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| 1. | अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री क्या है? विवेचना कीजिए। | 
| Answer» अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री अर्थशास्त्र मानव के व्यवहारों का अध्ययन है। मानव के आर्थिक व्यवहारों को अग्रलिखित पाँच भागों में बाँटा जा सकता है। ये विभाग ही अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री माने जाते हैं 1. उपभोग – उपभोग समस्त आर्थिक क्रियाओं का आदि तथा अंत है। इसके अंतर्गत मानवीय आवश्यकताओं, उनकी विशेषताओं, उनका वर्गीकरण, तुष्टिगुण व उससे संबंधित नियमों एवं सिद्धांतों, माँग का नियम व माँग की लोच आदि का अध्ययन किया जाता है। 2. उत्पादन – वस्तुओं में आर्थिक उपयोगिता का सृजन ही उत्पादन है। अर्थशास्त्र के इस विभाग के अन्तर्गत उत्पादन का अर्थ, उत्पादन के विभिन्न नियम, उत्पादन प्रणालियाँ तथा उत्पादन के उपादानों एवं उनसे संबंधित समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। 3. विनिमय – उत्पादित वस्तुओं का विनिमय किया जाता है, जिसके द्वारा प्रत्येक मनुष्य अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ प्राप्त करता है। अर्थशास्त्र के इस विभाग के अन्तर्गत विभिन्न बाजार दशाओं में मूल्य निर्धारण, उत्पादन लागत तथा मुद्रा एवं बैंकिंग की विभिन्न प्रणालियों एवं समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। 4. वितरण – आधुनिक युग में उत्पादन-कार्य उत्पत्ति के सभी साधनों के परस्पर सहयोग द्वारा किया जाता है और उत्पादित धन उत्पत्ति के विभिन्न साधनों में वितरित किया जाता है, यही वितरण है। अर्थशास्त्र के इस विभाग के अन्तर्गत राष्ट्रीय आय, उत्पत्ति के साधनों के पारिश्रमिक—लगान, मजदूरी, ब्याज, लाभ आदि के निर्धारण सम्बन्धी सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है। 5. लोक वित्त या राजस्व – राजस्व अर्थशास्त्र का एक नया किंतु अत्यधिक महत्त्वपूर्ण विभाग है। इसके अन्तर्गत कर निर्धारण के सिद्धांतों, सार्वजनिक आय, सार्वजनिक व्यय, सार्वजनिक ऋण तथा इनसे संबंधित सिद्धांतों, कल्याणकारी राज्य की स्थापना आदि महत्त्वपूर्ण विषयों का अध्ययन किया जाता है। | |