InterviewSolution
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ग्राहक हितों की देख-भाल और रक्षण के लिये कार्यरत ग्राहक संगठन और बिनसरकारी संस्थाओं की कामगीरी के बारे में समझाइए । |
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Answer» ग्राहकों के हितों की देखभाल और रक्षण के लिये भारत में बहुत से ग्राहक संगठन और बिन सरकारी संस्थायें (Non Government Organisation : NGOs) कार्यरत हैं । ऐसी संस्थाओं का उद्देश्य बिना लाभ कमाना होता है तथा ऐसी संस्थायें सार्वजनिक सुख के लिये काम करती है । वह इनमें सरकारी दखलबाजी नहीं होती है । ग्राहकों के हितो की देखभाल-सुरक्षा व रक्षण का कार्य करती है । इन संगठनों अथवा संस्थाओं के कार्य निम्न होते है ।
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ग्राहक की सामान्य परिभाषा दीजिए । |
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Answer» ग्राहक अर्थात् सामान्य परिभाषा में ऐसा व्यक्ति कि जो वस्तु का उपयोग या उपभोग करे अथवा सेवा प्राप्त करे । |
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जिला कक्षा का स्तर क्या कहलाता है ? |
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Answer» जिला कक्षा का स्तर प्राथमिक स्तर कहलाता है । |
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ग्राहक सुरक्षा के कानून के अनुसार ग्राहकों के दायित्व समझाइए । |
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Answer» प्रस्तावना : ग्राहकों को जितने अधिकार दिए हैं । उतनी ही प्रत्येक ग्राहक की जिम्मेदारी बनती है । अधिकार एवं जिम्मेदारी एक दूसरे के पूरक हैं । यदि ग्राहकों को पर्याप्त अधिकार प्राप्त हो लेकिन ग्राहक अपनी जिम्मेदारी न समझे तो प्राप्त अधिकारों से ग्राहकों को रक्षण प्राप्त नहीं हो सकता अर्थात् अधिकारों की सुरक्षा हेतु जिम्मेदारी निभाना प्रत्येक ग्राहक का कर्तव्य बनता है । ग्राहकों की जिम्मेदारीयाँ : ग्राहकों की जिम्मेदारियाँ निम्नलिखित हैं : (1) अधिकारों का उपयोग करना : ग्राहक के द्वारा वस्तु या सेवा की खरीदी करना महत्त्वपूर्ण पहलू है । परन्तु खरीदी करते समय अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए यह भी महत्त्वपूर्ण घटक है । इन अधिकारों का योग्य उपयोग भी करना चाहिए । अनेकों ग्राहकों को अपने अधिकारों की जानकारी ही नहीं होती अधिकारो का उपयोग करने से ग्राहक वर्ग अधिकारो से परिचित होते हैं । और ग्राहकों का शोषण होने से बचता है । जैसे पसंदगी का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार इत्यादि । (2) खरीदी से पहले जानकारी प्राप्त करना : ग्राहक को वस्तु की खरीदी के पहले योग्य जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए वस्तु का उत्पादक, उत्पादक का पता, वजन, उपयोग की अंतिम तारीख, गेरंटी समय इत्यादि खरीदी करते समय व्यापारी के द्वारा ठगा न जाए इसका भी विशेष ख्याल रखना चाहिए । (3) नुकसानी वस्तु के रियायत की शिकायत करना : ग्राहक को नुकसानी वस्तु के रियायत की शिकायत योग्य अधिकारी को करनी चाहिए यदि ग्राहकों के द्वारा शिकायत का आग्रह न किया जाए तो व्यापारी वर्गो को शोषण करने की आदत पडती है । कभी कभी ग्राहकों के द्वारा कम नुकसान के सामने अधिक रियायत प्राप्त करने की शिकायत की जाती है । यह योग्य नहीं है । (4) वस्तु की योग्य गुणवत्ता का आग्रह रखना : ग्राहक के द्वारा हमेशा योग्य गुणवत्ता वाली वस्तु ही खरीदनी चाहिए ग्राहक को मिलावट वाली वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए । वस्तु खरीदते समय ग्राहकों वस्तु के गुणवत्ता का प्रमाणपत्र एवं योग्य मार्क या निशानी की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए वस्तुओं योग्य गुणवत्ता की जानकारी हो सके इसलिए ISI एवं एगमार्क का उपयोग किया जाता है । (5) गलत विज्ञापनों से प्रभावित न हो : वस्तु बाजार में अनेकों उत्पादकों के द्वारा विविध वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है । प्रत्येक उत्पादक अन्य उत्पादकों के कर्ता अधिक वस्तु का विक्रय हो इसलिए ग्राहकों को प्रेरित करने हेतु द्विअर्थी भ्रम युक्त, गलत विज्ञापनों का सहारा लेते हैं । जैसे यह पानी पीने से शरीर में शक्ति एवं ताजगी आती है । कुछी ही क्षणों में मस्तिष्क का दर्द दूर, हमारा साबुन उपयोग करने से शरीर सुन्दर इत्यादि इन सभी विज्ञापनों से ग्राहक को प्रभावित नहीं होना चाहिए ग्राहक के द्वारा वस्तु का निरीक्षण एवं अन्य उत्पादक की वस्तु से तुलना करने के बाद ही खरीदी का निर्णय लेना चाहिए । (6) बीजक (बिल) लेने का आग्रह : प्रत्येक ग्राहक को वस्तु की खरीदी के पश्चात् बिल लेने का आग्रह रखना चाहिए । नियम एवं कानून के अनुसार प्रत्येक व्यापारी को खरीदी के पश्चात ग्राहक वर्ग को बिल देना आवश्यक है । ग्राहक को खरीद की गई वस्तु नुकसानवाली है । इसकी शिकायत करनी है तो बिल आवश्यक है । यदि ग्राहक बिल लेने का आग्रह नहीं करता और वस्तु खराब या नुकसान वाली है तो वह अधिकारी को व्यापारी के विरोध में शिकायत भी नही कर सकता अत: ग्राहक के द्वारा खरीदी के पश्चात् बिल का आग्रह अवश्य रखना चाहिए । (7) ग्राहकवाद को फैलाना : ग्राहकों की संगठित चहल-पहल अर्थात् ग्राहकवाद । प्रत्येक ग्राहक को सुरक्षा समिति की स्थापना और संचालन में सक्रिय भाग लेना चाहिए और ग्राहकों में अधिकारों की जागृति लाने, हितों की सुरक्षा करने और आवश्यक ज्ञान मिले ऐसी व्यवस्था में सहभागी बनना चाहिए । (8) पर्यावरण का रक्षण : प्रत्येक ग्राहक को पर्यावरण सुरक्षा का महत्त्वपूर्ण कार्य करना चाहिए । वस्तु के उपयोग के पश्चात् उनके कचरे का योग्य निकाल करना चाहिए तथा गन्दगी न फैलाना वह उनका प्राथमिक दायित्व है । (9) नीतिमत्ता के विरूद्ध की प्रवृत्ति में जुड़ना : जब ग्राहक वस्तु या सेवा की खरीदी करे तब उन्हें कानूनी मामलों का आग्रह रखना । चाहिए । काला बाजार, संग्रहकोरी आदि को उत्तेजन दे ऐसी किसी भी प्रवृत्ति में जुडना नहीं चाहिए । इस तरह उपरोक्त सभी जिम्मेदारियाँ/दायित्व ग्राहक निभायें वह ग्राहक के अधिकार भोगने के लिए प्रथम शर्त है । |
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ग्राहकों की शिकायत निवारण हेतु ग्राहक सुरक्षा कानून के अनुसार कितने तंत्र की एवं किस-किस की रचना की गई है ? |
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Answer» ग्राहकों की शिकायत निवारण हेतु ग्राहक सुरक्षा कानून के अनुसार त्रि-स्तरीय तंत्र की रचना की गई है । जिसमें
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| 6. |
इनमें से कौन-सा विकल्प ग्राहक सुरक्षा कानून अनुसार विवाद निवारण संस्थाओं में नहीं होता ?(A) लोक न्यायालय(B) जिला कक्षा का स्तर(C) राज्य कक्षा का आयोग(D) राष्ट्रीय कक्षा का आयोग |
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Answer» सही विकल्प है (A) लोक न्यायालय |
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ग्राहक अधिकारों के विषय में विस्तृत चर्चा कीजिए । अथवा ग्राहक सुरक्षा के अनुसार ग्राहकों को कौन-से अधिकार मिले . |
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Answer» ग्राहकों के द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुसार वस्तु की खरीदी वस्तु बाजार में से करनी होती है । व्यापारी, उत्पादक वर्ग एवं अन्य विक्रय करने वाले मध्यस्थियों के द्वारा वस्तु की कीमत दूसरे व्यापारी एवं उत्पादकवर्ग तथा मध्यस्थियों के कर्ता अधिक . कीमत लेकर बेचते हैं । ग्राहक वर्गों को इसकी जानकारी नहीं होती तथा उत्पादक वर्गों के द्वारा वस्तु में मिश्रण की जानेवाली सामग्री का प्रमाण कम या तो होता ही नहीं है । इस प्रकार का हमेशा बनता रहता है । ग्राहकों को मिलावट वाली वस्तु खरीदनी होती है । जिससे ग्राहकों के साथ छेतरपिंडी होती है । एवं मिलावट वाली वस्तु ग्राहक द्वारा खरीदने से ग्राहकों को शारीरिक एवं मानसिक रोग का शिकार होना पड़ता है । अर्थात् ग्राहकों का जीवन स्तर नीचा होता है । परिणाम स्वरुप ग्राहक जाने अनजाने में इस प्रकार की मिलावट वाली सभी शोषणों से रक्षण प्राप्त हो सके इसके लिए ग्राहकों को योग्य अधिकार प्राप्त हो यह आवश्यक है । ग्राहकों के अधिकार : ग्राहकों के अधिकार निम्नलिखित हैं : (1) सुरक्षा (Safety) : मनुष्य के आरोग्य एवं जीवन को नुकसान करने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं से रक्षण प्राप्त करने का अधिकार अर्थात् शारीरिक सुरक्षा का अधिकार मनुष्य के द्वारा इस प्रकार की वस्तु या सेवा नहीं लेनी चाहिए जिससे स्वास्थ्य खराब हो जैसे बीडी, सिगरेट, तम्बाकू इत्यादि इस प्रकार की वस्तु के उपयोग से शारीरिक नुकसान हो सकता है । इस प्रकार की सूचना प्रदान करनी चाहिए । (2) जानकारी (Information) : ग्राहकों को वस्तु की गुणवत्ता, कीमत, शुद्धता, पेकिंग इत्यादि की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए । जिससे ग्राहक अपनी आवश्यकता के अनुसार वस्तु खरीद सके । जैसे अनाज की खरीदी का निर्णय ले सकता है । (3) पसंदगी (Choice) : प्रत्येक ग्राहक अपनी पसंदगी की वस्तु खरीदने का अधिकार है । अर्थात् आवश्यकता अनुसार वस्तु योग्य समय, योग्य प्रमाण, योग्य स्थल पर प्राप्त होनी चाहिए । इसके साथ-साथ वस्तु योग्य कीमत में भी प्राप्त होनी चाहिए । व्यापारी एवं उत्पादक वर्ग ग्राहक को अपनी वस्तु खरीदने के लिये दबाव नही दे सकता है । जैसे स्कूटर खरीदना हो या साइकिल यह ग्राहक की पसंदगी पर निर्भर करता है । (4) प्रस्तुतीकरण (Representation) : ग्राहकों को अपना मन्तव्य देने का अवसर प्राप्त होना चाहिए यह मन्तव्य ग्राहक द्वारा क्रय की गई वस्तु के विषय में भी हो सकता है । इसके अलावा ग्राहक जो वस्तु खरीदना चाहते है । उस वस्तु के उत्पादक के लिए भी हो सकता है 1 ग्राहक अपना मन्तव्य लिखित में सरकार को भी दे सकता है । इससे ग्राहक को योग्य संतोष प्राप्त होता है । (5) निवारण (Redressel) : भारत जैसे विशाल एवं विविधता युक्त राष्ट्र में ग्राहकों को योग्य वस्तु प्राप्त होनी चाहिए वह प्राप्त भी न हो इस प्रकार के शोषण से रक्षण प्राप्त करने के लिए ग्राहकों को इसके निराकरण हेतु योग्य व्यवस्था होनी चाहिए जैसे किसी ग्राहक को वस्तु की पेकिंग में दर्शाए गए वजन के कर्ता कम वजन में वस्तु प्राप्त हो । (6) ग्राहकलक्षी शिक्षण (Consumer Education) : उत्पादित वस्तु के संदर्भ में ग्राहकों को योग्य सूचना प्राप्त हो सके इसके लिए योग्य शिक्षण प्राप्त करने का अधिकार है । वस्तु की कीमत, गुणवत्ता, प्रमाण और वजन इत्यादि के संदर्भ में योग्य शिक्षण प्राप्त करने का अधिकार ग्राहकों को प्राप्त होना चाहिए । इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रस्तुत मार्गदर्शिका के अनुसार दो और अधिक मिले इसकी सिफारिश की है । (1) प्राथमिक आवश्यकताएँ (1) प्राथमिक आवश्यकताओं का प्राप्त करने का अधिकार (Right to Basic Needs) : मनुष्यों को आदर्श जीवन जीने के लिए तथा अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तथा अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए कई प्राथमिक आवश्यकताएँ अनिवार्य है । जैसे अनाज, कपड़ा, मकान, पानी, शिक्षण, आरोग्य इत्यादि इस प्रकार की प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ति करना ग्राहक वर्ग का अधिकार बनता है । (2) आरोग्यप्रद वातावरण (Hygenic Environment) : आरोग्यप्रद वातावरण अर्थात् प्रदूषण मुक्त वातावरण की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे कि ग्राहक अपना जीवन सरलता से जी सके, प्रत्येक ग्राहक को प्रदुषण मुक्त हवा, पानी, भोजन और जमीन प्राप्त करने का अधिकार है । |
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विवाद निवारण संस्थाओं की इनमें से कितने स्तरीय पद्धति है ?(A) एक स्तरीय(B) द्वि स्तरीय(C) त्रि स्तरीय(D) दस स्तरीय |
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Answer» सही विकल्प है (C) त्रि स्तरीय |
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मुक्त अर्थतंत्र में किसे बाजार का राजा कहा जाता है ?(A) मालिक(B) ग्राहक(C) विक्रेता(D) सरकार |
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Answer» सही विकल्प है (B) ग्राहक |
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किस प्रकार के फोरम/आयोग में सदस्यों की नियुक्ति केन्द्र सरकार करती है ?(A) जिला स्तर(B) राज्य स्तर(C) राष्ट्रीय स्तर(D) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर |
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Answer» सही विकल्प है (C) राष्ट्रीय स्तर |
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लोक न्यायालय का आयोजन कौन-सी इकाई करती है ? तथा किसलिए करती है ? |
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Answer» लोक न्यायालय का आयोजन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई करती है । ऐसी इकाइयाँ स्वयं अपने ग्राहकों से सम्बन्धित प्रश्नों के निवारण हेतु आयोजन करती हैं । |
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ग्राहक सुरक्षा कानून का मुख्य उद्देश्य क्या है ? |
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Answer» ग्राहक सुरक्षा कानून का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के शोषण को रोकना तथा उनके अधिकारों का रक्षण करना है । |
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ग्राहक ने खरीदी की है, इनके प्रमाण के रूप में क्या प्रस्तुत करना अनिवार्य है ? |
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Answer» ग्राहक ने खरीदी की है, इनके प्रमाण के रूप में बिल (Bill) या बीजक (Invoice) प्रस्तुत करना अनिवार्य है । |
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इनमें से प्राथमिक स्तर कौन-सा कहलाता है ?(A) राज्यकक्षा का आयोग(B) जिला कक्षा का फोरम(C) राष्ट्रीय कक्षा का आयोग(D) ग्राम पंचायत |
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Answer» सही विकल्प है (B) जिला कक्षा का फोरम |
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सार्वजनिक हित के आवेदन पर संक्षिप्त में समझाइए । |
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Answer» सार्वजनिक हित का आवेदन Public Interest Litigation : समाज के कितने ही वर्ग ऐसे है कि जो सामान्य रूप से स्वयं न्यायालय तक नहीं पहुंच सकते हैं । तदुपरान्त कितनी ही बातें समस्त समाज पर लागू होती है न कि किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह पर । इन सभी बातों के निराकरण के लिये सार्वजनिक हित में आवेदन किया जा सकता है और यह कोई भी व्यक्ति कर सकता है । यहाँ कोई भी व्यक्ति अर्थात् जिस व्यक्ति को हानि होती हो, उसके अतिरिक्त समाज का कोई भी सदस्य/समस्त समाज के लाभार्थी कोई भी व्यक्ति जहाँ आवश्यक हो वहाँ सामान्य कागज पर लिखकर हाईकोर्ट अर्थात् राज्य का उच्च न्यायालय अथवा सुप्रिम कोर्ट अर्थात् सर्वोच्च न्यायालय में भेज सकता है । न्यायालय आवेदन को पढ़कर योग्य लगे तो केस (मुकदमा) दाखिल कर उनके पक्षकारों को उपस्थित करवाकर सुनवाई करते है और उस आवेदन पर अपना निर्णय सुनाते हैं । |
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धन्धा के दृष्टिकोण से ग्राहक सुरक्षा का महत्त्व समझाइए । |
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Answer» धन्धा के दृष्टिकोण से ग्राहक सुरक्षा का महत्त्व (Importance of Consumer Protection from the view point of Business) (1) समाज के साधन-सम्पत्ति का उपयोग : किसी भी धन्धे, का प्रारम्भ और विकास हेतु समाज के साधन-सम्पत्ति का उपयोग करते है तब धन्धा का दायित्व बनता है कि उसने समाज को ऐसे उत्पाद या सेवायें प्रदान करनी चाहिये कि जो समाज को उपयोगी बने और समाज की साधन- सम्पत्ति में वृद्धि करने वाले बने । (2) सामाजिक दायित्व : धन्धे में हित रखनेवाले विविध समूहों के प्रति धन्धा का सामाजिक दायित्व होता है यह सिद्ध हो चुका है । किसी भी धन्धे में आय/लाभ विक्रय द्वारा होता है, और यह विक्रय का कार्य ग्राहकों को होता है । इस तरह ग्राहक भी धन्धे के हितवाले समूह में से एक महत्त्वपूर्ण समूह कहलाता है । अन्य रूप से हित रखनेवाले समूहों की तरह ग्राहकों के प्रति का दायित्व भी प्रत्येक धन्धाकीय इकाई को निष्ठापूर्वक निभानी चाहिए । (3) समाज का एक भाग : कोई भी धन्धा यह समाज का एक भाग है । प्रत्येक व्यापारी किसी अन्य व्यापारी के पास तो ग्राहक ही है । यदि ग्राहक शोषण अनिवार्य हो तो प्रत्येक व्यक्ति का शोषण होना तय है । अतः इसे लिये प्रत्येक धन्धे को अपने धन्धे के उपर ग्राहकों के विश्वास में वृद्धि हो ऐसी नीति अपनानी चाहिए और ग्राहक शोषण से दूर रहना चाहिए । (4) समाज पर प्रभाव : धन्धा का समाज पर प्रभाव होता है । विज्ञापन द्वारा समाज के लोगों की आदत, रहनसहन, विचारधारा, खानपान की बातें, वेशभूषा आदि पर प्रभाव डालता है । इन कारणों से ही समाज के हितों के लिये धन्धे की नीति योग्य रखना यह नैतिक दायित्व सिद्ध होता है । (5) ग्राहक का रक्षण धन्धा का हित : आज के स्पर्धात्मक युग में ग्राहक के पास जाना और उसकी इच्छा और आवश्यकता के अनुसार वस्तुयें देना, यह धन्धे का आधारभूत सिद्धांत है । यदि कोई उत्पादक यह नहीं समझता तो उसे ग्राहक पसन्द नहीं करेगा और उसके स्पर्धकों के पास से ग्राहक वस्तु खरीदेगा । इसलिए ग्राहकों की सुरक्षा और उनकी इच्छा प्रत्येक उत्पादक को समड़ा कर आगे बढ़ना चाहिये । यह उनके व्यवसाय के हित में ही है । (6) ट्रस्टीशिप का सिद्धांत और ग्राहक सुरक्षा : गाँधीजी के ट्रस्टीशिप के सिद्धान्त के अनुसार समाज ने जिसको सम्पत्ति दी है, जिसका उपयोग उनको समाज के व्यक्तियों के लिये करना चाहिये । ग्राहकों के लिये गाँधीजी कहते हैं कि ‘ग्राहक यह धन्धा के स्थल पर आने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण मानव है । वह हम (धन्धार्थियों) पर आधारित नहीं, परन्तु हम उस पर आधारित है । वह हमारे कार्य में बाधारूप नहीं परन्तु वह हमारे कार्य का हेतु है । वह हमारे धन्धे का बाह्य व्यक्ति नहीं अपितु यह धन्धे का ही भाग है । हम उसको आवश्यक वस्तु देकर उसकी तरफदारी नहीं करते, अपितु वह हमको ऐसा करने का अवसर देकर हमारी तरफदारी करता है ।’ |
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| 17. |
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रस्तुत मार्गदर्शिका में कौन-से दो अधिकार ग्राहकों को प्राप्त हों, इसकी सिफारिश की है ? |
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Answer» संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रस्तुत मार्गदर्शिका के निम्न दो अधिकार ग्राहकों को प्राप्त हो, इसकी सिफारिश की है ।
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सार्वजनिक हित का आवेदन कौन-से न्यायालय में कर सकते हैं ? |
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Answer» सार्वजनिक हित का आवेदन राज्य का उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) में अथवा देश का सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रिम कोर्ट) में कर सकते |
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जिला कक्षा के फोरम के निर्णय से सन्तुष्ट न हो तो पक्षकार को कितने दिनों में, कहाँ पर पुनः विचार के लिये भेजना पड़ता है ? |
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Answer» जिला कक्षा के फोरम के निर्णय से सन्तुष्ट न हो तो पक्षकार को 30 दिनों में पुनः विचार के लिये राज्य कक्षा के स्तर में ले जा सकते हैं । |
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राज्य कक्षा के आयोग में कितने रु. तक की शिकायतों को स्वीकार किया जाता है ?(A) 20 लाख रु. से अधिक 1 करोड रु.(B) 5 लाख रु. से 20 लाख रु.(C) 2 लाख रु. से 5 लाख रु.(D) उपरोक्त सभी |
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Answer» सही विकल्प है (A) 20 लाख रु. से अधिक 1 करोड रु. |
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राज्यकक्षा के आयोग में कुल कितने व्यक्ति होते तथा इनकी नियुक्ति कौन करती है ? |
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Answer» राज्य कक्षा के आयोग में प्रमुख के साथ अन्य दो व्यक्ति अर्थात् कम से कम तीन व्यक्ति, जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार करती है । प्रमुख के रूप में न्यायतंत्र के अनुभवी व्यक्ति की नियुक्ति की जाती है । इनमें कम से कम एक महिला व्यक्ति भी होती हैं । |
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ग्राहक सुरक्षा का अर्थ बताइए । |
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Answer» व्यापारियों द्वारा अपनाई जानेवाली विविध अनैतिक नीतियों के सामने ग्राहकों का रक्षण अर्थात् ग्राहक सुरक्षा । व्यापारियों और उत्पादकों द्वारा महत्तम लाभ कमाने के लालच में विविध तरीके अपनाकर जो शोषण किया जाता है। जिसके विरुद्ध में विविध कदमों द्वारा ग्राहकों के हितों की देखभाल व सुरक्षा के कार्य को ग्राहक सुरक्षा कहते हैं । |
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जिला कक्षा के फोरम में कितने रु. तक के शिकायतों को हल किया जाता है ?(A) 5 लाख रु.(B) 20 लाख रु.(C) 1 करोड रु.(D) 1 करोड रु. से अधिक |
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Answer» सही विकल्प है (B) 20 लाख रु. |
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जिला फोरम में कुल कितने व्यक्ति होते हैं तथा इनकी नियुक्ति कौन करती हैं ? |
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Answer» जिला फोरम में प्रमुख के साथ अन्य दो व्यक्ति अर्थात् कम से कम कुल तीन व्यक्ति की नियुक्ति राज्य सरकार करती है । प्रमुख के रूप में न्यायतंत्र के अनुभवी व्यक्ति की नियुक्ति की जाती है । इनमें कम से कम एक महिला व्यक्ति भी होती है । |
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पर्यावरण के अनुलक्षी उत्पादन अर्थात क्या ? |
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Answer» उद्योगपतियों के द्वारा पर्यावरण को कम से कम प्रदूषित करने वाली वस्तु का उत्पादन करते हो तब सरकार ऐसी वस्तु सरलता ख्खिा, उपयोग की पद्धति, मूल्य, जत्था, शुद्धता, गुणवत्ता आदि । से ग्राहक द्वारा पहचानी जा सके इस हेतु से ‘इकोमार्क’ की निशानी करते हैं । इससे ग्राहक वर्ग भी पर्यावरण की सुरक्षा हेतु जागृत रहते हैं । जिसे पर्यावरण के अनुलक्षी उत्पादन कहते हैं । |
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निरन्तर बढ़ती स्पर्धा और कुल विक्रय में अपना भाग/हिस्सा बढ़ाने हेतु वस्तु या सेवा के उत्पादक ग्राहकों की किस तरह करते है ? |
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Answer» निरन्तर बढ़ती स्पर्धा और कुल विक्रय में अपना हिस्सा बढ़ाने हेतु वस्तु या सेवा के उत्पादक अनैतिक, शोषणयुक्त और अयोग्य प्रथा का उपयोग करते है । ऐसी प्रथा से ग्राहक छलकपट का अनुभव करते है । वस्तु या सेवा दोषयुक्त होने से असुरक्षा, मिश्रण (भेलसेल) होने से स्वास्थ्य के साथ धोखा, असत्य एवं गलत मार्ग दर्शाता विज्ञापन एवं बनावटी वस्तुओं की बिक्री, संग्रहखारी द्वारा काला बाजारी करना व अधिक मूल्य ग्राहकों से लेना आदि धोखा-धड़ी ग्राहकों के साथ करते है । |
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इनमें से कौन-सा कार्य ग्राहक संगठन नहीं करते ?(A) ग्राहक अधिकारो के बारे में लोगों को शिक्षण देना(B) ग्राहक हितवाली जानकारी का प्रकाशन करना(C) ग्राहकों की सूची उद्योगों को प्रदान करना(D) ग्राहकों के हितों का रक्षण करना |
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Answer» सही विकल्प है (C) ग्राहकों की सूची उद्योगों को प्रदान करना |
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कई औद्योगिक इकाइयाँ अपने ग्राहकों के योग्य प्रश्नों के निराकरण हेतु लोक अदालत का आयोजन करती है ?(A) निजी इकाइयाँ(B) उत्पादन इकाइयाँ(C) सार्वजनिक इकाइयाँ(D) वितरण इकाइयाँ |
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Answer» सही विकल्प है (C) सार्वजनिक इकाइयाँ |
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जिला कक्षा के फोरम की स्थापना कौन करती है ? |
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Answer» जिला फोरम की स्थापना सम्बन्धित राज्य सरकार करती है । |
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जिला कक्षा के स्तर/फोरम में कितने सदस्य होते है ?(A) कुल तीन(B) कम से कम तीन(C) कम से कम चार(D) कुल दो |
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Answer» सही विकल्प है (A) कुल तीन |
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जिला फोरम अर्थात क्या ? |
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Answer» समस्त जिले में निवास करने वाले ग्राहक के द्वारा रु. 20 लाख तक के नुकसानी दावे की शिकायत सुनकर योग्य निर्णय एवं निराकरण करने वाले जिला स्तर के फोरम को जिला फोरम कहते हैं । |
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ग्राहकों कल्याण कोष अर्थात् क्या ? |
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Answer» ग्राहकों की समृद्धि, कल्याण और विकास हेतु ग्राहक कल्याण कोष की स्थापना की जाती है । इसके द्वारा ग्राहकों के कल्याण, समृद्धि एवं विकास के कार्यों में आवश्यक आर्थिक खर्च किया जाता है । |
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प्राथमिक आवश्यकतायें अर्थात् क्या ? |
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Answer» प्राथमिक आवश्यकतायें अर्थात् लोगों को योग्य रूप से जीवन निर्वाह के लिये जो वस्तुयें तथा सेवाओं की आवश्यकता पडे वह प्राप्त करने का अधिकार है । |
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आरोग्यप्रद वातावरण से आप क्या समझते हैं ? |
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Answer» आरोग्यप्रद वातावरण अर्थात् प्रदूषण के सामने रक्षण कि जिससे मनुष्य गुणवत्तायुक्त जीवन निर्वाह कर सके । प्रत्येक मनुष्य को प्रदूषण मुक्त हवा, पानी, खुराक और भूमि प्राप्त करने का अधिकार है । |
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ट्रस्टीशिप का सिद्धान्त और ग्राहक सुरक्षा पर टिप्पणी लिखिए । |
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Answer» गाँधीजी के ट्रस्टीशिप के सिद्धान्त के अनुसार समाज ने जिसको सम्पत्ति दी है, जिसका उपयोग उनको समाज के व्यक्तियों के लिये करना चाहिए । ग्राहकों के लिये गाँधीजी कहते हैं कि ‘ग्राहक यह धन्धा के स्थल पर आने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण मानव है । वह हम (धन्धार्थियों) पर आधारित नहीं, परन्तु हम उस पर आधारित हैं । वह हमारे कार्य में बाधारूप नहीं परन्तु वह हमारे कार्य का हेतु है । वह हमारे धन्धे का बाह्य व्यक्ति नहीं अपितु यह धन्धे का ही भाग है । हम उसको आवश्यक वस्तु देकर उसकी तरफदारी नहीं करते, अपितु वह हमको ऐसा करने का अवसर देकर हमारी तरफदारी करता है ।’ |
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| 36. |
राज्य कमीशन किसे कहते हैं ? |
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Answer» संबंधित राज्य की सीमा से मर्यादित किसी भी ग्राहक के रु. 20 लाख से अधिक परन्तु रु. 1 करोड तक के दावे की शिकायत सुनकर योग्य निर्णय एवं निराकरण करने वाले राज्य स्तर कमीशन को राज्य कमीशन कहते हैं । |
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ग्राहक सूरक्षा समिति किसे कहते हैं ? |
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Answer» ग्राहकों का व्यापारी एवं उत्पादक वर्गों के द्वारा शोषण न हो तथा ग्राहकों के अधिकारों को योग्य रक्षण प्राप्त हो सके इसलिए सरकार द्वारा ग्राहक सुरक्षा समिति की रचना की जाती है । जिसे ग्राहक सुरक्षा समिति कहते हैं । |
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ट्रस्टीशिप का सिद्धान्त किसने दिया है ?(A) जवाहरलाल नेहरू(B) सुभाषचन्द्र बोस(C) इन्दिरा गांधी(D) गाँधीजी |
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Answer» सही विकल्प है (D) गाँधीजी |
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चयन का अधिकार अर्थात् क्या ? |
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Answer» चयन अर्थात् विविध वस्तुओं या सेवाओं में से चयन करके स्पर्धायुक्त मूल्य पर क्रय करने की स्वतंत्रता है । |
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ट्रस्टीशिप के सिद्धान्त के अनुसार कौन-सा व्यक्ति, धन्धे के स्थान पर आने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति होता है ? |
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Answer» ट्रस्टीशिप के सिद्धान्त के अनुसार ग्राहक धन्धे के स्थान पर आने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति होता है । |
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ग्राहकों का होने वाला शोषण को मुख्य कितने भागों में बाँटा गया है ?(A) दो(B) चार(C) आठ(D) तीन |
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Answer» सही विकल्प है (D) तीन |
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राष्ट्रीय कमीशन अर्थात् क्या ? |
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Answer» देश के सम्पूर्ण ग्राहकों में से किसी भी ग्राहक की रु. 1 करोड़ से अधिक दावे की शिकायत को सुनकर योग्य निराकरण किया जाता है तथा राज्य स्तर के निर्णय से ग्राहक को संतोष न हो तब राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय लेकर निराकरण किया जाए इसे राष्ट्रीय स्तर के पंच को राष्ट्रीय कमीशन कहते हैं । |
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ग्राहकों के साथ धोखा-धड़ी होती है, क्योंकि …………………….(A) लालची होते हैं ।(B) विज्ञापन का उनके उपर गलत प्रभाव पड़ता है ।(C) अधिकांशत: ग्राहक अशिक्षित होते है ।(D) अधिकांश ग्राहक श्रीमंत वर्ग के होते है । |
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Answer» सही विकल्प है (C) अधिकांशत: ग्राहक अशिक्षित होते है । |
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मुक्त अर्थतंत्र में किसे बाजार का राजा कहा जाता है ? |
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Answer» मुक्त अर्थतंत्र में ग्राहक को बाजार का राजा कहा जाता है । |
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समाजने जिसे जो सम्पत्ति दी है, उनका उपयोग उनको समाज के व्यक्तियों के लिये करना चाहिये । ग्राहकों हेतु यह सिद्धान्त किसने दिया है ?(A) हेनरी फेयोल(B) मार्शल(C) राष्ट्रपति महात्मा गाँधीजी(D) मदन मोहन मालवीय |
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Answer» सही विकल्प है (C) राष्ट्रपति महात्मा गाँधीजी |
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ग्राहकों के दायित्व कितने है ?(A) दस(B) चार(C) ग्यारह(D) नौ |
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Answer» सही विकल्प है (D) नौ |
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ग्राहक का जानकारी का अधिकार अर्थात् क्या ? |
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Answer» ग्राहक जो वस्तु या सेवा क्रय करना चाहता हो, उनकी समस्त सूचना अथवा जानकारी ग्राहकों को मिलनी चाहिए जैसे कि उनके घटक, उत्पादन की तारीख, उपयोग की पद्धति, मूल्य, जत्था, शुद्धता, गुणवत्ता आदि । |
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| 48. |
ग्राहक सुरक्षा का अधिकार किसे कहते हैं ? |
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Answer» ग्राहक सुरक्षा का अधिकार अर्थात् ग्राहक के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो ऐसी चीजवस्तु या सेवा के सामने रक्षण । |
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इनमें से कौन-सा अधिकार ग्राहक सुरक्षा कानून, 1986 के अनुसार नहीं ?(A) सुरक्षा(B) प्राथमिक आवश्यकताएँ(C) जानकारी।(D) चयन |
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Answer» सही विकल्प है (B) प्राथमिक आवश्यकताएँ |
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| 50. |
ग्राहकों के शोषण को कितने भागों में विभाजित किया जाता है ? |
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Answer» ग्राहकों के शोषण को तीन भागों में विभाजित किया जाता है ।
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