InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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वह चाँद सबसे खतरनाक क्यों होता है, जो हर हत्याकांड के बाद आपकी आँखों में मिर्ची की तरह नहीं गढ़ता है ? |
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Answer» सामान्य तौर से चाँद खतरनाक नहीं होता – वह सुन्दरता और शीतलता का प्रतीक है मगर हत्याकांड के बाद भी चाँद किसी व्यक्ति को पूर्ववत् (सामान्य) ही लगे, या यों कहिए कि ऐसी स्थिति में भी वह खुशियाँ मनाये, किसी को कोई फर्क ही न पड़े,’ चाँद उनकी आँखों में मिर्ची की तरह न गड़े, उनमें विरोध, प्रतिकार, आक्रोश ही न जगे तो ऐसी संवेदन शून्यता खतरनाक है। |
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| 2. |
सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है। अपनी कलाई पर चलती हुई भी जो आपकी निगाह में रुकी होती है। इन पंक्तियों में ‘घड़ी’ शब्द की व्यंजना से अवगत कराइए। |
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Answer» उक्त पंक्तियों में कवि ने ‘घड़ी’ शब्द का श्लेषात्मक प्रयोग किया है। ‘घड़ी’ शब्द एक ओर समय बतानेवाली घड़ी नामक वस्तु का बोधक है, वहीं दूसरी ओर त्रसित मनुष्य की संभित त्रासद जीवन स्थितियों (समय) का भी बोधक है। इसमें बदलते हुए समय और स्थिति के अनुसार खुद को न बदल पाने का रंज है, दंश है। हाथ की कलाई पर बँधी चलती हुई घड़ी भी कवि को सकी हुई दिखना – मनुष्य की विकल्पहीन, स्थिर और दारुण जीवन-स्थितियों की परिचायक है। ‘धड़ी’ शब्द जीवन की यांत्रिकता का भी परिचायक है। |
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‘किसी जुगनू की लौ में पढ़ना बुरा तो है’ – का आशय स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» “किसी जुगनू की लौ में पढ़ना’ अर्थात् अभावग्रस्त स्थितियों में, साधनहीनता में गुजारा करना, अपने बुनियादी अधिकारों – रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, रोजगारी आदि की मांग भी न करना । सब-कुछ सहन कर जाना अच्छी बात नहीं है, बुरी बात है, मगर कुछ बातें ऐसी हैं, जो इससे भी बुरी और इससे भी खतरनाक है। |
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| 4. |
समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए आपके क्या सझाव हैं ? |
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Answer» समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए हमारे निम्नलिखित सुझाय हैं –
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‘मुर्दा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना’ – इनको सबसे खतरनाक माना गया है। आपकी दृष्टि में इन बातों में परस्पर क्या संगति है और ये क्यों सबसे खतरनाक है? |
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Answer» ‘मुर्दा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना’ – दोनों ही सबसे खतरनाक स्थितियाँ हैं। ‘मुर्दा शांति से भर जाना’ अर्थात् कैसी भी स्थिति में न बोल पाने और न सोच पाने की स्थिति। अन्याय, अत्याचार का विरोध न कर पाने की स्थिति, मुक्ति पाने की बेचैनी या छटपटाहट से शून्य हो जाना, मौन धारण करके सबकुछ सहन करने को विवश हो जाना – यानि जिन्दा लाशयत हो जाना। सामाजिक अन्याय खिलाफ प्रतिरोध की शक्ति का मर जाना सबसे खतरनाक है। ‘सपनों का मर जाना’ – अर्थात् अपनी छोटी-छोटी उम्मीदों का मर जाना। ये उम्मीदें जिन्हें पूरी करने के लिए यह प्रयास करता है, पाता है, खुश होता है, विकसित होता, समाज में अपना स्थान-वजूद बनाता है और जीवन गुजार देता है। ऐसी उम्मीदों का मर जाना अर्थात् बदलाव की भूमिका तैयार न करके यथास्थिति को स्वीकार कर लेना। |
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कवि ने कविता में कई बातों को ‘बुरा है’ न कहकर ‘बुरा तो है’ कहा है । ‘तो’ के प्रयोग से कथन की भंगिमा में क्या बदलाव आया है – स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» कवि ने कविता में कई बातों को ‘बुरा है’ न कहकर ‘बुरा तो है’ कहा है, जैसे कि – यहाँ ‘तो’ शब्द का भारपूर्वक प्रयोग हुआ है । ऐसा करने से बात पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती मगर उसमें किसी तरह की गुंजाईश अभी शेष है – ऐसा भाव निकलता है । प्रस्तुत कविता के संदर्भ में देखें तो कवि ने कुछ ऐसी स्थितियों हमारे सामने रखी हैं जो समाज के लिए बुरी है, खतरनाक है । तो शब्द के प्रयोग से यह ध्वनि निकलती है कि इतनी बुरी या इतनी खतरनाक नहीं है कि जिन्हें नियंत्रित न किया जा सके, जिनमें बदलाव न किया जा सके। ‘तो’ शब्द का प्रयोग पाठकों में जिज्ञासा उत्पन्न करता है और अंततः जिज्ञासा का शमन करता है। |
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| 7. |
कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना है ? |
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Answer» मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ जैसी स्थितियाँ समाज के लिए खतरनाक बातें हैं, किंतु कवि ने इन्हें सबसे खतरनाक नहीं माना है, क्योंकि इस लूट की कसक और आघात को भुलाया जा सकता है, इसका प्रभाव भी बहुत दूरगामी नहीं होता है, सीमित होता है । साथ ही इसके खामियाजे की पूर्ति की जा सकती है। इनसे टकराया जा सकता है, इनके खिलाफ लड़ा जा सकता है, आवाज़ उठाई जा सकती है । अन्याय के प्रतिरोध की शक्ति और चेतना पूर्णतः मर नहीं जाती । इन गंभीर स्थितियों को सायास बदला जा सकता है । अतः ये स्थितियाँ खतरनाक हैं, बुरी हैं, मगर इनसे भी अधिक खतरनाक स्थितियाँ और भी हैं। |
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सबसे खतरनाक’ शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ ? |
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Answer» कवि पाश ने ‘सबसे खतरनाक’ शब्द को बार-बार दोहराया है – सायास दोहराया है, क्योंकि कवि अपने समय की सबसे खतरनाक स्थितियों (जिसमें जीना दुभर हो जाये) की ओर हमारा ध्यानाकर्षित करना चाहता है । यह बताना चाहता है कि आज समाज में कुछ ऐसी परिस्थितियाँ उपस्थित हो चुकी हैं, जिन्हें नियंत्रण में रखना मुश्किल है। ये स्थितियाँ समाज में भय, आंतक, हिंसा, अविश्वास, अराजकता और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही हैं। ये स्थितियाँ व्यक्ति की चेतना और पिरोध की धार को भोथरी बना रही हैं, समाज को निष्प्राण और निर्माल्य बना रही हैं । ऐसी स्थितियाँ हमारे समाज के लिए निश्चित रूप से चिंता का विषय है, सोचनीय मसला जिस पर गंभीरतापूर्वक सोचने-विचारने की आवश्यकता है । इस प्रकार ‘सबसे खतरनाक’ शब्द के बार-बार प्रयोग से कवि की कथनशैली और कार्य (उद्देश्य) दोनों चोटदार हो गये हैं। |
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| 9. |
योग्य विकल्प चुनकर रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए।कवि पाश का मूल नाम ………….. था । (अवतारसिंह, कुलदीपसिंह, करतारसिंह, कृपालसिंह)पाश का जन्म सन् ……. में हुआ था । (1940, 1945, 1950, 1955)पाश की मृत्यु सन् …………….. में हुई । (1972, 1980, 1988, 1989)कवि पाश मूल रूप से …………. भाषा में लिखा है । (गुजराती, पंजाबी, मराठी, हिन्दी)‘सहमी-सी’ चुप्पी पंक्ति में ……….. अलंकार है । (उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपक, अनुप्रास)‘मुर्दा शांति’ का आशय है …………. । (मर जाना, मार देना, सो जाना, प्रतिरोध न करना)‘जमी बर्फ का निहितार्थ है……………. (बर्फ, पानी, संवेदनहीनता, ठंडी)‘चाँद’ ……………. का प्रतिक है । (सौंदर्य, स्त्री, कटुता, मिर्ची)कवि उस रात को खतरनाक मानता है, जो ………….. लोगों की आत्मारूपी आसमान पर अंधकार के समान छा जाती है । (मृत, ग्रामीण, जीवित, शहरी) |
Answer»
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