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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

कृष्ठ का बैक्टीरिया किस तंत्र को प्रभावित करता है ? उस बैक्टीरिया का नाम लिखिए |

Answer» कृष्ठ एक रोग है, जो कुष्ठ के रोगाणुओं से होता है, जिसका नाम माइको बैक्टीरिया लेप्री है इससे श्वसन तंत्र प्रभावित होता है |
2.

मलेरिया रोग का संचरण कैसे होता हैं ?

Answer» मलेरिया- प्लाज्मोडियम नामक एक बहुत ही छोटा सा प्रोटोजोअन मलेरिया के लिए उत्तरदायी हैं |प्लाज्मोडियम की विभिन्न जातियों मलेरिया के लिए उत्तरदायी हैं | मादा एनोफिलीज मच्छर मानव में इस रोग का संचरण करती हैं |
3.

AMIS एवं CMIS किसे कहते हैं ?

Answer» AIMS-B लिम्फोसाइट्स ह्यूमोरल या एन्टीबॉडी मेडिकेटेड इम्यून सिस्टम बनती है तथा T लम्फोसाइटस सेल मेडिकेटेड इम्यून सिस्टम CIMS बनाती है |
4.

ELISA का पूरा नाम लिखिए |

Answer» ELISA का पूरा Enzyme Linked Immunosorbent Assay है |
5.

क्या आप ऐसा सोचते हैं कि मित्रगण किसी को ऐल्कोहॉल / ड्रग सेवन के लिए प्रभावित कर सकते हैं ? यदि हाँ, तो व्यक्ति ऐसे प्रभावों से कैसे अपने आपको बचा सकते हैं ?

Answer» ऐसे मामले में माता-पिता और अध्यापकों का विशेष उत्तरदायित्व हैं | ऐसा लालन-पालन जिसमे पालन-पोषण का उत्तर ऊँचा हो और सुसंगत अनुशासन हों, एल्कोहॉल / ड्रग / तंबाकू के कुप्रयोग का खतरा कम कर देता है | यहाँ दिए गए कुछ उपाय किशोरों में एल्कोहॉल और ड्रग के कुप्रयोग की रोकथाम तथा नियंत्रण में विशेष रूप से कारगर होंगे-
1.माता-पिता और समकक्षियो से फौरन मदद लेनी चाहिए, ताकि वे उचित मार्गदर्शन कर सकें |निकट और विश्वसनीय मित्रों से भी सलाह लेनी चाहिए | युवाओं की समस्याओ को सुलझाने के लिए समुचित सलाह से उन्हें अपनी चिंता और अपराध भावना को अभिव्यक्ति करने में सहायता मिलेगी |
2.आवश्यक समकक्षी दबाव से बचें- प्रत्येक बच्चे की अपनी पसंद और अपना व्यक्तित्व होता है , जिसका सम्मान और जिसे प्रोत्साहित करना चाहिए | बालक को उसकी अवसीमा (थ्रेशोल्ड) से अधिक करने के लिए आवश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए |
3.संकट के संकेतो को देखना- सावधान माता-पिता और अध्यापकों को चाहिए कि ऊपर बताए गए खतरों के संकेतों पर ध्यान दें और उन्हें पहचाने | मित्रों को भी चाहिए कि अगर वे परिचित को ड्रग या ऐल्कोहॉल लेते हुए देखें तो वे उस व्यक्ति के भले के लिए माता-पिता या अध्यापक को बताने में हिचकिचाएँ नहीं | इसके बाद बीमारी को पहचानने और इसके पीछे छुपे कारणों का पता लगाने के लिए उचित उपाय करने होंगे | इससे समुचित चिकित्सीय उपाय आरम्भ करने में सहायता मिलेगी |
4.व्यावसायिक और चिकित्सा सहायता लेना-
जो व्यक्ति दुर्भाग्यवश ड्रग एल्कोहॉल के कुप्रयोग रुपया दलदल में फँस गया है उसकी सहायता के लिए उच्च योग्यता प्राप्त मनोवैज्ञानिकों, मनोरोग विज्ञानियों की उपलब्धता और व्यसन छड़ाने तथा पुनः स्थापना कार्यक्रमों हेतु काफी सहायता उपलब्ध है | ऐसी सहायता से प्रभावित व्यक्ति पर्याप्त प्रयासों और इच्छाशक्ति द्वारा इस समस्या से पूरी तरह छुटकारा पा सकता है और पूर्णरूपेण प्रसामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है |
5.शिक्षा और परामर्श- समस्याओ और दबावों का सामना करने और निराशाओं तथा असफलताओं को जीवन का एक हिस्सा समझकर स्वीकार करने शिक्षा एवं परामर्श उन्हें देना चाहिए | यह भी उचित होगा कि बालक कि ऊर्जा को खेल-कूद, पड़े,संगीत और पाठ्यक्रम के आलावा दूसरी स्वस्थ गतिविधियों की दिशा में भी लगानी चाहिए |
6.

निम्नलिखित मादक द्रव्य किस पौधे के उत्पाद है ? (i) मैरिजुआना, (ii)स्मैक |

Answer» (i) मैरिजुआना भाग के पौधे, (ii)स्मैक अफीम के पौधे के उत्पाद है |
7.

वे कौन से विभिन्न रास्ते हैं जिनके द्वारा मानव प्रतिरक्षा न्यूनता विष्णु (एच.आई.वी.)का संचरण होता है ?

Answer» आमतौर पर एच.आई.वी. का संचरण निम्नलिखित तरीको से को सकता हैं-
(i)संदूषित रक्त और रुधिर उत्पादों के आधान से |
(ii)संक्रमित व्यक्ति के यौन सम्पर्क से |
(iii) संक्रमित माँ से अपने द्वारा उसके बच्चे में |
(iv) संक्रमित सुइयों के साझा प्रयोग से जैसा कि अंत:- शिरा (इंट्रावेनस) द्वारा ड्रग का कुप्रयोग करने वालों के मामलों में |
जिन लोगों से यह संक्रमण होने का बहुत ज्यादा खतरा हैं वे हैं- ऐसे व्यक्ति जो अनेक से मैथेन करते हैं, मादक द्रव्य व्यसनी जो अंत:शिरा द्वारा ड्रग लेते हैं, ऐसे जिन्हें बार-बार रक्त-आधान की जरुरत होती है और संक्रमित माँ से जन्मे बच्चे |
8.

रिंगवर्म (दाद)के लिए कौन-सा कवक उत्तरदायी है ? केवल एक नाम लिखिए |

Answer» रिंगवर्म (दाद)के लिए माइक्रोस्पोरम नामक कवक उत्तरदायी है |
9.

मलेरिया परजीवी को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए कितने परपोषियों की आवश्यकता पड़ती हैं ? नाम लिखिए |

Answer» मलेरिया परजीवी को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए दो परपोषियों की आवश्यकता पड़ती हैं-(i)मनुष्य ,(ii)मच्छर (मादा एनोफिलीज) |
10.

प्रोटोजोआ एवं विषाणु प्रत्येक के दो-दो नाम लिखकर उनसे होने वाले रोगों के नाम लिखिए |

Answer» दो प्रोटोजोआ तथा उनसे होने वाले रोग का नाम-
`{:(,प्रोटोजोआ ,बीमारी),((i),एण्टअमीबा हिस्टोलिटिका,अमीबीएसिस),((ii),जियार्डिया इंटेस्टाइनेलिस,अतिसार या डायरिया |):}`
`{:(,विषाणु ,बीमारी),((i),बैरिसेला विषाणु,छोटी-माता),((ii),पॉलिनोमा मार्बिलोरम विषाणु,खसरा|):}`
11.

ऐसा क्यों है जब कोई व्यक्ति ऐल्कोहॉल या ड्रग लेना शुरू कर देता है तो उस आदत से छुटकारा पाना कठिन होता है ? अपने अध्यापक से चर्चा कीजिए |

Answer» सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐल्कोहॉल और ड्रग कि अंतर्निहित व्यसनी प्रकृति है, लेकिन व्यक्ति इस बात को समझ नहीं पाता | ड्रगों और ऐल्कोहॉल के कुछ प्रभवो के प्रति लत, एक मनोवैज्ञानिक आसक्ति है जो व्यक्ति को उस समय भी ड्रग एवं ऐल्कोहॉल लेने के लिए प्रेरित करने से जुडी है जबकि उनकी जरुरत नहीं होती या उनका इस्तेमाल आत्मघाती है | ड्रग के बार-बार उपयोग से हमारे शरीर में मौजद ग्राहियों का सह्य स्तर बढ़ जाता है | इसके फलस्वरूप ग्राही, ड्रगों या ऐल्कोहॉल कि केवल उच्चतर मात्रा के प्रति अनुक्रिया करते हैं, जिसके कारण अधिकाधिक मात्रा लेने की पढ़ जाती है | लेकिन एक बात बुध्दि में बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए कि इन ड्रग को एक बार लेना भी व्यसन बन सकता है | इस प्रकार ड्रग और ऐल्कोहॉल की व्यसनी शक्ति इस्तेमाल करने वाले/वाली को एक दोषपूर्ण चक्र में घसीट लेते हैं,जिससे वे इनका नियमित सेवन (कुप्रयोग) करने लगते हैं और इस चक्र से बाहर निकलना उनके बस में नहीं रहता | किसी मार्गदर्शन या परामर्श के अभाव में व्यक्ति व्यसनी (तनी)बन जाता है और उनके ऊपर आश्रित होने लगता है |
12.

एड्स सर्वप्रथम कहा पाया गया ? इस रोग के संचरण एवं रोकथाम के उपाय बताइए |

Answer» आमतौर पर एच.आई.वी. का संचरण निम्नलिखित तरीको से को सकता हैं-
(i)संदूषित रक्त और रुधिर उत्पादों के आधान से |
(ii)संक्रमित व्यक्ति के यौन सम्पर्क से |
(iii) संक्रमित माँ से अपने द्वारा उसके बच्चे में |
(iv) संक्रमित सुइयों के साझा प्रयोग से जैसा कि अंत:- शिरा (इंट्रावेनस) द्वारा ड्रग का कुप्रयोग करने वालों के मामलों में |
जिन लोगों से यह संक्रमण होने का बहुत ज्यादा खतरा हैं वे हैं- ऐसे व्यक्ति जो अनेक से मैथेन करते हैं, मादक द्रव्य व्यसनी जो अंत:शिरा द्वारा ड्रग लेते हैं, ऐसे जिन्हें बार-बार रक्त-आधान की जरुरत होती है और संक्रमित माँ से जन्मे बच्चे |
संक्रमित व्यक्ति के शरीर में आ जाने के बाद विषाणु वृहत भक्षकाणु (मेक्रोफेग)में प्रवेश करता है,जहाँ उसका आर.एन.जीनोम,विलोम ट्रांस्क्रिप्टेज प्रकिण्व (रिवर्स ट्रांस्क्रिप्टेज एंजाइम) की सहायता से प्रतिक्रतीयन (रेप्लीकेशन) द्वारा विषाणवीय डी.एन.ए.बनाता है | यह विषाणवीय डी.एन.ए. परपोषी के कोशिका के डी.एन.ए. में समविष्ट होकर संक्रमित कोशिकाओ को विषाणु कण पैदा करने का निर्देश देता है | वृहत भक्ष्काणु विषाणु उत्प्न्न करना जरिए रखते हैं और एक एच.आई.वी. फैक्टरी की तरह काम करते हैं | इसके साथ ही एच.आई.वी. सहायक टी-लसीकाणुओं (टी.एच.) में घुस जाता है, प्रतिकृति बनाता है और संतति विषाणु पैदा करता है | यह क्रम बार-बार दोहराया जाता है जिसकी वजह से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में सहायक टी-लसीकाणुओं की संख्या में उत्तरोत्तर कमी होती है | इस अवधि के दौरान बार-बार बुखार और दस्त आते हैं तथा वजन घटता हैं | सहायक टी-लसीकाओं की संख्या में गिरावट के कारण व्यक्ति जीवाणुओं, विशेष रूप से माइक्रोबैक्टीरिया, विषाणुओं कवको जहाँ तक कि टॉक्सोप्लाज्मा जैसे परजीवियों के संक्रमण का शिखर हो जाता है | रोगी में इतनी प्रतिरक्षा न्यूनता हो जाती है , कि वह इन संक्रमणों से अपनी रक्षा करने में असमर्थ हो जाता है | एड्स के लिए व्यापक रूप से काम में लिया जाने वाला नैदानिक परीक्षण एंजाइम्स सांलग्न प्रतिरक्षा रोधी आमापन एलीसा (एलीसा-एन्जाइम लिक्ड इम्यूनोजार्बेट एस्से) है | प्रति-पश्चविषाणविय (एन्टी रिट्रोवायरल) औषधियाँ रोगी की अवश्यंभावी मृत्यु को आगे सरका सकती है, रोक नहीं सकती |
13.

वेक्सीनेशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए |

Answer» वेक्सीनेशन- किसी विशेष रोग के संक्रमण से सुरक्षा के लिए उपयोग में लाया गया कोई पदार्थ वैक्सीन कहलाते हैं, वैक्सीन के शरीर में प्रविष्ट कराने की विधि टीकाकरण कहलाती हैं इसकी खोज सर्वपर्थम एडवर्ड जैनर ने की |
आजकल विभिन्न रोगों के वैक्सीन उपलब्ध हैं जैसे-टायफाइड, हैजा, काली खाँसी, टिटनेस |
14.

NACO का पूरा नाम बताइए |

Answer» नेशनल एड्स कन्ट्रोल आर्गेनाइट्रोजन |
15.

टायफाइड ज्वर के रोगजनक का नाम बताइए | इस रोग का संचरण एवं लक्षणों का वर्णन कीजिए |

Answer» टायफाइड ज्वर (Typhoid fever) का योग-जनक सल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhhi)नामक जीवाणु हैं |
रोग का संचरण- यह रोगजनक आमतौर से संदूषित (Contaminated) भोजन और पानी द्वारा छोटी आँत में प्रवेश कर जाता हैं और वहाँ से रुधिर द्वारा शरीर के अंगो में पहुँच जाता हैं |
आयुर्विज्ञान ने एक चिरप्रतिष्ठित मामला, मैरी मैलन (उपनाम टाइफाइड) हैं | वह पेशे से रसोइया थी, जो खाना वह बनाती थी, उसके द्वारा वर्षो तक टाइफाइड वाहक (Typhoid Carrier) के रूप में टाइफाइड फैलाती रही |
रोग के लक्षण- (i)रोगी को लगाकर उच्च ज्वर (`39^(@)` से `40^(@)C`)आना,(ii)कमजोरी आना, (iii)आमाशय में पीड़ा,(iv)कब्ज, (v)सिर-दर्द |
16.

प्राथमिक एवं द्वितीयक लसीकाओं के अंगो के नाम बताइये |

Answer» प्राथमिक लसिका अंग-अस्थि मज्जा एवं थाइमस ग्रंथि |
प्राथमिक लसिका अंग-अस्थि मज्जा एवं थाइमस ग्रंथि | एवं द्वितीयक लसिका अंग- प्लीहा लसीका ग्रंथियाँ, ट्रॉन्सिल, परिशेषिका एवं क्षुद्रांत्र के पैयर पैच आदि |
17.

कैंसर उत्पन्न करने वाले विषाणु क्या कहलाते हैं ?

Answer» कैंसर उत्पन्न करने वाले विषाणु अर्बुदीय विषाणु (ऑकोजेनिक वायरस) कहलाते हैं |
18.

विशिष्ट इम्यूनिटी को प्राप्त करने के लिए आवश्यक दो मुख्य कोशिकाओं के समूहों के नाम लिखिए |

Answer» 1. T-लिम्फोसाइट्स 2. B-लिम्फोसाइट्स |
19.

वह कौन-सी क्रियाविधि है जिससे एड्स विषाणु संक्रमित व्यक्ति के प्रतिरक्षा तंत्र का ह्यस करता है ?

Answer» संक्रमित व्यक्ति के शरीर में आ जाने के बाद विषाणु वृहत भक्षकाणु (मेक्रोफेग)में प्रवेश करता है,जहाँ उसका आर.एन.जीनोम,विलोम ट्रांस्क्रिप्टेज प्रकिण्व (रिवर्स ट्रांस्क्रिप्टेज एंजाइम) की सहायता से प्रतिक्रतीयन (रेप्लीकेशन) द्वारा विषाणवीय डी.एन.ए.बनाता है | यह विषाणवीय डी.एन.ए. परपोषी के कोशिका के डी.एन.ए. में समविष्ट होकर संक्रमित कोशिकाओ को विषाणु कण पैदा करने का निर्देश देता है | वृहत भक्ष्काणु विषाणु उत्प्न्न करना जरिए रखते हैं और एक एच.आई.वी. फैक्टरी की तरह काम करते हैं | इसके साथ ही एच.आई.वी. सहायक टी-लसीकाणुओं (टी.एच.) में घुस जाता है, प्रतिकृति बनाता है और संतति विषाणु पैदा करता है | यह क्रम बार-बार दोहराया जाता है जिसकी वजह से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में सहायक टी-लसीकाणुओं की संख्या में उत्तरोत्तर कमी होती है | इस अवधि के दौरान बार-बार बुखार और दस्त आते हैं तथा वजन घटता हैं | सहायक टी-लसीकाओं की संख्या में गिरावट के कारण व्यक्ति जीवाणुओं, विशेष रूप से माइक्रोबैक्टीरिया, विषाणुओं कवको जहाँ तक कि टॉक्सोप्लाज्मा जैसे परजीवियों के संक्रमण का शिखर हो जाता है | रोगी में इतनी प्रतिरक्षा न्यूनता हो जाती है , कि वह इन संक्रमणों से अपनी रक्षा करने में असमर्थ हो जाता है | एड्स के लिए व्यापक रूप से काम में लिया जाने वाला नैदानिक परीक्षण एंजाइम्स सांलग्न प्रतिरक्षा रोधी आमापन एलीसा (एलीसा-एन्जाइम लिक्ड इम्यूनोजार्बेट एस्से) है | प्रति-पश्चविषाणविय (एन्टी रिट्रोवायरल) औषधियाँ रोगी की अवश्यंभावी मृत्यु को आगे सरका सकती है, रोक नहीं सकती |
20.

जैविकी के अध्ययन ने संक्रामक रोगों को नियंत्रित करने में किस प्रकार सहायता की हैं ?

Answer» जीव विज्ञान में हुई प्रगति से हमें संक्रामक रोगों से बचाव के लिए कारगर हथियार मिल गये हैं टीका (Vaccine) के उपयोग और प्रतिरक्षीकरण कार्यक्रमों से चेचक, डिप्थीरिया,न्यूमोनिया और टिटनेस जैसे अनेक संक्रामक रोगों को काफी हद तक नियत्रित कर लिया गया है जैव प्रोधोगिकी के उपयोग से नए-नए और अधिक सुरक्षित वैक्सीन बनाए जा रहे हैं | प्रतिजैविको एवं अन्य दूसरी औषधियों की खोज ने भी संक्रामक रोगों के प्रभावी ढंग से उपचार करने में हमें सक्षम बनाया हैं |
21.

कैंसर में दी जाने वाली दवाओं व उपचार के पाश्र्व प्रभाव (Side effect) बताइये |

Answer» बालों का झड़ना एवं एनीमिया |
22.

प्रसामान्य कोशिकाओं से कैंसर कोशिका किस प्रकार भिन्न हैं ?

Answer» हमारे शरीर में कोशिका वृध्दि और विभेदन अत्यधिक नियंत्रित और नियमित हैं | कैंसर कोशिकाओं में ये नियामक क्रियाविधियाँ टूट जाती हैं | प्रसामान्य कोशिकाएँ ऐसा गन दर्शाती है, जिसे सस्पर्श संदमन (कॉंटक्ट इनहिबिसन)कहते हैं और इसी गन के कारण दूसरी कोशिकाओं से उनका संस्पर्श उनकी अनियंत्रित वृध्दि को संदमित करता है | ऐसा लगता हैं कि कैंसर कोशिकाओ में यह गन खत्म हो गया हैं | इसके फलस्वरूप कैंसर कोशिकाएँ विभाजित होना जारी रख कोशिकाओं का भण्डार खड़ा कर देती हैं जिसे अर्बुद (ट्यूमर) कहते हैं | अर्बुद दो प्रकार के होते हैं-सुदम(बिनाइन) और दुद्रम (मेलिग्नेंट) | सुदम अर्बुद सामान्यतया अपने मूल स्थान तक सीमित रहते हैं | दूसरी ओर, दुर्दम अर्बुद प्रचुरोद्भवी कोशिकाओं का पुंज हैं जो नवद्रव्यीय नियोप्लास्टिक कोशिकाएँ कहलाती हैं | ये बहुत तेजी से बढ़ती हैं ओर आस-पास के सामान्य ऊतकों पर हमला करके उन्हें क्षति पहुँचती हैं |