InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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योजना आयोग के चार कार्य बताइए। |
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Answer» विकास कार्यों की परामर्शदात्री संस्था के रूप में योजना आयोग एक शीर्षस्थ संस्था है। 15 मार्च, 1950 को किये गये प्रस्ताव के अनुसार देश के सामाजिक विकास के सन्दर्भ में योजना आयोग के चार कार्यों का उल्लेख निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत किया जा सकता है – ⦁ संसाधनों का अनुमान करना – योजना आयोग का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्य देश में उपलब्ध पदार्थगत, पूँजीगत और मानवीय संसाधनों का अनुमान करना है। |
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आर्थिक नियोजन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए |
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Answer» आर्थिक नियोजन की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं – ⦁ नियोजित अर्थव्यवस्था आर्थिक संगठन की एक पद्धति है। |
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नीति आयोग से क्या तात्पर्य है? इसके प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?यानीति आयोग की संरचना एवं उद्देश्य या कार्य बताइए। |
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Answer» नीति आयोग 1950 ई० के दशक में अस्तित्व में आया योजना आयोग अब अतीत की बात हो गया है। इसके स्थान पर 1 जनवरी, 2015 से एक नई संस्था ‘नीति आयोग’ (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (National Institution for Transforming India)] अस्तित्व में आ गई है। नीति आयोग की अधिशासी परिषद् (Goverming Council) में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा केन्द्रशासित क्षेत्रों के उपराज्यपालों को शामिल किया गया है। इस प्रकार नीति आयोग का स्वरूप योजना आयोग की तुलना में अधिक संघीय बनाया गया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले इस आयोग में एक उपाध्यक्ष व एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer; CEO) का प्रावधान किया गया है। अमेरिका में स्थित कोलम्बिया विश्वविद्यालय में कार्यरत रहे। प्रो० अरविन्द पनगढ़िया को नवगठित आयोग का उपाध्यक्ष तथा योजना आयोग की सचिव रहीं सिंधुश्री खुल्लर को इसका प्रथम सीईओ (1 वर्ष के लिए) नियुक्त किया गया। इनके अलावा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री विवेक देवराय व डी०आर०डी०ओ० के पूर्व प्रमुख वी०के० सारस्वत नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य बनाए गए हैं जबकि 4 केन्द्रीय मन्त्री राजनाथ सिंह (गृह मंत्री), अरुण जेटली (वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री), सुरेश प्रभु (रेल मंत्री) तथा राधा मोहन सिंह (कृषि मंत्री) इस आयोग के पदेन सदस्य हैं। विशेष आमंत्रितों के रूप में तीन केन्द्रीय मन्त्रियों-नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी व थावरचन्द गहलोत को इसमें शामिल किया गया है। नीति आयोग के उद्देश्य अथवा कार्य ⦁ राष्ट्रीय उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुए राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करेगा। नीति आयोग का विजन विकास को बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय एजेंडा’ का प्रारूप उपलब्ध कराना है। |
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भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के चार प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। यापंचवर्षीय योजनाओं के चार प्रमुख उद्देश्य बताइए। |
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Answer» पंचवर्षीय योजनाओं के चार प्रमुख उद्देश्य निम्नवत् हैं – ⦁ कृषि, विद्युत एवं सिंचाई का विकास करना। |
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ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012) ⦁ जीडीपी वृद्धि दर का लक्ष्य बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया। |
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आर्थिक नियोजन का क्या आशय है? योजना आयोग को संगठन एवं कार्य बताइए।याआर्थिक नियोजन से क्या अभिप्राय है? भारत में योजनाबद्ध विकास के संगठन की विवेचना कीजिए। |
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Answer» आर्थिक नियोजन भारत का योजना आयोग योजना आयोग के कार्य |
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भारत में पंचवर्षीय योजनाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।याभारत के आर्थिक विकास में पंचवर्षीय योजनाओं के योगदान का परीक्षण कीजिए। |
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Answer» भारत के आर्थिक विकास में पंचवर्षीय योजनाओं का योगदान |
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नीति आयोग का प्रथम उपाध्यक्ष किसे नियुक्त किया गया? |
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Answer» नीति आयोग का प्रथम उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढ़िया को नियुक्त किया गया। |
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नीति आयोग का अध्यक्ष कौन होता है? |
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Answer» नीति आयोग का अध्यक्ष प्रधानमन्त्री होता है। |
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भारत की नवीं पंचवर्षीय योजना की विवेचना कीजिए।यानवीं पंचवर्षीय योजना का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए। |
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Answer» नवीं पंचवर्षीय योजना (1 अप्रैल, 1997 से 31 मार्च, 2002) इस योजना का प्रारम्भिक प्रारूप तत्कालीन योजना आयोग उपाध्यक्ष मधु दण्डवते ने 1 मार्च, 1998 को जारी किया था, जिसे भाजपा सरकार ने संशोधित किया। संशोधित प्रारूप में निहित उद्देश्य, विभिन्न क्षेत्रों के सम्बन्ध में लक्ष्य आदि अग्रलिखित थे – योजना के उद्देश्य ⦁ पर्याप्त उत्पादक रोजगार पैदा करना और गरीबी उन्मूलन की दृष्टि से कृषि और विकास को प्राथमिकता देना। 1. गुणवत्तायुक्त जीवन – इसके लिए गरीबी उन्मूलन व न्यूनतम प्राथमिक सेवाएँ (स्वच्छ पेय जल, प्राथमिक स्वास्थ्य, प्राथमिक शिक्षा व आवास) उपलब्ध कराने के प्रयास किये जाएँगे। ⦁ भुगतान सन्तुलन सुनिश्चित करना। प्रमुख विकास दरें |
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योजना क्या है ? इसका क्या महत्त्व है ? याभारत के योजना आयोग पर टिप्पणी लिखिए। |
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Answer» स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात् अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने देश के सामाजिक विकास की भावी रूपरेखा तैयार करने के लिए, नवम्बर, 1947 ई० में पण्डित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में आर्थिक कार्यक्रम समिति गठित की थी। इस समिति ने 25 जनवरी, 1948 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें एक स्थायी योजना अयिोग की स्थापना की सिफारिश की गयी। इस सुझाव के अनुरूप भारत सरकार के 15 मार्च, 1950 के एक सुझाव के अनुसार योजना आयोग की स्थापना की गयी। |
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दसवीं पंचवर्षीय योजना का संक्षिप्त विवरण देते हुए इसकी प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। |
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Answer» दसवीं पंचवर्षीय योजना द्वितीयत: इस योजना में गरीबी और सामाजिक रूप से पिछड़ेपन के मुद्दों पर ध्यान दिया गया है। हालांकि पहले की योजनाओं में भी ये लक्ष्य रहे हैं, पर इस योजना में विशेष लक्ष्य रखे गये हैं। जिन पर विकास के लक्ष्यों के साथ ही निगरानी रखने की व्यवस्था है। तृतीयतः चूँकि राष्ट्रीय लक्ष्य सन्तुलित क्षेत्रीय विकास के स्तर पर अनिवार्यतः लागू नहीं हो पाते और हर साल की क्षमता और कमियाँ अलग-अलग होती हैं, इसलिए दसवीं योजना में विकास की अलग-अलग कार्यनीति अपनायी गयी हैं। पहली बार राज्यवार विकास के और अन्य लक्ष्य इस तरह तय किये गये हैं जिनकी निगरानी रखी जा सके और इसके लिए राज्यों से भी सलाह ली गयी है जिससे उनकी अपनी विकास योजनाओं को विशेष महत्त्व दिया जा सके। इस योजना की एक और विशेषता इस बात को महत्त्व देना है कि योजना को ज्यों-का-त्यों लागू करने में प्रशासन एक महत्त्वपूर्ण कारक होता है। इसलिए इस योजना में प्रशासनिक सुधार की एक सूची तय की गयी है। अन्ततः, मौजूदा बाजारोन्मुखी अर्थव्यवस्था को देखते हुए दसवीं योजना में उन नीतियों और संस्थाओं के स्वरूप पर विस्तार से विचार किया गया है जो जरूरी होंगी। दसवीं योजना में न सिर्फ एक मध्यावधि व्यापक आर्थिक नीति केन्द्र और राज्य दोनों के लिए अत्यन्त सतर्कतापूर्वक तैयार की गयी है, बल्कि हर क्षेत्र के लिए जरूरी नीति और संस्थागत सुधारों को निर्धारित किया गया है। दसवीं योजना में क्षमता बढ़ाने, उद्यमी ऊर्जा को उन्मुक्त करने तथा तीव्र और सतत विकास को बढ़ावा देने के उपायों का भी प्रस्ताव दिया गया है। दसवीं योजना में कृषि को केन्द्रीय महत्त्व दिया गया है। कृषि क्षेत्र में किये जाने वाले मुख्य सुधार इस प्रकार हैं-वाणिज्य और व्यापार में अन्तर्राज्यीय बाधाओं को दूर करना, आवश्यक उपभोक्ता वस्तु अधिनियम में संशोधन करने, कृषि उत्पाद विपणन कानून में संशोधन, कृषि व्यापार, कृषि उद्योग और निर्यात का उदारीकरण होने पर खेती को प्रोत्साहित करना और कृषि भूमि का पट्टे पर देने और लेने की अनुमति देने, खाद्य क्षेत्र से सम्बन्धित विभिन्न कानूनों को एक व्यापक ‘खाद्य कानून में बदलना, सभी वस्तुओं में वायदा व्यापार को अनुमति तथा भण्डारण और व्यापार के पूँजी-निवेश पर प्रतिबन्धों को हटाना। सुधार के कुछ अन्य प्रमुख उपायों में एसआईसीए को निरस्त करना और परिसम्पत्ति के हस्तान्तरण को सुगम बनाने के लिए दिवालिया घोषित करने और फोर क्लोजर के कानूनों को मजबूत करना, श्रम कानूनों में सुधार, ग्राम और लघु उद्योग क्षेत्रों की नीतियों में सुधार तांकि बेहतर ऋण प्रौद्योगिकी, विपणन और कुशल कारीगरों की उपलब्धता सम्भव हो, विद्युत विधेयक का शीघ्र कार्यान्वयन, कोयला राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक और संचार समरूप विधेयक में संशोधन, निजी सड़क परिवहन यात्री सेवा को मुक्त करना तथा सड़क की मरम्मत आदि में निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करना, नागरिक उड्डयन नीति को शीघ्र मंजूरी देना, इस क्षेत्र को शीघ्र विनियमित करना और प्रमुख हवाई अड्डों पर निजी भागीदारी के जरिए विकास शामिल है। बढ़ता क्षेत्रीय असन्तुलन भी चिन्ता का विषय है। दसवीं योजना में सन्तुलित और समान क्षेत्रीय विकास का लक्ष्य तय किया गया है। इस पर आवश्यक ध्यान देने के लिए योजनाओं में राज्यवार लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। तत्काल नीतिगत और प्रशासनिक सुधारों की जरूरत को भी स्वीकृति दे दी गयी है। शासन व्यवस्था योजनाओं को लागू करने में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक होता है। इस दिशा में कुछ आवश्यक उपाय इस प्रकार है–बेहतर जन भागीदारी, खासतौर पर पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों को मजबूत बनाकर, नागरिक समाज को शामिल करना, खासतौर पर स्वैच्छिक संगठनों को विकास में भागीदारी की भावना बनाकर, सूचना के अधिकार सम्बन्धी कानून को लागू करना, पारदर्शिता, क्षमता और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए लोक सेवाओं में सुधार, कार्यकाल को संरक्षण, पुरस्कृत और दण्डित करने की बेहतर और समान व्यवस्था, सरकार के आकार और उसकी भूमिका को ठीक करना, राजस्व और न्यायिक सुधार तथा अच्छे प्रशासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग। |
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राष्ट्रीय विकास परिषद् (NDC) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।याराष्ट्रीय विकास परिषद् के प्रमुख कार्य बताइए। |
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Answer» राष्ट्रीय विकास परिषद् (NDC) ⦁ योजना आयोग को प्राथमिकताएँ निर्धारण में परामर्श देना। |
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राष्ट्रीय विकास परिषद् का अध्यक्ष कौन होता है? |
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Answer» राष्ट्रीय विकास परिषद् का अध्यक्ष भारत का प्रधानमन्त्री होता है। |
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योजना आयोग की स्थापना कब हुई थी? |
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Answer» योजना आयोग की स्थापना 1950 ई० में हुई थी। |
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12वीं पंचवर्षीय योजना कब आरम्भ हुई? |
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Answer» 12वीं पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल, 2012 को आरम्भ हुई। |
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भारत में योजना आयोग की स्थापना हुई (क) 1947 ई० में(ख) 1948 ई० में(ग) 1950 ई० में(घ) 1956 ई० में |
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Answer» सही विकल्प है (ग) 1950 ई० में |
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Planned Economy for India (प्लाण्ड इकोनॉमी फॉर इण्डिया) पुस्तक के लेखक हैं –(क) के० सी० पन्त(ख) मनमोहन सिंह(ग) जवाहरलाल नेहरू(घ) एम० विश्वेश्वरैया |
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Answer» सही विकल्प है (घ) एम० विश्वेश्वरैया |
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योजना आयोग का अध्यक्ष होता है (क) वित्तमन्त्री(ख) योजना मन्त्री(ग) प्रधानमन्त्री(घ) राष्ट्रपति |
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Answer» सही विकल्प है (ग) प्रधानमन्त्री |
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