

InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
151. |
गोपियों ने किसके प्रति अपना अनन्य प्रेम प्रकट किया है\xa0? |
Answer» Krishna गोपियों के हृदय में श्रीकृष्ण के प्रति अगाध प्रेम था। उन्हें तो सिवाय श्रीकृष्ण के और कुछ सूझता ही नहीं था। वे तो उनकी रूप माधुरी में इस प्रकार उलझी हुई थीं जिस प्रकार चींटी गुड पर आसक्त होती है। जब एक बार चींटी गुड से चिपट जाती है तो फिर वहाँ से कभी भी छूट नहीं पाती। वे उसके लगाव में अपना जीवन वहीं लाग देती हैं। गोपियों को तो ऐसा प्रतीत होता था कि उनका मन श्रीकृष्ण के साथ ही मथुरा चला गया था। वे तो हारिल पक्षी के तिनके के समान मन वचन और कर्म से उनसे जुड़ी हुई थीं। उनकी प्रेम की अनन्यता ऐसी थी कि रात-दिन, सोते-जागते वे उन्हें ही याद करती रहती थीं। Krishna ke prati |
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152. |
परशुराम को किस घटना पर अधिक क्रोध आ रहा था? |
Answer» Shiv Kai dhanus Kai tutne par सीता स्वयंवर के समय शिवजी के धनुष को श्री राम ने तोड़ दिया था जिस कारण परशुराम क्रोध से भर उठे थे। उनके क्रोध को शाँत करने के लिए राम ने उनसे बिना किसी हर्ष या विषाद के कहा था कि हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला कोई उन का ही दास होगा। यदि वे कोई आज्ञा देना चाहते थे तो उन्हें आदेश करें। उनकी वाणी में सहजता थी, मिठास थी। वे किसी भी प्रकार से परशुराम के गुस्से को बढ़ाने वाली वाणी नहीं बोले थे। Shiv Ji ke dhanush tutne par |
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153. |
परशुराम के सिर पर किस का ऋण बाकी था\xa0? |
Answer» Dev rin | |
154. |
कौशिक शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है in ch ram Laxman sambad |
Answer» Vishwamitra Vishwamitra |
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155. |
कोटि कुलिस सम वचन तुम्हारा मैं कौन सा अलंकार है\xa0? |
Answer» उपमा, अनुप्रास | |
156. |
परशुराम संसार में अपने किन गुणों के कारण विख्यात थे? |
Answer» Angery विश्व भर में परशुराम अपने क्रोध और ब्रह्मचर्य के कारण प्रसिद्ध\xa0था। वह क्षत्रिय वंश को अपना शत्रु मानता था और उसे नष्ट करने की इच्छा के कारण विख्यात था। |
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157. |
कभी नहीं इस कविता में किस छंद का प्रयोग किया है\xa0? |
Answer» | |
158. |
अयमय\'शब्द का अर्थ है- |
Answer» | |
159. |
Atamnirber bharat Or swatantra bharat essay |
Answer» | |
160. |
शिक्षा नीति का इतिहास |
Answer» शिक्षा का केन्द्र: तक्षशिला का बौद्ध मठ भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का भी इतिहास है। भारतीय समाज के विकास और उसमें होने वाले परिवर्तनों की रूपरेखा में शिक्षा की जगह और उसकी भूमिका को भी निरंतर विकासशील पाते हैं। सूत्रकाल तथा लोकायत के बीच शिक्षा की सार्वजनिक प्रणाली के पश्चात हम बौद्धकालीन शिक्षा को निरंतर भौतिक तथा सामाजिक प्रतिबद्धता से परिपूर्ण होते देखते हैं। बौद्धकाल में स्त्रियों और शूद्रों को भी शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित किया गया। प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया था वह समकालीन विश्व की शिक्षा व्यवस्था से समुन्नत व उत्कृष्ट थी लेकिन कालान्तर में भारतीय शिक्षा का व्यवस्था ह्रास हुआ। विदेशियों ने यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को उस अनुपात में विकसित नहीं किया, जिस अनुपात में होना चाहिये था। अपने संक्रमण काल में भारतीय शिक्षा को कई चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड़ा। आज भी ये चुनौतियाँ व समस्याएँ हमारे सामने हैं जिनसे दो-दो हाथ करना है। १८५० तक भारत में गुरुकुल की प्रथा चलती आ रही थी परन्तु मकोले द्वारा अंग्रेजी शिक्षा के संक्रमण के कारण भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का अंत हुआ और भारत में कई गुरुकुल तोड़े गए और उनके स्थान पर कान्वेंट और पब्लिक स्कूल खोले गए। .नई!!:\xa0राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय शिक्षा का इतिहास\xa0राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषदराष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (अंग्रेज़ी:नेशनल काउन्सिल ऑफ टीचर्स एड्युकेशन, लघु:NCTE) भारत सरकार की एक संस्था है, जिसकी स्थापना राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद अधिनियम, १९९३ (#७३, १९९३) के अन्तर्गत १७ अगस्त, १९९५ में की गई थी। इसका उत्तरदायित्व भारतीय शिक्षा प्रणाली के मानक, प्रक्रियाएं एवं धाराओं की स्थापना एवं निरीक्षण करना है। .नई!!:\xa0राष्ट्रीय शिक्षा नीति और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद\xa0शिक्षा नीतिशिक्षा प्रणाली को नियन्त्रित करने वाले सभी सिद्धान्तों एवं नियम-कानूनों के समुच्चय को शिक्षा नीति (Education policy) कहा जाता है। .नई!!:\xa0राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शिक्षा नीति\xa0उचित समय और उचित स्थान पर उचित कार्य करने की कला को नीति (Policy) कहते हैं। नीति, सोचसमझकर बनाये गये सिद्धान्तों की प्रणाली है जो उचित निर्णय लेने और सम्यक परिणाम पाने में मदद करती है। नीति में अभिप्राय का स्पष्ट उल्लेख होता है। नीति को एक प्रक्रिया (procedure) या नयाचार (नय+आचार / protocol) की तरह लागू किया जाता है। .जवाहर नवोदय विद्यालयजवाहर नवोदय विद्यालय जवाहर नवोदय विद्यालय अथवा नवोदय विद्यालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली पूरी तरह से आवासीय, सह शिक्षा, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली से संबद्ध शिक्षण परियोजना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति - १९८६ के अन्तर्गत ऐसे आवासीय विद्यालयों की कल्पना की गई जिन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम दिया गया, जो सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने का उत्तम प्रयास है। इस परीयोजना का प्रमुख लक्ष्य गांव-गांव तक उत्तम शिक्षा पहुचाना है। ये विद्यालय पूर्णतः आवासीय एवं निःशुल्क विद्यालय होते हैं जहाँ विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवास, भोजन, शिक्षा एवं खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। हर जिले में एक नवोदय विद्यालय होता है। .नई!!:\xa0राष्ट्रीय शिक्षा नीति और जवाहर नवोदय विद्यालय\xa0· | |
161. |
Vigan : Verdan ya Abhishap Nibandh likhe. |
Answer» भूमिका-आज का युग विज्ञान का युग है। आज के वैज्ञानिक युग ने मनुष्य के जीवन में बहुत ही प्रभाव उत्पन्न किया है। आज मनुष्य के जीवन में जितनी भी गतिविधियां हो रही है वह सभी विज्ञान की वजह से ही संभव हो पाई है। आज के समय में पुराने रहस्य को भी खोज लिया गया है । आज विज्ञान की वजह से ही आकाश की ऊंचाइयों से लेकर पाताल की गहराइयों को नापना संभव हो पाया है। मनुष्य ने जो प्रगति की है उसका इतिहास इस बात का साक्षी है कि वह किसी समय जानवरों का जीवन जीता था। गुफाओं में रहता था कच्चा मांस और फल सब्जियां खाता था, पेड़ों और पौधों की पत्तियों और छालों को कपड़ों की तरह पहनता था। धीरे-धीरे उसने आग लगाना सीखा और वहां से वह निरंतर आगे बढ़ता चला गया और आधुनिक युग में बहुत आगे बढ़ता चला गया।विज्ञान की वजह से मनुष्य जीवन हर तरह से बदल गया है। विज्ञान की वजह से ही आज मनुष्य इतनी ऊंचाइयों पर पहुंच गया है।विज्ञान का अर्थ- विज्ञान का अर्थ होता है विशिष्ट ज्ञान। अर्थात किसी विषय या वस्तु के बारे में विशेष और व्यवस्थित ज्ञान होना। किसी के पास विशेष ज्ञान होता है तभी विशेष काम किए जाते हैं। विज्ञान शब्द साहित्य और दर्शन के क्षेत्र में भी अर्थ दे सकता है क्योंकि किसी भी विषय का वशिष्ठ ज्ञान होना ही ज्ञान कहलाता है। | |
162. |
जिसने भी समय की कद्र की है, उसने सुख के साथ जीवन गुजारा है | किस प्रकार का वाक्य है |
Answer» मिश्रित वाक्य । Mishr Saral vakya |
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163. |
समय बहुत मूल्यावान होता है। वाक्य का प्रकार बताए\xa0* |
Answer» Saral Saral |
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164. |
फादर कामिल बुल्के का संक्षिप्त परिचय और हिंदी सेवा का उल्लेख |
Answer» | |
165. |
"Gandgi Mukt Mera Gaon" nibandh |
Answer» | |
166. |
सूरदास के पद की कविता के पदों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए। |
Answer» Shringaar (क)\xa0चरन-कमल बंद हरि राई ।(ख)\xa0करि-करि प्रतिपद प्रतिमनि बसुधा, कमल बैठकी साजति ।(ग)\xa0जोइ-जोइ माँगत, सोइ-सोड़ देती, क्रम-क्रम करि के हाते ।उत्तर(क)\xa0रूपक अलंकारे।(ख)\xa0अनुप्रास एवं पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार।(ग)\xa0अनुप्रास एवं पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार।लक्षण-उपर्युक्त अलंकारों में से रूपक एवं अनुप्रास के लक्षण ‘काव्य-सौन्दर्य के तत्त्वों के अन्तर्गत देखें।पुनरुक्तिप्रकाश-जब एक ही शब्द की लगातार\xa0पुनरावृत्ति होती है, तब वहाँ पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार होता है; जैसे उपर्युक्त पद ‘ख’ में करि-करि। |
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167. |
राम पढता है।- में कौन सी क्रिया है? |
Answer» अकर्मक क्रिया अकर्मक क्रिया |
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168. |
वह तुम्हारे घर इसलिए नही आ सकता क्योंकि वह बीमार है | सरल वाक्य में बदलिए | |
Answer» Vah bimar hone ke karan tumhare ghar nhi aa saki वह बीमार के कारण तुम्हारे घर नहीं आयी। |
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169. |
"परिक्षाएं समाप्त हुईं और हम कानपुर चले गए" सरल वाक्य में बदलिए | |
Answer» Parichay samapt hote hi hum kanpur chle gae Thanks, but it is a मिश्रित वाक्य हम कानपुर गए क्योकी परीक्षा समाप्त हो गई |
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170. |
Bhagat ne apne Bacche Ki mrutyu ke upar kya Bhavna vyakt Karen |
Answer» भगत ने अपने पुत्र की मृत्यु पर भाव व्यक्त करते हुए कहा कि उनके पुत्र की आत्मा परमात्मा के पास चली गई है । | |
171. |
Uddhav ke vyavahare ki ki tulna kiss kiss Se Ki gai hai |
Answer» Uddhav k vyahvar ki tulna bhanware se ki gyi h Uddhav ke vyayahare le tulna kamal le patte se ki gyi h |
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172. |
Bhagat nai apne son ki death par apni feelings kis tarah vyaqt ki |
Answer» | |
173. |
Hindi full chpt solution Suryakant tripathi |
Answer» 1. छायावाद की एक खास विशेषता है अन्तर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।उत्तर:-\xa0कविता के निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है कि प्रस्तुत कविता में अन्तर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाया गया है :आभा फागुन की तनसट नहीं रही है।औरकहीं साँस लेते हो,घर घर भर देते हो,उड़ने को नभ में तुम,पर पर कर देते हो।यह पंक्तियाँ फागुन और मानव मन दोनों के लिए प्रयुक्त हुई हैं।For more click on the given link :https://mycbseguide.com/blog/ncert-solutions-for-class-10-hindi-course-a-suryakant-tripathi-at-nahi-rahi-hai/ | |
174. |
Sabhogan |
Answer» | |
175. |
Harihar kaka ka danist sambandi kis |
Answer» | |
176. |
\'Main bhi corona yodha\' is vishay par hindi anuched lekhan |
Answer» Covid 19 महामारी\xa0ने पूरे दुनिया को घुटनो पर आने के लिए मज़बूर कर दिया है। दुनिया का एक भी कोना ऐसा नहीं है जहाँ इस वायरस का संक्रमण ना फैला हो। दुनिया में लाखो लोगो की इस वायरस ने जान ले ली। बहुत सारे लोग प्रतिदिन इससे संक्रमित हो रहे है। भारत में तीन लाख से अभी ज़्यादा लोग कोरोना वायरस से पीड़ित है। इसका सिर्फ एक ही उपाय है और वह है समाजिक दूरी। इसके साथ ही मुँह पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और जितना हो सके आपने हाथों को धोये और आस -पड़ोस में सफाई का ध्यान रखे। भारत ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन घोषित किया और इस लॉकडाउन को कई बार बढ़ाया गया। इस महामारी ने दुनिया में तूफ़ान ला दिया है। वायरस संक्रमण के श्रृंखला को तोड़ने के लिए नागरिको के बीच सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा गया।कोरोना काल में डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय , पैथोलोजिस्ट , सभी ने कोरोना योद्धा बनकर देश की सेवा की है। भारत में कई महीनो तक लॉकडाउन जारी रहा और अभी भी कुछ हिस्सों में लॉकडाउन जारी है। सभी डॉक्टर और नर्स रात दिन जागकर कोरोना संक्रमित मरीज़ो की भरपूर सेवा कर रहे है। वे इस आपातकालीन स्थिति में कोरोना योद्धा बनकर देश की सेवा में आगे रहे है। उन्होंने जान जोखिम में डालकर अपनी देश , समाज और मरीज़ो के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी की है। लॉकडाउन के वक़्त सामान्य लोगो को असुविधा ना हो इसलिए आवश्यक आपूर्तियों को पूरा करने के लिए दूध , सब्ज़ियां , अखबार इत्यादि का भली भाँती प्रबंध किया गया।\xa0इसलिए हमे किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा है। यह इसलिए मुमकिन हो पाया क्यूंकि सभी लोगों ने कोरोना योद्धा बनकर हमे सुविधाएं प्रदान की।दिन भर पानी और बिजली , दूरसंचार और बैंकिंग जैसी सुविधा लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में बंद नहीं हुयी। यह इसलिए नहीं हुआ क्यों कि इससे जुड़े सारे कर्मचारियों ने इस आपातकालीन विषम परिस्थितियों में बिना रुके एक जुट होकर काम किया। इन्हे हम कोरोना काल में योद्धा के रूप में देखते है जिनकी वजह से आम आदमियों को कठिनाईओं का सामना नहीं करना पड़ा।लॉकडाउन नियम के लिए दिशानिर्देश है कि प्रत्येक नागरिक को घर में रहना है और सारी राज्य की सीमाएं सील की गयी है। लेकिन कुछ लोग कोरोना संकटकाल में सेवाएं प्रदान कर रहे है ताकि आम नागरिको को नुकसान ना पहुंचे। आवश्यक चीज़ें लॉकडाउन में प्रदान की जा रही है।\xa0किसी भी प्रकार की सामाजिक गड़बड़ी को सुनिश्चित करने के लिए सबसे आगे योद्धा के रूप में स्थानीय पुलिस बल और केंद्रीय सशत्र पुलिस बल रक्षा के लिए खड़े है। कोरोना संकट काल में देश को सुरक्षित रखने और ऐसी कठिन परिस्थितियों को संभालने में उनका भरपूर योगदान रहा है। अभी भी स्थिति समान्य नहीं हुयी है लेकिन वह अपना कर्त्तव्य निभा रहे है।प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में निरंतर कार्य करने वाले योद्धाओं का सम्मान किया है। Covid 19 के इस संकटकाल में प्रतिदिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता , स्वच्छता कार्यकर्ता ,पुलिस बल और सुरक्षा कर्मी मेहनत और लगन के साथ समाज और हमारे प्रति जिम्मेदारी पूरा कर रहे है। वह बिना थके और बिना रुके समाज के प्रति अपना कर्त्तव्य निभा रहे है। इन योद्धाओं की हमे कदर और सम्मान करना चाहिए।केंद्र सरकार ने हाल ही में रूपए के बीमा कवर स्वस्थ सेवा कर्मचारियों के लिए घोषणा की जो संक्रमित लोगो की सेवा कर रहे है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए अन्य महत्वपूर्ण वर्ग के लिए बिमा पैकेज की घोषणा की। इस संकट काल में कई पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी निभाते हुए संक्रमण का शिकार हुए और कुछ को अपनी जान भी गवानी पड़ी है। सुरक्षा बल हर जगह तैनात है। कन्टेनमेंट जोन और अस्पतालों में भी वह तैनात होकर कर्त्तव्य का पालन कर रहे है। पुलिस वालों के लिए यह एक जोखिम भरा कार्य है क्यों कि इसमें वह ही नहीं बल्कि उनके परिवार वालों के लिए भी संक्रमण का खतरा होने की आशंका जताई जा रही है।डॉक्टर और नर्सेज बिना अपनी परवाह किये मरीज़ो की सेवा में लगे है। इसके चलते बहुत से डॉक्टर और नर्सेज संक्रमित हो गए है। डॉक्टर और नर्सेज मन लगाकर मरीज़ो की सेवा कर उन्हें ठीक करने में जुटे है और अपना दायित्व निभा रहे है।बैंक कर्मचारी भी जोखिम उठाकर बैंक में जाकर अपना कर्त्तव्य निभा रहे है ताकि देश की जनता को बैंक और पैसे संबंधित कोई भी मुश्किलात ना हो। बैंको को नियमित रूप से सनीटाईज़ किया जा रहा है ताकि संक्रमण का खतरा ना हो। स्वास्थकर्मी सार्वजनिक स्थानों ,स्कूलों , दफ्तरों इत्यादि हर जगहों को सनीटाईज़ करने में लगे है ताकि संक्रमण का खतरा कम हो। | |
177. |
उससे गाया नहीं जाता, कर्तृवाच्य में बदलिए| |
Answer» Vah gaa nhi pata hai. | |
178. |
Janwar ghas per Leet Jaate Hain Bhav vachya mein badaliye |
Answer» Ok Ye nahi aata |
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179. |
Balgobin bhakat chapter mcq |
Answer» | |
180. |
सहसा भाई साहब से मेरी मुठभेड़ हो गई जो शायद बाज़ार से लौट रहे थे।। वह रचना के आधार पर कौन सा वाक्य है? |
Answer» Book me ans sanyukt Diya hai मिश्र वाक्य |
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181. |
Jinke man chakari she Kya tathpariya hai |
Answer» \'जिनके मन चकरी\' से कवि का यह तात्परय है कि जिस मनुष्य का मन सथिर नहीं हो पाता ओर चकरी के समान डोलते रहता है। Se tatprya h ki jin logo ka man ghuaodar hota hai aur kahin bhi kabhi bhi dol jata hai mtlb lapetne wale log. |
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182. |
parshuram ji ko krodh kyu aaya |
Answer» शिव जी का टूट जाने पर परशुराम जी को कुरोध आया Shiv je ka dhanush tut Jane par parshuram ji ko krodh aaya.. Kyuki parshuram ji shiv ji ke param Bhagt the.. |
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183. |
तब तुम्हारी दंतुरित मुस्कान मुझे लगती बड़ी ही छवि मान इसमें कौन सा रस है |
Answer» Sringar Sringar |
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184. |
Re Das Prabhu Goswami man kar Khud ko kya batate hain |
Answer» Ogalgalhslyapusphsphslysphslhzlhslh | |
185. |
उनकी बगल में बैठे-बैठे आइने में अपना मुंह निहारा करते थे वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलिए |
Answer» Please send me the answer | |
186. |
भोलानाथ ज्यादा समय किसके साथ बिताता था ? |
Answer» Apne pita ke saath Bholanth zyada samaye.apne pita ke saath bitaya karte the... Ma Pita लेखक ने इस कहानी के आरम्भ में दिखाया है कि भोलानाथ का ज्यादा से ज्यादा समय पिता के साथ बीतता है . उसका दिन पिता की छत्रछाया में ही शुरू होता है। पिता उसकी हर क्रीड़ा में सदैव साथ रहते हैं, विपदा होने पर उसकी रक्षा करते हैं।\xa0भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था\xa0 |
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187. |
Anuched lekhan on nation and student |
Answer» | |
188. |
Apne aap ka pad parichay |
Answer» Plz ask the question by using proper language | |
189. |
Bolati shabd ka pad parichay |
Answer» | |
190. |
CBSE के हिन्दी के Exam मे लेखक का जीवन परिचय आता है ? |
Answer» Yes sometimes it comes.or some questions related to that No!! No or Yes Noo Yes |
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191. |
Shhh beth funk |
Answer» Funny Don\'t ask this type of questions which are not understood by others |
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192. |
र |
Answer» Ra ek vayanjan hai | |
193. |
गणतंत्र दिवस के अवसर गणतंत्र दिवस के अवसर पर मित्र को संदेश |
Answer» | |
194. |
neta ji ki murti kis ne banaye thi |
Answer» Master Moti Lal... Mai na Master moti lal master moti lal Master Moti Lal |
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195. |
Utsah poem me. Gher Gher Ghor gagan Daradar ao. Ka kya mtlb hai. Plz tell. |
Answer» Kavi badolo ko ye Kehke unhe apna madhyam banate hue deshwasio ko kehna chahte hai ki wo charo taraf se ek jut hokar angrezi satta ka virodh kare aur kranti ki aurbadhe Gher gher- charo oor se gher kar Ghor- ghanaa Dharadhar- badal Kavi yahan kehte hain ki he badal, tum charo oor se gherkar aao aur sabke dilo mein dar paida karo Marmik arth yaha hai ki angrezo ke atyachar ke khilaf charo oor se desh wasio aawaz uthao aur kranti karo |
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196. |
गोपियों ने उद्धव को bhagyawan क्यों कहा है ? |
Answer» गोपियों को पता है कि उद्धव भी कृष्ण से असीम प्रेम करते हैं। वे तो बस उद्धव से इसलिए जलती हैं कि उद्धव कृष्ण के पास रहते हैं। कृष्ण के पास रहने के कारण उद्धव को शायद विदाई की वह पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती जो गोपियों को झेलनी पड़ती है। उन्हें भाग्यवान कहकर गोपियाँ इसी बात की ओर इशारा कर रही हैं। | |
197. |
Prstut bhavaarth me se aap kitni kriyaan dhund sakte he ? Unhe likhiye |
Answer» | |
198. |
Apne aas pas jalbhrav ki samasya hetu nagar nigan adhikari ko ptr |
Answer» | |
199. |
Sirf total 11 chapter padane hai |
Answer» Yes bcz of this covid19 the cbse syllabus has reduced some portions if the book ? that\'s y just 11 chapters are left for studying Dear what is this..... Dont write silly questions here.... Ji kisme |
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200. |
Manvie karuna ki |
Answer» Manviya karuna ki divaya chamak at least pura naam likho chapter ka | |