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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | खट्टे रसदार फलों में कौन-सा विटामिन पर्याप्त मात्रा में मिलता है।(क) विटामिन ‘ए’(ख) विटामिन ‘बी’(ग) विटामिन सी(घ) विटामिन ‘डी’ | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) विटामिन सी | |
| 2. | सोयाबीन स्वास्थ्य के लिए क्यों उपयोगी है? | 
| Answer» सोयाबीन में प्रोटीन की मात्रा सर्वाधिक होती है; अतः इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए अति उपयोगी है। | |
| 3. | सोयाबीन में कौन-सा तत्त्व प्रमुख रूप से पाया जाता है? | 
| Answer» सोयाबीन में प्रोटीन तत्त्व 43.5% पाया जाता है। | |
| 4. | स्कर्वी रोग किस विटामिन की कमी से होता है? या विटामिन ‘सी’ की कमी से कौन-सा रोग होता है? | 
| Answer» शरीर में विटामिन ‘सी’ की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो जाता है। | |
| 5. | आहार या भोजन से आप क्या समझती हैं? आहार के आवश्यक पोषक तत्त्व कौन-कौन से हैं? | 
| Answer» आहार या भोजन का अर्थ एवं पोषक तत्व यह एक सर्वविदित तथ्य है कि कोई भी जीवित प्राणी आहार या भोजन के अभाव में अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकता। वास्तव में सभी जीवित प्राणियों का एक अनिवार्य लक्षण है—नियमित रूप से आहार ग्रहण करना। आहार की आवश्यकता भूख के रूप में अनुभव की जाती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सामान्य रूप से यह मान लिया जाता है कि जो खाद्य-सामग्री ग्रहण करने से भूख शान्त हो जाए वह व्यक्ति का आहार या भोजन है, परन्तु आहार का यह अर्थ न तो पूर्ण है और न ही सही। वास्तव में मनुष्य के लिए आहार ग्रहण करने के विभिन्न उद्देश्य हैं। भूख को शान्त करने के अतिरिक्त आहार से ही हम शक्ति प्राप्त करते हैं। आहार शरीर की वृद्धि एवं विकास में भी योगदान प्रदान करता है। शरीर के रख-रखाव में भी आहार का ही मुख्य योगदान होता है। आहार से ही हमारा शरीर रोगों से बचने की क्षमता प्राप्त करता है। आहार के इन समस्त उद्देश्यों एवं उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए आहार के अर्थ को हम इन शब्दों में प्रस्तुत कर सकते हैं, ”वह ठोस या तरल सामग्री आहार कहलाती है, जिसे ग्रहण करने से भूख मिटती है, शरीर शक्ति प्राप्त करता है, शरीर की वृद्धि एवं विकास होता है, शरीर के अन्दर होने वाली टूट-फूट की मरम्मत होती है तथा प्राणी रोगों से लड़ने की क्षमता प्राप्त करता है।” 
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| 6. | आहार के पोषक तत्त्व के रूप में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए।याकार्बोहाइड्रेट के संगठन, प्राप्ति के स्रोत, उपयोगिता तथा अधिकता से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।याप्रोटीन के विषय में आप क्या जानती हैं?प्रोटीन की उपयोगिता, आहार में कमी तथा अधिकती के परिणाम बताइए।या‘वसा’ के विषय में आप क्या जानती हैं? वसा की उपयोगिता, आहार में कमी तथा अधिकता से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए। | 
| Answer» (I) कार्बोहाइड्रेट ये कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन से निर्मित यौगिक हैं, जिनमें हाइड्रोजन व ऑक्सीजन सदैव दो-एक के अनुपात (2:1) में होती हैं। इनमें विभिन्न प्रकार की शर्करा व स्टार्च सम्मिलित किए जाते हैं। शर्करा को मीठे फलों; जैसे अंगूर, खजूर, सेब आदि से प्राप्त किया जा सकता है। बड़े पैमाने पर शर्करा गन्ने एवं चुकन्दर से प्राप्त की जाती है। अंगूरी-शर्करा, ग्लूकोस, अन्य फलों से प्राप्त शर्करा फ्रक्टोज तथा व्यापारिक शर्करा सुक्रोस कहलाती है। स्टार्च प्राय: गेहूं, चावल, आलू, साबूदाना व अरवी इत्यादि से प्राप्त होता है। स्टार्च प्राय: जल में अविलेय होता है। उपयोगिता 
 कार्बोहाइड्रेट की कमी से हानियाँ: यदि व्यक्ति के आहार में कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा का समावेश होता है, तो हमारा शरीर आवश्यक ऊर्जा, प्रोटीन तथा वसा से प्राप्त करता हैं इससे शरीर में प्रोटीन-कार्बोहाइड्रेट कुपोषण की स्थिति आ जाती है। इस स्थिति में शरीर का वजन घटने लगता है तथा त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ने लगती हैं। त्वचा ढीली पड़ जाने के कारण लटकने लगती है, व्यक्ति दुर्बलता महसूस करने लगता है तथा उसके चेहरे की सामान्य चमक घटने लगती है। कार्बोहाइड्रेट्स की अधिकता से हानियाँ: (II) प्रोटीन हमारे आहार को एक महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व ‘प्रोटीन भी है। ये जटिल रासायनिक अणु होते हैं जो कि कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के बने होते हैं। इन्हें नाइट्रोजीन्स अथवा नाइट्रोजनयुक्त खाद्य पदार्थ भी कहते हैं। कुछ प्रकार की प्रोटीन्स में सल्फर व फॉस्फोरस भी होते हैं। सभी प्रोटीन्स अमीनो अम्ल के संयोग से बने होते हैं। प्राप्ति के आधार पर प्रोटीन्स दो प्रकार के होते हैं (क) प्राणिजन्य प्रोटीन: (1) अण्डा (एल्ब्यूमिन)           13.3% (ख) वनस्पतिजन्य प्रोटीन: (1) सोयाबीन                                                           43% उपयोगिता: 
 प्रोटीन की कमी से हानियाँ: 
 प्रोटीन की अधिकता से हानियाँ: 1.शरीर में गर्मी अधिक उत्पन्न होती है। 2.प्रोटीन के आधिक्य को निष्कासित करने के लिए गुर्दो को अधिक कार्य करना पड़ता है; जिससे उनके दुर्बल होने का भय रहता है। 3.ठण्डे प्रदेशों में प्रोटीन का अधिक उपयोग कम हानिकारक होता है, परन्तु गर्म देशों (जैसे कि भारतवर्ष) में अधिक प्रोटीन न प्रयोग करना ही हितकर है। (III) वसा एवं तेल वसा कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन से निर्मित होती है। इनमें ऑक्सीजन की अल्प मात्रा होती है। ये वसीय अम्लों एवं ग्लिसरॉल के संयोग से बनते हैं। वसा प्रायः निम्नलिखित दो प्रकार की होती है (ख) वनस्पतिजन्य वसी: उपयोगिता: लाभ: 
 हानियाँ: 1.इनकी अधिकता से मोटापा बढ़ता है। 2.इनकी अधिकता से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। रक्त नलिकाओं को दीवारों में कोलेस्ट्रॉल के जमने के कारण रक्त वाहिनियाँ संकुचित हो जाती हैं; अतः हृदय रोग की सम्भावनाभों में वृद्धि हो जाती है। 3.वसा की अधिक मात्रा ग्रहण करने से पाचन-क्रिया बिगड़ जाती है तथा अपच या दस्त होने लगते हैं। | |
| 7. | आहार के आवश्यक पोषक तत्वों का उल्लेख कीजिए। | 
| Answer» आहार के आवश्यक पोषक तत्त्व हैं—प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, विटामिन, खनिज तथा जल। | |
| 8. | आहार के आवश्यक तत्त्व के रूप में विटामिनों का विवरण प्रस्तुत कीजिए। | 
| Answer» विटामिन्स: उपयोगिता: 
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| 9. | हरी पत्ते वाली सब्जियों में कौन-से पोषक तत्त्व मिलते हैं? | 
| Answer» हरी पत्ते वाली सब्जियों में विटामिन (विशेष रूप से ‘सी’) व खनिज लवण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। | |
| 10. | गर्भवती स्त्री के लिए दूध क्यों आवश्यक है? | 
| Answer» दूध में प्रोटीन, वसा, कार्बोज एवं लवण पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। दूध में विटामिन ‘ए’ एवं ‘डी’ आधिक्य में पाए जाते हैं, जिससे दूध नेत्रों के लिए अधिक उपयोगी रहता है। इससे बच्चों को सूखा रोग तथा पुरुष एवं महिलाओं को रतौंधी का भय नहीं रहता। दूध एक सम्पूर्ण, सन्तुलित एवं सुपाच्य आहार है। अतः गर्भवती स्त्री को स्वयं के एवं होने वाली सन्तान के स्वास्थ्य के लिए दूध का सेवन करना आवश्यक है। | |
| 11. | अण्डे के पोषक तत्त्व बताइए। या अण्डे में मुख्य पौष्टिक तत्त्व कौन-कौन से हैं? | 
| Answer» अण्डे में मुख्य पौष्टिक तत्त्वों की प्रतिशत मात्रा निम्न प्रकार से होती है प्रोटीन                     13.50% | |
| 12. | वसा की अधिकता से क्या प्रभाव होता है? | 
| Answer» वसा की अधिकता से व्यक्ति मोटापे अथवा ओबेसिटी का शिकार हो जाता है। | |
| 13. | दूध में किस विटामिन का प्रायः अभाव ही होता है ? | 
| Answer» दूध में विटामिन ‘सी’ का प्रायः अभाव ही होता है। | |
| 14. | सब्जियों को रक्षात्मक पदार्थ क्यों कहा जाता है?याहरी सब्जियों को खाने के चार लाभ बताइए। | 
| Answer» हरी सब्जियाँ रक्षात्मक भोजन हैं, क्योंकि ये विभिन्न खनिज लवणों तथा विटामिनों की उत्तम स्रोत हैं। हरी सब्जियों के सेवन से लाभ 
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| 15. | कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य क्या है? | 
| Answer» कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करना है। | |
| 16. | टिप्पणी लिखिए-वसा और तेल-बीज। | 
| Answer» यदि हम अपने सम्पूर्ण आहार का विश्लेषण करें तो स्पष्ट हो जाएगा कि हमारे आहार में वसा तथा तेल-बीजों का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। तेल-बीजों की प्राप्ति का स्रोत वनस्पति जगत् ही है। तेल प्राप्ति के मुख्य स्रोत हैं—सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूरजमुखी, बिनौला, नारियल तथा अरण्डी आदि। इन विभिन्न पौधों के बीजों से प्राप्त होने वाले तेल मुख्य रूप से वसी ही होते हैं। इन तेलों में वसा के अतिरिक्त कुछ अन्य पोषक तत्त्व भी न्यूनाधिक मात्रा में पाए जाते हैं। हम अपने आहार में तेल-बीजों से प्राप्त होने वाले वसी रूपी तेलों को अनेक प्रकार से सम्मिलित करते हैं। अधिकांश व्यंजन तैयार करने के लिए तेलों को ही माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तेलों के समावेश से आहार अधिक स्वादिष्ट भी बन जाता है। यहाँ यह स्पष्ट कर देना भी आवश्यक है कि तेलों के अधिक समावेश से हमारा आहार गरिष्ठ बन जाता है। इस प्रकार का आहार देर से तथा मुश्किल से पचता है, अतः कमजोर पाचन-शक्ति वाले व्यक्तियों को अधिक वसायुक्त तथा तले हुए भोज्य पदार्थों का केवल सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। वसा एवं तेल-बीजों का अधिक सेवन उचित नहीं माना जाता। | |
| 17. | शरीर के लिए जल की उपयोगिता स्पष्ट कीजिए। | 
| Answer» शरीर का लगभग 70% भाग जल होता है। जल को प्रायः सीधे पीकर ग्रहण किया जाता है। इसके अतिरिक्त भोजन, शाक-सब्जियों, फलों एवं पेय पदार्थों के माध्यम से भी जल शरीर में प्रवेश उपयोगिता: 
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| 18. | चाय का अधिक प्रयोग क्यों हानिकारक है? | 
| Answer» चाय के अधिक प्रयोग से हमारी भूख पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, नींद घटती है तथा पेट में गैस एवं जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इन्हीं कारणों से चाय का अधिक प्रयोग हानिकारक माना जाता है। | |
| 19. | शरीर में वसा के मुख्य कार्य क्या हैं? | 
| Answer» वसा शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है, सुरक्षा प्रदान करती है, ताप का नियमन करती है तथा शरीर को सुडौल बनाती है। | |
| 20. | कार्बोज का क्या संगठन है? | 
| Answer» ये कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन से निर्मित यौगिक होते हैं, जिनमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन सदैव 2 : 1 में होते हैं। | |
| 21. | उत्तेजक पेय पदार्थों के नाम लिखिए। | 
| Answer» चाय, कॉफी तथा कोको सामान्य उत्तेजक पेय पदार्थ हैं। | |
| 22. | प्रोटीन की कमी से बच्चों में कौन-से रोग हो जाते हैं? | 
| Answer» प्रोटीन की कमी से बच्चों में क्वॉशरकार तथा मरास्मस नामक रोग हो जाते हैं। | |
| 23. | विटामिन ‘ए’ अधिक पाया जाता है(क) पालक के साग में(ख) कहूं में(ग) मूली में(घ) प्याज में | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) मूली में | |
| 24. | भोजन में ऊर्जा का मुख्य साधन क्या है?(क) कार्बोज(ख) खनिज लवण(ग) वसा(घ) प्रोटीन | 
| Answer» सही विकल्प है (क) कार्बोज | |
| 25. | रोग-प्रतिरोधक विटामिन का नाम बताइए। | 
| Answer» विटामिन ‘ए’, ‘बी’ व ‘सी’ हमें रोग-प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करते हैं। | |
| 26. | दालों का आहार में क्या महत्त्व है? | 
| Answer» दालों में प्रोटीन अधिक होती है; अतः शाकाहारी व्यक्तियों के लिए ये अति महत्त्वपूर्ण आहार है। | |
| 27. | प्रोटीन का क्या कार्य है? | 
| Answer» शरीर के तन्तुओं, नाड़ियों तथा आन्तरिक अंगों का निर्माण एवं उनकी टूटे-फूट की क्षतिपूर्ति करना प्रोटीन का मुख्य कार्य है। | |
| 28. | ऐसे तीन फलों के नाम लिखिए जिनमें विटामिन ‘सी’ पाया जाता है। | 
| Answer» 
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| 29. | बच्चों के लिए दूध क्यों आवश्यक है? | 
| Answer» दूध बच्चों के लिए सुपाच्य आहार होता है तथा उनकी स्वाभाविक वृद्धि एवं विकास में सहायक होता है, अत: बच्चों के लिए दूध आवश्यक माना जाता है। | |
| 30. | आयोडीन की कमी से शरीर में क्या हानि होती है? | 
| Answer» आयोडीन की कमी से 
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| 31. | किस विटामिन की कमी होने पर मनुष्य रतौंध से ग्रस्त होता है? | 
| Answer» विटामिन ‘ए’ की कमी होने पर मनुष्य रतौंधी से ग्रस्त हो जाता है। | |
| 32. | दूध को सम्पूर्ण आहार क्यों कहा जाता है? | 
| Answer» हमारे आहार के लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्त्व दूध में समुचित मात्रा तथा अनुपात में विद्यमान होते हैं, अतः इस तथ्य के आधार पर दूध को सम्पूर्ण आहार माना जाता है। | |
| 33. | अण्डे में भोजन के किस तत्त्व का अभाव होता है?(क) वसा(ख) कार्बोज(ग) प्रोटीन(घ) विटामिन | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) कार्बोज | |
| 34. | फलों का आहार में क्या महत्त्व है? | 
| Answer» फलों से हमें शक्तिवर्द्धक शर्करा (ग्लूकोस) तथा रोग-प्रतिरोधक विटामिन ‘ए’, ‘बी’ व ‘सी’ तथा विभिन्न खनिज लवण प्राप्त होते हैं। | |
| 35. | विटामिन ‘डी’ को आहार के अतिरिक्त किस स्रोत से भी प्राप्त किया जा सकता है? | 
| Answer» विटामिन ‘डी’ को आहार के अतिरिक्त सूर्य के प्रकाश के प्रभाव से भी शरीर द्वारा विकसित किया जा सकता है। | |
| 36. | विटामिन ‘बी’ की कमी से कौन-सा रोग होता है? | 
| Answer» विटामिन ‘बी’ की कमी से बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है। | |
| 37. | सोयाबीन में सबसे अधिक क्या पाया जाता है?(क) शक्तिवर्द्धक तत्त्व(ख) प्रोटीन(ग) कार्बोज(घ) विटामिन | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) प्रोटीन | |
| 38. | दूध में कौन-कौन से विटामिन पाए जाते हैं? | 
| Answer» दूध में विटामिन ‘ए’ एवं ‘डी’ पाए जाते हैं। | |
| 39. | विटामिन डी की कमी से कौन-सा रोग हो जाता है? | 
| Answer» विटामिन डी की कमी से ‘रिकेट्स’ या ‘अस्थि-विकृति’ नामक रोग हो जाता है। | |
| 40. | आहार से आप क्या समझती हैं? | 
| Answer» वह ठोस या तरल सामग्री आहार कहलाती है, जिसे ग्रहण करने से भूख मिटती है, शरीर शक्ति प्राप्त करता है, शरीर की वृद्धि एवं विकास होता है, शरीर के अन्दर होने वाली टूट-फूट की मरम्मत होती है तथा रोगों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है। | |
| 41. | विटामिन ‘ए’ की कमी से कौन-कौन से रोग होते हैं?याविटामिन ‘ए’ की कमी से होने वाले तीन रोगों के नाम बताइए। | 
| Answer» विटामिन ‘ए’ की कमी से होने वाले रोग हैं 
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