1.

(a) 30 फेरों वाली एक वृत्ताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या सेमी है और जिसमे 6.0 ऐम्पियर विघुत धारा प्रवाहित हो रही है, 1.0 टेस्ला के एकसमान क्षैतिज चुंबकीय क्षेत्र में उर्ध्वाधरत: लटकी है। क्षेत्र रेखाएँ कुंडली के अभिलंब से `60^(@)` का कोण बनाती है। कुंडली को घूमने से रोकने के लिए जो प्रतिआघूर्ण लगाया जाना चाहिए उसके परिमाण परिकलित कीजिए। (b) यदि (a) में बतायी गई वृत्ताकार कुंडली को उसी क्षेत्रफल की अनियमित आकृति की समतलीय कुंडली से प्रतिस्थापित कर दिया जाए (शेष सभी विवरण अपरिवर्तित रहे) तो क्या आपका उत्तर परिवर्तित हो जायेगा?

Answer» (a) `tau=NiAB sin theta`,
`=30xx6xxpixx(0.08)^(2)xx1xxsin60^(@)`
=3.133 न्यूटन-मीटर।
(b) चूँकि बल-आघूर्ण का व्यंजक केवल क्षेत्रफल पर निर्भर करता है, कुण्डली के आधार के आकर पर नहीं, किसी भी आकर की समतल कुण्डली पर बल-आघूर्ण व्ही रहेगा, बशर्ते क्षेत्रफल का मान वही रहे।


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