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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | लगान की सर्वप्रथम एक स्पष्ट व सन्तोषजनक व्याख्या दी(क) एडम स्मिथ ने(ख) मार्शल ने(ग) रिकाड ने(घ) जे० एस० मिल ने | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) रिकाडों ने। | |
| 2. | आभास लगान की व्याख्या कीजिए।याआभास लगान की संकल्पना को समझाइए। | 
| Answer» आभास लगान – आभास लगान का विचार सर्वप्रथम प्रो० मार्शल ने प्रस्तुत किया। प्रो० मार्शल के अनुसार, “कुछ ऐसे साधन हो सकते हैं जिनकी पूर्ति अल्पकाल में निश्चित होती है और जिनके कारण उन्हें लगान के प्रकार का भुगतान प्राप्त होता है। मनुष्य के द्वारा निर्मित मशीनों तथा अन्य , यन्त्रों की पूर्ति अल्पकाल में तो निश्चित होती है किन्तु दीर्घकाल में उसमें परिवर्तन किये जा सकते हैं, क्योंकि उनकी पूर्ति भूमि की भाँति दीर्घकाल में निश्चित नहीं होती, इसलिए इनकी आय को लगान नहीं कहा जा सकता; परन्तु इनकी पूर्ति अल्पकाल में निश्चित होती है. इसलिए अल्पकाल में इनकी आय लगान की भाँति होती है, जिसे आभास लगान कहा जाता है।” आभास लगान, जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, यह आय वास्तव में लगान न होकर लगान की प्रकार आभासित होती है। मनुष्य द्वारा निर्मित पूँजीगत वस्तुओं की पूर्ति अल्पकाल में निश्चित होती है, इस कारण उन्हें लगान मिलता है। प्रो० मार्शल के अनुसार, “उत्पत्ति के उपकरणों (मशीन अर्थात् पूँजीगत वस्तुओं) से प्राप्त होने वाली शुद्ध आय को उनका आभास लगान इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि बहुत अधिक अल्पकाल में उन उपकरणों की पूर्ति अस्थायी रूप से स्थिर होती है और उसे माँग के अनुसार घटाना-बढ़ाना सम्भव नहीं होता। कुछ समय तक वे उन वस्तुओं के मूल्य के साथ, जिनके पैदा करने में उन्हें प्रयोग किया जाता है, वही सम्बन्ध रखते हैं जो भूमि अथवा सीमित पूर्ति वाले किसी अन्य प्राकृतिक उपहार का होता है और जिनकी आय शुद्ध लगान होती है।” इस प्रकार प्रो० मार्शल ने पूँजीगत वस्तुओं, जिनकी पूर्ति अल्पकाल में बेलोचदार तथा दीर्घकाल में लोचदार होती है, की अल्पकालीन आयों के लिए आभास लगान शब्द का प्रयोग किया है। प्रो० स्टोनियर व हेग के शब्दों में – “मशीनों की पूर्ति अल्पकाल में निश्चित होती है, भले ही उससे प्राप्त आय अधिक हो अथवा कम, फिर भी वे एक प्रकार का लगान अर्जित करती हैं। हाँ, दीर्घकाल में यह आभास लगान समाप्त हो जाता है, क्योकि यह पूर्ण लगान न होकर समाप्त हो जाने वाला अर्द्ध-लगान ही होता है।” सिल्वरमैन के अनुसार, “आभास लगान तकनीकी रूप में उत्पत्ति के उन साधनों को किया गया अतिरिक्त भुगतान है जिनकी पूर्ति अल्पकाल में स्थिर तथा दीर्घकाल में परिवर्तनशील होती है।” संक्षेप में, आभास लगान कुल आगम तथा कुल परिवर्तनशील लागत को अन्तर है। सूत्र रूप में, आभास लगान = कुल आगम – परिवर्तनशील लागते | |
| 3. | आभासी लगान प्राप्त होता है ?(क) भूमि को(ख) पूँजी को(ग) श्रम को(घ) पूँजीगत वस्तुओं को | 
| Answer» सही विकल्प है (घ) पूँजीगत वस्तुओं को। | |
| 4. | रिकार्डों के अनुसार लगान प्रभावित नहीं करता(क) माँग को(ख) कीमत को(ग) विनिमय को(घ) इनमें से कोई नहीं | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) कीमत को। | |
| 5. | आभास लगान की अवधारणा के प्रतिपादक हैं (क) रिका(ख) माल्थस(ग) प्रो० मार्शल(घ) इनमें से किसी ने नहीं | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) प्रो० मार्शल। | |
| 6. | “ऊँचे लगान प्रकृति की उदारता के कारण उत्पन्न नहीं होते बल्कि उसकी कंजूसी के कारण उत्पन्न होते हैं।” यह कथन है(क) प्रो० मार्शल का(ख) रिकाडों का(ग) माल्थस का(घ) रॉबिन्स का। | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) रिकाडों का | |
| 7. | ठेके का लगान क्या है? | 
| Answer» किसान द्वारा भूमिपति को भूमि के उपयोग के बदले में जो धनराशि देने का वादा किया जाता है, उसे ‘ठेके का लगान’ कहा जाता है। | |
| 8. | रिकार्डों के अनुसार सीमान्त भूमि लगानरहित भूमि होती है, क्यों ? | 
| Answer» क्योंकि सीमान्त भूमि से केवल उत्पादन व्यय के बराबर उपज मिलती है और कुछ अतिरेक नहीं मिलता है। इसलिए रिकार्डों के अनुसार, ऐसी भूमि पर कुछ अधिशेष (लगान) भी नहीं होता अर्थात् सीमान्त भूमि लगानरहित भूमि होती है। | |
| 9. | लगान के सिद्धान्त के प्रवर्तक का नाम लिखिए।यालगान सिद्धान्त की विधिवत व्याख्या सर्वप्रथम किसने की? | 
| Answer» लगान के सिद्धान्त के प्रवर्तक का नाम रिका है। | |
| 10. | लगान के परम्परागत सिद्धान्त के जन्मदाता कौन हैं? | 
| Answer» जे०बी० क्लार्क। | |
| 11. | रिकार्डों के लगान सिद्धान्त की दो आलोचनाएँ लिखिए। | 
| Answer» रिकार्डों के लगान सिद्धान्त की दो आलोचनाएँ इस प्रकार हैं ⦁     आलोचकों का मत है कि भूमि में मौलिक एवं अविनाशी शक्तियाँ नहीं होती हैं। | |
| 12. | जनसंख्या की वृद्धि का लगान पर क्या प्रभाव पड़ता है ? | 
| Answer» जनसंख्या में वृद्धि होने पर लगान में वृद्धि हो जाती है। जनसंख्या की वृद्धि से खाद्य-पदार्थों की माँग बढ़ती है। इस माँग की पूर्ति हेतु खाद्य-पदार्थों का उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। उत्पादन बढ़ाने के लिए या तो भू-प्रधान खेती की जाएगी या श्रम-प्रधान खेती। इन दोनों प्रकार की खेती में लगान बढ़ेगा। भू-प्रधान खेती में लगान पर प्रभाव –  मान लीजिए खाद्य-पदार्थों की माँग की पूर्ति हेतु विस्तृत खेती का प्रयोग किया जाता है। तब हम कम अच्छी अर्थात् ‘घटिया’ प्रकार की भूमि पर भी खेती करना आरम्भ कर देंगे। इससे खेती की सीमा (क्षेत्रफल) में वृद्धि होगी, जिससे सीमान्त भूमि अब अधिसीमान्त भूमि हो जाएगी तथा सीमान्त भूमि और अधिसीमान्त भूमि की उपज का अन्तर बढ़ जाएगा, परिणामस्वरूप अधिशेष (लगान) में वृद्धि होगी। | |
| 13. | अर्थशास्त्र में ‘आभास लगान’ का विचार किसने प्रस्तुत किया ? याआभास लगान की अवधारणा किसने प्रतिपादित की है ? | 
| Answer» आभास लगाने का विचार सर्वप्रथम मार्शल के द्वारा प्रस्तुत किया गया। | |
| 14. | परिवहन के साधनों के विकास का लगान पर क्या प्रभाव पड़ता है ? | 
| Answer» परिवहन के साधनों के विकास का लगाने पर प्रभाव–यदि यातायात के साधनों की उन्नति हो जाती है तो यातायात के साधन उत्तम, सस्ते एवं सुविधापूर्वक उपलब्ध होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में लगान पर दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। लगान की मात्रा में वृद्धि भी हो जाती है तथा कमी भी। | |
| 15. | रिकार्डों के अनुसार अधिसीमान्त भूमि किसे कहते हैं ? | 
| Answer» सीमान्त भूमि से कुछ अच्छी भूमि को रिकाड ने अधिसीमान्त भूमि कहा है। | |
| 16. | रिकार्डो ने भूमि की उपजाऊ शक्ति को किस प्रकार की शक्ति माना है ? | 
| Answer» रिकाडों ने भूमि की उपजाऊ शक्ति को उसकी मूल तथा अविनाशी शक्ति माना है। | |
| 17. | क्या सीमान्त भूमि अथवा लगानरहित भूमि एक कल्पनामात्र है ? | 
| Answer» आधुनिक अर्थशास्त्रियों के मतानुसार विकसित देशों में ऐसी कोई भूमि नहीं होती जिस पर लगान न दिया जाता हो। अतः रिकाडों की यह मान्यता कि सीमान्त भूमि लगानरहित भूमि होती है, एक कोरी कल्पना है। | |
| 18. | आर्थिक लगान की परिभाषा दीजिए। | 
| Answer» आर्थिक लगान को शुद्ध लगान भी कहते हैं। केवल भूमि के प्रयोग के बदले में दिये जाने वाले भुगतान को आर्थिक लगान कहा जाता है। रिकाडों के अनुसार श्रेष्ठ भूमि की उपज और सीमान्त भूमि की उपज में जो अन्तर होता है उसे आर्थिक लगान कहते हैं। | |
| 19. | रिका द्वारा दी गई लगान की परिभाषा लिखिए। यालगान का अर्थ लिखिए। | 
| Answer» रिकार्डों के अनुसार, “लगान भूमि की उपज का वह भाग है जो भूमि के स्वामी को भूमि की मौलिक तथा अविनाशी शक्तियों के प्रयोग के लिए दिया जाता है। | |
| 20. | रिकार्डो ने सीमान्त भूमि किसे कहा है ? | 
| Answer» रिकार्डों के अनुसार, जो भूमि स्थिति एवं उर्वरता दोनों ही दृष्टिकोण से सबसे घटिया हो तथा जिससे उत्पादन व्यय के बराबर ही उपज मिलती हो अधिक नहीं, उसे रिकाडों ने सीमान्त भूमि कहा है। | |
| 21. | “अनाज का मूल्य इसलिए ऊँचा नहीं होता है, क्योंकि लगान दिया जाता है, बल्कि लगान इसलिए दिया जाता है, क्योंकि अनाज महँगा है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।यालगान तथा कीमत के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए। | 
| Answer» लगान तथा कीमतों में सम्बन्ध | |
| 22. | रिकार्डों के लगान सिद्धान्त व आभास लगान की तुलना कीजिए। | 
| Answer» रिकार्डों के लगान सिद्धान्त तथा आभास लगान में तुलना समानताएँ (Similarities) असमानताएँ (Dissimilarities) | |
| 23. | कुल लगान किसे कहते हैं ? कुल लगान के तत्त्व बताइए। | 
| Answer» कुल लगान – कुल लगान के अन्तर्गत आर्थिक लगान के अतिरिक्त कुछ अन्य तत्त्व भी सम्मिलित होते हैं, जो इस प्रकार हैं ⦁    केवल भूमि के प्रयोग के लिए भुगतान अर्थात् आर्थिक लगान। | |
| 24. | रिकार्डों के अनुसार ‘सीमान्त भूमि’ क्यों लगानरहित भूमि होती है ? | 
| Answer» रिकाडों ने लगान को एक अन्तरीय अतिरेक (Differential surplus) माना है। उनके अनुसार सभी भूमियाँ एकसमान नहीं होतीं और उनमें उपजाऊ शक्ति तथा स्थिति का अन्तर पाया जाता है। कुछ भूमियाँ अधिक उपजाऊ तथा अच्छी स्थिति वाली होती हैं तथा कुछ उनकी तुलना में घटिया होती हैं। सीमान्त भूमि पर उपज कम होती है, ऐसी स्थिति में अच्छी भूमि (उपसीमान्त भूमि) अतिरेक देती है सीमान्त भूमि नहीं। इस कारण सीमान्त भूमि लगानरहित भूमि होती है। | |
| 25. | आर्थिक लगान किसे कहते हैं ? | 
| Answer» आर्थिक लगान को शुद्ध लगान भी कहते हैं। केवल भूमि के प्रयोग के बदले में दिये जाने वाले भुगतान को आर्थिक लगान कहा जाता है। रिकार्डों के अनुसार, “श्रेष्ठ भूमि की उपज और सीमान्त भूमि की उपज में जो अन्तर होता है, उसे आर्थिक लगान कहते हैं।” | |
| 26. | रिकाड़ों के लगान सिद्धान्त एवं आधुनिक लगान सिद्धान्त का एक अन्तर लिखिए। | 
| Answer» रिकार्डों के लगान सिद्धान्त के अनुसार केवल भूमि ही लगान प्राप्त कर सकती है, जबकि आधुनिक लगान सिद्धान्त के अनुसार लगान केवल भूमि को ही नहीं, बल्कि उत्पादन के अन्य साधनों को भी मिल सकता है। | |
| 27. | लगान के आधुनिक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए। यह रिकार्डों के लगान सिद्धान्त से किस प्रकार श्रेष्ठ है ? | 
| Answer» लगान का आधुनिक सिद्धान्त – लगान का आधुनिक सिद्धान्त माँग और पूर्ति के सामान्य सिद्धान्त का ही एक संशोधित रूप है। इस सिद्धान्त के अनुसार लगान दुर्लभता के कारण प्राप्त होता है। लगान केवल भूमि की ही विशेषता नहीं, बल्कि वह अन्य उत्पत्ति के साधनों को भी मिल सकता है; क्योंकि आधुनिक अर्थशास्त्रियों का मत है कि उत्पत्ति के अन्य साधन भी भूमि की भाँति सीमितता अथवा भूमि तत्त्व को प्राप्त कर सकते हैं। आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार लगान का भी एक सामान्य सिद्धान्त होना चाहिए; अत: इन अर्थशास्त्रियों ने माँग और पूर्ति के सिद्धान्त को लगान के निर्धारण के सम्बन्ध में लागू करने का प्रयत्न किया है। आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने लगान के दुर्लभता सिद्धान्त’ को विकसित किया है। इस सिद्धान्त के अनुसार, भूमि की दुर्लभता के कारण लगान उत्पन्न होता है। यदि भूमि असीमित होती तो कीमत या लगान देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। लगान के आधुनिक सिद्धान्त का आधार – लगान के आधुनिक सिद्धान्त का आधार साधनों की विशिष्टता का होना है। वॉन वीजर (Von wieser) ने विशिष्टता के आधार पर उत्पत्ति के साधनों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा है आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार, लगान साधनों की विशिष्टता का परिणाम है। ‘विशिष्टता एवं ‘भूमि तत्त्व’ एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं, अर्थात् विशिष्टता शब्द के लिए भूमि तत्त्व’ शब्द का भी प्रयोग किया जा सकता है। लगान के आधुनिक सिद्धान्त की प्रमुख विशेषताएँ रिकार्डों के सिद्धान्त से आधुनिक सिद्धान्त की भिन्नता – आधुनिक लगान सिद्धान्त व रिकार्डों के लगान सिद्धान्त में निम्नलिखित भिन्नताएँ पायी जाती हैं | |
| 28. | लगान के किन्हीं दो प्रकारों का उल्लेख कीजिए। | 
| Answer» (1) आर्थिक लगान तथा | |
| 29. | आभास लगान से क्या तात्पर्य है ? | 
| Answer» प्रो० मार्शल ने पूँजीगत वस्तुओं, जिनकी पूर्ति अल्पकाल में बेलोचदार तथा दीर्घकाल में लोचदार होती है, की अल्पकालीन आयों के लिए आभास लगान शब्द का प्रयोग किया है। | |
| 30. | लगान उत्पत्ति के किस साधन को प्राप्त होता है? | 
| Answer» लगान उत्पत्ति के साधन को प्राप्त भूमि को होता है। | |
| 31. | रिकार्डों के अनुसार लगान किसे प्राप्त होता है ?यारिकाडों के अनुसार, लगान उत्पादन के मात्र एक साधन को मिलता है। उस उत्पादन के साधन का नाम बताइए। | 
| Answer» रिकार्डों के अनुसार केवल भूमि ही लगान प्राप्त कर सकती है। | |
| 32. | लगान निर्धारण के किन्हीं दो सिद्धान्तों के नाम लिखिए। | 
| Answer» (1) विस्तृत खेती के अन्तर्गत लगान | |
| 33. | आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार लगान किसे कहते हैं ? | 
| Answer» आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार आर्थिक लगान एक साधन को उसकी अवसर लागत से प्राप्त होने वाला अतिरेक है। यह लगान केवल भूमि पर ही प्राप्त नहीं होता बल्कि उत्पत्ति के किसी भी उस साधन को आर्थिक लगान प्राप्त हो सकता है जिसकी पूर्ति बेलोचदार हो। | |
| 34. | रिकार्डों के अनुसार भूमि को ही लगान क्यों प्राप्त होता है ? | 
| Answer» रिकाडों के अनुसार, भूमि ही लगान प्राप्त कर सकती है, क्योंकि भूमि में ही कुछ ऐसी विशेषताएँ पायी जाती हैं जो अन्य साधनों में नहीं होती। ये विशेषताएँ इस प्रकार हैं ⦁     भूमि प्रकृति का नि:शुल्क उपहार है अर्थात् समाज के लिए भूमि की उत्पादन लागत शून्य होती है। | |
| 35. | क्या लगान केवल भूमि को ही प्राप्त होता है ? | 
| Answer» रिकार्डों के अनुसार, केवल भूमि ही लगान प्राप्त कर सकती है, क्योंकि भूमि में कुछ ऐसी विशेषताएँ पायी जाती हैं जो अन्य साधनों में नहीं होतीं; जैसे-भूमि प्रकृति का नि:शुल्क उपहार है। अर्थात् समाज के लिए भूमि की उत्पादन लागत शून्य होती है। भूमि सीमित होती है और समाज की दृष्टि से उसकी कुल मात्रा को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता। सीमितता केवल भूमि की ही विशेषता है जो उसे उत्पत्ति के अन्य साधनों से अलग कर देती है। | |
| 36. | लगान किसे दिया जाता है? | 
| Answer» लगान भूमि के स्वामी को दिया जाता है। | |
| 37. | आभासी लगान प्राप्त होता है-अल्पकाल में अथवा दीर्घकाल में? | 
| Answer» अल्पकाल में। | |
| 38. | ‘लगान का दुर्लभता सिद्धान्त’ से क्या आशय है ? | 
| Answer» आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने माँग एवं पूर्ति के सिद्धान्त को लगान के निर्धारण के सम्बन्ध में लागू करने का प्रयत्न किया है। इस सिद्धान्त के अनुसार भूमि की दुर्लभता के कारण लगान उत्पन्न होता है क्योकि यदि भूमि असीमित होती तो भूमि की कीमत या लगान देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। | |
| 39. | आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार, ‘लगान’ प्राप्त होता है (क) भूमि को(ख) श्रम को(ग) पूँजी को।(घ) ये सभी | 
| Answer» सही विकल्प है (क) भूमि को। | |
| 40. | ठेके का लगान आर्थिक लगान से हो सकता है(क) अधिक(ख) कम(ग) अधिक या कम(घ) इनमें से कोई नहीं | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) अधिक या कम। | |
| 41. | निम्नलिखित में से कौन-सा एक अल्पकाल से सम्बन्धित है ?(क) आर्थिक लगान(ख) दुर्लभता लगान(ग) आभासी लगान(घ) वास्तविक लगान | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) आभासी लगान। | |
| 42. | विस्तृत खेती में सीमान्त भूमि के आधार पर लगाने का विचार किसका है ?(क) प्रो० मार्शल का(ख) रिकाडों का(ग) कीन्स का(घ) माल्थस का | 
| Answer» सही विकल्प है (ख) रिकाडों का। | |
| 43. | लगान सिद्धान्त का यथाक्रम व्यवस्थित विकास सबसे पहले किसने किया ?(क) मार्शल(ख) माल्थस(ग) रिकाड(घ) एडम स्मिथ | 
| Answer» सही विकल्प है (ग) रिका। | |