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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | रोजा किसके लिए है? | 
| Answer» रोजा बड़े-बूढ़ों के लिए है। | |
| 2. | हामिद कैसा लड़का है? | 
| Answer» हामिद बिना माँ-बाप का, गरीब सूरत का दुबला-पतला लड़का है। | |
| 3. | हामिद किसके साथ रहता था? | 
| Answer» हामिद अपनी बूढ़ी दादी अमीना के साथ रहता था। | |
| 4. | बूढ़ी अम्मा का क्रोध स्नेह में क्यों बदल गया? | 
| Answer» हामिद के चिमटा लाने पर अम्मा को दुःख हुआ। उसे हामिद की नासमझी पर क्रोध भी आया। हामिद ने दादी से कहा कि रोटियाँ पकाते समय तुम्हारी उँगलियाँ जल जाती थी, इसलिए मैं चिमटा लाया हूँ। यह सुनकर बूढ़ी अम्मा का क्रोध स्नेह में बदल गया। हामिद के त्याग, सद्भाव और विवेक पर वह न्यौछावर हो गई। | |
| 5. | हामिद मेले में जाने लगा तो अमीना उसके लिए क्यों चिंतित थी? | 
| Answer» गाँव के दूसरे लड़के अपने-अपने बाप के साथ मेले में जा रहे थे। हामिद के तो माँ-बाप मर चुके थे। अमीना उसे अकेले कैसे भेजती? उसे डर था कि कहीं भीड़ में हामिद खो न जाए। तीन कोस का सफर था और हामिद के पाँवों में जूते भी नहीं थे। अमीना को लगा कि हामिद जाएगा तो उसके पाँवों में छाले पड़ जाएँगे। उसकी जेब में केवल तीन पैसे थे। इन्हीं कारणों से हामिद मेले में जाने लगा तो उसके लिए अमीना चिंतित थी। | |
| 6. | हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना पर क्या प्रतिक्रिया हुई? | 
| Answer» हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना चौंक उठी। उसकी समझ में नहीं आया कि इतने बड़े मेले में हामिद को और कोई चीज नहीं मिली जो यह चिमटा उठा लाया! उसे बड़ा दुःख हुआ। उसने सोचा कि यह कितना बेसमझ लड़का है! दोपहर होने आई और इसने न कुछ खाया, न पिया। इस प्रकार हामिद को चिमटा लाया देखकर अमीना को बहुत दुःख हुआ। | |
| 7. | चिमटा खरीदने के लिए हामिद कौन-से कारण बताता है?अथवाहामिद ने चिमटे की सर्वोपरिता कैसे सिद्ध की? | 
| Answer» हामिद ने बड़े गर्व के साथ अपने साथियों को बताया कि चिमटा सबसे बड़ा खिलौना है। इसे कंधे पर रखें तो यह बंदूक हो जाएगा। हाथ में लेने पर फकीरों का चिमटा हो जाएगा। चिमटे से मंजीरे का काम भी लिया जा सकता है। यदि वह एक चिमटा जमा दे तो सभी के खिलौनों की जान निकल जाए। उसका चिमटा तो बहादुर शेर है। वह आग-पानी में, आँधी-तूफान में बराबर डटा रहेगा। इस प्रकार हामिद ने चिमटा खरीदने के पीछे कई कारण बताए और उसकी सर्वोपरिता सिद्ध की। | |
| 8. | अमीना ने दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ क्यों दी? | 
| Answer» हामिद ने अपनी दादी अमीना से कहा कि रोटियाँ पकाते समय तुम्हारी उँगलियाँ तवे से जल जाती थीं, इसलिए मैं चिमटा लाया हूँ। यह सुनकर अमीना का क्रोध स्नेह में बदल गया। बच्चे का इतना त्याग, सद्भाव और विवेक देखकर वह चकित रह गई। उसे यह सोचकर आश्चर्य हुआ कि दूसरे बच्चों को खिलौने खरीदते और मिठाइयाँ खाते देखकर भी यह अपने मन पर काबू कैसे रख सका? अपने प्रति पोते का यह स्नेह देखकर वह गद्गद हो उठी। वात्सल्य के उसी आवेश में अमीना ने दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ दीं। | |
| 9. | अमीना ने अपनी छाती क्यों पीट ली? | 
| Answer» अमीना ने अपनी छाती पीट ली, क्योंकि हामिद ने सुबह से कुछ खायापिया नहीं था। मेले में खाने-पीने की कोई चीज न लेकर वह लोहे का चिमटा खरीद लाया था! | |
| 10. | मेले में तरह – तरह की चीज़ों को देखकर भी हामिद ने चिमटा ही क्यों खरीदा? | 
| Answer» मेले में तरह – तरह की चीज़ों को देखकर भी हामिद ने चिमटा ही खरीद लिया । क्योंकि उन्हें अपनी दादी अमीना का ख्याल आता है कि जब वह रोटियाँ तवे पर से उतारती तब उसकी उंगलियाँ जल जाने लगीं। उसे देखकर वह नहीं रह और सह सका । उसका दिल कोमल है। | |
| 11. | हामिद के साथियों ने कौन-कौन-से खिलौने खरीदे? | 
| Answer» मेले की दुकानों में तरह-तरह के खिलौने थे। महमूद ने खाकी वर्दी और लाल पगड़ीवाला एक सिपाही खरीदा। मोहसिन ने एक भिश्ती लिया। भिश्ती अपनी झुकी हुई कमर पर मशक रखे हुए था। नूरे ने एक वकील पसंद किया। सम्मी ने एक खंजरी खरीदी। इस प्रकार हामिद के साथियों ने अपनी-अपनी पसंद के खिलौने खरीदे। | |
| 12. | हामिद ने चिमटा ही क्यों खरीदा? | 
| Answer» हामिद को लोहे की दुकान पर चिमटा देखकर ख्याल आया कि दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारते समय उसकी उँगलियाँ जल जाती हैं। चिमटा ले जाने पर वे जरूर प्रसन्न होंगी। चिमटा होने पर उसकी उँगलियाँ नहीं जलेंगी और घर में एक काम की चीज भी हो जाएगी। खिलौने और मिठाइयाँ खरीदने में तो पैसों की बरबादी ही है। ऐसा सोचकर हामिद ने और कोई चीज न खरीदकर चिमटा ही खरीदा। | |
| 13. | खिलौने और मिठाइयाँ खरीदनेवाले साथियों के बारे में हामिद के मन में क्या विचार आए? | 
| Answer» मिठाइयाँ खानेवाले साथियों के बारे में हामिद ने सोचा कि सचमुच ये लोग बड़े लालची हैं। इतनी मिठाइयाँ लीं, पर मुझे एक भी न दी। इतनी मिठाइयाँ खाने से इनका मुंह सड़ेगा, फोड़े-फुसियाँ निकलेंगी और जबान चटोरी हो जाएगी। तब मिठाइयों के लिए ये लोग घर से पैसे चुराएँगे और मार खाएँगे। अम्मा चिमटा देखकर मुझे दुआएँ देंगी। इन लोगों के खिलौने पर कौन इन्हें दुआएँ देगा? इस प्रकार हामिद के मन में खिलौने और मिठाइयाँ खरीदनेवाले साथियों के बारे में तरह-तरह के विचार आए। | |
| 14. | इन्हें समझिए और अभ्यास कीजिए।i) हामिद के बाज़ार से आते ही अमीना ने उसे छाती से लगा लिया।ii) हामिद ने कहा कि घर की देखरेख दादी ने की। | 
| Answer» i) यहाँ अपादान कारक “से” का प्रयोग किया गया है। ii) इस वाक्य में “कि’ का प्रयोग जोडनेवाले शब्द समुच्चयबोधक के रूप में हुआ। “की” का प्रयोग संबंध कारक और क्रिया रूप में हुआ। | |
| 15. | अमीना का मन क्यों गद्गद् हो गया? | 
| Answer» • हामिद बूढ़ी दादी अमीना के लिए मेले में तीन पैसों से चिमटा खरीदकर लाता है। • उसके पास केवल तीन ही पैसे हैं । उनके सारे दोस्त तरह – तरह के खिलौने और मिठाइयाँ खरीदते हैं। • हामिद अपनी दीदी अमीना रोटियाँ तवे से उतारते वक्त जलती उंगलियों को याद करके उसके लिए • चिमटा खरीदकर ले जाता है । वह दुपहर तक खाली पेट रहता है । वह कुछ खाता – पीता तक नहीं । • इसलिए अपने प्रति हामिद का प्यार, श्रद्धा, प्रेम और निस्वार्थ भावना को देखकर बूढी दादी अमीना का मन गद्गद् हो गया । | |
| 16. | हामिद के ईदगाह जाने के विषय को लेकर अमीना क्यों परेशान थी? | 
| Answer» • वह बेसमझ लडका था। उसके सिर पर पुरानी फटी टोपी थी। • उसके पाँवों में जूते भी नहीं थे। मेला जाने तीन कोस पैदल चलना था। • उसके पैरों में छाले पड़ जायेंगे। गाँव के बच्चे अपने पिता के साथ जा रहे हैं। • हामिद का अमीना के सिवा कौन है? * भीड़ में बच्चा कहीं खोगया तो क्या होगा? • उपर्युक्त इन सारे अंशों के कारण अमीना परेशान थी । | |
| 17. | हामिद के हाथ में चिमटा देखकर दादी ने क्या कहा? | 
| Answer» हामिद अपनी बूढी दादी अमीना के लिए मेले में तीन पैसों से चिमटा खरीद लाया । हामिद के हाथ में चिमटा देखकर दादी ने पूछा कि यह चिमटा कहाँ से लाये हो? बालक हामिद ने जवाब दिया कि मैं इसे मोल कर लाया हूँ अम्मा । तब उसे दुख हुआ कि कुछ खाये न पिये हामिद दोपहर तक खाली पेट रहकर अपने लिए चिमटा लाया । अमीना का मन गदगद् हो गया और उसे दुआएँ दी। | |
| 18. | हामिद के बारे में आप क्या जानते हैं? | 
| Answer» • हामिद चार – पाँच साल का दुबला – पतला लडका हैं। • उसके माँ – बाप दोनों मर जाते हैं। • वह अपनी दादी अमीना का गोद में बढ़ता है। • उस में त्याग, सेवा, निस्वार्थ, बड़े बुजुर्गों के प्रति आदर भाव, स्नेह भाव, श्रद्धा भाव आदि भरपूर हैं। • वह अपनी बूढ़ी दादी अमीना के लिए एक चिमटा खरीदता है। • उस में सद्भाव और विवेक भी है। | |
| 19. | हामिद के स्थान पर आप होते तो दादी से कैसा व्यवहार करते? | 
| Answer» हामिद चार – पाँच साल का दुबला – पतला भोला – भाला लडका है। उसके माँ – बाप चल बसे है। बूढ़ी दादी अमीना ही उसकी देखभाल करने लगी है। हामिद बडों के प्रति आदर भाव रखनेवाला अच्छा लडका है। अपनी दादी के प्रति वह बडी श्रद्धा दिखाता है। ऐसे हामिद के स्थान पर मैं होता तो दादी से नम्र व्यवहार करता। उस की हर बात मान लेता। उसके कहे अनुसार चलने की कोशिश करता। उसे किसी प्रकार का कष्ट न पहुँचाने का प्रयत्न करके | उसे खुश और सुंतष्ट रखता। | |
| 20. | निर्धन लोग ईद – त्यौहार कैसे मनाते हैं? ‘ईदगाह’ कहानी को दृष्टि में रखकर उत्तर दीजिये। | 
| Answer» ईदगाह कहानी के कहानीकार श्री प्रेमचंद है। इनका जन्म सन् 1880 में हुआ। इन्होंने एक दर्जन उपन्यास और तीन सौ से अधिक कहानियों की रचना की। त्यौहार मानव जीवन में खुशी और सजगता लाते हैं। खुशियाँ बाँटने में धनी और निर्धन का भेद – भाव नहीं। लेकिन अपने – अपने स्थाई के अनुसार वे त्यौहार मनाते हैं। ईद का मूलमंत्र यह है कि ईद केवल खुशी मनाने का नहीं बल्कि खुशियाँ बाँटने और लोगों को खुशी में शामिल करने का दिन है। खुशी में पूरे समाज विशेष रूप से उन लोगों को शामिल किया जाना ” चाहिए। जो इसे खुशी के रूप में मनाने में असमर्थ होते हैं। इसलिए ईदगाह कहानी में हामिद निर्धन होने पर भी अधिक प्रसन्न था। ईद का त्यौहार माने नये कपडे पहनकर खुशबू लगाकर ईदगाह के लिए घर से निकलना, नमाज़ के बाद एक-दूसरे से गले मिलना, ईद की मुबारक बात देना, अपने परिवार और मित्रों के साथ सैर – सपाटे पर निकल जाना ईद के दिन की यह परंपरा वर्षा से नहीं। सदियों से चला आ रहा है। कहानी में भी हामिद नमाज़ के बाद अपने मित्रों से गले मिलकर, सैर – सपाटे पर निकले तो उसके मित्र तरह – तरह के खिलौने खरीदते हैं। यह त्यौहार भाईचारे का प्रतीक है। सभी इस दिन गले मिलते हैं। शतृता भूलकर मित्र बन जाते हैं। इस दिन न कोई छोटा होता है न बडा, न कोई धनी होता है। और न निर्धन। इस दिन बच्चे अपने निर्धनता पर ख्याल नहीं रखते । लेकिन हामिद जैसे कुछ बच्चे अपने निर्धनता को ख्याल में रखकर खेल – तमाशों तथा झूले का आनंद लेना, खिलौने खरीदना और भांति – भांति की मिठाइयों का आनंद लेते हैं। नये वस्त्र सिलवाते हैं। ईद भ्रातृभाव का त्यौहार है। ईद-उल-फ़ितर के दौरान नमाज़ पढ़ने के बाद मीठी सेवाइयाँ खाई जाती हैं। इसलिए हामिद की दादी घर में कुछ पकाने का सामान न होने से सेवाइयाँ लाने के बारे में सोचती है। ईद के दिन हर मुसलमान ईदगाह जाने के पहले “फ़ित्रा “के रूप में एक निश्चित राशी अल्लाह के राह में खर्च करता है ताकि निर्धन व असहाय लोग भी ईद के खुशियों में शामिल हो सकें। | |
| 21. | हामिद का चिमटा खरीदना कहाँ तक उचित है? – अपने विचार व्यक्त कीजिए। | 
| Answer» हामिद का चिमटा खरीदना उचित है। क्योंकि उसकी दादी बूढ़ी हो गयी है। तवे से रोटियाँ उतारते समय उसकी उँगलियाँ जल जाती थीं। इससे दादी को बहुत पीड़ा होती थी। उन्हें इस पीड़ा से बचाने के लिए ही हामिद ने चिमटा खरीदा। | |
| 22. | हामिद की निस्वार्थ भावना को पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। | 
| Answer» अपनी दादी के प्रति हामिद की भावनाएँ संवेदनशील थीं। हामिद चार – पाँच साल का भोली सूरत वाला बालक है। उसके माता – पिता इस दुनिया में नहीं है। उसका एक मात्र सहारा उसकी दादी है। जो कि बहुत ही गरीब है। ईद के दिन भी उसके घर में अन्न का एक दाना तक नहीं है। दादी बड़ी मुश्किल से तीन पैसे जुटा कर देती है हामिद को । ईदगाह जाकर सब बच्चे तरह – तरह के खिलौने, मिठाइयाँ आदि खरीदते हैं। हामिद का मन भी ललचाता है । किंतु वह तुरंत अपने मन को समझा लेता है कि ये मिट्टी के खिलौने हैं। जो गिरकर चकनाचूर हो जायेंगे और मिठाई खाने से क्षणिक खुशी मिलेगी। इससे कोई फायदा नहीं है। लोहे की दुकान पर चिमटों को देखकर हामिद को अपनी दादी का ख्याल आता है। क्योंकि उसके घर में चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारते समय दादी की उँगलियाँ जल जाती थीं। उन्हें बहुत पीडा होती थी। दादी की पीड़ा को दूर करने के लिए उनकी खुशी के लिए ही हामिद ने तीन पैसे देकर चिमटा खरीदा। ताकि दादी को खुशी हो और सुख मिले। दादी के प्रति निस्वार्थ, त्याग, सद्भावना, प्रेम, विवेक, आदर, श्रद्धा, संवेदनशील, कर्तव्य परायण आदि भावनाएँ हामिद में हैं। | |
| 23. | अपने मित्रों द्वारा तरह- तरह के खिलौने और मिठाइयाँ खरीदे जाने पर भी हामिद ने चिमटा ही क्यों खरीदा? | 
| Answer» अपने मित्रों द्वारा तरह – तरह के खिलौने और मिठाइयाँ खरीदे जाने पर भी हामिद ने चिमटा ही खरीदता है – क्योंकि हामिद की दादी के पास चिमटा नहीं है। जब तवे से रोटियाँ उतार थी तो हाथ जल जाते थे। अगर वह चिमटा खरीदकर दादी के लिए ले जाता, तो वह बहुत प्रसन्न होगी। उनकी उँगलियाँ .. भी नहीं जलेंगी। उसकी प्रशंसा करके उसे दुआएँ देगी। ऐसा सोचकर वह चिमटा खरीदा। हामिद के. अंदर त्याग, सद्भाव और विवेक, प्रेम जैसे गुण विद्यामान थे। बड़ों के प्रति आदर भाव भी था। इसिलिए । वह अपने साथियों को खिलौने खरीदते या मिटाइयाँ खरीदते देखकर भी उसका मन नहीं ललचाया है। बल्कि बह तीन पैसों से चिमटा खरीदता है, उसमें निस्वार्थ भाव था। इसिलिए वह चिमटा ही खरीदा। | |
| 24. | “नैतिक मूल्य भारतीय जीवन के प्रतिबिंब है।” ईदगाह कहानी के द्वारा स्पष्ट कीजिए। | 
| Answer» • भारतीय जीवन में नैतिक मूल्यों की महत्त्व है। • ईदगाह एक कहानी है। उसके लेखक प्रेमचंद है। • इस कहानी में एक छोटे से बालक हामिद के बारे में मार्मिक चित्रण है। • ईद के दिन हामिद ईदगाह जाता है। • दादी अमीना हामिद को तीन पैसे देती है। • हामिद मेले में मोल – तोल कर चिमटा खरीदता है। • हामिद को दादी की याद आती है। • दादी की उँगलियाँ जल जाती हैं तो वह देख नहीं पाता। – सहानुभूति, करुणा, त्याग आदि भावों से उसका दिल भरा हुआ है। • पोते के संस्कारों को देखकर दादी पुलकित हो जाती है। | |
| 25. | हामिद गरीब है फिर भी वह ईद के दिन अन्य लडकों से अधिक प्रसन्न है, क्यों ? | 
| Answer» हामिद भोली सूरतवाला चार – पाँच साल का दुबला पतला लडका है। जो कुछ मिला है, उससे संतुष्ट रहनेवाला आशावादी लडका है। उसके माँ – बाप मर गये। उसकी दादी अमीना ही उसका पालन – पोषण कर रही है। दादी ने उससे कहा कि उसके अब्बाजान रुपये कमाने गये हैं और अम्मीजान अल्लाह मियाँ के घर से उसके लिए अच्छी चीजें लाने गयी है। आशा तो बडी चीज़ है। इसी आश में डूबे हामिद ईद के दिन अन्य लड़कों से अधिक प्रसन्न है। | |
| 26. | दादी और पोते के मार्मिक प्रेम को दर्शानेवाली कहानी के बारे में आप क्या जानते हैं?(या)अपनी पाठ्यपुस्तक में से मानवीय मूल्यों को प्रतिबिंबित कहानी के बारे में लिखिए । | 
| Answer» रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद आज ईद आयी है । ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं । लडके सबसे ज़्यादा प्रसन्न हैं । हामिद भी ज़्यादा प्रसन्न है । वह भोली सूरत का चार – पाँच साल का दुबला – पतला लडका है । उसके माँ – बाप दोनों चल बसे । हामिद अपनी बूढी दादी अमीना के लालन – पोषण में रहता है । ईद का दिन होने के नाते हामिद आज बहुत प्रसन्न है । आज वह मेले के साथ ईदगाह जाना चाहता है । उसके पैरों में जूते तक नहीं । तीन कोस पैदल ही चलना पडता है । इसलिए दादी अमीना को बडा दुख हुआ । हामिद कैसा ठहर सकता है । वह ईदगाह की ओर चल पडा । उसके जेब में केवल तीन पैसे हैं । नमाज़ खत्म हो गयी । लोग आपस में गले मिल रहे हैं। सब मिठाई और खिलौनों के दूकानों पर धावा करने लगे। हामिद के दोस्त मिठाइयाँ और खिलौने खरीदते उसे ललचाने पर भी वह चुप रह गया । उसके पास केवल तीन ही पैसे हैं । वह लोहे की चीज़ों के दुकान के पास ठहर जाता है । उसे ख्याल आता है कि दादी के पास चिमटा नहीं है । तवे से रोटियाँ उतारती है तो हाथ जल जाते हैं | अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे-तो वह कितनी प्रसन्न होगी ? यह सोचकर हामिद तीन पैसों से चिमटा खरीदकर दादी को देने तैयार होता है । हामिद के दोस्तों ने उसका मज़ाक किया । अमीना चिमटा देखकर हामिद के त्याग, सद्भाव और विवेक पर मुग्ध हो जाती है । वह प्रेम से गदगद हो जाती है । वह हामिद को दुआएँ देती है। | |
| 27. | ‘ईदगाह’ कहानी नैतिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। सिद्ध कीजिए।(या)ईदगाह के मेले को दृष्टि में रखकर बताइए कि हामिद अपने साथियों से किस तरह अलग स्वभाव का लड़का है? | 
| Answer» उपन्यास सम्राट प्रेमचंद जी की सफल एवं असरदार कहानी है ईदगाह। यह आदर्शयुक्त, यथार्थवादी भावनाओं से भरपूर है। मानव जीवन में नैतिक मूल्यों का विकास करना इस कहानी का खास आशय है। बडे बुजुर्गों के प्रति आदर भाव रखने पर जोर दिया गया है। हामिद चार – पाँच साल का दुबला – पतला – भोला भाला लडका है। उसके माँ – बाप चल बसे हैं। अपनी बूढी दादी अमीना की देखभाल वह करने लगा है। हामिद एकदम अच्छा और आशावान लडका है। उसके पैरों में जूते तक नहीं है। आज ईद का दिन है। सारा वातावरण सुंदर और सुखदायी है। महमूद, मोहसिन ,नूरे, सम्मी हामिद के दोस्त हैं। सब बच्चे अपने पिता के साथ ईदगाह जानेवाले हैं। हामिद भी ईद की खुशियाँ मना रहा है। हामिद भी ईदगाह जाना चाहता है तो अमीना उसे अकेले भेजने डरने लगती है। इस पर हामिद उसे जल्दी आने की बात कहकर उसे धीरज बँधाता है। तब अमीना उसे तीन पैसे देकर ईदगाह भेजने राजी होती है। सब लडके तीन कोस की दूरी पर स्थित ईदगाह पैदल जाते हैं। वहाँ नमाज़ के समाप्त होते ही सब बच्चे अपने मनपसंद खिलौने और मिठाइयाँ खरीदकर खुश रहते हैं। हामिद तो मिठाइयों को ललचाई आँखों से देखता है, मगर चुप रह जाता है। बाद लोहे की दूकान में अनेक चीजों के साथ चिमटे भी रखे हुए हैं। चिमटे को देखकर हामिद को अपनी दादी का ख्याल आता है। क्योंकि दादी के पास चिमटा नहीं है इसलिए रोज़ तवे से रोटियाँ उतारते उसके हाथ जल जाते हैं। वह सोचता है कि चिमटा ले जाकर दादी को देगा तो वह बहुत प्रसन्न होगी और उसके हाथ भी नहीं जलेंगे। ऐसा सोचकर वह दुकानदार को तीन पैसे देकर चिमटा खरीदता है। सब दोस्त उसका मजाक उडाते हैं। इसकी परवाह न करके वह गर्व के साथ घर आकर दादी को चिमटा देता है तो पहले दादी नाराज़ होती है मगर हामिद के तुम्हारी उंगलियाँ जलती थी न इसलिए मैं इसे लिया लाया कहने पर उसका क्रोध प्रेम में बदल जाता है। हामिद के दिल के त्याग, सद्भाव और वियेकगुण से उसका मन गदगद होता है। खुशी के आँसू बहाती हामिद को दुआएँ देती हैं। इस तरह ईदगाह के मेले की इस घटना दृष्टि में रखकर हम कह सकते हैं कि हामिद छोटा है फिर भी विवेक में, प्रेम में अपने साथियों से अलग स्वभाव का लडका है। | |
| 28. | सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :गाँव में बड़ी हलचल थी, क्योंकि …(अ) अगले दिन ईद का त्यौहार था।(ब) लोग ईदगाह से लौट आए थे।(क) लोग ईदगाह जाने की तैयारियां कर रहे थे। | 
| Answer» गाँव में बड़ी हलचल थी, क्योंकि लोग ईदगाह जाने की तैयारियाँ कर रहे थे। | |
| 29. | ईद, प्रभात, वृक्ष (एक – एक शब्द का वाक्य प्रयोग कीजिए और उसके पर्याय शब्द लिखिए। | 
| Answer» वाक्य प्रयोग ईद – ईद मुसलमानों का एक त्यौहार है। | पर्याय शब्द ईद – रमज़ान, पर्व, ईद – उल – फ़ितर, त्यौहार | |
| 30. | सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :चिमटे का दाम सुनकर हामिद का दिल बैठ गया, क्योंकि …(अ) अन्य चीजें सस्ती थीं।(ब) चिमटा ठीक नहीं था।(क) उसके पास केवल तीन पैसे थे। | 
| Answer» चिमटे का दाम सुनकर हामिद का दिल बैठ गया, क्योंकि उसके पास केवल तीन पैसे थे। | |
| 31. | कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :(अम्मा, कुबेर, चिमटा, रमजान, हैज़े, ईद)(1) ..... के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई है।(2) रोजे बड़े-बूढ़ों के लिए होंगे, बच्चों के लिए तो ..... है।(3) उनकी अपनी जेबों में तो ....... का धन भरा हुआ है।(4) हामिद का बाप गत वर्ष ......... की भेंट हो गया।(5) हामिद अमीना को .......... कहता है।(6) हामिद को ख्याल आया, दादी के पास .......... नहीं है। | 
| Answer» (1) रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई है। (2) रोजे बड़े-बूढ़ों के लिए होंगे, बच्चों के लिए तो ईद है। (3) उनकी अपनी जेबों में तो कुबेर का धन भरा हुआ है। (4) हामिद का बाप गत वर्ष हैज़े की भेंट हो गया। (5) हामिद अमीना को अम्मा कहता है। (6) हामिद को ख्याल आया, दादी के पास चिमटा नहीं है। | |
| 32. | सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :1. मोहसिन ने हामिद को बुद्धू कहा, क्योंकि …(अ) वह सबके खिलौनों का मजाक उड़ा रहा था।(ब) उसने चिमटा खरीदा था।(क) उसने चिमटे को बंदूक की तरह कंधे पर रखा था।2. दूसरे लड़के भी चिमटा खरीदना चाहते थे, क्योंकि …(अ) वह अच्छा और सस्ता था।(ब) उन्हें चिमटा खरीदने के लिए अलग से पैसे दिए गए थे।(क) हामिद के चिमटे ने सबको मोहित कर दिया था।3. अमीना का क्रोध स्नेह में बदल गया, क्योंकि …(अ) हामिद ने उससे माफी माँगी।(ब) उसने हामिद में त्याग, सद्भाव और विवेक जैसे गुण देखे।(क) बच्चों ने अमीना को समझाया था। | 
| Answer» 1. मोहसिन ने हामिद को बुद्धू कहा, क्योंकि उसने चिमटा खरीदा था। 2. दूसरे लड़के भी चिमटा खरीदना चाहते थे, क्योंकि हामिद के चिमटे ने सबको मोहित कर दिया था। 3. अमीना का क्रोध स्नेह में बदल गया, क्योंकि उसने हामिद में त्याग, सदभाव और विवेक जैसे गुण देखे। | |
| 33. | ईद की नमाज पढ़ने की जगह को क्या कहते हैं?A. ईदबागB. ईदमैदानC. ईदघरD. ईदगाह | 
| Answer» उत्तर : D. ईदगाह | |
| 34. | हामिद को किसने साथी बनाया?A. नूरे नेB. मोहसिन नेC. महमूद नेD. सम्मी ने | 
| Answer» उत्तर : C. महमूद ने | |
| 35. | देश एवं समाज की उन्नति किस प्रकार होगी? | 
| Answer» यदि सभी लोग अपनी सामर्थ्य और शक्ति के अनुसार परोपकार करते रहें, तो देश और समाज की उन्नति होगी। | |
| 36. | विलोम शब्द लिखिए :आश्रित, अवनति | 
| Answer» आश्रित x अनाश्रित, अवनति x उन्नति । | |
| 37. | दुकानों में कैसे-कैसे खिलौने थे? | 
| Answer» दुकानों में सिपाही और गुजरिया, राजा और वकील, भिश्ती और धोबिन आदि तरह-तरह के खिलौने थे। ये खिलौने इतने सजीव थे कि लगता था, जैसे अब बोलने ही वाले हों। | |
| 38. | हामिद लोहे की दुकान पर क्यों रुक गया? | 
| Answer» लोहे की दुकान पर कई चिमटे रखे हुए थे, जिन्हें देखकर हामिद को अपनी दादी के पास चिमटा न होने का ख्याल आया। चिमटा खरीदने के विचार से हामिद लोहे की दुकान पर रुक गया। | |
| 39. | दुकानों में कौन-कौन-से खिलौने मिल रहे थे? | 
| Answer» दुकानों में सिपाही, गुजरिया, राजा, वकील, भिश्ती, धोबिन आदि मिट्टी के खिलौने मिल रहे थे। | |
| 40. | हामिद और उसके मित्रों के बीच हुई बातचीत की किसी एक घटना को संवाद के रूप में लिखिए। | 
| Answer» हामिद और उसके दोस्त मोहसिन, महमूद और सम्मी सब मिलकर ईदगाह जाते हैं। वहाँ मेले में वे कुछ चीजें खरीदते हैं और आपस में इस प्रकार संवाद करने लगते हैं। (खिलौनों की दुकानों के पास) मोहसिन : अरे! यह देखो। यह भिश्ती कितना सुंदर है ? महमूद : मेरे ये सिपाही और नूरे वकील को देखो। ये कितने अच्छे हैं और खूबसूरत हैं? सम्मी : हाँ! हाँ! मेरे इस धोबिन को देखिए। यह कैसा है ? हामिद : (उन्हें ललचाई आँखों से देखते हुए) ये सब मिट्टी के तो हैं, गिरे तो चकनाचूर हो जायेंगे। मोहसिन : (रेवडी खरीदता है) “अरे! हामिद यह रेवडी ले ले कितनी खुशबूदार है।” हामिद : “रखे रहो।, क्या मेरे पास पैसे नहीं हैं ?” सम्मी : अरे, उसके पास तो तीन ही पैसे हैं, तीन पैसे से क्या – क्या लेगा? सब दोस्तों ने एक साथ मज़ाक करते हुए : यह चिमटा क्यों लाया पगले! इसे क्या करेगा ? | |
| 41. | इस कहानी में आपको कौन-सी बात सबसे अच्छी लगी और क्यों | 
| Answer» इस कहानी में मुझे हामिद का अपनी बूढ़ी दादी अमीना के लिए मेले में चिमटा खरीदना सबसे अच्छा लगा। क्योंकि हामिद एक अनाथ बच्चा है। उसके माता-पिता नहीं हैं और वह अपनी बूढ़ी दादी अमीना के साथ रहता है। वह गाँव के अन्य बच्चों के साथ मेला देखने गया था। उसके पास कुल तीन पैसे थे। उसके सभी दोस्त मेले में मिठाइयाँ खा रहे थे, शर्बत पी रहे, खिलौने खरीद रहे थे। हामिद का बालमन भी अन्य बच्चों की तरह वही सब खाना और खरीदना चाह रहा होगा। लेकिन उसके पास कुल तीन पैसे ही थे। उसने अपने मन की एक न सुनी और उस छोटे बच्चे ने एक जिम्मेदार आदमी की तरह अपनी बूढ़ी दादी की उँगलियों को जलने से बचाने के लिए चिमटा खरीदा। | |