InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
किसान की पुत्रवधू का नाम ………….. था ।(a) सरस्वती(b) पार्वती(c) लक्ष्मी(d) सीता |
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Answer» सही विकल्प है (c) लक्ष्मी |
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| 2. |
पति की मृत्यु के लिए पत्नी को दोषी मानना समाज की ………….. मानसिकता का परिचायक है ।(a) स्वस्थ(b) श्रेष्ठ(c) प्रबल(d) रुग्ण |
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Answer» सही विकल्प है (d) रुग्ण |
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| 3. |
‘किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं’ इस विषय पर परिचर्चा आयोजित करें तथा कारणों की भी पड़ताल करें। |
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Answer» भारत कृषि प्रधान देश है । देश के लगभग 75% लोग गाँव में रहते हैं और खेती पर निर्भर रहते हैं । खेती उनके जीवन का मुख्य आधार है । खेती किसानों के लिए व्यवसाय नहीं वरन् जीवन का अभिन्न अंग है । मगर किसानों की स्थिति हमेशा से ही उपेक्षापूर्ण रही है । वह शोषण का शिकार होता आया है । आज किसान गाँव से शहर की ओर पलायन कर रहे हैं । उसके कुछ कारण निम्नानुसार है –
कृषि से संबंधित साधन-सामग्री, बीज-खाद, दवाइयाँ, ट्रेक्टर, पानी, बिजली, बुआई-कटाई के लिए मजदूरों की मजदूरी आदि की मँहगाई की मार । तैयार हुई फसल का बाज़ार में उचित दाम न मिलना ।। सरकारों का उपेक्षापूर्ण रवैया । शहरों में शिक्षा, रोजगार आदि की संभावनाएँ जैसे अन्य कई कारण हैं। |
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| 4. |
कविता में किसान की पीड़ा के लिए किन्हें जिम्मेदार बताया गया है ? |
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Answer» कविता में किसान की पीड़ा के लिए जमींदार, महाजन, कोतवाल आदि को जिम्मेदार बताया गया है । जमींदार, महाजन आदि किसानों का मनमाने ढंग से आर्थिक, शारीरिक और मानसिक शोषण करते हैं । इनका शोषणतंत्र इतना निर्मम है कि किसानों का घर, बैल, गाय, खेत, खलिहान सबको हड़प लेने पर भी तरस नहीं खाता। इन शोषकों, आतताइयों की वजह से ही गरीब किसान अपने परिवारजनों का इलाज नहीं करा पाते, जवान बेटे की हत्या कर रो-धोकर चुपचाप भयातुर स्थिति में सहमकर के बैठ जाते हैं । पुत्रवधू के शारीरिक शोषण और आत्महत्या को चुपचाप सहन कर जाते हैं । समाज, सरकार और व्यवस्थातंत्र की दायित्वहीनता भी उतनी ही जिम्मेदार है। |
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| 5. |
‘वे आँखें’ कविता का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» प्रस्तुत कविता कवि पंत की प्रगतिशील विचारों को व्यक्त करती है । कविता के केन्द्र में भारतीय गरीब, शोषित किसान है। ” किसान सदियों से शोषण का शिकार होता आया है । जगत का पेट भरनेवाला किसान (अन्नदाता) स्वयं भूखा ही सो जाता है । उसका महाजन, जमींदार आदि मनमाने ढंग से शोषण करते हैं । भारतीय किसान रात-दिन पसीना बहाकर भी भूखा और फटेहाल ही रह जाता है । जब कि महाजन, जमींदार आदि शोषक वर्ग कुछ न करके बहुत कुछ पा जाते हैं । अपना पेट ही नहीं पेटियाँ भी भरते हैं । प्रस्तुत कविता में किसान के जीवन की त्रासदी को ब्याजखोरों के षड्यंत्रों के द्वारा व्यक्त किया गया है । जिसमें किसान एक-एक करके अपना खेत, घर, बैलों की जोड़ी, दुधारू गाय, पत्नी, बिटिया, जवान बेटा और पुत्रवधू तक को खो देता है। सबकुछ लुट चुके किसान की आँखों में हताशा और निराशा के घोर बादल छाए हुए हैं, कुछ न सुझनेवाला गहन अंधकार छाया हुआ है। यही दिखाना तथा उसके जीवन में पुनः कैसे आनंद, उमंग और उजाला फैलाया जा सके इसकी चिन्ता भी व्यक्त हुई है । अमीर और गरीब दो वर्गों में बँटे समाज की सच्ची तस्वीर उभारना भी इस कथिता का उद्देश्य रहा है। |
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| 6. |
‘वे आँखें’ कविता के रचनाकार ……………. हैं ।(a) जयशंकर प्रसाद(b) त्रिलोचन शास्त्री(c) सुमित्रानंदन पंत(d) दुष्यंतकुमार |
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Answer» सही विकल्प है (c) सुमित्रानंदन पंत |
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‘अंधकार की गुह गुहा सरीखी’ पंक्ति में …………… अलंकार है ।(a) रूपक(b) उत्प्रेक्षा(c) श्लेष(d) उपमा |
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Answer» सही विकल्प है (d) उपमा |
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| 8. |
किसान की आँखों में भयानक ………….. का दुख व्याप्त है ।।(a) अमीरी(b) गरीबी(c) बीमारी(d) कोई नहीं |
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Answer» सही विकल्प है (b) गरीबी |
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| 9. |
‘जीवन की हरियाली’ पंक्ति में ………….. अलंकार है ।।(a) उपमा(b) पुनरुक्ति प्रकाश(c) रूपक(d) अनुप्रास |
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Answer» सही विकल्प है (c) रूपक |
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| 10. |
‘दारूण्य दैन्य दुख’ पंक्ति में ……. …. अलंकार है ।(a) अनुप्रास(b) रूपक(c) उपमा(d) श्लेष |
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Answer» सही विकल्प है (a) अनुप्रास |
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