InterviewSolution
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“बालकों की विभिन्नताएँ, प्रेरणा, बुद्धि, परिपक्वता, वातावरण सम्बन्धी उद्दीपकों की विभिन्नता का परिणाम होती हैं।” यह किसका मत है ?(क) गैरीसन को(ख) जर्सील्ड का(ग) गिलफोर्ड का(घ) थॉर्नडाइक को |
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Answer» सही विकल्प है (क) गैरीसन का |
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स्कूली बच्चों में व्यक्तिगत भिन्नताएँ किस रूप में पायी जाती हैं ?(क) शारीरिक(ख) मानसिक(ग) रुचि सम्बन्धी(घ) ये सभी |
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Answer» सही विकल्प है (घ) ये सभी |
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व्यक्तिगत विभिन्नता का मुख्य आधार है-(क) वर्गवाद(ख) धर्मवाद(ग) वंशानुक्रम(घ) आतंकवाद |
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Answer» सही विकल्प है (ग) वंशानुक्रम |
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व्यक्तिगत भिन्नता के प्रकार हैं(क) शारीरिक भिन्नता(ख) मानसिक भिन्नता(ग) व्यक्तित्व भिन्नता(घ) ये सभी |
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Answer» सही विकल्प है (घ) ये सभी |
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सर्वप्रथम व्यक्तित्व के चार अर्थ किसने बताए?(क) आगस्टाइन ने(ख) सिसरो ने(ग) अरस्तू ने(घ) प्लेटो ने |
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Answer» सही विकल्प है (ख) सिसरो ने |
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मानव प्रकृति के आधार पर किस विद्वान् ने व्यक्तित्व के तीन प्रकार बताए हैं ?(क) कैटेल ने(ख) टरमन ने(ग) कार्ल यंग ने(घ) जुड ने |
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Answer» सही विकल्प है (ग) कार्ल यंग ने |
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व्यक्तिगत भेद के कारण हैं(क) वंशानुक्रम और वातावरण(ख) वातावरण और आदत(ग) वंशानुक्रम और रुचि(घ) आदत और रुचि |
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Answer» सही विकल्प है (क) वंशानुक्रम और वातावरण |
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वैयक्तिक भिन्नता की अवधारणा ने किस शिक्षण-विधि को जन्म दिया है?(क) कक्षा शिक्षण-विधि को(ख) डाल्टने विधि को(ग) सामूहिक शिक्षा-विधि को(घ) व्यक्तिगत शिक्षा-विधि को |
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Answer» सही विकल्प है (ख) डाल्टन विधि को |
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| 9. |
“व्यक्तित्व उन मनोशारीरिक अवस्थाओं का गत्यात्मक संगठन है, जो किसी व्यक्ति का उसके पर्यावरण के साथ अनूठा समायोजन स्थापित करते हैं।” यह परिभाषा किसने दी है ?(क) मन ने(ख) ड्रेवर ने(ग) आलपोर्ट ने(घ) मार्टन प्रिन्स ने |
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Answer» सही विकल्प है (ग) आलपोर्ट ने |
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| 10. |
व्यक्तित्व का सर्वप्रथम वर्गीकरण किसने किया ?(क) हिप्पोक्रेटीज ने(ख) कैमरर ने(ग) थॉर्नडाइक ने(घ) कार्ल यंग ने |
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Answer» सही विकल्प है (क) हिप्पोक्रेटीज ने |
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| 11. |
व्यक्तिगत भिन्नताओं के मुख्य कारणों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नता के मुख्य कारण हैं- ⦁ वंशानुक्रम या आनुवंशिकता |
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व्यक्तित्व भिन्नता के चार मुख्य आधारों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» व्यक्तित्व भिन्नता के चार मुख्य आधार हैं- ⦁ शारीरिक रचना |
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| 13. |
व्यक्तिगत भिन्नता से क्या आशय है ? |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नता का आशय एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से रूप-रंग, शारीरिक गठन, बुद्धि, विशिष्ट योग्यताओं, रुचियों, उपलब्धियों, स्वभाव तथा व्यक्तित्व सम्बन्धी गुणों में पायी जाने वाली भिन्नता से है। |
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व्यक्तिगत भिन्नताओं के अध्ययन के लिए अपनायी जाने वाली भेंट या साक्षात्कार विधि का सामान्य परिचय दीजिए। |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नताओं को ज्ञात करने के लिए भेट या साक्षात्कार विधि को भी अपनाया जाता है। व्यक्तित्व का मूल्यांकन करने की यह विधि सरकारी नौकरियों में चुनाव के लिए सर्वाधिक प्रयोग की जाती है। भेंट या साक्षात्कार के दौरान परीक्षक परीक्षार्थी से प्रश्न पूछता है और उसके उत्तरों के आधार पर उसके व्यक्तित्व का मूल्यांकन करता है। बालक के व्यक्तित्व का अध्ययन करने के लिए उसके अभिभावक, माता-पिता, भाई-बहन, मित्रों आदि से भी भेंट या साक्षात्कार किया जा सकता है। इस विधि का सबसे बड़ा दोष आत्मनिष्ठता का है। थोड़े से समय में किसी व्यक्ति विशेष के हर पक्ष से सम्बन्धित प्रश्न नहीं पूछे जा सकते और अध्ययन किये गये विभिन्न व्यक्तित्वों की पारस्परिक तुलना भी नहीं की जा सकती है। इस विधि को अधिकतम उपयोगी बनाने के लिए एक निर्धारित मान का प्रयोग किया जाना चाहिए तथा प्रश्न व उनके उत्तर पूर्व-निर्धारित हों ताकि साक्षात्कार के दौरान समय एवं शक्ति की बचत हो। |
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व्यक्तिगत भिन्नताओं के अध्ययन के लिए अपनायी जाने वाली विधि व्यक्ति-इतिहास विधि का सामान्य परिचय दीजिए। |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नताओं के अध्ययन के लिए अपनायी जाने वाली एक विधि व्यक्ति-इतिहास विधि’ भी है। यह विधि मुख्य रूप से समस्यात्मक बालकों के व्यक्तित्व सम्बन्धी अध्ययनों के लिए अपनायी जाती है। इस अध्ययन विधि के अन्तर्गत व्यक्ति-विशेष से सम्बन्धित अनेक सूचनाएँ एकत्रित की जाती हैं; यथा-उसका शारीरिक स्वास्थ्य, संवेगात्मक स्थिरता, सामाजिक जीवन आदि। व्यक्ति के भूतकालीन जीवन के अध्ययन द्वारा उसकी वर्तमान मानसिक व व्यावहारिक संरचना को समझने का प्रयास किया जाता है। इन सूचनाओं को इकट्ठा करने में व्यक्ति-विशेष के माता-पिता, अभिभावक, सगे-सम्बन्धी, मित्र-पड़ोसी तथा चिकित्सकों से सहायता ली जाती है। इन सभी सूचनाओं, बुद्धि परीक्षण तथा रुचि परीक्षण के आधार पर व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है। इस प्रकार किसी व्यक्ति के वर्तमान व्यवहार की असामान्यताओं के कारणों की खोज उसके भूतकाल के जीवन से करने में व्यक्ति-इतिहास विधि उपयोगी सिद्ध होती है। |
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व्यक्तिगत भिन्नता के मापन के लिए अपनायी जाने वाली परीक्षण विधि का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए। |
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Answer» विभिन्न परीक्षण व्यक्ति के विभिन्न गुणों को मापते हैं; जैसे-शारीरिक परीक्षण शरीर सम्बन्धी गुणों को मापते हैं। बुद्धि परीक्षण बुद्धि को मापते हैं। क्षमता परीक्षण विशिष्ट योग्यताओं को मापते हैं। उपलब्धि परीक्षण विभिन्न विषयों के ज्ञान को मापते हैं। संवेग परीक्षण व्यक्ति के संवेगों का मापन करते हैं। निदानात्मक परीक्षण व्यक्ति की विषय सम्बन्धी कमजोरियों को परखते हैं। अभिवृत्ति परीक्षण विशेष प्रवृत्तियों की जाँच करते हैं। रुचि परीक्षण विभिन्न कामों में व्यक्ति की रुचि को बताते हैं। व्यक्तित्व परीक्षण व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, भावात्मक गुणों तथा लक्षणों का मापन करते हैं। |
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व्यक्तिगत भिन्नताओं के मुख्य आधारों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नता के आधार (Bases of Individual Difference) व्यक्तिगत भिन्नता के निम्नलिखित आधार हैं- ⦁ शारीरिक रचना- शरीर की रचना के आधार पर हम व्यक्तिगत भिन्नता निश्चित करते हैं। शरीर रचना की दृष्टि से लम्बे, नाटे, मोटे, पतले आदि व्यक्ति होते हैं। रंग-रूप में भी भिन्नता पायी जाती है। |
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व्यक्तिगत भेद के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।याव्यक्तिगत भेद कितने प्रकार के होते हैं ? |
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Answer» व्यक्ति के समस्त पक्षों में पायी जाने वाली भिन्नताओं के आधार पर ही व्यक्तिगत भेदों के प्रकारों का निर्धारण किया जाता है। इस प्रकार व्यक्तिगत भिन्नता या भेद के मुख्य प्रकार हैं-शारीरिक भिन्नता, बौद्धिक भिन्नता, मानसिक भिन्नता, स्वभावगत भिन्नता, सामाजिकता-सम्बन्धी भिन्नता, सीखने की क्षमता सम्बन्धी भिन्नता, रुचि की भिन्नता, अभिरुचि की भिन्नता, चारित्रिक भिन्नता, ज्ञानात्मक भिन्नता तथा व्यक्तित्व सम्बन्धी भिन्नता। |
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व्यक्तिगत भिन्नताओं की प्रकृति का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नताओं की प्रकृति- व्यक्तिगत भिन्नताओं की प्रकृति निम्न प्रकार की होती हैं। ⦁ व्यक्तिगत भिन्नताएँ सर्वव्यापी होती हैं। विश्व के सभी देशों के लोगों में ये भिन्नताएँ पायी जाती हैं। |
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विभिन्न आधारों पर किये गये व्यक्तिगत भिन्नताओं के वर्गीकरण का विवरण प्रस्तुत कीजिए।यावैयक्तिक विभिन्नता के प्रकारों का वर्णन कीजिए।याशेल्डन के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नताओं का वर्गीकरण(Classification of Individual Differences) व्यक्तिगत भिन्नता के सम्बन्ध में टरमन ने लिखा है, “उच्च योग्यता वालों या प्रतिभाशाली बालकों में कुछ सीमा तक अपनी अनेक योग्यताओं के मामले में अपने ही भीतर या अन्य व्यक्तियों के साथ भिन्नताएँ होती हैं।” व्यक्तियों में निम्नांकित प्रकार की भिन्नताएँ पायी जाती हैं’ 1. शारीरिक भिन्नता- शरीर की बनावट, रूप, रंग, आकृति, यौन में अन्तर को शारीरिक भिन्नता कहते हैं। शरीर के स्वास्थ्य एवं अंगों की क्रियाशीलता में भेद होने से शारीरिक भिन्नता पायी जाती है। भिन्न-भिन्न विद्वानों ने व्यक्ति में विभिन्न भिन्नताएँ पायी हैं और उसके अनुसार उन्हें निम्न वर्गों में बाँटा है (i) क्रेश्मर का वर्गीकरण (ii) केनन का वर्गीकरण (iii) शेल्डन का वर्गीकरण (iv) वार्नर का वर्गीकरण 2. बौद्धिक भिन्नता- टरमन (Turman) ने बुद्धिलब्धि निकालकर निम्नलिखित भिन्नताएँ बतायी। 3. मानसिक योग्यताओं की भिन्नता- व्यक्ति संवेदनशीलता, प्रत्यक्षीकरण, निरीक्षण, स्मरण, कल्पना, चिन्तन, तर्क, अधिगम आदि मानसिक योग्यताओं में भिन्न पाये जाते हैं। कुछ बड़े संवेदनशील होते हैं, कुछ तीव्र स्मरण करने वाले होते हैं, कुछ बड़े तार्किक होते हैं, कुछ की कल्पना-शक्ति बहुत तीव्र होती है, कुछ देर से सीखते हैं आदि। कुछ मनोवैज्ञानिकों द्वारा इस सम्बन्ध में किये गए वर्गीकरण इस प्रकार हैं— (i) थॉर्नडाइक का वर्गीकरण- यह वर्गीकरण विचारशक्ति पर आधारित है (ii) थॉर्नडाइक का कल्पना- शक्ति पर आधारित वर्गीकरण (iii) स्टीफेन्सन का वर्गीकरण- इनका वर्गीकरण बाह्य उत्तेजकों द्वारा मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभावों पर आधारित है 4. स्वभावगत भिन्नता- व्यक्तियों में स्वभावगत भिन्नता भी पायी जाती है। इसका ज्ञान मनोवैज्ञानिकों द्वारा दिये गये वर्गीकरण से होता है। इनका विवरण इस प्रकार है (i) मॉर्गन और गिलीलैण्ड का वर्गीकरण- यह वर्गीकरण मनोभावों पर आधारित है- (ii) गैलन का वर्गीकरण- यह शारीरिक क्रियाओं पर आधारित है (iii) शेल्डन का वर्गीकरण- यह स्वाभाविक गुणों पर आधारित है- 5. सामाजिकता सम्बन्धी भिन्नता- व्यक्तियों में सामाजिकता अधिक या कम होती है। कुछ अपने आप में, कुछ दूसरों में और कुछ अपने तथा दूसरों में बराबर-बराबर रुचि रखते हैं। प्रोफेसर गुंग ने व्यक्तियों को तीन वर्गों में विभक्त किया है- 6. सीखने की क्षमता में भिन्नता- एबिंगहास ने अनेक परीक्षणों के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि विभिन्न आयु के बालकों एवं वयस्कों में भी सीखने की क्षमता भिन्न पायी जाती है। कोई बालक जल्दी सीखता है तो कोई देर से। कक्षा में एक बात को कुछ बालक जल्दी समझने लगते हैं और दूसरों को बहुत समय लगता है। 7. रुचि की भिन्नता- प्रत्येक व्यक्ति की रुचि दूसरे की रुचि से भिन्न होती है। कुछ बालक पढ़ने में रुचि रखते हैं तो कुछ वैज्ञानिक कार्य करने और कुछ शिल्प-कार्यों में। 8. अभिरुचि की भिन्नता- कुछ व्यक्ति संगीत में अभिरुचि रखते हैं, तो दूसरे हस्तकौशल या तकनीकी कार्यों में। वकील, डॉक्टर, मास्टर, इंजीनियर, कारीगर, क्लर्क व प्रशासक में अभिरुचि की भिन्नता पायी जाती है। 9. चारित्रिक भिन्नता- आचरण, व्यवहार, अभिवृत्ति, आदत, स्थायी भाव ये सब मिलकर चरित्र को निर्माण करते हैं। चोर, लुटेरे, अपराधी, हत्यारे, उदार, दृढ़ प्रतिज्ञ, कृत संकल्पी, शीलवान, लज्जाशील चारित्रिक भिन्नता के व्यक्ति होते हैं। 10. ज्ञानात्मक भिन्नता- व्यक्ति प्रायः व्यावहारिक एवं सैद्धान्तिक ज्ञान वाले होते हैं। व्यावहारिक ज्ञान के कारण संसार के क्रिया-कलापों में, विषम परिस्थितियों में और पारस्परिक सम्पर्क में व्यक्ति आगे बढ़ता है। सैद्धान्तिक ज्ञान-भाषा, गणित, इतिहास, भूगोल, विज्ञान, तकनीकी, वाणिज्य, कृषि आदि का ज्ञान होता है। ज्ञान की भिन्नता आयु, बुद्धि, सामाजिक व आर्थिक स्थिति, सीखने के अवसर व प्रेरणा आदि पर कम या अधिक हो सकती है। व्यावहारिक ज्ञान वास्तविक परिस्थितियों में कार्य करने से मिलता है। 11. व्यक्तित्व की भिन्नता- व्यक्ति के विभिन्न गुणों के समूह का मनोवैज्ञानिक नाम व्यक्तित्व होता है। सभी व्यक्तियों में सभी गुण नहीं होते हैं। व्यक्तित्व की भिन्नता के निम्नलिखित वर्ग हैं (i) स्पेल्जर का वर्गीकरण- इन्होंने छह प्रकार के व्यक्तियों का उल्लेख किया है- (ii) सामान्य वर्गीकरण- इनके तीन वर्ग हैं- |
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बालकों में पायी जाने वाली व्यक्तिगत भिन्नता को ध्यान में रखते हुए अध्यापक को शिक्षण-कार्य में किन-किन व्यवस्थाओं को लागू करना चाहिए ?याव्यक्तिगत भिन्नताओं के कारण शिक्षक को मुख्य रूप से किन-किन बातों को ध्यान में । रखना चाहिए ?याशिक्षा के क्षेत्र में व्यक्तिगत भिन्नता की भूमिका एवं महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।या“व्यक्तिगत भेदों के ज्ञान ने शिक्षा की व्यवस्था को प्रभावशाली बनाया है।” आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं ?या“व्यक्तिगत भिन्नताओं के ज्ञान ने शिक्षा को अत्यधिक प्रभावित किया है।” कैसे?या“व्यक्तिगत भिन्नता का ज्ञान शिक्षक के लिए अत्यन्त उपयोगी है।” स्पष्ट कीजिए।यापाठ्यक्रम, छात्रों के वर्गीकरण और शिक्षण-विधियों में व्यक्तिगत भिन्नताओं को कैसे समायोजित किया जा सकता है? व्याख्या कीजिए। |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नताएँ तथा शिक्षा आधुनिक युग में शिक्षा के क्षेत्र में व्यक्तिगत भिन्नताओं को विशेष महत्त्व दिया जाता है। बालक की व्यक्तिगत रुचियों, क्षमताओं, इच्छाओं तथा मानसिक योग्यताओं को ध्यान में रखकर ही शिक्षा का आयोजन करना आवश्यक है। इस दशा में अध्यापक को अग्रलिखित बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए 1. उचित वर्गीकरण- प्रायः विद्यालय में परम्परागत विधि के अनुसार बालकों का कंक्षाओं में विभाजन किया जाता है। परन्तु यह विभाजन सर्वथा गलत है, क्योंकि विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की आयु में ही अन्तर नहीं होता, वरन् शारीरिक व मानसिक दृष्टि से भी उनमें अन्तर होता है। अतः ऐसी दशा में बालकों की विशेषताओं के अनुसार उनको । विभाजन समरूप समूहों में किया जाना चाहिए। वर्गीकरण में मानसि योग्यताओं को ध्यान में रखना आवश्यक है। प्रत्येक कक्षा में प्रतिभाशाली, सामान्य तथा निम्न मानसिक क्षमताओं वाले बालकों को तीन समूहों में विभाजित किया जाना चाहिए। |
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व्यक्तिगत भिन्नता से आप क्या समझते हैं ? व्यक्तिगत भिन्नता के मुख्य कारणों का सामान्य परिचय प्रस्तुत कीजिए।याव्यक्तिगत भिन्नता का क्या अर्थ है ? इसके मुख्य कारण क्या हैं ? समझाकर लिखिए।याव्यक्तिगत भेद किसे कहते हैं? इसके कारणों को स्पष्ट कीजिए।या“भिन्नताएँ प्रत्येक व्यक्ति में पायी जाती हैं।” यदि आप इस कथन से सहमत हैं, तो वैयक्तिक विभिन्नता के कारणों का वर्णन कीजिए।याव्यक्तिगत विभिन्नताओं के क्या कारण हैं ? विस्तार से समझाइए।याव्यक्तिगत भिन्नता के कारणों का उल्लेख कीजिए।याव्यक्तिगत विभिन्नता को परिभाषित कीजिए।यादो व्यक्तियों में जिन कारणों से व्यक्तिगत भिन्नताएँ पायी जाती हैं, उन्हीं के आधार पर व्यक्तिगत भेद निश्चित किये जाते हैं।” स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नता का अर्थ एवं परिभाषा व्यक्तिगत भिन्नता का नियम यद्यपि प्राचीनकाल से ही माना जाता रहा है, परन्तु जब से बुद्धि-मापन के परीक्षण प्रारम्भ हुए, तब से इसका महत्त्व काफी बढ़ गया है। व्यक्तिगत भिन्नता को अर्थ है–किन्हीं दो व्यक्तियों का परस्पर एक-सा न होना। भिन्नताएँ प्रत्येक व्यक्ति में पायी जाती हैं। यह भिन्नता जुड़वाँ बालकों तक में पायी जाती है। दूसरे शब्दों में, “व्यक्तिगत भिन्नताओं का अर्थ एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से रूप-रंग, शारीरिक गठन, बुद्धि, विशिष्ट योग्यताओं, रुचियों, उपलब्धियों, स्वभाव, व्यक्तित्व के गुणों आदि में भिन्नता से है। कोई भी दो व्यक्ति शारीरिक गठन, बुद्धि, रुचियों, व्यक्तित्व के गुणों आदि में समान नहीं पाये जाते हैं।” व्यक्तिगत भिन्नता की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नांकित हैं- ⦁ जेम्स ड्रेवर के अनुसार, “औसत समूह से मानसिक, शारीरिक विशेषताओं के सन्दर्भ में समूह के सदस्य के रूप में भिन्नता या अन्तर को वैयक्तिक भिन्नता कहते हैं।” व्यक्तिगत विभिन्नताओं के कारण व्यक्तिगत विभिन्नताओं के अनेक कारण हैं जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं 1. वंशानुक्रम- कुछ मनोवैज्ञानिकों के अनुसार व्यक्तिगत भिन्नताओं का मूल कारण वंशानुक्रम है। प्रायः देखा गया है कि बुद्धिमान माता-पिता की सन्तान बुद्धिमान होती है और मन्द-बुद्धि माता-पिता की सन्तान मन्द-बुद्धि। अपराधी व्यक्ति की सन्तान में भी अपराध की प्रवृत्ति पायी जाती है। इसी प्रकार कुछ अन्य गुण-अवगुणों का भी हस्तान्तरण आनुवंशिक रूप से होता रहता है। |
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वैयक्तिक विभिन्नता का कारण है:(क) वंशानुक्रम(ख) पृथ्वी(ग) आसमान(घ) इनमें से कोई नहीं |
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Answer» सही विकल्प है (क) वंशानुक्रम |
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वैयक्तिक विभिन्नता का प्रमुख आधार है(क) आर्थिक स्थिति(ख) सामाजिक स्थिति(ग) वंशानुक्रम(घ) बौद्धिक श्रेष्ठता |
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Answer» सही विकल्प है (ग) वंशानुक्रम |
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वैयक्तिक विभिन्नताओं का जनक किसे माना गया है ?(क) टेलर को(ख) गाल्टन को(ग) थॉर्नडाइक को(घ) टरमन को |
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Answer» सही विकल्प है (ख) गाल्टन को |
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‘मनोमिति’ किस विज्ञान की शाखा है ?(क) मनोविज्ञान(ख) शिक्षा मनोविज्ञान(ग) पर्यावरण विज्ञान(घ) बाल मनोविज्ञान |
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Answer» सही विकल्प है (क) मनोविज्ञान |
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व्यक्तिगत भिन्नता की सैद्धान्तिक मान्यता के अनुसार शिक्षक का मुख्य दायित्व क्या है? |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नता की सैद्धान्तिक मान्यता के अनुसार शिक्षक का दायित्व है कि वह कक्षा के प्रत्येक छात्र के प्रति व्यक्तिगत रूप से ध्यान दे। |
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व्यक्तिगत भिन्नता को जानने की प्रमुख विधि कौन-सी है ? |
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Answer» व्यक्तिगत भिन्नता को जानने की प्रमुख विधि है-परीक्षण विधि। |
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व्यक्तिगत भिन्नता का शिक्षा से क्या सम्बन्ध है? |
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Answer» बालक की शिक्षा की व्यवस्था उसके व्यक्तिगत गुणों के अनुसार ही होनी चाहिए। |
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निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य⦁ प्रकृति ने समस्त मनुष्यों को एकसमान बनाया है।⦁ यह सत्य है कि इस जगत् में कोई दो व्यक्ति पूर्ण रूप से समान नहीं हैं।⦁ व्यक्तिगत भिन्नता पर न तो आनुवंशिकता का कोई प्रभाव पड़ता है और न ही वातावरण का।⦁ व्यक्तिगत भिन्नता की अवधारणा ने शिक्षा की व्यवस्था में अनेक परिवर्तन किये हैं। |
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Answer» ⦁ असत्य |
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जन्मजात भिन्नता के लिए मुख्य रूप से कौन-से कारक जिम्मेदार होते हैं?(क) समाज का प्रभाव(ख) वंशानुक्रम(ग) जाति एवं धर्म(घ) पर्यावरण |
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Answer» सही विकल्प है (ख) वंशानुक्रम |
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निम्नलिखित कारण व्यक्तिगत भेद के हैं सिवाय-(क) वंशानुक्रम(ख) वातावरण(ग) शिक्षा-व्यवस्था(घ) आयु एवं बुद्धि |
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Answer» सही विकल्प है (ग) शिक्षा-व्यवस्था |
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