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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | कवि ने नरेत्तर (मनुष्य से इतर) दम्पतियों का किस प्रकार वर्णन किया है? | 
| Answer» कवि नरेत्तर दम्पतियों का वर्णन करते हुए कहता है कि सुगन्धित फूलों को अपने बालों में लगाये हुए, अपने शंख जैसे गलों में, मणि की माला तथा कानों में नीलकमल के कर्णफूल पहने हुए, अंगूरी शराब पीकर हिरण की खाल पर पालथी मारकर बैठे हुए किन्नर युगल दर्शकों के हृदय को गद्गद करते हैं। | |
| 2. | ‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है’ पंक्ति में प्राकृतिक वर्णन के अतिरिक्त मुख्य भाव क्या है? | 
| Answer» कवि कहता है कि इस संसार में निरन्तर संघर्ष चल रहा है। मैंने असहाय जाड़ों में आकाश को छूने वाले कैलाश पर्वत की चोटी पर बहुत बड़े बादल-समूह को बर्फानी और तूफानी हवाओं से गर्जना करके क्रोध प्रकट करते हुए युद्धरत देखा है। यद्यपि हवा बादल को उड़ा ले जाती है। बादल वायु के समक्ष शक्तिहीन है फिर भी उसको हवा के प्रति संघर्ष उसके अस्तित्व के लिए अनिवार्य है। कहने का भाव यह है कि सफलता की सम्पूर्ण सामर्थ्य व्यक्ति के अन्दर निहित रहती है, किन्तु अज्ञानतावश उस सामर्थ्य को न जानने के कारण और सफलता से वंचित रहने के कारण वह अपने ऊपर ही झुंझलाता है। | |
| 3. | नागार्जुन का जीवन-परिचय देते हुए उनकी भाषा-शैली का उल्लेख कीजिए।यानागार्जुन का जीवन वृत्त लिखकर उनके साहित्यिक योगदान का उल्लेख कीजिए।यानागार्जुन के साहित्यिक अवदान एवं रचनाओं पर प्रकाश डालिए।यानागार्जुन का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए तथा उनके काव्य-सौन्दर्य पर प्रकाश डालिए। | 
| Answer» (नागार्जुन) जन्म – सन् 1910 ई०, तरौनी (जिला दरभंगा (बिहार)। जीवन-परिचय – श्री नागार्जुन का जन्म दरभंगा जिले के तरौनी ग्राम में सन् 1910 ई० में हुआ था। आपका वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र है। आपका आरम्भिक जीवन अभावों का जीवन था। जीवन के अभावों ने ही आगे चलकर आपके संघर्षशील व्यक्तित्व का निर्माण किया व्यक्तिगत दुःख ने आपको मानवता के दु:ख को समझने की क्षमता प्रदान की है। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय संस्कृत पाठशाला में हुई। सन् 1936 ई० में आप श्रीलंका गये और वहाँ पर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। सन् 1938 ई० में आप स्वदेश लौट आये। राजनीतिक कार्यकलापों के कारण आपको कई बार जेल-यात्रा भी करनी पड़ी। आप बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं तथा घुमक्कड़ एवं फक्कड़ किस्म के व्यक्ति हैं। आप निरन्तर भ्रमण करते रहे। सन् 1998 ई० में आपका निधन हो गया। रचनाएँ – युगधारा, प्यासी-पथराई आँखें, सतरंगे पंखोंवाली, तुमने कहा था, तालाब की मछलियाँ, हजार-हजार बाँहोंवाली, पुरानी जूतियों का कोरस, भस्मांकुर (खण्डकाव्य) आदि। उपन्यास – बलचनमा, रतिनाथ की चाची, नयी पौध, कुम्भीपाक, उग्रतारा आदि। सम्पादन-दीपक, विश्व-बन्धु पत्रिका। मैथिली के ‘पत्र – हीन नग्न-गाछ’ काव्य-संकलन पर आपको साहित्य अकादमी का पुरस्कार भी मिल चुका है। काव्यगत विशेषताएँ नागार्जुन के काव्य में जन भावनाओं की अभिव्यक्ति, देश-प्रेम, श्रमिकों के प्रति सहानुभूति, संवेदनशीलता तथा व्यंग्य की प्रधानता आदि प्रमुख विशेषताएँ पायी जाती हैं। अपनी कविताओं में आप अत्याचार-पीड़ित, त्रस्त व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित करके ही सन्तुष्ट नहीं होते हैं, बल्कि उनको अनीति और अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा भी देते हैं। व्यंग्य करने में आपको संकोच नहीं होता। तीखी और सीधी चोट करनेवाले आप वर्तमान युग के प्रमुख व्यंग्यकार हैं। नागार्जुन जीवन के, धरती के, जनता के तथा श्रम के गीत गानेवाले कवि हैं, जिनकी रचनाएँ किसी वाद की सीमा में नहीं बँधी हैं। भाषा – शैली–नागार्जुन जी की भाषा-शैली सरल, स्पष्ट तथा मार्मिक प्रभाव डालनेवाली है। काव्य-विषय आपके प्रतीकों के माध्यम से स्पष्ट उभरकर सामने आते हैं। आपके गीतों में जन- जीवन का संगीत है। आपकी भाषा तत्सम प्रधान शुद्ध खड़ीबोली है, जिसमें अरबी व फारसी के शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। अलंकार एवं छन्द – आपकी कविता में अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग है। उपमा, रूपक, अनुप्रास आदि अलंकार ही देखने को मिलते हैं। प्रतीक विधान और बिम्ब-योजना भी श्रेष्ठ है। | |
| 4. | नागार्जुन किस युग के कवि हैं? | 
| Answer» आधुनिक (प्रगतिवाद) युग के कवि हैं। | |
| 5. | ‘बादल को घिरते देखा है’ शीर्षक कविता का सारांश लिखिए। | 
| Answer» ‘बादल को घिरते देखा है’ कविता में हिमालय पर्वत पर स्थित कैलास पर्वत की चोटी पर घिरते बादलों के सौन्दर्य को वर्णन किया गया है। कवि के अनुसार निर्मल, चाँदी के समान सफेद और बर्फ से मण्डित पर्वत-चोटियों पर घिरते हुए बादलों से सम्पूर्ण वातावरण अत्यन्त मनोहारी दिखायी देने लगता है। कैलाश पर्वत पर छाये बड़े-बड़े बादल; तूफानी हवाओं से गरज-गरजकर दो-दो हाथ करते हैं। यद्यपि तूफानी हवाएँ अन्ततः बादलों को उड़ा ले जाती हैं, फिर भी बादल अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत रहता है। आकाश में बादल छा जाने से किन्नर प्रदेश की शोभा अद्वितीय हो जाती है। सैकड़ों छोटे-बड़े झरने अपनी कल-कल ध्वनि से देवदार के वन को गुंजित कर देते हैं। इन वनों में किन्नर और किन्नरियाँ विलासितापूर्ण क्रीड़ाएँ करने लगती हैं। | |
| 6. | नागार्जुन ने अपनी कविता ‘बादल को घिरते देखा है’ में प्रकृति के किस रूप के सौन्दर्य का वर्णन किया | 
| Answer» इस कविता में कवि ने हिमालय पर्वत पर स्थित कैलाश पर्वत की चोटी पर घिरते बादलों के सौन्दर्य का वर्णन किया है। | |
| 7. | नागार्जुन की दो रचनाओं का उल्लेख कीजिए। | 
| Answer» युगधारा, खून और शोले। | |
| 8. | नागार्जुन की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए। | 
| Answer» नागार्जुन की भाषा सहज, सरल, बोधगम्य, स्पष्ट, स्वाभाविक और मार्मिक प्रभाव डालने वाली है। उनकी शैली स्वाभाविक और पाठकों के हृदय में तत्सम्बन्धी भावनाओं को उदीप्त करनेवाली होती है। | |
| 9. | ‘बादल को घिरते देखा है’ शीर्षक कविता का उद्देश्य क्या है? | 
| Answer» प्रस्तुत कविता ‘बादल को घिरते देखा है’ के माध्यम से कवि ने हिमालय पर्वत पर स्थित कैलाश पर्वत की चोटी के सौन्दर्य को वर्णित करने की चेष्टा की है। | |
| 10. | ‘बादल को घिरते देखा है’ कविता का प्रतिपाद्य बताइए। | 
| Answer» ‘बादल को घिरते देखा है’ कविता का प्रतिपाद्य हिमालय पर्वत पर स्थित कैलाश पर्वत की चोटी का सौन्दर्य वर्णन है। | |
| 11. | निम्नलिखित शब्द युग्मों से विशेषण-विशेष्य अलग कीजिएअतिशय शीतल, स्वर्णिम कमलों, प्रणय कलह, रजत-रचित। | 
| Answer» विशेषण                विशेष्य  | |