(2))/12` (ii) Z-अक्ष के परित:- समकोणिक अक्ष प्रमेय से, `I_(Z)=I_(X)+I_(Y)=(ML^(2))/12+(ML^(2))/12=(ML^(2))/6` (iv) AB व CD के परित: निकाय के जड़त्व आघूर्ण समान होंगे। अत: `I_(AB)=I_(CD)` समकोणिक अक्ष प्रमेय से, `I_(AB)+I_(CD)=I_(Z)` `2I_(AB)=I_(Z)=(ML^(2))/6` `I_(AB)=(ML^(2))/12` अत: `I_(CD)=I_(AB)=(ML^(2))/12` |
|
| 88. |
दो गोले, जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान 1 किग्रा है, 2 मीटर लम्बी छड़ के दोनों सिरों से जुड़े हैं। छड़ का द्रव्यमान तथा गोलों का आकार नगण्य है। निकाय का छड़ की लम्बाई के लम्बवत्- सिरे से गुजरने वाली अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण ज्ञात कीजिये। यदि छड़ का द्रव्यमान 6 किग्रा हो तो उपरोक्त स्थितियों में निकाय का जड़त्व आघूर्ण क्या होगा? |
|
Answer» चित्र 11.48 (b) से, `I=m(0)^(2)+m(L)^(2)` `=1(0)^(2)+1(2)^(2)` `=0+4=4` किग्रा-`("मीटर")^(2)` जब छड़ का द्रव्यमान M = 6 किग्रा है। (i) `I_(C)=m(L/2)^(2)+m(L/2)^(2)+(ML^(2))/(12)` `=1(2/2)^(2)+1(2/2)^(2)+(6(2)^(2))/12`=4 किग्रा-`("मीटर")^(2)` (ii) `I=m(0)^(2)+m(L)^(2)+(ML^(2))/3` `=0+1(2)^(2)+(6(2)^(2))/3=12` किग्रा-`("मीटर")^(2)` |
|
| 89. |
10 ग्राम द्रव्यमान और 500 मीटर/सेकण्ड चाल वाली बन्दूक की गोली एक दरवाजे के ठीक केन्द्र में टकराकर उसमें अंत: स्थापित हो जाती है। दरवाजा 1.0 मीटर चौड़ा है और इसका द्रव्यमान 12 किग्रा है। इसके एक सिरे पर कब्जे लगे हैं और यह इनसे गुजरती एक ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः लगभग बिना घर्षण के घूम सकता है। गोली के दरवाजे में अंतः स्थापन के ठीक बाद इसका कोणीय वेग ज्ञात कीजिए । (संकेत- एक सिरे से गुजरती ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः दरवाजे का जड़त्व-आघूर्ण `(ML^(2))/(3)` है।) |
|
Answer» दिया है - गोली का द्रव्यमान , (m) = 10 ग्राम = 0.01 किग्रा गोली का चाल (v ) = 500 मीटर /सेकण्ड दरवाजे की चौड़ाई (l ) = 1.0 मीटर गोली दरवाजे से टकराकर उसमे स्थापित हो जाती है तब दरवाजे के कब्जे से इसकी दुरी ` r = ( l ) / ( 2 ) = ( 1 ) / ( 2 ) ` मीटर गोली के द्वारा स्थानान्तरित कोणीय संवेग ` L = mv xx r ` ` = 0.01 xx 500 xx (1 ) / (2 ) = 2.5 J - s ` दरवाजे के अपने एक सिरे के ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण ` I = ( Ml^ 2 ) /( 3 ) = ( 12 xx ( 1 ) ^ 2 ) / ( 3 ) ` = 4 किग्रा - मीटर ` ""^ 2 ` कोणीय संवेग ` (L ) = I omega ` ` therefore 2.5 = 4 xx omega ` या ` omega = ( 2.5 ) / ( 4 ) ` ` omega = 0.625 ` rad/s |
|
| 90. |
यदि हाँ, तो किस पर और क्यों? |
|
Answer» माना आनत तल 1 तथा 2 पर लुढ़कने में गोले द्वारा लिया गया समय क्रमश: `t_(1)"तथा "t_(2)` है। आनत तल पर गोले का त्वरण `a=(g sin theta)/((1+K^(2)/(R^(2))))` जहाँ ,K =घूर्णन त्रिज्या है ठोस गोले के लिए `1+(K^2)/(R^(2))=1+((2)/(5)R^(2))/(R^(2))=7/5` `therefore` पहले आनत तल पर गोले का त्वरण `a_(1)=5/7g sin theta_(1)` दूसरे आनत तल पर गोले का त्वरण `a_(2)=5/7g sin theta_(2)` माना `I_(1)"तथा "I_(2)` आनत की लम्बइया है तथा ताली तक पहुंचते में लिया गया समय `t_(1) "तथा " t_(2)` है गति की समीकरण से `v=u+at` या `t=u/a` लेकिन ताली पर चाल सामान है ltbr`therefore t alpha 1/a` या `(t_(1))/(t_(2))=(sin theta_(2))/(sin theta_(1))` `therefore theta_(1) gt theta_(1)` `therefore sin theta_(2) gt sin theta_(1)` अथवा `(sin theta_(2))/(sin theta_(1)) gt 1` या `(t_(1))/(t_(2)) gt 1` या `t_1 gt t_2` अंत: गोला कम कोण के आनत तल पर लुढ़कने में अधिक समय लेता है। |
|