InterviewSolution
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एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को स्पष्ट और यथावत स्वरूप में सूचना पहुँचाना अर्थात् क्या ?(A) सूचना संचार(B) संदेशा व्यवहार(C) कुरियर सेवा(D) सूचना प्रेषण |
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Answer» सही विकल्प है (A) सूचना संचार |
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मार्गदर्शन यह सतत प्रक्रिया है । |
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Answer» उच्च स्तर के अधिकारियों द्वारा निश्चित उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए आयोजन तैयार किया जाता है । आयोजन के अनुसार कार्य हो इसलिए कर्मचारियों की कार्यपद्धति, नीति नियम अनुमान के विषय में सूचना एवं मार्गदर्शन देता है । तथा बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार योग्य परिवर्तन कराने की सूचना भी प्रदान की जाती है । तथा दी गई सूचना के अनुसार कार्य का निरीक्षण भी किया जाता है । अत: निर्देशन यह सतत प्रक्रिया है । |
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| 3. |
प्रोत्साहन देकर के अपेक्षित लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?(A) अभिप्रेरणा(B) निरीक्षण(C) प्रशिक्षण(D) मार्गदर्शन |
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Answer» सही विकल्प है (A) अभिप्रेरणा |
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| 4. |
आयोजन और व्यवस्थातंत्र द्वारा लिये गये निर्णयों को अमल में कौन रखता है ? |
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Answer» आयोजन और व्यवस्थातंत्र द्वारा लिये गये निर्णयों को अमल में मार्गदर्शन द्वारा लाया जाता है । |
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नेतृत्व के अमल के लिए किसका अस्तित्व होना जरूरी है ?(A) निरीक्षक(B) नियोजक(C) अधिनस्थ(D) संचालक |
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Answer» सही विकल्प है (C) अधिनस्थ |
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| 6. |
नेतृत्व (Leadership) का अर्थ बताइए । |
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Answer» किसी भी ध्येय की प्राप्ति के लिये, लोगों का स्वैच्छापूर्वक प्रयत्न करना, लोगों पर प्रभाव उत्पन्न करने की प्रवृत्ति और गुणों को नेतृत्व कहा जाता है । नेतृत्व का अर्थ किसी ऐसे व्यक्ति से है, जो अपने व्यक्तिगत गुणों द्वारा अन्य व्यक्तियों का संचालन करता है । |
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| 7. |
नेतृत्व यह प्रेरणा प्रदान करता है । |
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Answer» यह विधान सत्य है । नेता द्वारा नेतृत्व का कार्य किया जाता है । नेतृत्व द्वारा कर्मचारियों कार्य करते समय आनेवाली रूकावटों, कार्य के प्रति कम लगाव, नीरसता जैसे दूषणोको नेता द्वारा समय-समय पर मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है । जिससे कर्मचारियो को कार्य के प्रति प्रेरणा प्राप्त होती है । कार्य करने में उत्साह बढ़ता है । तथा कार्य आयोजन एवं परिस्थितियों के अनुकूल होता है । |
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| 8. |
निरीक्षण का कार्य करनेवाला व्यक्ति क्या कहलाता है ? |
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Answer» निरीक्षण का कार्य करनेवाला व्यक्ति निरीक्षक कहलाता है । |
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| 9. |
‘अभिप्रेरण यह मन की ऐसी स्थिति है, जो कर्मचारियों को लक्ष्य की ओर ले जाती है ।’ यह परिभाषा किसने दी है ।(A) जुसीअस(B) मोर्गन(C) आर. सी. डेविस(D) पीगू |
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Answer» सही विकल्प है (B) मोर्गन |
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| 10. |
मानव की कौन सी आवश्यकताएँ सबसे अधिक अग्रताक्रम वाली है ? |
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Answer» मानव की शरीर को बनाये रखने के लिए अनाज की आवश्यकता यह सबसे अधिक अग्रतावाली प्रथम आवश्यकता है । . |
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| 11. |
निरीक्षक का कार्य शिक्षक जैसा है ।’ विधान समझाइए । |
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Answer» निरीक्षक का कार्य शिक्षक जैसा है । उपरोक्त विधान सत्य क्योंकि यह कर्मचारियों को योग्य मार्गदर्शन प्रदान करके उनका विकास किया जाता है । जिससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि की जाती है । |
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| 12. |
निरीक्षक का कार्य क्या होता है ? |
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Answer» निरीक्षक का कार्य निरीक्षण करना होता है । |
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| 13. |
अभिप्रेरणा किसे कहते हैं ? |
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Answer» कर्मचारी में अधिक से अधिक कार्य करने की प्रेरणा जाग्रत करनी और कार्य से कार्य संतोष की उपलब्धि अर्थात् अभिप्रेरणा । |
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| 14. |
निरीक्षण के कार्य को किसके साथ तुलना की गई है ? |
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Answer» निरीक्षण के कार्य की मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक (Friend, Philosopher and Guide) के साथ तुलना की गई है । |
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| 15. |
निरीक्षण का कार्य संचालन के कौन से स्तर पर अधिक देखने को मिलता है ? |
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Answer» निरीक्षण का कार्य संचालन के निम्न (तल) स्तर पर अधिक देखने को मिलता है । |
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| 16. |
मानसिक शांति की आवश्यकता अर्थात् कौन सी आवश्यकता ?(A) प्राथमिक आवश्यकता(B) सामाजिक आवश्यकता(C) सम्मान की आवश्यकता(D) सुरक्षा की आवश्यकता |
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Answer» सही विकल्प है (D) सुरक्षा की आवश्यकता |
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| 17. |
निरीक्षण का अर्थ बताइए । |
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Answer» निरीक्षण अर्थात कर्मचारियों के कार्यों की देखरेख रखना |
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| 18. |
अभिप्रेरित कार्य के प्रति संतोष बढ़ाता है । |
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Answer» अभिप्रेरित से कर्मचारियों के कार्य की दिशा आगे बढ़ती है । कार्य के प्रति लगाव, उत्साह एवं अधिक कार्यक्षम ढंग से कार्य होता है । अभिप्रेरित से कर्मचारी गण अपना कार्य बोझरूप नहीं परंतु प्रभावपूर्ण ढंग से करते हैं । कर्मचारियों को अपने कार्य के प्रति संतोष होता है। |
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| 19. |
कर्मचारियों को अधिक कार्य करने की प्रेरणा जाग्रत करनी और कार्य से कार्य-संतोष की उपलब्धि कराना अर्थात् …………………..(A) नेतृत्व(B) अभिप्रेरण(C) सूचनासंचार(D) सूचना प्रेषण |
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Answer» सही विकल्प है (B) अभिप्रेरण |
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| 20. |
मार्गदर्शन यह संचालन का कौन-सा अंग है ? |
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Answer» मार्गदर्शन यह संचालन का एक अनिवार्य अंग है । |
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| 21. |
अविश्वास और भय से सूचना संचार के उपर क्या प्रभाव पड़ता है ? |
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Answer» जब व्यवस्थातंत्र में अविश्वास और भय का वातावरण निर्माण हो तब संदेश व सूचना को शंकास्पद की दृष्टि से देखा जाता है । |
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औपचारिक सूचना संचार को संक्षिप्त में समझाइए । |
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Answer» औपचारिक सूचना संचार (Formal Communication) – ज़िस सूचनासंचार में धंधे के उद्देश्य प्राप्ति हेतु व्यवस्थातंत्र के नीति नियमों पर आधारित हो तो उन्हें औपचारिक सूचना संचार कहते हैं । ऐसा सूचना संचार अधिकांशतः लिखित स्वरूप में होता है । ऐसा सूचना संचार समझने में स्पष्ट व सरल होता है । इसमें कौन सी सूचना कौन किसे भेजेगा यह पूर्व से ही निश्चित होता है । |
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| 23. |
कर्मचारियों को उनके वर्तमान पद से उच्च पद पर नियुक्त करने को क्या कहा जाता है ?(A) स्थानान्तरण(B) पदोन्नति(C) पदावनति(D) सह साझेदार |
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Answer» सही विकल्प है (B) पदोन्नति |
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| 24. |
निरीक्षण अंकुश नहीं हैं । |
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Answer» यह विधान सत्य है । अधिकारियों द्वारा सहायक कर्मचारियों को निर्देश देने के बाद कार्य के प्रति देखरेन रखना निरीक्षण कहलाता । है । निरीक्षण से कार्य स्थगित नहीं बनता, कर्मचारियों को मानसिक तनाव नहीं होता मात्र निरीक्षम से कार्य करने में आनेवाली कठिनाईयों को दूर किया जाता है । निरीक्षण से कार्य सरल बनता है । कार्य के प्रति कर्मचारियों का उत्साह बढ़ता है । निरीक्षण से कार्य उद्देश्य लक्षी बनता है । |
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| 25. |
बोनस सामान्यत: कब चुकाया जाता है ?(A) वर्ष के अन्त में(B) वर्ष के प्रारम्भ में(C) वर्ष के बीच में(D) वर्ष में कभी भी |
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Answer» सही विकल्प है (A) वर्ष के अन्त में |
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आधुनिक सूचना संचार के साधन बताइए । |
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Answer» आधुनिक सूचना संचार के मौखिक और लिखित संदेश, टेलीफोन, फेक्स, इन्टरनेट, मोबाइल फोन, एस.एम.एस., टेलेक्स आदि । साधन होते है । |
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मार्गदर्शन का कार्यक्षेत्र इनमें से कैसा होता है ?(A) सीमित(B) छोटा(C) विशाल(D) उपरोक्त सभी |
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Answer» सही विकल्प है (C) विशाल |
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उच्च स्तर की आवश्यकतायें कौन-कौन सी होती है ? |
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Answer» उच्च स्तर की आवश्यकताये निम्नलिखित होती है :
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उच्च स्तर की आवश्यकता के रूप में किन्हें पहचाना जाता है ? |
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Answer» उच्च स्तर की आवश्यकता के रूप में सम्मान और प्रतिष्ठा की आवश्यकता के रूप में पहचाना जाता है । |
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| 30. |
निरीक्षण ऐसा कार्य है कि जिसके द्वारा योजना और सूचनाओं के अनुसार कार्य हो रहा है इनका विश्वास मिलता हैं ।’ उपरोक्त परिभाषा किसने दी है ?(A) आर. सी. डेविस(B) ल्युथर ग्युलिक(C) पीटर ड्रकर(D) हेनरी फेयोल |
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Answer» सही विकल्प है (A) आर. सी. डेविस |
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मार्गदर्शन में आदेश, सूचन और मार्गदर्शन के अलावा किसका समावेश होता है ?(A) सलाह(B) नियंत्रण(C) देखरेख(D) प्रशिक्षण |
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Answer» सही विकल्प है (C) देखरेख |
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मार्गदर्शन की मात्रा कौन से स्तर पर अधिक होता है ? ।(A) निम्न(B) मध्य(C) उच्च(D) प्रत्येक स्तर |
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Answer» सही विकल्प है (D) प्रत्येक स्तर |
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अधिनस्थों को मार्गदर्शन देना और उन पर देखरेख रखना इनका नाम मार्गदर्शन उपरोक्त परिभाषा किसने दी है ?(A) हेनरी फेयोल(B) कुन्ट्ज और ओडोनेल(C) जार्ज आर. टेरी(D) पीटर ड्रकर 1 |
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Answer» सही विकल्प है (B) कुन्ट्ज और ओडोनेल |
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| 34. |
लाभ में हिस्सा किसे कहते हैं ? |
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Answer» इकाई/संस्था को मिलनेवाला असामान्य लाभ (Surplus profit) यह नियोजक और कर्मचारियों का संयुक्त प्रयास का परिणाम है । लाभ में से निश्चित भाग, कर्मचारियों को वित्त के स्वरूप में वेतन के अलावा चुकाया जाता है, जिसे लाभ में हिस्सा कहते है । |
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| 35. |
मार्गदर्शन का कार्य संचालन के कौन से स्तर पर होता है ? । |
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Answer» मार्गदर्शन का कार्य संचालन के प्रत्येक स्तर अर्थात् तीनों स्तर पर होता है । |
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| 36. |
धंधाकीय इकाई में मार्गदर्शन देने का कार्य कौन से कार्य जैसा है ? |
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Answer» धंधाकीय इकाई में मार्गदर्शन देने का कार्य युद्ध में व्यूहरचना बनाने के कार्य जैसा है । |
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प्रोत्साहन को मुख्यतः कितने भागों में बाँटा है ?(A) चार(B) दो(C) तीन(D) ग्यारह |
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Answer» सही विकल्प है (B) दो |
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आत्मउपलब्धि की आवश्यकता अर्थात् क्या ? उदाहरण सहित बताइए । |
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Answer» अपने कार्यक्षेत्र में अपना नाम गर्व से और सर्वोच्च स्थान पर लिया जाय और अपने कार्यक्षेत्र में अपने गुण प्रवीणता की महिमा । गाई जाय, ऐसी इच्छा अर्थात् आत्म उपलब्धि की आवश्यकता । जैसे तबला वादन में जाकीर हुसैन, संतुर वादन में शीवकुमार शर्मा, क्रिकेट के क्षेत्र में सचिन तेन्दुलकर, अभिनय के क्षेत्र में अमिताभ बच्चन, संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर इत्यादि । |
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| 39. |
निम्न कक्षा की आवश्यकतायें कौन-कौन सी होती है ? |
Answer»
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अभिप्रेरणा से कर्मचारी स्थानान्तरण दर में कमी होती है । किस तरह ? |
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Answer» अभिप्रेरणा के कारण कर्मचारी के आंतरिक सन्तुष्टि में वृद्धि होती है । अभिप्रेरणा के माध्यम से कर्मचारियों की कार्य करने की प्रेरणा में वृद्धि होती है । कर्मचारियों को कार्य अनुसार प्रतिफल, आत्मसंतोष और सम्मान मिलने से नौकरी में स्थायी रहने की प्रेरणा मिलती है, जिससे श्रमिक अथवा कर्मचारी स्थानान्तरण दर में कमी आती है । |
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| 41. |
पदोन्नति (Permotion) किसे कहते हैं ? |
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Answer» पदोन्नति अर्थात् कर्मचारी को उनके वर्तमान पद से उपरी लाभदायी पद पर नियुक्ति करने की प्रक्रिया को पदोन्नति कहते हैं । जैसे कि शिक्षक को सुपरवाईजर बनाना, सुपरवाईजर को आचार्य बनाना आदि । |
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मार्गदर्शन के कौन से तत्त्व में देखरेख, नियमन और विश्लेषण का समावेश होता है ?(A) निरीक्षण(B) अभिप्रेरणा(C) नेतृत्व(D) प्रशिक्षण |
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Answer» सही विकल्प है (A) निरीक्षण |
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| 43. |
मार्गदर्शन का कार्य किसके साथ संकलित होता है ? |
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Answer» मार्गदर्शन का कार्य संचालन के विविध कार्य जैसे कि आयोजन, व्यवस्थातंत्र, कर्मचारी व्यवस्था, संकलन, सूचना प्रेषण और नियंत्रण के साथ संकलित होता है । |
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| 44. |
प्रोत्साहन के प्रकार कितने है ? व कौन-कौन से ? |
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Answer» प्रोत्साहन के दो प्रकार है :
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मार्गदर्शन के कितने तत्त्व है ?(A) दो(B) तीन(C) पाँच(D) चार |
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Answer» सही विकल्प है (D) चार |
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निरीक्षण का कार्य अधिकांशत: संस्था के कौन-से कार्यभार के साथ संकलित होता है ? |
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Answer» निरीक्षण का कार्य अधिकांशतः संस्था के आंतरिक कार्यभार के साथ संकलित होता है । |
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अभिप्रेरणा (Motivation) का अर्थ एवं लक्षण समझाइए । |
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Answer» अभिप्रेरणा का अर्थ : ‘कर्मचारियों में अधिक कार्य करने की प्रेरणा जाग्रत करना और उनको महत्तम कार्यसंतोष की उपलब्धि अर्थात् अभिप्रेरणा ।’ अभिप्रेरणा के लक्षण (Characteristics of Motivation) :अभिप्रेरणा के लक्षण निम्नलिखित होते हैं : 1. कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि : अभिप्रेरणा से कर्मचारियों को अपने कार्य के प्रति अधिक प्रोत्साहन दिया जाता है । जिससे अधिक कार्यक्षम एवं ढंग से कार्य सम्भव बनता है । अधिक उत्पादन होता है । (2) उद्देश्य की प्राप्ति : अभिप्रेरणा से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । जिससे निर्धारित आयोजन के अनुसार उत्पादन होता है । कार्य सरल बनता है । जिससे कार्य के प्रति अधिक संतोष होता है । 3. कार्य के प्रति अधिक संतोष : अभिप्रेरणा से कर्मचारियों को कार्य के प्रति लगाव होता है । कार्य एक बोझरूप नहीं बनता है । कार्य सरल बनता है । जिससे कार्य के प्रति अधिक संतोष होता है । (4) कर्मचारियों के स्थानांतरण में कमी : अभिप्रेरणा से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । कार्यक्षमता में वृद्धि होने से अधिक वेतन प्राप्त होता है । अधिक वेतन के साथ-साथ मान सम्मान, प्रमोशन एवं सामाजिक महत्त्व बढ़ता है । जिससे कर्मचारी कार्य छोडकर दूसरी इकाई में नहीं जाता । (5) कर्मचारियों में नियमितता : कर्मचारियों की अभिप्रेरणा से कार्य के प्रति संतोष, कार्य में रूचि, कार्य सरल, प्रतिदिन कार्य करने की इच्छा जागृत होती है । जिससे कार्य के प्रति आकर्षण बढ़ता है । अत: कर्मचारी नियमित रहता है । (6) कर्मचारियों की नैतिकता में सुधार : कर्मचारियों का कार्य के प्रति उत्साह बना रहे अभिप्रेरणा की प्रक्रिया इस सम्बन्ध के प्रश्नों का अध्ययन करती है । तथा प्रश्नों का निराकरण खोजती है । इसके लिए प्रेरणारूप कदम उठाए जाते हैं । जिससे कर्मचारियों को कार्य के प्रति संतोष एवं कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है । अतः कर्मचारी अपने नैतिक धर्म को अपनाता है । (7) परिवर्तनशील व्यवस्थातंत्र का स्वीकार : इकाई को आंतरिक एवं बाहरीय परिस्थितियों में परिवर्तन होने से इकाई के उत्पादन एवं व्यवस्थातंत्र में परिवर्तन करना आवश्यक बनता है । जिससे उत्पादन, तकनीकि, कच्चा माल, साधनों इत्यादि अन्य कार्यों में परिवर्तन करना पड़ता है । जो कर्मचारी वर्ग इन परिवर्तनो का स्वीकार सरलता से नही करते अतः अभिप्रेरण द्वारा सरलता से परिवर्तन कराया जा सकता है । (8) सकारात्मक अभिगम : अभिप्रेरण सकारात्मक अभिगम को प्रोत्साहन प्रदान करता है । कर्मचारियों को समस्याओं का जब निराकरण किया जाता है । तब व्यवस्थातंत्र और इकाई के प्रति सम्मान की भावना का अनुभव करता है । स्वयं इकाई का एक हिस्सा हूँ । इस दृष्टि से कर्मचारी कार्य करता है । इस प्रकार का विचार इकाई एवं कर्मचारी दोनों के लिए लाभकारक सिद्ध होता है । (9) उत्पादन में वृद्धि : अभिप्रेरण से कर्मचारियों को अपने कार्य के प्रति उत्साह एवं वफादारी बनी रहती है । जिससे इकाई के साधनों का योग्य उपयोग होता है । अतः उत्पादन के प्रमाण में वृद्धि होती है । (10) आन्तरिक प्रेरणा : अभिप्रेरणा एक ऐसी शक्ति है, जो कि मनुष्य के अन्दर से उत्पन्न होती है । अर्थात अभिप्रेरण आन्तरिक प्रेरणा है । (11) मनोवैज्ञानिक ख्याल : अभिप्रेरणा का ख्याल मनोवैज्ञानिक है । प्रत्येक व्यक्ति के ख्याल अलग-अलग होते है । जिससे प्रत्येक व्यक्ति की आन्तरिक प्रेरणा की आवश्यकता भी अलग होती है । (12) विस्तृत क्षेत्र : अभिप्रेरण का ख्याल विस्तृत और समृद्ध है । आवश्यकता हेतु, इच्छा, लगाव, ध्येय, चयन, मनोबल, प्रलोभन आदि शब्दों का समावेश प्रेरण या अभिप्रेरण में होता है । (13) सहयोग प्राप्त करने का साधन : कर्मचारी को अभिप्रेरण देने से उन्हे कार्य सन्तुष्टी मिलती है । जिससे वह उच्च अधिकारियों को सम्पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है । (14) संचालन का एक कार्य : संचालन का महत्त्वपूर्ण कार्य अथवा अंग अभिप्रेरणा कहलाता है । संचालकों को भौतिक साधनों के पास से नहीं, बल्कि जीवित कर्मचारियों के पास से काम लेना होता है, जिससे उनको अभिप्रेरणा प्रदान करना एक महत्त्वपूर्ण कार्य बन जाता है । |
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| 48. |
बिन मौद्रिक प्रोत्साहन के बारे में समझाइए । |
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Answer» बिन वित्तीय (बिन आर्थिक) प्रोत्साहन (Non-Monetary Incentives) : कर्मचारियों को बिन आर्थिक स्वरूप में भी प्रोत्साहक संचालकों के द्वारा दिए जाते है । इसमें प्रशंसा, सम्मान, नौकरी की सुरक्षा, अधिक जिम्मेदारियाँ, प्रमोशन इत्यादि का बिन आर्थिक प्रोत्साहनों में समावेश होता है । बिन आर्थिक प्रोत्साहन में निम्न का समावेश होता है : (1) नौकरी की सलामती : नौकरी की सुरक्षा होना यह प्रत्येक कर्मचारियों की इच्छा होती है । बिन कर्मचारियों की नौकरी में सुरक्षा नहीं होती है ऐसे कर्मचारी के द्वारा कार्य में उत्साह कम होता है । अत: कर्मचारियों की नौकरी में सलामती प्रोत्साहन का एक आदर्श स्वरूप है। (2) आदर्श गुणों का सम्मान : कर्मचारियों के इकाई के विकास सम्बन्धि गुणों का समूह में सम्मान करना चाहिए जिससे उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । जैसे नियमितता, नेतृत्व, वफादारी, कार्य के प्रति ईमानदारी इत्यादि इससे अन्य कर्मचारियों के उत्साह में भी वृद्धि होती है। (3) प्रशंसा : सामान्यत: अधिकांश कर्मचारी अपने अच्छे कार्य की प्रशंसा का आदी होता है । अत: जिन कर्मचारियों के द्वारा आदेश के अनुसार व्यवस्थित कार्य, कार्य से अधिक उत्पादन, इत्यादि अन्य कार्यों की समूह में प्रशंसा करनी चाहिए जिससे अन्य कर्मचारी भी इस प्रकार से कार्य करने की तैयारी करता है कि जिससे उसकी भी प्रशंसा समूह में की जाय । (4) परामर्शन सलाहकार : यदि कोई कर्मचारी अपने कार्य में श्रेष्ठ कार्य पद्धति द्वारा उत्पादन काफी लम्बे समय से कर रहा हो इससे इकाई के उत्पादन में विशेष सिद्धि प्राप्त होती है । तब संचालक वर्ग ऐसे कर्मचारी के द्वारा कार्य पद्धति निश्चित करवाने में सहकार, सलाह लेते हैं । जिससे कर्मचारी का मनोबल बढ़ता है । (5) जिम्मेदारी का वितरण : विभागीय अधिकारी के द्वारा अपने विभाग के कर्मचारियों में से कोई कर्मचारी के द्वारा कार्य एवं जिम्मेदारी विशेष ढंग से निभाता हो तब अधिकारी के द्वारा अन्य कर्मचारियों पर नेतृत्व का अधिकार प्रदान किया जाता है । जिससे वह अपने विभाग का कार्य श्रेष्ठ ढंग से करने का प्रयास करेगा । (6) कल्याणकारी प्रवृत्ति एवं सुविधाएँ : कर्मचारी के द्वारा अधिक कार्यक्षम ढंग से कार्य करने के बदले संचालकों द्वारा अनेक कल्याणकारी सुविधाएँ प्रदान की जाती है । जैसे – केन्टीन की सुविधा, मुफ्त शिक्षण, वाहन की सुविधा, पेन्शन, राहतदर से खाद्य सामग्री, प्रवासी फीस, बीमा इत्यादि अन्य सुविधाएँ दी जाती है । जिससे कर्मचारी को प्रोत्साहन प्राप्त होता है । |
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मौद्रिक प्रोत्साहन को समझाइये । |
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Answer» मौद्रिक प्रोत्साहन (Financial Incentives) : प्रोत्साहन का ऐसा माध्यम जिसमें मुद्राकीय स्वरूप में लाभ मिलता है । जिन्हें मौद्रिक प्रोत्साहन कहा जाता है । मौद्रिक प्रोत्साहन कर्मचारियों के उत्साह और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है । मौद्रिक प्रोत्साहन निम्न रूप से दिया जा सकता है । (1) लाभ में हिस्सा (Profit Share) : कर्मचारियों की अधिक कार्यक्षमता एवं कार्य के प्रति उत्साह होने से इकाई में उत्पादन बढ़ता है । जिससे लाभ में वृद्धि होती है । अत: लाभ में होने वाली वृद्धि के लिए मात्र मालिक ही जिम्मेदार नहीं परंतु कर्मचारी गण भी है । अतः कर्मचारियों को लाभ में हिस्सा प्राप्त होना चाहिए जिससे कर्मचारियों को प्रोत्साहन प्राप्त होता है । (2) सहभागीदारी (Co-Partnership) : संचालकों के द्वारा की जानेवाली संचालन की प्रवृत्ति में कुशल कर्मचारियों से संचालन सम्बन्धि सलाह सूचन लेना चाहिए जिसे सह भागीदारी कहते हैं । इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है । (3) बोनस (Bonus) : कर्मचारियों को वेतन के अलावा वार्षिक प्रतिफल को बोनस कहते हैं । बोनस का आधार वार्षिक लाभ पर होता है । अधिक लाभ होने पर संचालकों के द्वारा बोनस की दर निर्धारित की जाती है । अपने देश में सामान्यत: दीपावली के पर्व पर बोनस देने की प्रथा अधिक प्रचलित है । (4) सुझाव एवं सलाह (Suggestion & Advices) : कर्मचारी गण उत्पादन के साथ जुडा हुआ पक्ष है । अत: कर्मचारी के द्वारा संचालकों को समय-समय पर अधिक उत्पादन सम्बन्धि सलाह-सूचन प्रदान किया जाता है । जिससे अधिक उत्पादन सम्भव बनता है । ऐसे कर्मचारियों को वित्तीय सुविधा प्रदान की जानी चाहिए जिससे कर्मचारीगण सतत सलाह सूचन देने में अग्रसर रहते हैं । (5) कमीशन (Commission) : तैयार माल की बिक्री पर योग्य कमिशन की दर निश्चित की जाती है । अत: जो कर्मचारी .. गण माल की बिक्री के साथ जुड़े हैं । ऐसे कर्मचारियों के द्वारा अधिक बिक्री पर अधिक कमीशन देने की प्रथा संचालकों के द्वारा निर्धारित की जाती है । जिससे कर्मचारियों के द्वारा अधिक बिक्री की जाती है । जिससे इकाई को अधिकतम लाभ प्राप्त होता है । (6) पुरस्कार (Prizes) : कर्मचारी अपने अधिक कार्यक्षम कार्य के प्रति सम्मान की इच्छा रखता है । अत: जिन कर्मचारियों के द्वारा अधिक कार्यक्षम ढंग से कार्य किया जाता है । ऐसे कर्मचारियों को सभा-सेमिनार, विशेष पर्व, सम्मेलनों एवं सामूहिक मिलन जैसे स्थलों पर सबके सामने योग्य पुरस्कार प्रदान किया जाना चाहिए । जैसे प्रमाणपत्र भेंट इत्यादि इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि देखने को मिलती है । (7) पदोन्नति (Permotion) : कर्मचारियों को उनके वर्तमान पद से उच्च लाभदायी पद पर रखने की प्रक्रिया को पदोन्नति कहते हैं । जिससे कर्मचारियों के अधिकार, दायित्व, कर्तव्य एवं वेतन में वृद्धि होती हैं । पदोन्नति के कारण कर्मचारी की शक्ति एवं उत्साह में वृद्धि होती है । |
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प्रोत्साहन (Incentive) का अर्थ समझाइए । |
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Answer» कर्मचारियों की स्वयं के कार्य के प्रति अभिरूचि बनी रहे और उनकी कार्यक्षमता में सतत वृद्धि हो इस उद्देश्य से इकाइयाँ अपने कर्मचारियों को अधिक कार्य करने की प्रेरणा देती हैं । इस प्रेरणा को प्रोत्साहन कहा जाता है । प्रोत्साहन कामगीरी को प्रोत्साहित करने की प्रवृत्ति पैदा करती है ।’ (Incentive means which incites or has a tendency to incite action). प्रोत्साहन के माध्यम से कर्मचारियों के उत्साह में वृद्धि होती है । कर्मचारियों को उनके लक्ष्य तक पहुँचाने में सहायक होता है । |
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