This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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हिम-सरोवर का दृश्य कैसा था? |
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Answer» हिम-सरोवर का दृश्य कैसा था |
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Meaning and sentence of khawat andher nagri chaupt raja |
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Answer» हिंदी कहावत 'अंधेर नगरी चौपट राजा' का अर्थ क्या है? - राजा, सुगठित प्रशासन और न्याय के लिए जाने जाते रहे हैं. जिस राज्य का राजा बिना विवेक के, बिना विचार के, बिना उचित न्य्याय के, बिना देश हित को सोच कर कार्य करता है वह चौपट राजा कहलाता है. |
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| निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए-प्रकट, महाशय, रसिक, भगवान, समर्थन |
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Answer» प्+ र्+ अ+ क्+ अ+ ट्+अ म्+अ+ ह्+ आ+ श् + अ + य् +अ र् +अ + स् + इ + क् + अ म् + अ+ ृ + ण् + आ + ल् + इ + न् + इ भ् + अ + ग् + अ + व् + आ + न् + अ म् + आ + ृ + ग् + अ स् + अ + म् + अ + ऋ+ थ् + अ+ न् + अ hope it HELPS you please MARK my answer as brainlist |
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अकबरी लोटा का सारांश। |
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Answer» पंडित अन्नपूर्णानद जी ने इस कहानी में बताया है कि लाला झाऊलाल नामक व्यक्ति बहुत अमीर नहीं है। पर उन्हें गरीब भी नहीं कहा जा सकता। पत्नी के ढाई सौ रूपए माँगने तथा अपने मायके से लेने की बात पर अपनी इज्जत के लिये सात दिन में रुपये देने की बात की। पाँच दिन बीतने पर अपने मित्र बिलवासी को यह घटना सुना कर पैसे की इच्छा रखी पर उस समय उनके पास रूपए न थे। बिलवासी जी ने उसके अगले दिन आने का वादा किया जब वह समय पर न पहुँचे तो झाऊलाल चिंता में छत पर टहलते हुए पानी माँगने लगे। पत्नी द्वारा लाये हुए नापसंद लोटे में पानी पीते हुए लोटा नीचे एक अंग्रेज पर गिर गया। अंग्रेज एक लंबी चौड़ी भीड़ सहित आँगन में घुस गया और लोटे के मालिक को गाली देने लगा। बिलवासी जी ने बड़ी चतुराई से अंग्रेज को ही मुर्ख बनाकर उसी लोटे को अकबरी लोटा बताकर उसे 500 रूपए में बेच दिया। इससे रुपये का इंतजाम भी हो गया और झाऊलाल की इज्जत भी बच गई। इससे लाला बहुत प्रसन्न हुए उसने बिलवासी जी को बहुत धन्यवाद दिया। बिलवासी ने पत्नी के संदूक से लाला की मदद के लिये निकले गए ढाई सौ रुपये उसके संदूक में वापस रख दिए फिर चैन की नींद सो गए।
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।।(२) निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखो -(i) गोवा की राजधानी(ii) गोवा की एक नदी(iii) गोवा का मौसम(iv) परिच्छेद मे आया गोवा का एक कस्बा -। |
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Answer» गोवा का मौसम क्योंकी गोवा एक ऎसी जगह हैं उसमेें मौसम का सुंदरता रहती है/ |
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Meaning of khawat nindak niyre rakiye |
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Answer» this means that we have to KEEP those people NEAR us who ALWAYS criticize us because they ler us know what is wrong in us Explanation: जो हमारी निंदा करता है, उसे अपने अधिकाधिक पास ही रखना चाहिए। वह तो बिना साबुन और पानी के हमारी कमियां बता कर हमारे स्वभाव को साफ़ करता है. hopee it will help you please MARK as brainlist |
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Khel khel me vigyan quotes please fast |
| Answer» | |
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SAVE IN COMPARISONWITH MRP OF34 2 x 500 g PACKSke wholesomehing Horlickstire family!nl of hotlk or waterApproxspoonfulis) |
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Answer» Explanation: |
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Hello!!! everyone ❣️ ❣️...अनेक शब्द के लिए एक शब्द...कुंती का पुत्र |
| Answer» | |
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8. जन्मांध9 भखमरा sammasth paad |
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Answer» , जन्म से जो अंधा हो। जन्म + अंधा भूख से जो मरा हो भूख+ मरा |
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Chatra per 3 sentence in sanskrit |
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Answer» chaatrah patham pathanti chaatra PAAT pathti |
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[7]18 निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिएस्वच्छ भारत अभियान(ii) छात्र जीवन में अनुशासन(ii) जीवन में खेलों का महत्व(iv) प्रदूषण की समस्या(5)पलासटिक जीवन के लिए खतरा |
Answer» ➡️ विद्यार्थी जीवन मे अनुशासन ⬅️༒प्रस्तावना:
༒अनुशासन अनुशासन की आवश्यकता:
༒प्रकृति और अनुशासन:
༒अनुशासन कैसे आए :
༒उप संहार:
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Meaning of khawat dhak ke teen path |
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Answer» HOPE this EXPLANATION HELPS you. |
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शाळेतील कार्यक्रमाकरता इको फ्रेन्डलीसाधनांची मागणी करणारे पत्रव्यवस्थापकांना लिहा. |
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Answer» दि.१८ १२ २०१७ अंजली गोरे सहलप्रमुख, शिवाजी विद्यालय, नांदेड – 431605 प्रति, मा.आगारप्रमुख, नांदेड . विषय: सहलीसाठी बसची मागणी माननीय अगारप्रमुख साहेब , स.न.वि.वि मी वरील शाळेची सहलप्रमुख या नात्याने हे पत्र लिहित आहे. आमच्या शाळेतील ५०० विद्यार्थी व १२ शिक्षक जानेवारी महिन्याच्या दुसऱ्या आठवडयात औरंगाबाद येथील अजिठा वेरुळ या सहलीसाठी जाण्याच्या बेतात आहेत. आम्हाला या शैक्षणिकसहलीसाठी तीन बसेसची गरज आहे. तरी कृपया आम्हाला ही सबसेवा उपलब्ध करुन दयावी. सहल साधारणतः चार दिवसांची असल्याकरणाने बसेस चारही दिवस आमच्याबरोबर मुक्कामाला राहतील याची नोंद घ्यावी. तेव्हा आपण ही बससेवा आम्हाला हव्या असलेल्या तारखेस उपलब्ध करुन देऊ शकता की नाही? हे कृपया कळवावे. तसेच सर्व व्यक्तींचा एकूण किती भाडेखर्च येईल व आगाऊ रक्कम किती भरावी लागेल, तेही जरुर कळवावे, ही नम्र विनंती. तसदीबद्दल क्षमस्व. कळावे. आपली कृपाभिलाषी अंजली गोरे (सहल प्रमुख ) HOPE IT HELPS YOU! PLZ FOLLOW ME UP AND MARK IT AS BRAINLIEST.... |
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Meaning and sentence of khawat dhak ke teen paat |
| Answer» | |
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Viii. య, ర, ల, వలను ఏమంటారు?(అ) త్రికములు(ఆ) గుణములుఇ)యణులు(ఈ) వృద్ధులు |
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Answer» ఇ)యణులు will be the answer Explanation: i HOPE it hwlp u mark as BRAINLIEST |
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Sentence of khawat andho me kana raja |
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Answer» Answer: saare BAACHE BI PAGAL aur unka guru aur bi mhan Andho me KANA raja.... |
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दानी का पर्यायवाची शब्द |
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Answer» उदार, दाता, परोपकारी... Hope it helps...... |
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प्र-४मीचे लिखे मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-क) जूता मारनाख) पानी पानी होना |
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Answer» (ख),शर्म से पानी पानी होना |
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शब्दसंधि-भेदउत् + लेख |
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Answer» उत् + लेख उल्लेख व्यंजन संधि |
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दो मित्रों के बीच विद्यालय में आयोजित होने वाले वार्षिकोत्सव की तैयारी को लेकर हुई बातचीत को संवाद रूप मेंलिखिए। |
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Answer» hcfjpyffsszzxcvbnklngtgk |
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(ख) नीचे लिखे वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए-(i) जिसके बराबर कोई दूसरा न हो(ii) जो कर्म न करता हो(जिसने ऋण चुका दिया हो |
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Answer»
1. Aduitya 2. Akarmi 3. Ushran
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दुकानदार एवं ग्राहक के बीच किसी सामान की खरीददारी के विषय में हुई बातचीत को संवाद रूप में लिखिए। |
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Answer» दुकानदार- जी हां आपको कया चाहिए? ग्राहक - जी मुझे अपने बेटे के लिए खिलौना चाहिए । दुकानदार - जी कैसा चाहिए? ग्राहक - ज्यादा बडा नहीं चाहिए । दुकानदार - जी ऐसा ठीक रहे गा? ग्राहक - जी हा।कितने का है? दुकानदार - जी ज्यादा नहीं, बस एक सौ रुपए का है। ग्राहक - जी धन्यवाद। |
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करामत अली द्वारा गायखरीदने वाले से किए गए सवाल-जवाब -------------------------------------------------------------------------- |
Answer»
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Please send me . please tomorrow is my exam |
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Answer»
shivaji islie chintit the kuki unhe pta nhi tha kya krna h ahemd EK badtameez adami tha sondev sona WALA tha |
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संधि विच्छेद, संधि भेदअत्याचार |
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Answer» अति+आचार=अत्याचार। Explanation: यह स्वरसांधि है। |
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(ख) विभा पाठ पढ़ती है।(घ) सैनिक देश की रक्षा करते हैं ।(च) हम दोनों नगर को देखते हैं । |
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Answer» I am SORRY but I don't UNDERSTAND your QUESTION |
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Hindiसंधि विच्छेद, संधि भेदअत्याचार |
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Answer» अति + आचार ......... ...... |
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अॅनी सलिव्हन नसल्या तर हलन' घडली नसती, विधानाची सत्यता पटवून दया. |
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Answer» जर शाळा नसतील तर लोक अजूनही शिकतील. आयुष्य सतत आम्हाला शिकवण्याचा प्रयत्न करीत आहे. शाळा सामान्यतः आपल्याला जगाबद्दल विस्तृत दृष्टीकोन देते. मी एक लाजाळू मुलगा असल्याने त्यामुळे मला आजपर्यंतच्या काही लोकांबरोबर मिसळण्यास मदत मिळाली जी आजपर्यंत माझे सर्वात चांगले मित्र आहेत. बदल- - बहुतेक मूल त्यांच्या पालकांच्या पावलांचे पाऊल पाळतात आणि त्याच व्यवसायाचा अभ्यास करतात. - काही प्रशिक्षक घेतात आणि त्यांना एक विशिष्ट कौशल्य शिकवतात. -गृहपाठ नाही! आपण एक प्रशिक्षक आहात आणि तरीही काही नियुक्त कार्य करावे लागेल. -जीवन सोपे होईल आणि कमी स्पर्धा होईल. -आपण कमी लोक परिचित होऊ शकता. - आपल्याला प्रमाणित करणार्या कोणत्याही पदवी किंवा कोणत्याही निवडी नाहीत. तोटे- -एक शिक्षित मन शिक्षित निर्णय घेते म्हणून आपला दृष्टीकोन लहान असेल. -तुमच्याकडे फक्त आपल्या हस्तकलेचा एक रेषीय ज्ञान आहे. - काही कार्यक्रम जसे लैंगिक शिक्षण, चांगले वर्तणूक तंत्र, आपली भिन्न स्वारस्ये शोधणे शाळांशिवाय शिकले जाऊ शकत नाही. आणि आपण उन्हाळा आणि उन्हाळ्याच्या सुट्ट्यांप्रमाणेच आपल्यासारखे कौतुक कराल कारण शाळा नसल्यास! READ more on Brainly.in - brainly.in/question/8257163#readmore |
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चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गॅथा जाऊँ.चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ,चाह नहीं, सम्राटों के शव पर, हे हरि डाला जाऊँ,चाह नहीं, देवों के सिर पर चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ,मुझे तोड़ लेना वनमाली,उस पथ में देना तुम फेंक,मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,जिस पथ जावें वीर अनेक।उपर्युक्त पद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-(क) सुरबाला के गहनों का क्या अर्थ है?(ख) साधारण फूल अपने भाग्य पर कब इठलाते हैं?(ग) कवि किससे प्रार्थना कर रहा है?(घ) शीश चढ़ाने का क्या अर्थ है?(ङ) फूल अपने-आप को कहाँ फेंक देने की याचना कर रहा है? |
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Answer» दिए गए गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार हैं... (क) सुरबाला के गहनों का क्या अर्थ है? ➲ सुरबाला के गहनों का अर्थ है, सुंदर स्त्रियां अपने सिर में गजरे के रूप में जो फूल लगाती हैं। (ख) साधारण फूल अपने भाग्य पर कब इठलाते हैं? ➲ साधारण फूल अपने भाग्य पर तब इठलाते हैं, जब उसे देश की रक्षा के लिए जा रहे सैनिकों के मार्ग पर बिखेर दिया जाता है। (ग) कवि किससे प्रार्थना कर रहा है? ➲ कवि वनमाली अर्थात उद्यान के माली से प्रार्थना कर रहा है। (घ) शीश चढ़ाने का क्या अर्थ है? ➲ शीश चढ़ाने का अर्थ है, देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने के लिए तत्पर सैनिकों से है। (ङ) फूल अपने-आप को कहाँ फेंक देने की याचना कर रहा है? ➲ एक फूल अपने-आप को देश की रक्षा के जा रहे वीर सैनिकों के मार्ग पर बिखेर देने की याचना कर रहा है। ○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○ |
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Harihar kaka ko gaon ke mahant ne kya samjhaya |
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Answer» Answer: Explanation: |
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Article writing format and examples |
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Answer» Answer: Explanation: title by JATIN /akshat MAIN body |
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द्वारिका किस लिए प्रसिद्ध है। |
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Answer» Dwarka dieesh it is a devobhomi of LORD Krishna and rukmani |
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Sप्रत्ययHhEREFaENलखकFEARNERफादारHEEEEEEEEEE REFkold!लडाकाHIGनाdanसमनदायिकतानबाजारूपन्नSamSANDESHESEDJERUTBE |
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Answer» |
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Patang udane samay kya kya savdhani rakhni chahie Yahan Baat batate Hue chote bhai ko Patra likhiye |
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Answer» Answer: |
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3. निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-(क) पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यांऔर आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँजो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी(ख) पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमीचिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमीऔर सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी |
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Answer» Answer: (क) इन पंक्तियों में अभिव्यक्त व्यंग्य यह है व्यक्ति-व्यक्ति की रूचि और कार्यों में अंतर होता है। मनुष्य अच्छा बनने पर आए तो वह कुरआन पढ़ने वाला और नमाज़ अदा करने वाला सच्चा धार्मिक भी बन सकता है और यदि वह दुष्टता पर आए तो वह जूतियाँ चुराने वाला भी बन सकता है। कुछ लोग बुराई पर नज़र रखने वाले भी होते हैं। इन सभी कामों को करने वाले आदमी ही तो हैं। मनुष्य के स्वभाव में अच्छाई बुराई दोनों होते हैं परन्तु वह किधर चले यह उस पर ही निर्भर करता है। (ख)इन काव्य पंक्तियों में निहित व्यंग्य यह है कि मनुष्य के विविध रूप हैं। एक व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का अपमान कर बैठता है तो कोई किसी को मदद के लिए पुकारता है। उसकी पुकार सुनते ही कोई दयावान उसकी मद्द के लिए भागा चला आता है। अत: मनुष्य में अच्छाई, बुराई दोनों ही हैं। यह उस पर निर्भर करता है कि वह किधर चल पड़े। HOPE THIS WILL HELP YOU...... PLEASE MARK THIS AS BRAINLIEST AND FOLLOW ME. |
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(i) निम्नलिखित वाक्य में से अव्यय पहचानकर उसका भेद लिखिए।चाची, माँ के पास चली गई। |
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Answer» Answer: maa, chachi avyav HAI Explanation: kuki avyav unhe kahte hai jise vaky me koi kaal, ling parivartan NA ho . agr mera answer me koi mistake ho ho i am SORRY.. |
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(घ) वाक्य शुद्ध कीजिए :- विद्यालय में पढ़ने के तदुपरान्त छात्र घर गए। |
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Answer» विधालय में पढ़ने के तुरंत बाद छात्र घर गए। |
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नीचे दिए गए शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें और अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखें-प्रतियोगिता इतवार होंठखुशबू उत्साहतसल्लीकुहुक क्यारीपुरस्कारशैतानपाठ बोधनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें-(क) सुबह से ही मनीष की परेशानी का क्या कारण था?(ख) विद्यालय में कविता पढ़ने को लेकर क्या शर्त रखी गई?(ग) रीना ने मनीष की सहायता किस प्रकार की?(घ) रीना और मनीष, निशांत चाचा जी के यहाँ क्यों गए?(ङ) निशांत चाचा जी ने बच्चों की सहायता किस प्रकार की? |
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Answer» जीवन हमेशा एक-सा नहीं रहता। परिवर्तन को स्वीकार कर ही हम अपनी हताशा-निराशा से उबर सकते हैं और समय के साथ चलकर अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं...क धनी व्यक्ति को व्यवसाय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। उसे लगने लगा कि उसकी जिंदगी में घटाटोप अंधेरा भर गया है। उसके मन में आत्महत्या का विचार उपजा। वह जैसे ही नदी में कूदने जा रहा था, किसी ने उसे पीछे से पकड़ लिया। वह कोई मुसाफिर था। आत्महत्या करने की कोशिश करने वाला व्यक्ति फूट-फूट कर रोने लगा, 'आपने मुझे क्यों बचा लिया, ऐसी जिंदगी से मर जाना ही अच्छा है।' उस व्यक्ति की पूरी कहानी सुनकर मुसाफिर बोला, 'तुम यह मानते हो कि पहले तुम सुखी थे?' वह व्यक्ति बोला, 'हां, मेरी जिंदगी में उजाला ही उजाला था, लेकिन अब अंधेरे के सिवा कुछ नहीं बचा।' मुसाफिर ने कहा, 'क्या तुम नहीं जानते कि दिन के बाद रात ही आती है और रात के बाद दिन ही आता है?' वह व्यक्ति बोला- 'यह तो सभी लोग जानते हैं।''जानते हो तो आत्महत्या क्यों कर रहे थे? तुमने जब सुखी जीवन को स्वीकार किया, तो अब दुखी जीवन को क्यों स्वीकार नहीं करते। जबकि तुम्हें पता है इस रात के बाद फिर दिन ही आना है।'परिवर्तन प्रकृति का नियममहान दार्शनिक अरस्तू ने कहा है, परिवर्तन प्रकृति का नियम है। हम प्रकृति के इस नियम को जब भी मानने से इनकार करने लगते हैं, तब हम दुखी होते हैं, अवसाद से घिर जाते हैं। हमें स्वीकारना होगा कि जब अच्छे दिन स्थायी नहीं रहते, तो बुरे दिन भी नहीं रहेंगे। जो व्यक्ति इस सत्य को जान लेता है, वह कभी निराश-हताश नहीं होता। उसका कर्मशील जीवन मजबूत होकर सामने आता है।गतिशीलता से होगा विकासदरअसल, परिवर्तन को स्वीकारना ही हमें गतिशील बना सकता है। हम समय की ऐसी रेलगाड़ी के साथ-साथ चल रहे हैं, जिसमें रुकने का मतलब पिछड़ जाना होता है। जीवन के सफर का वास्तविक आनंद हम तभी उठा सकते हैं, जब हम समय के साथ चलें, पुराने स्टेशनों (जड़ रीति-रिवाजों और पुरानी अवधारणाओं) को छोड़ते जाएं और नए स्टेशनों (समय के अनुकूल नवीनता) को अपनाते जाएं। परिवर्तन शाश्वत है। समय के साथ किसी भी वस्तु, विषय और विचार में भिन्नता आती है। मौसम बदलते हैं। मनुष्य की स्थितियां बदलती हैं। समय के साथ उत्तरोत्तर बदलने को ही विकास कहा जाता है। यदि हम बदलाव से मुंह चुराएंगे, तो हमारा विकास नहींहो सकेगा।सड़ जाता है ठहरा जलवैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो संसार में कोई भी पदार्थ नहीं, जो स्थिर रहता है। उसमें कुछ न कुछ परिवर्तन सदैव होता रहता है। इसी तरह समाज में भी परिवर्तन होता है। समाज शास्त्री मैकाइवर का कहना है कि समाज परिवर्तनशील है। यदि हम समाज में निरंतरता को बनाए रखना चाहते हैं तो हमें यथास्थिति को छोड़ अपने आचार-व्यवहार को परिवर्तनोन्मुख बनाना ही होगा। तभी हमारी प्रगति संभव है। इसके उलट, यदि हम परिवर्तन को स्वीकार नहीं करते, तो हम रूढि़वादी हो जाते हैं। ठहरे हुए जल की तरह, जिसका सड़ना निश्चित है। रूढि़वादी लोग स्त्री स्वतंत्रता, समान अधिकार, स्त्रियों की शिक्षा आदि शुभ परिवर्तनों को स्वीकार नहीं कर पाते और अंदर ही अंदर दुखी होकर स्वयं को जलाते रहते हैं।मुश्किलों से आती है ऊर्जापरिवर्तन को स्वीकारना साहस का काम है। क्योंकि इसके लिए गतिशील-कर्मशील होना होगा, जीवन में आई मुश्किलों से संघर्ष करना होगा। संघर्ष ही हमारे जीवन में विकास के बीज बोता है। एक लोक कथा है। एक बार एक किसान भगवान से नाराज हो गया कि वे कभी बारिश-ओले से फसल चौपट कर देते हैं, तो कभी तूफान से। उसने भगवान से प्रकृति का संचालन एक साल के लिए अपने हाथ में ले लिया। उसकी फसलों के लिए जितनी जरूरत थी, किसान ने उतना पानी बरसाया। तूफान आने नहीं दिया। जब धूप की जरूरत हुई तो सूरज चमका दिया। उसने फसल के हर खतरे को रोक दिया। सचमुच गेहूं की फसल बहुत अच्छी हुई। बड़ी-बड़ी बालियां लग गईं, लेकिन जब फसल काटी गई, तो पता चला कि बालियों के अंदर गेहूं के दाने तो थे ही नहीं। फिर किसान भगवान से बोला, 'भगवन, यह आपने क्या किया।' भगवान ने कहा, 'जो किया, तुमने ही किया। बालियों में बीज इसलिए नहीं आए, क्योंकि पौधों को तुमने चुनौती दी ही नहीं। उनके पास कोई संकट नहीं था। गेहूं के पौधे संघर्ष की अपनी ताकत खो चुके थे। ऐसे में उनकी सृजनात्मकता भी खो चुकी थी।'जीवन का स्वादइसी तरह हमारे जीवन में जो विपरीत परिस्थितियां आती हैं, वे ही हमारे विकास और सृजनात्मकता में सहायक बनती हैं। बस, हमें बिना आपा खोए उनसे संघर्ष करना चाहिए। अगर हम यह चाहते हैं कि हमारे जीवन में अच्छा ही घटित होता रहे और बुरा कुछ भी न हो, तो यह अच्छा भी बुरा लगने लगेगा। जीवन में दुख और सुख दोनों ही आते हैं। हम हमेशा मीठा ही खाते रहें, तो उससे ऊब जाएंगे। लेकिन यदि नमकीन खाने के बाद मीठा खाएंगे, तो वह ज्यादा स्वादिष्ट लगेगा। इसलिए जीवन में आए परिवर्तनों को स्वीकारें और जीवन के स्वाद का पूरा आनंद लें। |
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(5) (i) रचना के आधार पर निम्न वाक्य के भेद पहचानिए।वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हें दोनों हाथों से झटककर बोली। |
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Answer» sanyukt VAKYA , rachana ke ADHAR par hope it HELPS you |
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Ellam MB tatha Ellam BMC is Prakar hai ki Ellam Darshana hai ki Mar code BMC ko sambodhit karta hai |
| Answer» | |