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    				| 1. | 250 फेरों वाली एक आयताकार कुण्डली की लम्बाई 2.1 सेमी तथा चौड़ाई 1.25 सेमी है। इससे `85 muA` की वैघुत धारा प्रवाहित हो रही है। इस पर 0.85 टेस्ला तीव्रता का एक चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता है। तो, बल आघूर्ण के विरुद्ध इस कुण्डली के `180^(@)` से घुमाने के लिये आवश्यक कार्य का मान होगा :A. `9.1 muJ`B. `4.55 muJ`C. `2.3 muJ`D. `1.15 muJ` | 
| Answer» Correct Answer - A जब चुम्बक को झुकाव `theta_(1)` से `theta_(2)` तक घुमाते है, तब घुमाने में कृत कार्य `W=MB(cos theta_(1)-costheta_(2))` जब इसे `180^(@)` घुमाया जाता है, तब `W=MB(cos0-cos180^(@))=2MB=2(NiA)B` `=2xx250xx85xx10^(-6)[1.25xx2.1xx10^(-4)]xx85xx10^(-2)` `=9.1 muJ` | |